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Essay on Kabaddi in Hindi- मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध

In this article, we are providing information about Kabaddi in Hindi- Essay on Kabaddi in Hindi. कबड्डी पर निबंध- Essay on my favourite game Kabaddi in Hindi, Mera Priya Khel Kabaddi.

Essay on Kabaddi in Hindi- मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध

कबड्डी एक सस्ता, सरल और स्वास्थय वर्धक खेल है। इसके लिए किसी भी तरह के सामान की जरूरत नहीं है। पहले कबड्डी सिर्फ पंजाब में खेला जाता था लेकिन अब पूरे भारत के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका आदि में भी खेला जाता है। इसको भारत के अलग अलग हिस्से में अलग अलग नाम से खेला जाता है। यह लगभग 4000 साल पुराना खेल है जिसका जिकर महाभारत में भी किया गया है।कबड्डी के खेल के लिए ताकत और समझदारी दोनों की जरूरत होती है।

कबड्डी के खेल में दो टीमें होती है और दोनों में ही 7-7 सदस्य होते हैं। क्बड्डी के मैदान का माप लगभग 13 मीटर गुणा 10 मीटर होता है। इस मैदान के बीचों बीच लाईन खींची जाती है और मैदान को दो हिस्सों में बाँट दिया जाता है जिसे पाला कहते हैं। मैदान में प्रवेश करने के बाद टॉस किया जाता है और जितने वाली टीम को दुसरे पाले में जाकर खिलाड़ी को हाथ लगाकर वापिस आना होता है। जो व्यक्ति दुसरे पाले में जाता है उसे रेडर कहते हैं और जो खिलाड़ी उसे पकड़ने का प्रयास करते हैं उन्हें स्टापर कहते हैं। अगर खिलाड़ी दुसरे पाले में जाकर वहाँ के किसी खिलाड़ी को छू कर वापिस आता है तो उसे अंक मिलता है और जिस खिलाड़ी को उसने छुआ है वह कुछ देर के लिए मैदान से बाहर हो जाता है। यदि दुसरे पाले के खिलाड़ी रेडर को पकड़ लेते है तो उन्हें अंक मिलता है और पकड़ा जाने वाला व्यक्ति कुछ देर के लिए मैदान से बाहर हो जाता है। क्बड्डी का खेल 20-20 मिनट के दो दौर में खेला जाता है और बीच में पाँच मिनट का ब्रेक लिया जाता है जिसमें दोनों टीमों के पाले बदले जाते हैं।

कबड्डी बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है। कबड्डी को अब एशियाई खेलों में भी सम्मलित किया गया है जिसकी वजह से वह विदेशों में भी प्रिय खेल बन गया है। कबड्डी के बहुत से खेल खेले जाते है जो कि वजन पर आधारित है। कबड्डी प्रो लीग जैसे कई अलग अलग तरह के खेल खेले जाते हैं। 2004 से कबड्डी का विश्व कप भी खेला जा रहा है और अब तक के सभी विश्व कप में भारत ने जीत हासिल की है।

आजकल महिलाएँ भी कबड्डी में बड़ चड़ कर भाग से रही है। महिलाओं का पहला विश्व कप पंजाब में 2012 में खेला गया था। कबड्डी का खेल फुर्ती का खेल है। यह चालाकी और शारिरिक बल का सामंजस्य है।

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Essay on Kabaddi: कबड्डी पर परीक्षाओं में पूछे जाने वाले निबंध

kabaddi long essay in hindi

  • Updated on  
  • अगस्त 27, 2024

Essay on Kabaddi in Hindi

कबड्डी एक पारंपरिक भारतीय खेल है। इसकी जड़ें भारतीय संस्कृति और इतिहास में गहराई से जुड़ी हुई हैं। कबड्डी शारीरिक तंदुरुस्ती को बढ़ावा देता है। इस खेल में दौड़ना, छापा और बचाव करना आदि कलाएं शामिल होती हैं। कबड्डी खेलने के लिए रणनीतिक सोच और तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। यह खेल मानसिक और शारीरिक एकाग्रता को भी विकसित करता है। कबड्डी में मानव शरीर को ध्यान केंद्रित रखने, दबाव में शांत रहने और दृढ़ निश्चयी होने की ज़रूरत होती है। कबड्डी पर विद्यालय में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमें कबड्डी पर निबंध लिखने को दिया जाता है। इस ब्लॉग में Essay On Kabaddi In Hindi के कुछ सैंपल दिए गए हैं आप जिनकी मदद ले सकते हैं।

This Blog Includes:

कबड्डी पर 100 शब्दों में निबंध, कबड्डी पर 200 शब्दों में निबंध.

  • कबड्डी का इतिहास
  • कबड्डी के नियम
  • भारत में प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत

Essay on Kabaddi in Hindi 100 शब्दों में नीचे दिया गया है-

कबड्डी एक टीम द्वारा खेला जाने वाला खेल है। इसमें सात-सात खिलाड़ियों की दो टीमें होती हैं। एक टीम का खिलाड़ी एक सांस में कबड्डी का उच्चारण लगाते हुए ज़्यादा से ज़्यादा खिलाड़ियों को टैग करने के लिए विरोधी टीम के हाफ़ में प्रवेश करता है। उस खिलाड़ी करने वाले को टैग करके अपने पाले में जाने से रोकने का कार्य सामने वाले विरोधी बचाव दल के लोग करते हैं। बचाव दल यदि विरोधी खिलाड़ी को तीस सेकंड पूरे होने से पहले पकड़ लेता है तो वह खेल से बाहर हो जाता है और यदि वह खिलाड़ी किसी बचाव दल खिलाड़ी को छूकर अपने पाले में चला जाता है तो वह जिसे छूता है वे खेल से बाहर हो जाते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप और पड़ोसी देशों में कबड्डी लोकप्रिय खेल है। कबड्डी बांग्लादेश और नेपाल का राष्ट्रीय खेल भी है। यहां इसे विद्यालयों में भी पढ़ाया जाता है। भारत में यह खेल पूरे देश में खेला जाता है मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, केरल, महाराष्ट्र और ओडिशा का राज्य खेल है। यह खेल व्यापक रूप से खेला जाता है और इन क्षेत्रों में सांस्कृतिक महत्व रखता है।

Essay on Kabaddi in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है-

कबड्डी पर निबंध Essay on Kabaddi in Hindi (1000 Words)

कबड्डी पर निबंध Essay on Kabaddi in Hindi

क्या आप कबड्डी पर निबंध (Essay on Kabaddi in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां! तो यह लेख आपके लिए बेहद ही सहायक सिद्ध हो सकता है। इस लेख में हमने कबड्डी क्या है, इतिहास, विशेषता, नियम, प्रकार तथा 10 लाइन के बारे में जानकारी दी है।

Table of Contents

प्रस्तावना (कबड्डी पर निबंध Essay on Kabaddi in Hindi)

मनुष्य ने अपने मनोरंजन के लिए बहुत से साधन-सुविधाओं का आविष्कार किया है। जिसमें किस्से कहानियां, नाट्य, चित्रकला तथा खेल इत्यादि एक है।

इन खेलों के माध्यम से मानव ने अपना शारीरिक और बौद्धिक विकास बहुत ही तेजी से किया है। कबड्डी उन्हीं खेलों में से एक है जो स्फूर्ति, शक्ति, रणनीति का योगदान मांगती है।

यह खेल इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसमें श्वास को रोककर विरोधी दल के सभी खिलाड़ी और रणनीति के ऊपर से अपने पाले में आना होता है। जिसमें बहुत शक्ति व समर्पण की आवश्यकता होती है।

जब लोग इतने सुविधा से संपन्न नहीं थे और मनोरंजन के लिए तीर्थाटन, खेल इत्यादि का ही सहारा लिया जाता था तब इन खेलों से लोगों की शक्ति संपन्नता भी बढ़ती थी और जीवन में दृढ़ता का समावेश भी होता था।

अन्य खेल जैसे क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन और फुटबॉल में ज्यादा खर्चे की आवश्यकता होती है लेकिन कबड्डी में सिर्फ लोगों का एक छोटा समूह ही काफी होता है।

कबड्डी क्या है? What is Kabaddi in Hindi?

कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसमें कुछ खास नियमों के अंतर्गत दो दल एक दूसरे को छू कर अपने सुरक्षित स्थान में आने के लिए स्पर्धा करते हैं।

इस खेल को मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीपों में खेला जाता है। कबड्डी को दक्षिण भारत में चेदुगुडु और पूर्वी भारत में हुतूतू के नाम से जाना जाता है।

कबड्डी भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में भी अधिक पसंद किया जाता है। बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल कबड्डी है।

कबड्डी के प्रकार Types of Kabaddi in Hindi

पूरी दुनिया में भारत कबड्डी खेल के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित देश है। यहां पर कबड्डी को चार प्रकार में बांटा गया है। कबड्डी खेलों का आयोजन एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन के द्वारा किया जाता है।

कबड्डी के चार मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं।

  • संजीवनी कबड्डी
  • पंजाबी कबड्डी
  • अमर स्टाइल कबड्डी
  • जैमिनी स्टाइल कबड्डी

संजीवनी प्रकार के कबड्डी में खिलाड़ियों के आउट होने के बाद पुनर्जीवन अर्थात फिर से मौका देने का नियम होता है। यह मुख्य रूप से 40 मिनट का होता है जिसके दौरान 5 मिनट का हाफ मिलता है।

पंजाबी प्रकार के कबड्डी में एक गोल सीमा का प्रयोग किया जाता है जिसका व्यास 72 फिट होता है। पंजाबी कबड्डी के तीन प्रारूप है जिसमें गूंगी कबड्डी, सौंची कबड्डी और लंबी कबड्डी को शामिल किया जाता है।

अमर स्टाइल कबड्डी में कोई समयावधि तय नहीं होती तथा इसका प्रकार संजीवनी कबड्डी की तरह ही होता है। लेकिन खिलाड़ी को आउट होने के बाद जीवनदान प्राप्त नहीं होता।

जैमिनी स्टाइल की कबड्डी में दोनों दलों में सात -सात खिलाड़ी होते हैं। लेकिन इसमें किसी भी खिलाड़ी को जीवनदान नहीं मिलता यानी अगर वह एक बार आउट हो जाए तो उसे मैदान के बाहर जाना पड़ता है। इस तरह के मैच में भी समय की कोई पाबंदी नहीं होती।

भारत में संजीवनी कबड्डी को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है क्योंकि यह स्पर्धा लंबी तथा मनोरंजक होती है। जीवनदान मिलने से खिलाड़ियों और दर्शक में उत्सुकता बनी रहती है।

और पढे: राष्ट्र के निर्माण में नारी का योगदान

कबड्डी का इतिहास History of Kabaddi in India

कबड्डी को पहली बार सन 1938 में कोलकाता के नेशनल गेम्स में शामिल किया गया था। जिसके बाद सन् 1950 में ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन की स्थापना की गई और कबड्डी में उपयोग किए जाने वाले सभी मुख्य नियमों का गठन भी किया गया।

कुछ सालों बाद ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन को एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया में तब्दील कर दिया गया तथा पुनर्गठन के बाद इसका पहला राष्ट्रीय टूर्नामेंट चेन्नई में 1972 में खेला गया।

जापान से आए हुए प्रवासी इस खेल से प्रभावित होकर इसे जापान में भी प्रचलित किया। जिसके बाद बांग्लादेश, श्रीलंका और अन्य छोटे देशों ने भी इसे अपनाया तथा अपने राष्ट्रीय स्तर के खेलों में शामिल किया।

कबड्डी खेल में पहली बार एशियन चैंपियनशिप की स्थापना सन 1980 में की गई जिसमें भारत ने बांग्लादेश को हराकर अपना कीर्तिमान स्थापित किया।

सन 2004 में पहली बार कबड्डी विश्वकप की स्थापना शुरू हुई। पूरे विश्व में जितने भी विश्वकप हुए हैं वह सभी भारत ने ही जीते हैं।

कबड्डी खेल में सन 2012 में पहली महिला विश्व कप चैंपियनशिप का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय महिला टीम ने भी भाग लिया था।

भारत में कबड्डी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कबड्डी प्रो लीग 26 जुलाई सन 2014 में शुरू की गई जिसमें कबड्डी से जुड़े टैलेंटेड खिलाड़ियों ने अपना दबदबा कायम किया।

कबड्डी के नियम Kabaddi Rules in Hindi

कबड्डी में किसी भी खिलाड़ी का उद्देश्य विरोधी दल के खेमे में जाकर एक नियमित अंतराल के अंतर्गत उन्हें छू कर वापस आना होता है। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए विपक्षी दल भी अपने पूरे खेमे के साथ उन्हें दबोच लेने का प्रयास करता है।

इस खेल में किसी भी खिलाड़ी का दूसरे दल पर धावा बोलना रेड कहलाता है। जिसमें खिलाड़ी सांस को रोक कर विपक्षी खेमे में शामिल होता है।

कबड्डी का हर मैच 40 मिनट का होता है तथा किसी भी रेड के लिए खिलाड़ी के पास मात्र 30 सेकंड होते हैं जिसमें वह सांस रोककर कबड्डी-कबड्डी शब्द को दोहराता रहता है।

रेडर द्वारा विपक्षी खेमे में रेड करने के बाद विपक्षी खेमे के बचाव में रहे खिलाड़ियों को डिफेंडर कहा जाता है। अगर रेडर सफलतापूर्वक डिफेंडर को छूकर अपने खेमे में वापस आता है तो उसे टच पॉइंट दिए जाते हैं।

अगर कोई भी रेडर विपक्षी खेमे में 6 या 6 से अधिक खिलाड़ियों के रहते हुए बोनस लाइन को छूकर वापस आता है तो उसे दिए गए प्वाइंट को बोनस प्वाइंट कहा जाता है।

विपक्षी खिलाड़ी अगर किसी भी रेडर को 30 सेकंड तक बिना कोई पॉइंट लिए कोर्ट में रहने के लिए मजबूर कर देता है तो विपक्षी दल को 1 पॉइंट मिलता है।

जब किसी दल के सभी खिलाड़ी आउट होकर मैदान से बाहर हो जाते हैं तो उन्हें ऑलआउट कहा जाता है और  ऑल आउट करने वाले पक्ष के खिलाड़ियों को अतिरिक्त बोनस प्वाइंट दिए जाते हैं।

कबड्डी में बिना लाइन छुए वापस आने वाले रेड को एम्प्टी रेड तथा तीन या तीन से ज्यादा खिलाड़ियों को आउट करने पर सुपर रेड देकर अतिरिक्त बोनस प्वाइंट दिए जाते हैं।

इसके अलावा कम डिफेंडर खिलाड़ियों के साथ किसी भी रेडर को सफलतापूर्वक पकड़ लेने पर सुपर टैकल देकर अतिरिक्त पॉइंट दिया जाता है।

कबड्डी का कोई भी मैच टाई हो जाने पर 7 मिनट के अतिरिक्त मैच खेले जाते हैं जो दो भागों में बटें होते हैं। एक कबड्डी दल में सात खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति होती है।

कबड्डी की विशेषता Importance of Kabaddi in Hindi

कबड्डी को आक्रामक किस्म खेलों में शामिल किया जाता है जिसमें ताकत, रणनीति और फुर्ती की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता होती है।

किसी भी खिलाड़ी पर विपक्षी दल के सात खिलाड़ियों से बचते हुए अपनी टीम को विजयी बनाने का भार होता है जिसके कारण उन्हें अपना संपूर्ण समर्पण देने की आवश्यकता पड़ती है।

यह खेल बेहद ही कम खर्चों में खेला जाने वाला खेल है जिसमें सिर्फ कुछ खिलाड़ियों और एक छोटे से स्थान की आवश्यकता होती है।

इस खेल में मनोरंजन के साथ-साथ हड्डियां मजबूत होती हैं, शरीर लचीला और बुद्धि का विकास तीव्र गति से होता है। लेकिन कमजोर लोगों को इससे हानि भी हो सकती है।

कबड्डी पर 10 लाइन Few Lines on Kabaddi in Hindi

  • कबड्डी को मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खेला जाता है।
  • कबड्डी का मैच दो टीमों के बीच खेला जाता है, प्रत्येक टीम में 7 – 7 खिलाडी होते है।
  • कबड्डी को दक्षिण भारत में चेडूगुडु और पूर्वी भारत में हुतूतू के नाम से भी जाना जाता है।
  • टीम का रेडर कबड्डी-कबड्डी बोलकर दुसरे टीम के खिलाडी को छूने की कोशिश करता है।
  • कबड्डी खेलने के स्थान के बीचोंबीच एक लाइन होती है जिसे पाला कहते हैं।
  • हमारे देश में कबड्डी एक प्राचीन तथा पारंपारिक खेल है।
  • यह खेल ताकत और बुद्धिमत्ता का मिला-जुला संगम होता है।
  • कबड्डी का हर मैच 40 मिनट का होता है तथा किसी भी रेड के लिए खिलाड़ी के पास मात्र 30 सेकंड होते हैं।
  • बांगलादेश का राष्ट्रीय खेल कबड्डी है।
  • आज तक किसी भी कबड्डी विश्वकप में भारत की हार नहीं हुई है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने कबड्डी पर निबंध हिंदी में (Essay on Kabaddi in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपके लिए सहायक सिद्ध हुआ हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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दा इंडियन वायर

कबड्डी पर निबंध

kabaddi long essay in hindi

By विकास सिंह

kabaddi essay in hindi

विषय-सूचि

कबड्डी पर निबंध, kabaddi essay in hindi (300 शब्द)

कबड्डी भारत का एक बहुत पुराना और पारंपरिक खेल है। यह शारीरिक खेल है। यह हमारे देश के सभी हिस्सों में बहुत जुनून के साथ खेला जाता है। यह खेल गांवों और छोटे शहरों में बेहद लोकप्रिय है। कबड्डी आउटडोर खेल है।

लेकिन कबड्डी के खेल को खेलने वाले अन्य खेलों के विपरीत, बैट, बॉल, स्टिक आदि जैसे खेल उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए यह सस्ती है। कबड्डी को केवल खुले मैदान में खेला जा सकता है। इसमें हॉकी, क्रिकेट आदि जैसे विशाल खेल के मैदान की भी आवश्यकता नहीं है। यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है।

प्रत्येक टीम में पांच रिजर्व खिलाड़ी होते हैं। खेल का मैदान दो समान क्षेत्रों में विभाजित है। एक टीम के एक सदस्य को अपनी सांस रोकते हुए विरोधी टीम को ‘कबड्डी, कबड्डी, कबड्डी’ का जाप करते हुए भेजा जाता है। उसे विरोधी टीम के खिलाड़ियों को छूने और अपने क्षेत्र में लौटने की कोशिश करनी होगी। अगर प्रतिद्वंद्वी टीम उसे पकड़ लेती है और उसे टॉर्चर की अनुमति नहीं देती है, तो उसे बाहर होना पड़ेगा और उसे कोर्ट छोड़ना होगा।

एक मैच की अवधि पुरुषों के लिए चालीस मिनट और महिलाओं के लिए पांच मिनट के ब्रेक के साथ तीस मिनट के लिए बीच में टीमों को बदलने के लिए होती है। कबड्डी एक ऐसा खेल है जहां हमला एक व्यक्तिगत प्रयास है लेकिन रक्षा एक समूह प्रयास है। कबड्डी खेलते समय ड्रेस की अनुमति है।

खेल के लिए केवल एक छोटी और एक बनियान को उचित माना जाता है। भारत ने कबड्डी में चार एशियाई खेलों में भाग लिया है, और उन सभी में स्वर्ण पदक जीता है। आम तौर पर पंजाब, अमेरिका, कनाडा, और दुनिया के अन्य हिस्सों में अमर पंजाबी तौर पर खेला जाता है।

सुरंजीवी भारत और दुनिया में कबड्डी का सबसे अधिक खेला जाने वाला रूप है। यह आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय मैचों में स्वरूपित है और एशियाई खेलों में खेला जाता है।। हू-टू-भी कबड्डी का बहुत कठिन संस्करण है। भारत ने 2007 में ईरान को हराकर कबड्डी विश्व चैम्पियनशिप जीती।

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मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध, kabaddi essay in hindi (400 शब्द)

खेल स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। वे ताजगी देते हैं और तंदरुस्ती रखते हैं। जिन छात्रों को कड़ी मेहनत करनी होती है उन्हें कुछ खेल अवश्य खेलने चाहिए। भारतीय और विदेशी दोनों तरह के खेल हैं। क्रिकेट्स, टेनिस, फुटबॉल कई खेल हैं। वे महंगे हैं। दूसरी ओर, ‘कबड्डी’, कुश्ती आदि भारतीय खेल हैं। मुझे किसी अन्य खेल की तुलना में ‘कबड्डी’ खेलना अधिक पसंद है। यह मेरा पसंदीदा खेल है।

‘कबड्डी’ आसानी से एक छोटे से क्षेत्र में खेला जा सकता है। इसके लिए बड़े खेल मैदान की आवश्यकता नहीं है। बीच में एक रेखा खींचकर मैदान को दो भागों में विभाजित किया जाता है। दो टीमें हैं, आठ खिलाड़ियों में से प्रत्येक। एक टीम लाइन के हर तरफ खेलती है। टीमों में से एक खिलाड़ी दूसरी तरफ जाता है और विपरीत पक्ष के खिलाड़ी को छूने की कोशिश करता है। यदि उसे पकड़ लिया जाता है, तो उसे घोषित कर दिया जाता है।

दूसरी ओर, यदि वह सफल होता है और लाइन के अपने पक्ष में लौटता है, तो जिस खिलाड़ी को छुआ गया है, उसे “मृत” माना जाता है। मृत खिलाड़ी अलग बैठता है और खेल में भाग नहीं लेता है। इस तरह, खेल तब तक जारी रहता है जब तक कि पार्टियों में से एक हार नहीं जाता।

मुझे कई कारणों से कबड्डी ’पसंद है। इसके लिए बड़े खेल के मैदान की आवश्यकता नहीं है। यह एक घर के कोर्ट-यार्ड में भी खेला जा सकता है। ये बहुत सस्ता है। खिलाड़ियों को लगातार सतर्क रहना होता है। खेल स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। खिलाड़ियों को लगातार दौड़ना और कूदना पड़ता है। वे पूरे सक्रिय होते हैं। खेल को ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं है। यह केवल कुछ ही मिनटों के भीतर पुन: बनाता है और अच्छा व्यायाम देता है।

इन सभी कारणों से, “कबड्डी ‘मेरा पसंदीदा खेल है। इसे स्कूलों और कॉलेजों में अनिवार्य किया जाना चाहिए। वर्तमान में स्कूलों में खेलों के लिए कोई उपयुक्त व्यवस्था नहीं है। विदेशी खेल महंगे हैं, और बड़े खेल के मैदान की जरूरत है। इसलिए अधिकांश छात्र कोई भी खेल नहीं खेलते हैं, यह एक गंभीर कमी है। ‘कबड्डी’ को अनिवार्य बनाकर इसे दूर किया जा सकता है।

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कबड्डी पर निबंध, kabaddi essay in hindi (350 शब्द)

‘कबड्डी दक्षिण एशिया का एक टीम खेल है। दो टीमें एक छोटे मैदान के विपरीत छोर पर होती हैं। वे दूसरे हाफ में “रेडर” भेजते हैं। यह विरोधी टीम के सदस्यों से निपटकर अंक जीतता है। फिर रेडर अपने आधे पर लौटने की कोशिश करता है। वह अपनी सांस रोककर रखता है और पूरे छापे के दौरान “कबड्डी” शब्द का उच्चारण करता है। जब तक वह अपने विरोधियों में से किसी को भी नहीं छूता, तब तक हमलावर को लाइन को पार नहीं करना चाहिए।

यदि वह किसी को नहीं छूता है तो वह “आउट” हो जाएगा। एक बोनस लाइन भी है। यदि रेडर इसे छूता है और मैदान के अपने पक्ष में लौटता है, तो उसे अतिरिक्त अंक मिलेंगे। यदि रेडर अपने स्वयं के पक्ष में वापस लाने में सक्षम नहीं है, तो उसे “आउट” माना जाता है।

कबड्डी के अंतरराष्ट्रीय टीम संस्करण में सात सदस्यों की दो टीमें हैं। प्रत्येक पुरुष के मामले में 10 मीटर × 13 मीटर और महिलाओं के मामले में 8 मीटर × 12 मीटर के क्षेत्र के विपरीत हिस्सों में हैं। प्रत्येक में तीन अतिरिक्त खिलाड़ी आरक्षित हैं। खेल 20-मिनट के हिस्सों के साथ खेला जाता है। टीमों के पक्ष बदलने पर पांच मिनट का हाफ टाइम ब्रेक होता है।

टीमें विपरीत टीम के हाफ में “रेडर” भेजती हैं। लक्ष्य विपरीत टीम के सदस्यों को टैग या कुश्ती (“सीमित”) करना है।  छूए गए सदस्य “आउट” हैं और अस्थायी रूप से फील्ड से बाहर भेजे जाते हैं।

डिफेंडरों का लक्ष्य रेडर को सांस लेने से पहले घर की तरफ लौटने से रोकना है। यदि सात में से कोई भी खिलाड़ी रेडर को छुए बिना लॉबी को पार कर जाता है तो उसे “आउट” घोषित कर दिया जाएगा।

रेडर को मैदान से बाहर भेजा जाता है अगर:

  • लौटने से पहले रेडर सांस लेता है या
  • रेडर सीमा रेखा को पार करता है या
  • रेडर के शरीर का एक हिस्सा सीमा के बाहर जमीन को छूता है (एक विरोधी टीम के सदस्य के साथ संघर्ष के दौरान)।
  • हर बार जब कोई खिलाड़ी “आउट” होता है, तो विरोधी टीम एक अंक अर्जित करती है। एक टीम दो अंकों का बोनस स्कोर करती है, जिसे “लोना” कहा जाता है, यदि पूरी विरोधी टीम को “आउट” घोषित किया जाता है। खेल के अंत में, सबसे अधिक अंकों वाली टीम जीत जाती है।

मैच उम्र और वजन पर आधारित होते हैं। छह अधिकारी एक मैच का निरीक्षण करते हैं: एक रेफरी, दो अंपायर, एक स्कोरर और दो सहायक स्कोरर।

गेम का आधुनिकीकरण संस्करण महाराष्ट्र में स्थापित किया गया था। कबड्डी को 1936 के ओलंपिक में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन मिला, और यह भारत द्वारा प्रदर्शित किया गया। इस खेल को कलकत्ता में 1938 में भारतीय खेलों में शामिल किया गया था। कबड्डी को जापान में भारत के सुंदर राम द्वारा लोकप्रिय बनाया गया है, जब उन्होंने एशियाई आमेर कबड्डी फेडरेशन की ओर से दौरा किया था।

[ratemypost]

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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कबड्डी पर निबंध | Essay on Kabaddi in Hindi

कबड्डी पर निबंध – भारत में कबड्डी सदियों से खेला जा रहा है। यह खेल बहुत पुराना और आसान खेल है, जिसे खेलने के लिए किसी खास किस्म के उपकरणों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। कबड्डी एक आउटडोर खेल है जिसे खुले मैदान में खेला जाता है। कबड्डी को लोग बड़े ही उत्साह और मनोरंजन के साथ खेलते हैं।

भारत में कबड्डी का खेल लगभग 4000 वर्षों से खेला जा रहा है। इस खेल का उल्लेख हिंदू धर्म के कई ग्रंथों में इस खेल का वर्णन किया गया है। भारत में सबसे पहले इस खेल को पंजाब राज्य में खेला जाता था।

आज के समय में कब्बड़ी भारत देश के साथ-साथ अन्य देशों में भी खेला जाता है। नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और बहुत सारी एशियाई देशों कबड्डी खेला जाने लगा है। भारत ने इस खेल के महत्व को पूरी दुनिया के सामने ला कर रखा दिया है इसलिए आज के समय में कबड्डी एक अंतरराष्ट्रीय खेल के रूप में जाना जाता है। इस खेल में भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चार स्वर्ण पदक जीतकर अपना दर्ज किया है।

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Page Contents

कबड्डी खेल के बारे में जानकारी

कबड्डी हमारे देश का पुराना और प्रसिद्ध खेल है। यह खेल छोटे-छोटे गाँव से लेकर बड़े-बड़े शहरों में खेला जाता है , स्कूल, कॉलेजऔर अन्य शिक्षा संस्थानों में कबड्डी का खेल बहुत उत्साह के साथ के जाता है। इस खेल की सबसे अच्छी बात है कि खेलने के लिए अधिक विशाल मैदान की ज़रूरत नहीं पड़ती है।

कबड्डी दो टीमों के बीच खेला जाता है जिसमे 7-7 खिलाड़ी शामिल होते हैं। आमतौर पर कबड्डी का मैदान 13 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा होता है। इस मैदान के बीच में एक सीधी रेखा खींच कर मैदान को दो बराबर भागों में बाँट दिया जाता है। जिसमे एक टीम रेखा के इस पार और दूसरी टीम रेखा के उस पार रहती है।

कबड्डी खेलने का समय अंतराल 40 मिनट का होता है जिसमें दोनों टीमों को 20-2 मिनट समय दिया जाता है। प्रत्येक 20 मिनट के बाद 5 मिनट का ब्रेक लिया जाता है इस दौरान दोनों टीम के पालो को बदल दिया जाता है। खेल शुरू करने से पहले सिक्का उछालकर टॉस किया जाता है जो टीम टॉस जीतती है उसके खिलादे को सबसे पहले सामने वाले टीम के पाले में जाने का मौका मिलता है।

कबड्डी खेलने वाला प्रत्येक खिलाड़ी को हर पल चौकन्ना रहता है ताकि उसे कोई आउट ना कर दे। इस खेल में खिलाड़ी कबड्डी- कबड्डी बोलते हुए अपने विरोधी टीम के पाले में जाता है और विरोधी टीम के खिलाड़ियों को छूकर मध्य रेखा को छूना पड़ता होता है। अगर खिलाड़ी ऐसा करने में सफल हो जाता है तो विपक्ष टीम के जितने भी खिलाड़ियों को छुआ है वो सभी आउट हो जायेंगे।

जो खिलाड़ी अपनी विरोधी टीम के दूसरे पाले में जाता है। उसे रेडर कहते है। रेडर बिना रुके कबड्डी-कबड्डी बोलते हुए विरोधी टीम के पाले में जाता है अगर वह अपने पाले में वापस आने से पहले ही कबड्डी-कबड्डी बोलना बंद कर दे तो उसे आउट कर दिया जाता है।

खिलाड़ी को अपनी सांस को रोककर कबड्डी , कबड्डी बोलते हुए विरोधी टीम के खिलाड़ियों को छूकर आउट करना पड़ता है। विरोधी टीम के सभी खिलाड़ी मिलकर उसे पकड़ने का पूरा प्रयास करते हैं ताकि वह कबड्डी-कबड्डी बोलना छोड़ दे और मध्य रेखा को छू ना पाए। अगर खिलाडी अपने पाले में वापस आने से पहले ही कबड्डी कहना बंद कर देता है तो वह आउट हो जाता है। यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहता है जब तक की किसी एक टीम के सभी खिलाडी आउट नहीं होते।

कबड्डी खेल के नियम

  • कबड्डी की दोनो टीम में 7-7 खिलाड़ी खेलते हैं।
  • इस खेल को शुरू करने से पहले अन्य सभी खेलों की तरह सबसे पहले टॉस किया जाता है।
  • दोनों टीमों को कबड्डी खेलने के लिए 20-20 मिनट का समय मिलता है।
  • रेड करने वाले खिलाड़ी लगातार कबड्डी-कबड्डी बोलना पड़ता है जब तक वह विरोधी टीम के पाले से वापस अपने पाले में नही आ आता।
  • एक से ज्यादा रेडर विपक्ष टीम के पाले में नहीं जाना चाहिए है।
  • सभी खिलाडियों को एम्पायर का द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना पड़ता है।
  • खेल के दौरान अगर कोई भी खिलाड़ी सीमा लाइन से बाहर जाता है तो उसे आउट कर दिया जाता है।
  • कबड्डी खेलने वाले व्यक्ति का चयन उम्र और वजन के आधार पर किया जाता है।
  • कबड्डी का मैदान 13 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा होता है।
  • कबड्डी का मैदान मिटटी और घास का होता है।

कबड्डी खेल पर 10 लाइन

  • कबड्डी भारत का एक लोकप्रिय खेल है।
  • कबड्डी लगभग 4000 साल पुराना खेल है।
  • यह खेल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर खेला जाता हैं।
  • भारतीय टीम ने इस खेल में चार स्वर्ण ओलंपिक पदक जीते हैं।
  • इस खेल का निर्णय करने के लिए अंपायर तैनात किये जाते हैं।
  • कबड्डी खेलने के लिए किसी विशेष उपकरण आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  • कबड्डी को दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिसमे 7 – 7 खिलाडी होते है।
  • इस खेल के लिए 40 मिनट का समय अंतराल रखा जाता है।
  • कबड्डी एक आउटडोर खेल है जो खुले मैदान में खेला जाता है।
  • इस खेल में एक खिलाड़ी कबड्डी – कबड्डी बोलता हुआ दूसरी टीम के पाले में जाकर खिलाड़ियों को छूने का प्रयास करता है।

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कबड्डी पर निबंध हिंदी में | Essay on Kabaddi in Hindi

Essay on Kabaddi in Hindi

Essay on Kabaddi in Hindi | कबड्डी निबंध हिंदी में

Essay on Kabaddi in Hindi

Hindi Essay: आज हम Essay on Kabaddi in Hindi | कबड्डी निबंध हिंदी में पढ़ेंगे । कबड्डी पर लिखा यह निबंध (Kabaddi) बच्चों (kids) जो class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, के विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसे Paragraph और Nibandh के रूप में भी प्रस्तुत कर सकते हैं. आओ पढ़ते हैं Kabaddi पर निबंध Essay of Kabaddi in Hindi is Important for all classes 3rd to 10th.

 कबड्डी निबंध पर हिंदी में 10 पंक्तियाँ

  • कबड्डी एक शारीरिक खेल है और मुझे इसे खेलना बहुत पसंद है।
  • यह एक आउटडोर खेल है जो घर के बाहर खुले मैदान में खेला जाता है।
  • इस खेल को खेलने से हमारा शरीर और दिमाग स्वस्थ रहता है।
  • कबड्डी हमारे देश का एक प्राचीन और पारंपरिक खेल है।
  • यह खेल लगभग पूरे देश में प्रसिद्ध है।
  • कबड्डी के लिए किसी प्रकार के खेल उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए यह बहुत ही सस्ता खेल है।
  • यह दो टीमों के बीच खेला जाता है, प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं।
  • इस खेल में दोनों टीमों के लिए दो कोर्ट बनाए जाते हैं।
  • टीम का एक खिलाड़ी कबड्डी-कबड्डी बोलता है और दूसरी टीम के खिलाड़ी को छूने की कोशिश करता है।
  • जबकि दूसरी टीम के खिलाड़ी भागने की कोशिश करते हैं और उसे अपने दरबार में रोकने की कोशिश करते हैं।

कबड्डी पर निबंध 150 शब्दों में हिंदी में | Essay on Kabaddi in Hindi in 150 words

कबड्डी पर निबंध आमतौर पर Class 3, 4, 5 और 6 को दिया जाता है।

कबड्डी भारत में खेले जाने वाले सबसे रोमांचक खेलों में से एक है जिसमें जीतने के लिए ऊर्जा और रणनीति दोनों की आवश्यकता होती है। ‘कबड्डी’ शब्द को खिलाड़ी एक ही सांस में दोहराते हैं और उन्हें खेलते हुए देखने से हमारी सांसें छोटी हो जाती हैं। हिंदी में कबड्डी खेल पर इस लघु निबंध में, हम इसके इतिहास और महत्व का पता लगाने के साथ-साथ यह भी समझेंगे कि इसे कैसे खेला जाता है।

विभिन्न खेलों और खेलों के बारे में सीखना बच्चों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे उनकी सामान्य जागरूकता में सुधार होगा। इसके अलावा, उन्हें इसके नियमों को सीखकर और वास्तविक मैदान पर खेल का अनुभव करके अपना पसंदीदा खेल चुनने का मौका मिलेगा। तो आइए जानते हैं कबड्डी पर इस निबंध के माध्यम से खेल के बारे में सबकुछ। कबड्डी खेल पर इस लघु निबंध की मदद से बच्चे मेरे पसंदीदा खेल कबड्डी के बारे में भी लिख सकते हैं।, कबड्डी का महत्व, कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसकी शुरुआत पहले भारत के दक्षिणी भाग में हुई थी, जहाँ खिलाड़ियों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था, लेकिन अब, यह पूरे देश में व्यापक रूप से खेला जाता है। हिंदी में कबड्डी खेल पर इस निबंध में हम कबड्डी खेलने के फायदे देखेंगे।, चूंकि कबड्डी मुख्य रूप से एक ऐसा खेल है जिसमें बहुत अधिक शारीरिक प्रयास और ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इस खेल को खेलने से बच्चों को फिट और स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी। वे धीरज और सांस रोककर और गति से बचाव के बारे में भी जानेंगे। इनके अलावा, कबड्डी खेलने से उनका ध्यान बेहतर होता है और बच्चे छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देने लगते हैं। यह उनकी पढ़ाई के दौरान उनके लिए बेहद फायदेमंद होगा।, इसके अलावा, बच्चे डर पर काबू पाने, आत्मविश्वास बढ़ाने और एक खिलाड़ी की भावना विकसित करने के साथ-साथ चपलता और टीम वर्क कौशल का निर्माण करने में सक्षम होंगे। हिंदी में कबड्डी खेल पर इस निबंध में हम आगे देखेंगे कि यह खेल कैसे खेला जाता है।, कबड्डी खेलने का तरीका, कबड्डी खेल पर लघु निबंध के इस खंड में, हम खेल खेलने की विधि पर ध्यान केंद्रित करेंगे। सात-सात खिलाड़ियों की दो टीमें होंगी, और खेल की शुरुआत में, टीम का एक खिलाड़ी बिना सांस खोए लगातार ‘कबड्डी’ शब्द का उच्चारण करेगा और विरोधी टीम के मैदान में प्रवेश करेगा और खिलाड़ियों को पकड़ने की कोशिश करेगा। विरोधी टीम के खिलाड़ियों को इस खिलाड़ी को अपनी टर्फ में जाने से रोकना चाहिए, और यदि वे सफल होते हैं, तो विरोधी टीम जीत जाती है। यदि टीम खिलाड़ी को पकड़ने में सफल नहीं होती है, तो विरोधी टीम के सभी खिलाड़ी जिन्होंने उन्हें छुआ है, वे दौर से बाहर हो जाएंगे। एक निश्चित समय के भीतर टीमों के बीच कई राउंड खेले जाते हैं, और जो टीम उच्चतम स्कोर प्राप्त करती है वह मैच जीत जाती है।.

कबड्डी पर निबंध 500 शब्दों में हिंदी में | Essay on Kabaddi 500 words in Hindi

कबड्डी पर निबंध Class 7, 8, 9 और 10 को दिया जाता है।

कबड्डी भारत में एक बहुत लोकप्रिय खेल है और तमिलनाडु राज्य का मूल निवासी है। कबड्डी बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है और भारत और पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर खेला जाता है। यह भारतीय राज्यों बिहार, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में काफी प्रचलित है। इस खेल को विभिन्न क्षेत्रों में कौड़ी, पकाड़ा और हिमोशिका जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है। दोनों; पुरुष और महिलाएं इसे खेलते हैं। कबड्डी का सर्वोच्च शासी निकाय द इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन है।

यह दो टीमों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम में कुल 7 सदस्य होते हैं। हर दौर में, एक टीम का एक व्यक्ति “रेडर” के रूप में जानता है जो दूसरी टीम के कोर्ट में जाता है। उसका मकसद दूसरी टीम के अधिक से अधिक लोगों को टैग करना है, जिन्हें एक ही सांस में “रक्षकों” के रूप में जाना जाता है। रेडर को यह सब करना होता है और दूसरी टीम के डिफेंडरों द्वारा सामना किए बिना अपने कोर्ट में वापस आना होता है। जब एक रेडर सफलतापूर्वक कोर्ट के अपने पक्ष में लौटता है, तो वह अंक अर्जित करता है जबकि दूसरी टीम रेडर को रोकने में सक्षम होने पर एक अंक प्राप्त करती है।

कबड्डी खेल का इतिहास

कबड्डी खेल तमिल क्षेत्र में उत्पन्न हुआ और तमिल साम्राज्य के दौरान पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में फैल गया। कबड्डी नाम की उत्पत्ति एक तमिल शब्द से हुई है जिसका अर्थ है “हाथ पकड़ना।” कहा जाता है कि यह खेल गौतम बुद्ध ने मनोरंजन के उद्देश्य से खेला था। इस खेल को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भारत को दिया गया है। भारत पहला देश था जिसने प्रतियोगिताओं का आयोजन करके कबड्डी को एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में खेला और अखिल भारतीय कबड्डी संघ की स्थापना में भी अग्रणी था।

कबड्डी खेल के नियम

प्रत्येक टीम में कुल 12 खिलाड़ी होने चाहिए जिनमें से 7 को खेलना चाहिए और 5 को स्थानापन्न होना चाहिए।

प्रत्येक मैच को 6 अधिकारियों द्वारा देखा जाना चाहिए: एक स्कोरर, दो सहायक स्कोरर, एक रेफरी और दो अंपायर।

मैच की अवधि 20 मिनट के दो हिस्सों में से प्रत्येक के बीच में 5 मिनट के ब्रेक के साथ है।

यह साबित करने के लिए कि उसने एक और सांस नहीं ली है, रेडर को लगातार “कबड्डी” शब्द कहते रहना पड़ता है, जब तक कि वह दूसरी टीम के कोर्ट में प्रवेश करता है, जब तक कि वह अपने कोर्ट में वापस नहीं आता।

रक्षकों को केवल हमलावरों को उनके अंगों या धड़ से पकड़ने की अनुमति है। वे अपने बालों, कपड़ों या किसी अन्य स्थान पर नहीं पकड़ सकते। कबड्डी खेल के नियम

रक्षकों को केवल हमलावरों को उनके अंगों या धड़ से पकड़ने की अनुमति है। वे अपने बालों, कपड़ों या किसी अन्य स्थान पर नहीं पकड़ सकते।

प्रमुख कबड्डी टूर्नामेंट :

कबड्डी विश्व कप

इस टूर्नामेंट की शुरुआत 2004 में यानी 16 साल पहले हुई थी। यह बाद में वर्ष 2007 और 2016 में भी आयोजित किया गया था। तीनों बार भारत शीर्ष पर रहा। 2016 में, इसे अहमदाबाद शहर में होस्ट किया गया था। वर्तमान IKF (इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन) रैंकिंग के अनुसार, भारत नंबर 1 स्थान पर है। सबसे हालिया कबड्डी विश्व कप वर्ष 2019 में मलेशिया में आयोजित किया गया था। यह अब तक खेला जाने वाला सबसे बड़ा कबड्डी टूर्नामेंट था। इसमें कुल 32 पुरुष टीमों ने भाग लिया और 24 महिला टीमों ने भाग लिया।

कबड्डी को एक खेल के रूप में वर्ष 1990 में एशियाई खेलों में पेश किया गया था। 1990 से 2014 तक, भारतीय कबड्डी टीम हर टूर्नामेंट में विजेता बनकर उभरी। हालांकि, इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित 2018 एशियाई खेलों में ईरान भारत को हराने वाली पहली टीम थी। उस वर्ष, पुरुष टीम ने कांस्य पदक जीता, और महिला टीम ने रजत पदक जीता।

प्रो कबड्डी लीग

वीवो द्वारा प्रायोजित प्रो कबड्डी लीग साल 2014 में शुरू हुई थी और अब तक सात सीजन पूरे कर चुकी है। यह इंडियन प्रीमियर लीग के विचार पर आधारित और प्रभावित था। पहले सीज़न में 8 टीमों के बीच एक टूर्नामेंट देखा गया, जिसमें सभी प्रसिद्ध हस्तियों, खिलाड़ियों और व्यवसायियों के स्वामित्व में थे। यह लीग एक बड़ी सफलता साबित हुई और इसके पहले सीज़न में ही 400 मिलियन से अधिक दर्शकों ने भाग लिया।

कबड्डी खेलने के फायदे

इस खेल को खेलने के लिए आपको “कबड्डी” शब्द का जप करते रहना होगा। यह आपकी सांस लेने की क्षमता और सहनशक्ति को बढ़ाने में आपकी मदद करेगा। अपनी सांस को नियंत्रित करना और इसे चुनौतीपूर्ण शारीरिक गतिविधि के साथ जोड़ना व्यक्ति को बेहतर ध्यान केंद्रित करने और सहनशक्ति का निर्माण करने में मदद करता है। इस खेल में आपको अपने पैरों पर तेज होने की आवश्यकता होती है, और इसलिए आप गति और चपलता विकसित करते हैं। कबड्डी के लिए जरूरी है कि आप अपने दिमाग का इस्तेमाल करें और विरोधी टीम के डिफेंस को तोड़ने के लिए रणनीति बनाएं। यह न केवल आपकी शारीरिक क्षमता बल्कि आपकी मानसिक शक्ति को भी बढ़ाता है। इसके अलावा, यह खेलने के लिए एक मजेदार गेम है और एक बेहतरीन स्ट्रेस बस्टर है।

हमें उम्मीद है आपको इस पोस्ट में कबड्डी पर निबंध (Essay on Kabaddi in Hindi) हिन्दी में अच्छा लगा होगा। यह कबड्डी पर निबंध Essay on Kabaddi in Hindi Class 3, 4, 5, 6 , 7, 8, 9, 10 मे  पूछा जा सकता है।

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कबड्डी पर निबंध

Kabaddi Essay in Hindi : कबड्डी भारत का काफी लोकप्रिय खेल है। कबड्डी का भारत में काफी अधिक महत्व है क्योंकि भारत के कुछ सबसे पुराने खेलों में इस खेल को गिना जाता है। साथ ही इसे ज्यादातर गांवों और छोटे शहरों में खेला जाता है।भारत में कई वर्षों से कबड्डी खेला जा रहा है।

आज कबड्डी एशिया के कुछ प्रसिद्ध खेलों में से एक माना जाता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस खेल को खेला जा रहा है।अगर आपको कबड्डी के ऊपर निबंध लिखना है तो आज के लेख में उसके बारे में हमने विस्तारपूर्वक जानकारी देने का प्रयास किया है। 

Kabaddi-Essay-in-Hindi

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कबड्डी पर निबंध | Kabaddi Essay in Hindi

कबड्डी पर निबंध (250 शब्द).

कबड्डी भारत के कुछ महत्वपूर्ण खेलों में एक माना जाता है। यह भारत के पुरानी परंपरा से संबंध रखता है। इस खेल का वर्णन हिंदू धर्म के पवित्र किताब महाभारत में भी किया गया है। भारत में यह खेल कितने भी लोगों के बीच खेला जा सकता है। बस सभी लोगों को दो बराबर टीम में बांट दें और एक खुले मैदान के टुकड़े को दो हिस्सों में बांट दें और इस खेल को शुरू किया जा सकता है। 

यह एक पुराना और सस्ता खेल है, जिसे खेलने के लिए किसी खास खेल उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती। इस खेल में दोनों प्रतिबंध ही एक दूसरे से अधिक अंक बनाने का प्रयास करते है और 40 मिनट के अंतराल में जिस टीम में सबसे अधिक अंक बनाए होते है वह जीत जाता है। इस खेल को न केवल भारत बल्कि एशिया के विभिन्न देशों में भी खेला जाता है। हर देश में इस खेल में कुछ छोटे-मोटे बदलाव किए गए है मगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस खेल के नियम हर किसी के लिए एक समान रखे गए हैं। 

यह खेला हमें सिखाता है कि जीवन में न केवल शारीरिक बल बल्कि सही सूझबूझ का भी काफी अहम योगदान होता है। हम इस खेल को केवल शारीरिक बल के आधार पर नहीं जीत सकते ना ही केवल सूज–भुज के आधार पर जीता जा सकता है। इस खेल में आपको धैर्य और सही समय पर सही चल के साथ अपने सहयोगीयों का सही तरीके से साथ और आपका शारीरिक बल आपको विजेता बनाता है।

इस खेल का भारत में काफी अहम योगदान रहा है। भारत ने इस खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चार स्वर्ण पदक जीते है जो बाकी किसी और देश के मुकाबले सबसे अधिक है।

कबड्डी पर निबंध (850 शब्द)

कबड्डी विश्व के कुछ सबसे पुराने खेलों में से एक माना जाता है। इस खेल का जिक्र हिंदू सभ्यता के कुछ ग्रंथों में भी पाया गया है जिस बात से खोज कर्ताओं का अंदाजा है कि इस खेल को भारत में लगभग 4000 वर्ष पूर्व से खेला जा रहा है। अगर आप इस खेल की परिभाषा और खेल प्रणाली को अच्छे से समझेंगे तो आप इस बात का अंदाजा लगा सकते है कि आखिर हमारे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए कितना महत्वपूर्ण है और कितनी सूज भुज से इस खेल को सभी के लिए तैयार किया गया है। 

भारत ने इस खेल के महत्व को पूरे विश्व के सामने ला कर रखा है और आज कबड्डी एक अंतरराष्ट्रीय खेल के रूप में जाना जा रहा है। ऐसा नहीं है कि कबड्डी केवल भारत में खेला जाता है बहुत सारी एशियाई देशों में यह खेल विभिन्न नाम से प्रचलित है। 

कबड्डी का खेल कैसे खेला जाता है?

अगर हम भारत में कबड्डी के खेल की बात करें तो यहां किसी मैदान के टुकड़े का जो हिस्सा कर दिया जाता है और दो-टीम बनाई जाती है जिसमें बराबर लोग होते है। पहले टीम का एक सदस्य दूसरे टीम के इलाके में जाता है और बिना अपनी सांस कड़े प्रतिबंध ही टीम के किसी भी व्यक्ति को छूकर वापस आने का कार्यभार संभालता है।

वही दूसरी ओर प्रतिबंधित टीम का यह कार्य होता है कि वह आए हुए व्यक्ति को बिना सांस छोड़ें जाने ना दें अगर टीम के लोग मिलकर उस व्यक्ति को दुबारा सांस लेने पर मजबूर कर देते है तो वह व्यक्ति आउट हो जाता है और सामने वाली टीम को अंक मिलते हैं।

जो व्यक्ति सामने वाले टीम के पाले में जाता है उसे रीडर कहते है और सामने वाली टीम के वह सदस्य जो इसे पकड़ने का प्रयास करते है उसे स्टंपर कहते है। रेडर को सामने वाली टीम के पाले में जाकर किसी व्यक्ति को छूकर वापस आने के लिए 1 मिनट का समय दिया जाता है अगर इस 1 मिनट में उसने सामने वाली टीम के किसी भी व्यक्ति को छूकर अपने घेरे में वापस आ जाता है।

उसने जिस व्यक्ति को छुआ होगा वह कुछ देर के लिए खेल से बाहर हो जाता है और रेडर के टीम को अंक मिलते है अगर प्रतिबंधी टीम के लोगों ने उस वक्ति को 1 मिनट तक अपने घेरे में पकड़ कर रख लिया तो वह व्यक्ति कुछ देर के लिए खेल से बाहर हो जाता है और उस टीम को अंक मिलता है। 

कबड्डी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नियम

यह खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरा अलग तरीके से खेला जाता है। जैसा कि हमने आपको बताया यह खेल विभिन्न देशों में विभिन्न नाम से प्रचलित है इस वजह से हर देश में कुछ छोटे-मोटे नियम में बदलाव किए गए है इस वजह से अंतरराष्ट्रीय खेल है ऐसा बनाया गया है कि सभी लोगों को यह खेल समझ में आए और सही से फैसला किया जा सके। 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी का मैदान 13 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा होता है। इस मैदान के बिल्कुल बीचोबीच एक सीधी रेखा खींच कर मैदान को दो बराबर हिस्से में विभाजित किया जाता है और दोनों और 7-7 लोगों की टीम खड़ी कर दी जाती है। मैच के शुरुआत में टॉस किया जाता है टॉस जीतने वाली टीम कि किसी एक सदस्य को सामने वाले टीम के घेरे में जाने का मौका मिलता है। 

पुरुषों के लिए कबड्डी का खेल 40 मिनट का होता है जिसमें 20–20 मिनट के दो भाग होते है। प्रत्येक 20 मिनट के बाद 5 मिनट का ब्रेक मिलता है उस वक्त दोनों टीम के पालो को बदला जाता है। यह खेल बिना किसी खास खेल उपकरण के एक खुले मैदान में खेला जा सकता है और इसे खेलने में काफी आनंद आता है। 

कबड्डी के खेल का महत्व

अपने ऊपर यह समझा होगा कि कबड्डी का खेल किस तरह खेला जाता है आपको यह भी समझना चाहिए कि इस खेल को कई वर्षों पहले भारत में बनाया गया था। और इस खेल का महत्व इतना है कि रोजाना इस खेल को खेलने से ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक विकास भी होता है। 

इस खेल को जीतने के लिए सही समय में सही चाल, व्यक्ति की धैर्यता, शारीरिक बल और सही सूज बूज के साथ सभी टीम के साथ मिल कर काम करने के लिए आपने किस तरह का प्लान बनाया है यह सब एक साथ लगाना पड़ता है। याद रखें कबड्डी के खेल को ना केवल शारीरिक बल से जीता जा सकता है और ना ही केवल सूझबूझ से आपको अपने दिमाग और शरीर का सही तालमेल बैठाना होगा। 

यह खेल हमें सिखाता है कि जब हमें किसी से लड़ना होता है तो हमें अकेले जाना पड़ता है और जब मुसीबत हमारे पास आती है तो सब लोगों को मिलकर काम करना चाहिए। 

कबड्डी में भारत का योगदान

जैसा कि हमने आपको बताया भारत में कबड्डी का खेल कई वर्षों से खेला जा रहा है हिंदू धर्म के कई ग्रंथों में इस खेल का वर्णन भी किया गया है कुछ अध्ययन में यह पाया गया है कि कबड्डी भारत में तकरीबन 4000 सालों से खेला जा रहा है। भारत का इस खेल के प्रति एक अनोखा रिश्ता है आज भी कबड्डी को भारत के विभिन्न छोटे गांव, कस्बों के अलावा छोटे शहरों में भी बड़े मजे से खेला जाता है। 

भारत ने इस खेल के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए इस खेल को एशियाई खेलों में जगह दिलाई है। आज एशियाई खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस खेल को खेला जाता है जिसमें विश्व के विभिन्न देश भाग लेते है भारत ने इस खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चार स्वर्ण पदक जीतकर अपना नाम इस खेल में उच्च स्थान पर रखा है। 

कबड्डी के खेल का अपना अलग ही मजा है। इस खेल को खेलने के साथ साथ देखने का आनंद कुछ और ही है। हमें इस प्राचीन खेल को विकसित करने की जरूर है, ताकि हम उसे क्रिकेट की तरह पॉपुलर बना सके।

हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को कबड्डी पर निबंध (Kabaddi Essay in Hindi) पर जानकारी प्रदान की हुई है। अगर आपको कबड्डी पर प्रस्तुत किया गया यह निबंध अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें एवं अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर भी शेयर करना ना भूले।

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कबड्डी खेल का इतिहास खेल के नियम निबंध History & Rules Essay on Kabaddi In Hindi

नमस्कार कबड्डी खेल का इतिहास खेल के नियम निबंध History & Rules Essay on Kabaddi In Hindi में आपका स्वागत हैं.

आज हम कबड्डी के खेल के इतिहास नियम और कबड्डी पर सरल भाषा में निबंध स्टूडेंट्स के लिए यहाँ दिया गया हैं.

खेल के उद्भव से आज की लोकप्रिय लीग्स तक इसके सफर के बारे में भी हम जानेगे.

कबड्डी खेल का इतिहास खेल के नियम निबंध History & Rules Essay on Kabaddi In Hindi

कबड्डी
भारत
7
20-20 मिनट
भारत
1936 (बर्लिन ओलिंपिक)
पुरुषों के लिए- 121/2 मी. X 10 मी.
स्त्रियों के लिए- 11 मी. X 8 मी.
1918
प्रोकबड्डी

आजकल भले ही खेलो पर क्रिकेट का राज हो ! मगर २०१६ के कबड्डी वर्ल्ड कप के बाद यह जग-जाहिर हो गया की इसे चाहने वालो की भी कमी नहीं हैं ,नये खेलो में आजकल विश्व में सबसे तेजी से फेलने वाला खेल कबड्डी हैं.

कब्बडी भारत का पारम्परिक खेल हैं इसका जन्म हमारे देश में हुआ था, आजतक कब्बडी का जन्मदाता ही चैंपियन हैं यह इस खेल के प्रति देश की प्रतिभाओ और जन मानस का जूनून हैं,दुसरे खेलो की बात करे तो क्रिकेट का जन्मदाता इंग्लैंड आज इस खेल में हेय दर्ष्टि से देखा जाता हैं.

मगर कब्बडी में शुरुआत से आजतक हमारी महारत हासिल हैं,आज का लेख कब्बडी प्रेमियों के लिए हैं -इसमे आपको कबड्डी के इतिहास से आज तक ,कबड्डी कैसे खेलते हैं,कबड्डी खेल का मैदान और नियम और कबड्डी खेलना कैसे सीखे इन सभी बिन्दुओ पर यह लेख सग्रह किया गया हैं

हालाँकि अभी तक ऐसे कोई ज्ञात आकड़े नहीं हैं जहा से इस खेल की शुरुआत मानी जाये इसका कारण यह हैं की यह सदियो पुराना खेल हैं और जन-जन का खेल होने की वजह से इनकी शुरुआत अप्रमाणित हैं.

ज्ञात तोर पर पहली कबड्डी प्रतियोगिता 20 वी सदी के दुसरे दशक में खेली गयी जिनमे महाराष्ट्र के सामाजिक सगठनों ने इस खेल को नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया .

एशियाई देशो में पहली बार सन 2006 में कबड्डी खेल को शामिल किया गया और अलग से मैदान विकसित किया गया था.

सर्वप्रथम कबड्डी खेल के नियम १९२१ में बनाये गये बाद में १९२३ में फिर इनमे कुछ बदलाव किया गया और ये संशोधित नियम के साथ की अखिल भारतीय कबड्डी टूर्नामेंट में लागु किये गये.

कबड्डी का इतिहास History Of Kabaddi In Hindi

कबड्डी के प्रति लोगो में जाग्रति पैदा करने के लिए सन १९५० में आल इंडिया कबड्डी फेडरेशन की स्थापना की गयी और वर्ष १९५२ में सीनियर राष्ट्रिय चैंपियनशिप की शुरुआत की गयी.

आज के कबड्डी के सवरूप की शुरुआत १९९० में हुई जब 11वे बीजिग ओलम्पिक में कबड्डी को शामिल किया गया इस ओलम्पिक में भारत में कबड्डी में गोल्ड मेडल जीता जो बीजिग ओलम्पिक का एकमात्र पदक था.

15 वे एशियाई गेम जो दोहा में 2006 को हुए थे पहली बार एशियाई देशो के बिच कबड्डी खेली गयी इसके बाद तो हर एक विश्वस्तरीय खेल प्रतियोगिता में कबड्डी ने अपना स्थान बनाया.

कबड्डी खेल के नियम

कबड्डी खिलाडी को पोशाक में बनियान और निक्कर पहननी पड़ती हैं और पेरो में जूते पहन सकते हैं साथ की खिलाडी की बनियान की पीछे की तरफ नंबर लिखे होने चाहिए और हाथो-पैरो के नाख़ून पूरी तरह कटे होने चाहिए और किसी तरह पिन या आभूषन नहीं पहन सकते.

लोबी की चौड़ाई 1 मी. तक होती हैं कबड्डी का खेल दो टीमो के बिच खेला जाने वाला खेल होता हैं जिनमे एक टीम में अधिकतम 12 खिलाडी हो सकते हैं.

जिनमे 7 -7 खिलाडी खेलते हैं अतिरिक्त 5 खिलाडी पास ही बैठे रहते हैं जिन्हें मैच के दोरान बदलाव कर टीम के भीतर लिया जा सकता हैं

कबड्डी के खेल में कुछ स्थतियो में खिलाडी के द्वारा इस तरह के व्यवहार पर पॉइंट काटे या आउट दिए जा सकते हैं अम्पायर या विपक्षी खिलाडियों के साथ अपमानजनक शब्द का प्रयोग करना ,रेडर का मुह बंद करना ,उन्हें मुक्का मारना या उनकी सांसे रोकने की कोशिश करना ,रेड पर जाने.

अधिकारियों को अपमानजनक शब्द कहना,से पहले 5 सेकंड का वक्त ले लेना या रेड में निर्धारित समय से अधिक समय तक विपक्षी पाले में खड़े रहना,

जानबूझकर बाल पकड़ना या धक्का या लात मारना,मैदान के बाहर खड़े होकर सलाह देना भी कबड्डी के नियमो के खिलाफ हैं ऐसा निर्धारित टाइम आउट के दोरान ही कर सकते हैं.

कबड्डी खेल पर निबंध Essay on Kabaddi In Hindi

दो टीम के मध्य खेले जाने वाला कबड्डी गेम प्राचीन खेलों में गिना जाता है. शारीरिक व्यायाम एवं स्फूर्ति की  दृष्टि से यह  अन्य सभी भारतीय आउटडोर गेम्स को मात दे देता है. 

कबड्डी का इतिहास काफी पुराना है, आज से सैकड़ों साल पूर्व इसका स्वरूप व खेलने का तरीका आज के खेल से पूर्ण भिन्न था.

आज कबड्डी जिला स्तर से अंतर्राष्ट्रीय  स्तर तक खेला जाता है. दक्षिण भारत में इसे ‘काई- पीडी’ नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है पकड़े रहना. सभवत्या इससे ही कबड्डी शब्द की उत्पत्ति हुई है.

देश के  कई  भागों में इसे भिन्न भिन्न नाम से जाना है, यथा-तमिलनाडु में कबड्डी को चादूकट्टू, बंगलादेश में हद्दू, मालद्वीप में भवतिक, पंजाब में कुड्डी, पूर्वी भारत में हू तू तू, आंध्र प्रदेश में चेडूगुडू बोला जाता है.

मेरा प्रिय खेल My Favourite Game Essay In Hindi & English

games are beneficial in two ways. first, they give thrill, fitness, and pleasure. secondly, they build our body strong, active, and smart. agility also comes through games.

there are many kinds of games. some of them are foreign white others are Indian. foreign games like cricket, tennis, football are costly. Indian games like kabaddi and kho kho etc. are not costly.

they are quite cheap and easy. kabaddi gives me more pleasure than any other game. so MY FAVOURITE GAME is Kabaddi.

how to play Kabaddi information – it is not a complicated game. it is played in a very easy way. we require a small field. the field is divided into two parts. a line is drawn in the middle of the field.

then the players are divided into two teams and the game began. a player from one of the teams goes to the other side beyond the middle line. he tries to touch a player of the opposite them.

while he does so he repeats the word kabaddi- kabaddi in one breath. the opposite team tries to catch him and hold him till he forces to breathe in. if he is forced to breathe, he is declared dead and goes out of the team.

if he returns to his side the body that is touched by him is declared dead. the game continues till one in the team loses all his players.

l like this game for many reasons. it is cheap. requires no big playground. it requires no material. gives fun and pleasure. it makes us stronger, alert, and vigilant. we can play it anywhere. it is useful for health. it does not require much time. it is not boring.

Indian games are disappearing while foreign games are catching popularity. it is bad thing kabaddi should be introduced in all schools, colleges, and universities.

it is our ancient game. it is a symbol of our national pride. MY FAVOURITE GAME ESSAY ends with a lot of thanks for reading this.

हिंदी निबंध

खेल दो तरीकों से फायदेमंद हैं। सबसे पहले, वे रोमांच, फिटनेस और खुशी देते हैं। दूसरी बात, वे हमारे शरीर को मजबूत, सक्रिय और स्मार्ट बनाते हैं। फुर्ती भी खेल के माध्यम से आती है।

कई प्रकार के खेल हैं। उनमें से कुछ विदेशी हैं अन्य भारतीय हैं। क्रिकेट, टेनिस, फुटबॉल जैसे विदेशी खेल महंगे हैं। कबड्डी और खो खो आदि जैसे भारतीय खेल महंगे नहीं हैं।

वे काफी सस्ते और आसान हैं। कबड्डी मुझे किसी अन्य खेल की तुलना में अधिक आनंद देता है। इसलिए मेरा पसंदीदा खेल कबड्डी है।

कबड्डी की जानकारी, कैसे खेलें- यह एक जटिल खेल नहीं है। यह एक बहुत ही आसान तरीके से खेला जाता है। हमें एक छोटे से खेल मैदान की आवश्यकता है। मैदान दो भागों में बांटा गया है। मैदान के बीच में एक मध्य रेखा खींची जाती है।

सभी खिलाड़ियों को दो टीमों में बांटा जाता है और खेल शुरू किया जाता है। किसी भी एक टीम में से एक खिलाड़ी मध्य रेखा से परे दूसरी तरफ जाता है। वह उनके विपक्षी  टीम के एक खिलाड़ी को छूने की कोशिश करता है।

इस दौरान बारी लेने वाला खिलाड़ी, एक सांस में कबड्डी-कबड्डी शब्द दोहराता है। विपक्षी टीम के खिलाड़ी उसे पकड़ने की कोशिश करते है और जब तक उसकी सांस टूट नही जाती है या विपक्षी टीम के खिलाड़ियों द्वारा मध्य रेखा पर पहुचने से पूर्व उसे पकड़ लिया जाता है. तो उस खिलाड़ी को आउट घोषित कर दिया जाता है.

अगर वह अपने पक्ष में लौटता है तो उसके द्वारा छुआ जाने वाला खिलाड़ी आउट घोषित किया जाता है। खेल तब तक जारी रहता है जब तक किसी टीम के सभी खिलाड़ी आउट नही हो जाते है.

मैं इस खेल को कई कारणों से पसंद करता हूं। यह सस्ता है। कोई बड़ा खेल का मैदान की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए कोई सामग्री की आवश्यकता नहीं है।

मज़ा और खुशी देता है। यह हमें मजबूत, स्मार्ट और सतर्क बनाता है। हम इसे कहीं भी खेल सकते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। इसे ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं है। यह उबाऊ नहीं है।

निरंतर भारतीय खेल गायब हो रहे हैं जबकि विदेशी खेल लोकप्रिय हो रहे हैं। यह सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कबड्डी के खेलों का आयोजन करवाया जाना चाहिए।

यह हमारा प्राचीन खेल है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। मेरा प्रिय खेल निबंध यही समाप्त होता है, इसे पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद्.

कबड्डी का इतिहास व जन्म (History of Kabaddi)

स्फूर्ति के इस दमखम खेल का जन्म कब हुआ, इसे पहली बार कब व कहाँ खेला गया. इस सम्बन्ध में कोई पुष्ट जानकारी नही है. कहा जाता है कि महाभारत काल में कबड्डी का जन्म भारत में ही हुआ. अभिमन्यु व कौरवों के बिच संग्राम के दौरान इसकी झलक मिलती है.

मगर सभी लोग इस पर एकमत नही है. दूसरी तरफ ईरान इस खेल को अपने देश से जोड़ता है. यह सच है कि कबड्डी जितना लोकप्रिय भारत में है, अन्य किसी देश में नही है, चाहे वो ईरान हो या अन्य एशियाई देश.

देश के ग्रामीण जनमानस की रग रग में इस खेल का जूनून ही इस बात का सबूत है, कि यह भारतीय खेल था.कबड्डी का वर्तमान स्वरूप 1920 के दशक में महाराष्ट्र से शुरू हुआ, इसी समय इस खेल के नए नियम बनाए गये. तथा पेशेवर खेल के रूप में कबड्डी को भी शामिल किया जाने लगा.

1936 के बर्लिन ओलम्पिक में पहली बार कबड्डी को शामिल किये जाने के बाद विश्व के लोग इससे परिचित हुए. भारत में 1938 में इसे राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित किया गया. आजादी के बाद 1950 में अखिल भारतीय कबड्डी संघ (आल इंडिया कबड्डी फेडरेशन) बनाया गया.

1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्र हुए बांग्लादेश ने कबडडी को अपने राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता दी. 1980 में इसकी पहली एशियन कबड्डी प्रतियोगिता शुरू हुई.

भारत में खेले गये एशियन गेम्स 1982 एवं इसके बाद बीजिंग एशियन गेम्स में भी कबड्डी को शामिल किया गया था.

कबड्डी के नियम (rules of kabaddi in hindi)

  • जिसकी कबडडी जाने की बारी है वह खिलाड़ी बिना सांस तोड़े कबड्डी कबड्डी बोलेगा.
  • उसे टच लाइन पार करनी है, अन्यथा वह आउट माना जाएगा.
  • अगली लाइन बोनस लाइन है. उसको एक पैर से पार कर दूसरा पैर थोड़ा हवा में थोड़ा भी थोड़ा भी उठाने पर एक बोनस अंक अतिरिक्त मिलेगा.
  • इस दौरान जितने भी खिलाड़ियों को छू कर, मध्य रेखा को छू लेगा, उतने ही अंक उस टीम को मिलेंगे.
  • यदि वह पकड़ा जाता है तथा मध्य रेखा तक नही पहुच पाता है, तो वह आउट माना जाएगा. साथ ही विपक्षी टीम को एक अंक मिलेगा.
  • कबड्डी में आउट खिलाड़ी उसी क्रम में वापिस पाले में आएगे, जिस क्रम में वे आउट हुए है.
  • 20 मिनट बाद 10 मिनट का मध्यांतर होगा. मध्यांतर के बाद 20 मिनट का खेल और होगा.
  • जिस टीम के ज्यादा अंक होगे, वह टीम विजेता बन जाएगी.

कबड्डी की प्रमुख प्रतियोगिताएं (Kabaddi tournaments)

जैसा कि उपर जिक्र किया जा चुका है. यह एक ऐसा खेल है जो घर मोहल्ले से अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक खेला जाने वाला आधुनिक खेल है.

हाल ही के वर्षों में इसकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते कई बड़े टूर्नामेंट का आयोजन भी किया जाता है. जिनमें स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबडडी टूर्नामेंट तथा वर्ल्ड कबड्डी लीग के अतिरिक्त खेले जाने वाले मुख्य टूर्नामेंट ये है.

Asia Kabaddi Cup – ये सभी एशियाई देशों के मध्य खेली जाने वाली महाद्वीपीय प्रतियोगिता है. वैसे भी अधिकतर कबड्डी को चाहने वाले फैन्स इसी रीजन के है.

पहली बार एशिया कबड्डी कप 2011 में ईरान में खेला गया, इसके अगले साल इसका आयोजन पाकिस्तान में हुआ, जिसे पाक टीम द्वारा जीता गया था.

Circle style की इस प्रतियोगिता का अगला ख़िताब वर्ष 2016 में भी पाकिस्तान के द्वारा जीता गया, जिसमें भारतीय टीम दूसरे स्थान पर रही.

एशियाई खेल – एशियाई खेलों में भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है, दो साल के अंतराल से आयोजित इस प्रतियोगिता को पहली बार कबड्डी को 1990 में बीजिंग में हुये एशियाई खेलों में शामिल किया गया था।

पहले एशियाई खेल में भी भारत द्वारा स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद अब तक हुए 7 आयोजनों में भी भारत ने गोल्ड मैडल जीता है.

कबड्डी विश्वकप – इस खेल की सबसे बड़ी प्रतियोगिता है. 2010 के बाद इसका आयोजन हर वर्ष एक नये स्थान पर किया जाता है. जिसमे विश्व की बड़ी टीम हिस्सा लेती है.

कबड्डी विश्वकप का पहला आयोजन 2004 में किया गया, इसके बाद ये 2007 व 2010 क्रमशः तीन वर्षों के अंतराल से खेला जाता था.

कबड्डी विश्व कप 2017 का आयोजन भारत के अहमदाबाद शहर में हुआ था, जिसमें भारत ने ईरान को कड़े मुकाबले में हराते हुए खिताब अपने नाम किया था. इस टूर्नामेंट में अभी तक भारत का दबदबा कायम है.

महिला कबड्डी विश्व कप – यह एक महिला प्रतियोगिता है. 2012 में इसका पहला आयोजन हुआ था. इसके बाद 2014 में इसका अगला टूर्नामेंट खेला गया था.

भारतीय महिला कबड्डी टीम ने इन दोनों संस्करणों को अपने नाम कर यह जता दिया था, कि वो ही कबड्डी के असली बादशाह है.

प्रो कबड्डी लीग – आईपीएल की बिसात पर शुरू किया गया यह कबड्डी टूर्नामेंट बेहद लोकप्रिय है. 2014 में इसका पहला आयोजन किया गया था. इसे स्टार स्पोर्ट्स प्रो टूर्नामेंट भी कहा जाता है.

स्टार स्पोर्ट्स 1,2 और hd पर इसका हिंदी व अंग्रेजी में सीधा प्रसारण होता है. विश्व स्तर पर कबड्डी की मार्केटिंग और प्रमोशन में इस खेल प्रतियोगिता का महत्वपूर्ण स्थान रहा है.

इसके अतिरिक्त यूके कबड्डी कप और विश्व कबड्डी लीग जिसका आयोजन क्रमशः इंग्लैंड व संयुक्त राज्य अमेरिका में होता है. काफी लोकप्रिय टूर्नामेंट है.

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Kabaddi Par Nibandh | कबड्डी पर निबंध

Kabaddi Par Nibandh | कबड्डी पर निबंध

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कबड्डी पर निबंध | Kabaddi Par Nibandh

प्रस्तावना: कबड्डी भारत (Kabaddi Par Nibandh) का एक प्राचीन खेल है जो देश भर में लोकप्रियता के साथ खेला जाता है। यह खेल न केवल शारीरिक बल का प्रदर्शन करता है, बल्कि मानसिक तनाव को कम करने में भी सहायक होता है। यह एक खुली मैदान में खेला जाने वाला खेल है, जो गांव और शहर दोनों में प्रतिस्पर्धा का एक अभिन्न अंग बना है। इस निबंध में, हम कबड्डी के खेल के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

कबड्डी का इतिहास और मूल: कबड्डी भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुआ था और इसका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। इस खेल का मूल उद्दीपक था, जिसमें कई प्राचीन शस्त्रों और युद्धकला के अंग शामिल थे। भारतीय ऐतिहासिक साहित्य में भी कबड्डी का उल्लेख मिलता है, जैसे कि महाभारत में भी इसे ‘कपट्ट’ नाम से संबोधित किया गया है।

कबड्डी के नियम और खेलने का तरीका: कबड्डी खेल के लिए नियम और तरीके अलग-अलग राज्यों में थोड़ा भिन्न हो सकते हैं, लेकिन इसके मुख्य तत्व सभी जगह एक जैसे होते हैं। इस खेल के लिए एक बड़ा मैदान जरूरी होता है, जिसे ‘कबड्डी रिंग’ या ‘कबड्डी मैट’ कहा जाता है। खेल का मुख्य उद्देश्य एक खिलाड़ी को दूसरे खिलाड़ी के सीमित क्षेत्र (या कबड्डी रिंग) में प्रवेश करते हुए उसे छूने का होता है, और खुद को सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर वापस आना होता है। छूआ हुआ खिलाड़ी पकड़ लिया जाए तो वह खेल से बाहर हो जाता है। खिलाड़ी को ताकतवर, चुस्त और तत्कालिक निर्णय लेने की क्षमता की आवश्यकता होती है।

कबड्डी की महत्ता: कबड्डी एक शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण खेल है। यह एक दलीय खेल है जिसमें सामंहिक सहयोग, समन्वय और टीम के सदस्यों के बीच भरोसा महत्वपूर्ण है। खेल में सफलता प्राप्त करने के लिए ताकत, स्थायित्व, और नियंत्रण का अच्छा संतुलन होना आवश्यक है। कबड्डी खेल को शारीरिक स्वास्थ्य और फिटनेस को सुधारने का एक उत्कृष्ट तरीका माना जाता है। इससे खिलाड़ियों में दृढ़ता, साहस, और सहनशीलता विकसित होती है।

कबड्डी की लोकप्रियता: कबड्डी भारत में एक प्रमुख खेल है जो गांवों से लेकर शहरों तक किसी भी स्तर पर खेला जाता है। खेल के मुख्य कारणों में से एक यह है कि यह एक सरल और सुलभ खेल है जिसे किसी भी उम्र के लोग खेल सकते हैं। इसके लिए खास खिलवाड़ की आवश्यकता नहीं होती, जिससे इसकी लोकप्रियता और उपलब्धता बढ़ती है।

समाप्ति: कबड्डी एक एकता (Kabaddi Par Nibandh), साहस, और सामर्थ्य का प्रतीक है। इसे खेलने से शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। भारतीय खेल की संप्राप्ति और विकास में कबड्डी का महत्वपूर्ण योगदान है और यह देश के खेल भवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। कबड्डी के माध्यम से खिलाड़ियों को सफलता, सामर्थ्य, और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ने का मौका मिलता है।

कबड्डी खेल का इतिहास | Kabaddi Khel Ki History

कबड्डी का उल्लेख प्राचीन भारतीय साहित्य में भी मिलता है। कई प्राचीन लेखों, जैसे कि ग्रीवस्म्रिति और महाभारत, में भी कबड्डी के खेल का वर्णन किया गया है। कबड्डी को ‘कपट्ट’, ‘हुडुगुडु’, ‘चदुरङ्ग’, ‘हुडुगुडु हुसारव’ आदि नामों से जाना जाता था।

भारत के विभिन्न राज्यों में विभिन्न नामों और रूपों में इस खेल को खेला जाता है। उदाहरण के तौर पर, पंजाब में इसे ‘कबड्डी’, तमिलनाडु में ‘कबडी’ और केरल में ‘कबड्डीवेला’ कहा जाता है।

कबड्डी एक प्राकृतिक खेल है जो किसानों और गांवों में पैदा हुआ था। इसे मुख्य रूप से फसलों के काम के समय खेला जाता था। यह खेल शारीरिक शक्ति, साहस, और तनाव को कम करने में सहायक रहता है। इसके खेलने से खिलाड़ियों को व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ सामूहिक सहयोग भी सीख मिलती है।

कबड्डी को आधिकारिक रूप से पहली बार भारतीय खेल के रूप में 1920 में मुंबई में आयोजित अल्ल इंडिया कबड्डी ताद्का में शामिल किया गया था। 1938 में भारत कबड्डी महासंघ का स्थापना हुआ, जिसका उद्देश्य खेल को आधिकारिक रूप से प्रोत्साहित करना था।

भारतीय खेल के रूप में कबड्डी को 1990 के दशक में एशियाई खेलों का एक प्रमुख खेल बनाया गया था। इसके बाद से इसकी लोकप्रियता और पहचान भारतीय खेल रूप में और भी मजबूत हुई है।

कबड्डी को 1936 में बेरलिन ओलंपिक खेलों में भी प्रदर्शित किया गया था। यह इतिहास में पहली बार था जब एक भारतीय खेल ओलंपिक में शामिल हुआ था। हालांकि, बाद में यह खेल ओलंपिक कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया गया।

आज, कबड्डी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेला जाता है और विभिन्न देशों में इसके प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। भारत में कबड्डी को एक प्राचीन और महत्वपूर्ण खेल के रूप में सम्मान और प्रशंसा की जाती है और यह खेल लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है।

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कबड्डी पर 10 पंक्ति | Kabaddi Par Nibandh

  • कबड्डी एक प्राचीन भारतीय खेल है जिसमें दो टीमें एक-दूसरे के साथ प्रतियोगिता करती हैं।
  • इस खेल का मुख्य उद्देश्य एक खिलाड़ी को दूसरे खिलाड़ी के सीमित क्षेत्र में प्रवेश करते हुए उसे छूने का होता है।
  • यह एक खुले मैदान में खेला जाने वाला खेल है, जिसमें ताकत, साहस, और तत्कालिक निर्णय लेने की क्षमता की आवश्यकता होती है।
  • कबड्डी खेल शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होता है और एकता और सहयोग को बढ़ाता है।
  • भारत में कबड्डी को एक प्रमुख खेल के रूप में माना जाता है जो गांवों से लेकर शहरों तक खेला जाता है।
  • इस खेल को पहली बार 1920 में मुंबई में आयोजित अल्ल इंडिया कबड्डी ताद्का में शामिल किया गया था।
  • भारतीय खेल के रूप में कबड्डी को 1990 के दशक में एशियाई खेलों का एक प्रमुख खेल बनाया गया था।
  • यह खेल भारतीय खेल रूप में और भी मजबूत हुआ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेला जाता है।
  • कबड्डी खेल में दक्षिण एशिया के दूसरे देशों में भी प्रचलित है और इसे विविध रूपों में खेलते हैं।
  • इस खेल के खिलाड़ियों को सामर्थ्य, साहस, और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ने का मौका मिलता है और इससे खिलाड़ियों में एकजुटता और सहयोग की भावना विकसित होती है।

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Hindi Yatra

मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध – Mera Priya Khel Kabaddi in Hindi

Mera Priya Khel Kabaddi in Hindi आज हम भारत के  परंपरागत खेल मेरा प्रिय खेल कबड्डी  के बारे में हिंदी में लिखने वाले हैं. कबड्डी पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है.

इस निबंध को हमने अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिससे अनुच्छेद और निबंध लिखने वाले विद्यार्थियों को कोई भी परेशानी नहीं हो और वह कबड्डी खेल के बारे में अपनी परीक्षा में सही जानकारी लिख सकेंगे.

Mera Priya Khel Kabaddi Essay in Hindi 150 words

मेरा नाम विजय है मुझे सभी खेल पसंद है लेकिन मैं सबसे अच्छा Kabaddi खेल खेलता हूं इसलिए मेरा प्रिय खेल कबड्डी है. यह खेल खेलते समय मुझे बहुत अच्छा लगता है.

कबड्डी टीम में वैसे तो 12 खिलाड़ी होते है लेकिन खेलते सिर्फ 7 खिलाड़ी ही हैं और बाकी के खिलाड़ी इसलिए होते हैं कि अगर किसी खिलाड़ी को चोट आ जाए तो उसकी जगह पर दूसरा खिलाड़ी खेल सके.

Mera Priya Khel Kabaddi Essay in Hindi

Get some Essay on Kabaddi in hindi for Students 150, 300 or 1000 words.

इस खेल को खेलने के लिए सिर्फ एक मैदान की ही आवश्यकता होती है जिसमें दोनों टीमों के लिए दो पाले बने होते है. इस खेल में एक टीम का खिलाड़ी विपक्षी टीम के पाले में जाकर विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को हाथ लगाकर वापस लौटना होता है

अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो विपक्षी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है और वह ऐसा करने में सफल हो जाता है तो उनकी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है.

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इस खेल को खेलते समय कबड्डी शब्द का उच्चारण करना जरूरी होता है.

Mera Priya Khel Kabaddi in Hindi 400 words

मेरा प्रिय खेल कबड्डी है और मुझे यह खेल खेलना बहुत अधिक पसंद है. मैं और मेरे दोस्त रोज हमारे घर के पास बने मैदान में जाकर कबड्डी खेलते है.

मेरी स्कूल में भी हमारे खेल के शिक्षक द्वारा कबड्डी खेलना सिखाया जाता है पिछले साल हमारी टीम ने कबड्डी के मैच में गोल्ड मेडल जीता था. मेरा लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर भारत की तरफ से कबड्डी खेल में एशियाई खेलों में खेलने जाऊं. मै कबड्डी का सबसे अच्छा खिलाड़ी बनना चाहता हूं.

Kabaddi खेलने के लिए एक छोटे मैदान की आवश्यकता होती है और दो कबड्डी टीमों की आवश्यकता होती है कबड्डी में प्रत्येक टीम में 7-7 खिलाड़ी होते है.

कबड्डी के मैदान के बीचो बीच सफेद रंग की एक रेखा खींची जाती है जो कि दोनों टीमों के पाले को इंगित करती है. खेल खेलने से पहले सभी खेलों की तरह सिक्का उछाल के टॉस किया जाता है जीतने वाली टीम पहले खेलती है.

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कबड्डी खेलने के लिए शरीर में स्फूर्ति और चपलता की जरूरत होती है यह शतरंज की तरह ही दिमाग से खेले जाने वाला खेल है.

इस खेल में एक टीम का एक खिलाड़ी विपक्षी टीम के पाले में कबड्डी शब्द का उच्चारण करते हुए जाता है और वह विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को छूकर वापस अपने पाले में आने का प्रयास करता है

अगर वह इसमें सफल हो जाता है तो उसकी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है और वह ऐसा नहीं कर पाता है तो विपक्षी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है.

इस खेल को खेलने के लिए 20 मिनट का टाइम निश्चित किया जाता है लेकिन यह टाइम कम ज्यादा भी किया जा सकता है. यह खेल देखने में जितना साधारण लगता है खेलने में उतना ही कठिन है. इस खेल को खेलने से हमारे शरीर में रक्त संचार बढ़ जाता है और साथ ही हमारे स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.

यह खेल हमें अनुशासन में रहना सिखाता है इस खेल को खेलने से भाईचारे की भावना पैदा होती है शायद इसीलिए इस खेल को भारत में प्राचीन काल से ही खेला जाता रहा है. Kabaddi को हमारे देश में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे दक्षिण भारत में “चेडुगुडु” और पूर्वी भारत में “हु तू तू” के नाम से भी जानते है.

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कबड्डी खेलने से हमारा मन शांत रहता है और इस खेल को खेलने के बाद हम जो भी कार्य करते हैं उसमें हमारा पूरा ध्यान लगता है इसलिए कबड्डी मेरा सबसे अधिक प्रिय खेल है.

Mera Priya Khel Kabaddi Essay in Hindi 1000 words

हमारे जीवन में खेलों का अहम स्थान होता है हमारे स्वास्थ्य के लिए जितना खाना पीना जरूरी है उतना ही खेलना भी जरूरी है. खेल हमारे जीवन को खुशियों और उमंगो से भर देते है. प्रत्येक बच्चे के बचपन की शुरुआत खेल खेलने से ही होती है.

प्राचीन काल में बच्चों को बाहर खेलना बहुत पसंद था. खेल दो प्रकार के होते है एक इनडोर और एक आउटडोर.  आउटडोर खेल वे होते है जो मैदानों में खुले में खेले जाते है इनमें कबड्डी, खो-खो, फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट, भाग दौड़, पिट्टू आदि खेल खेलें जाते है. इन खेलों को खेलने से शरीर की कसरत भी हो जाती थी और शरीर तंदुरुस्त बना रहता है.

मैदानों में खेले जाने वाले खेलों से सोचने समझने की क्षमता का विकास होता है. खेल खेलने से शरीर हष्ट पुष्ट रहता है और किसी प्रकार का आलस्य नहीं होता है इससे हमारे जीवन में खेलों का महत्व और बढ़ जाता है.

मुझे सभी खेल खेलने पसंद है लेकिन मेरा सबसे प्रिय खेल कबड्डी है. कबड्डी खेलना मुझे बहुत पसंद है कबड्डी हमारे देश का लोकप्रिय गेम है जो कि पुराने जमाने से खेला जाता आ रहा है. मैं एक छोटे गांव में रहता हूं तो यहां पर सबसे सस्ता और अच्छा खेल कबड्डी है.

मेरे सभी दोस्तों को भी Kabaddi खेलना बहुत पसंद है हम रोज खेल के मैदान में जाकर इस खेल को खेलते है. इस खेल को खेलने के लिए शरीर में स्फूर्ति होनी आवश्यक है और साथ ही सोचने की क्षमता भी अधिक होनी चाहिए.

हम कबड्डी इसलिए खेलते हैं क्योंकि एक तो यह हमें सबसे अच्छा लगता है और साथ ही इससे हमारा शारीरिक और मानसिक विकास में होता है. हमारी स्कूल और कॉलेज में प्रतिवर्ष कबड्डी के राज्य और जिला स्तर पर मैच होते है.

इस खेल को खेलने से हमारा मन भी शांत रहता है और दिमाग भी तेजी से काम करता है हमारे देश में प्राचीन काल से ही खेला जाता रहा है इस खेल को गांव में ज्यादा खेला जाता है क्योंकि इसमें किसी प्रकार खर्चा नहीं होता है.

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कबड्डी खेलने का तरीका –

कबड्डी खेलने के लिए एक मैदान की आवश्यकता होती है वह मैदान कैसा भी हो सकता है चाहे वह मिट्टी का हो या फिर छोटी घास वाला मैदान.

कबड्डी खेलने के लिए इसमें 2 टीम होती है जिनमें 7 – 7 खिलाड़ी होते है.

इस खेल में मैदान दो बराबर हिस्सों में बंटा होता है जिसके बीचो-बीच एक लाइन बना दी जाती है दोनों हिस्सों को आम भाषा में “पाला” भी कहा जाता है.जिसके दोनों तरफ दोनों टीमों के खिलाड़ी आ जाते है फिर अन्य खेलों की तरह ही इस में टॉस किया जाता है जो भी टीम टॉस जीतती है

उस दिन का खिलाड़ी दूसरे टीम के पाले में कबड्डी-कबड्डी का उच्चारण करते हुए जाता है और अगर वह खिलाड़ी दूसरे टीम के किसी खिलाड़ी को हाथ लगाकर वापस अपने पाले में आ जाता है तो उस टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है और अगर वह खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाता है तो दूसरी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है.

इस प्रकार जो भी टीम अधिक पॉइंट हासिल करती है वही टीम जीत जाती है.

दोनों कबड्डी टीमों में 5-6 स्टापर (पकड़ने में माहिर खिलाड़ी) और 4-5 रेडर (छूकर भागने में माहिर) खिलाड़ी होते है.

पुराने जमाने में कबड्डी को खेलने के लिए कुछ अधिक नियम नहीं थे लेकिन जब से इस खेल को एशियाई खेलों का हिस्सा बनाया है तब से इसमें कुछ नियम बना दिए गए है वह इस प्रकार है –

कबड्डी खेलने के नियम – Rules of Kabaddi in Hindi language

(1) कबड्डी खेलने के लिए 13 मीटर लंबे और 10 मीटर चौड़े मैदान की आवश्यकता होती है.

(2) कबड्डी का मैदान मिट्टी और घास का बना हो सकता है.

(3) इस खेल को खेलने के लिए दो टीम की आवश्यकता होती है दोनों टीमों में 7 – 7 खिलाड़ी होते है.

(4) इस खेल को खेलने की समय अवधि 20 मिनट होती है इन 20 मिनट में जो भी टीम सबसे ज्यादा पॉइंट बनाती है वह विजयी घोषित की जाती है.

(5) इस खेल को खेलने के लिए अन्य सभी खेलों की तरह सबसे पहले टॉस किया जाता है टॉस में जीतने वाली टीम सबसे पहले खेलती है.

(6) कबड्डी खेलने वाले खिलाड़ी को दूसरी टीम के पाले में जाते समय कबड्डी शब्द का उच्चारण करते रहना पड़ता है अगर वह कबड्डी शब्द बोलना भूल जाता है या फिर बोलते बोलते अटक जाता है तो उस खिलाड़ी को आउट कर दिया जाता है.

(7) कबड्डी मैदान में खिलाड़ी के बाहर जाने पर भी खिलाड़ी को आउट मान लिया जाता है.

(8) कबड्डी खेल का आयोजन उम्र और वजन के आधार पर किया जाता है.

कबड्डी का इतिहास – History of Kabaddi in Hindi

कबड्डी खेल मुख्य रूप से भारत और इसके आसपास के देशों में खेला जाता है लेकिन जब से कबड्डी को एशियाई खेलों में स्थान दिया गया है तब से यह खेल जापान और कोरिया जैसे देशों में भी खेला जाने लगा है.

कबड्डी खेल जितना भारत में प्रसिद्ध है उतना ही नेपाल बांग्लादेश पाकिस्तान श्रीलंका आदि देशो में भी यह बहुत प्रसिद्ध खेल है. कबड्डी खेल बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि कबड्डी खेल की उत्पत्ति भारत देश से ही हुई है.

कबड्डी का सबसे पहला विश्वकप वर्ष 2004 में खेला गया था उसके बाद से 2007 और 2010 और 2012 में खेला जाता रहा है. इस खेल को 1990 से ही एशियाई खेलों में खेला जाता रहा है इसमें हर बार हमारे भारत की टीम ही विजयी रही है.

Kabaddi World Cup 2004, 2007, 2016 में खेला गया था. South Asian Games – 2006, 2010, 2016 में खेला गया था.

Kabaddi Asia Cup 2017 में और Dubai Kabaddi Masters 2018 में खेला गया है इन सभी खेलों के आयोजन में हमारी भारतीय टीम हर बार विजयी रही है जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है.

कबड्डी खेल मैदान में खेले जाने वाला सबसे अच्छा खेल है. हम सभी को यह खेल खेलना चाहिए. कबड्डी खेल हमारी सेहत को अच्छा बनाए रखता है साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियों से भी डटकर मुकाबला करना सिखाता है.

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6 thoughts on “मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध – Mera Priya Khel Kabaddi in Hindi”

Thanku sir kabaddi par essay likhne ke liye Most welcome Dear sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹 Thanku so much sir

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Kabaddi ke upayug bataiye

Shaheena begum ji kabaddi ke labh hote hai wo hmane 400 words wale essay me bataye hai

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Thank you Neelesh Kumar for Appreciation.

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मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध essay on kabaddi in hindi.

Today we are haring essay on Kabaddi in Hindi (मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध) for students of 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 ,11, 12. Read Essay on Kabaddi in Hindi कबड्डी पर निबंध.

Essay on Kabaddi in Hindi

Essay on Kabaddi in Hindi 100 Words

कबड्डी भारत का सबसे पुराना खेल है। क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल जैसे खेलों के बीच कबड्डी मेरा प्रिय खेल है। इसमें तेज दिमाग और चुस्त शरीर दोनों चाहिए। ‘कबड्डी’ सीधा-सादा खेल है जिसमें किसी विशेष सामान की भी आवश्यकता नहीं होती। खेल के मैदान के बीचों-बीच रेखा खींच, खिलाड़ियों को दो टीमों में बाँटा जाता है। पहली टीम का खिलाड़ी दूसरी टीम के पाले में ‘कबड्डी-कबड्डी’ कहता उनके एक खिलाड़ी को छूकर अपने पाले में वापिस आता है। साँस टूटने पर या उस टीम के किसी खिलाड़ी दवारा पकड़े जाने पर आउट माना जाता है। अधिक अंक बनाने वाली टीम विजयी होती है। भारत के गाँवों में यह खेल बहुत प्रसिद्ध है। मुझे भी यह खेल बहुत अच्छा लगता है।

Essay on Kabaddi in Hindi 600 Words

हमारे स्वास्थ्य के लिए जितना खाना पीना जरूरी है उतना ही खेलना भी जरूरी है। प्रत्येक बच्चे के बचपन की शुरुआत खेल खेलने से ही होती है। आजकल भारत में.अनेक खेल खेले जाते हैं जैसे क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी और कब्बडी इत्यादि। मुझे इन सब में सबसे अधिक अपना देशी खेल कब्बडी पसंद है। भारत में बहुत पुराने समय से कबड्डी लोकप्रिय खेल रहा है। ‘कबड्डी’ एक सुन्दर, सस्ता, सरल और स्वास्थ्यप्रद खेल है।

यह खेल ताकत और बुद्धिमत्ता का मिला – जुला संगम होता है। कबड्डी विशेष रूप से गाँव में ज्यादा खेला जाता है। कबड्डी खेल में मैदान के बीचों बीच एक लाईन खींचकर मैदान को दो भागों में बाँट दिया जाता है जिसे पाला कहते है। कबड्डी खेलने के लिए दो टीम होती है जिसमे 12-12 खिलाड़ी होते है लेकिन खेलते सिर्फ 7 खिलाड़ी ही हैं और बाकी के खिलाड़ी इसलिए होते हैं कि अगर किसी खिलाड़ी को चोट आ जाए तो उसकी जगह पर दूसरा खिलाड़ी खेल सके। अन्य खेलों जैसे क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल और वॉलीबोल आदि के लिये विशेष रूप से तैयार मैदान की आवश्यकता होती है जबकि कबड्डी के लिए किसी विशेष स्थान की जरूरत नहीं पड़ती। अन्य खेलों की तरह इसमें महंगे सामान और साधनों की आवश्यकता नहीं होती।

कबड्डी कंही भी और कभी भी खेली जा सकती है। सिक्का उछाल कर टॉस किया जाता है और इसी के साथ मुकाबला प्रारम्भ हो जाता है। टॉस जीतने वाला पहले आक्रमण करता है। गाँवों और शहरों में.जब बच्चे कबड्डी खेलते हैं तो किसी खाली मैदान के बीच एक लाइन खींच ली जाती है और दोनों टीमों में मुकाबला शुरू हो जाता है। पुराने जमाने में कबड्डी को खेलने के लिए कुछ अधिक नियम नहीं थे लेकिन जब से इस खेल को एशियाई खेलों का हिस्सा बनाया है तब से इसमें कुछ नियम बना दिए गए है। कबड्डी को लेकर बदलते खयाल का कारण बेशक प्रो कबड्डी लीग है। स्कूल और कॉलेज में इसका महत्व बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर भी कबड्डी की प्रतियोगिताएं होती हैं। वह दिन दूर नहीं जब यह खेल अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करेगा। कबड्डी खेल जितना भारत में प्रसिद्ध है, उतना ही नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका आदि देशो में भी यह बहुत प्रसिद्ध खेल है।

खेल आरम्भ होने पर एक ओर का खिलाड़ी कबड्डी – कबड्डी कहते हुए दूसरी ओर जाता है और निर्धारित समय में दूसरी ओर के खिलाड़ी को छूने की कोशिश करता है। यदि वह सुरक्षित लौट आता है तब विरोधी टीम के जितने भी खिलाड़ियों को उसने छुआ है वे सभी आउट माने जाते हैं। दूसरी ओर के खिलाड़ी उसे पकड़ने का प्रयत्न करते है। यदि दुसरी टीम के खिलाड़ी उसे उसके पाले में जाने से रोक ले तो वह ऑउट हो जाता है और दूसरी टीम को पॉइंट मिलता है।

जैसे जैसे पॉइंट बढ़ते है उस टीम के ऑउट हुए खिलाड़ी वापिस आतें रहते हैं। इसी क्रम से कबड्डी का खेल चलता रहता है। यह खेल देखने में जितनी साधारण लगता है खेलने में उतना ही कठिन है। जो टीम अधिक पॉइंट हासिल करती है वही टीम जीत जाती है।

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kabaddi long essay in hindi

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कबड्डी खेल के नियम, इतिहास,निबंध | Kabaddi Khel Rules History Essay in Hindi

कबड्डी खेल के नियम, इतिहास, निबंध, विशेषताएं, अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी, अतिरिक्त समय, मैदान, ग्राउंड [Kabaddi Rules and Regulations in Hindi] (Essay, History, International Kabaddi, Kit, World Cup, Players, Ground, Game, Court, Time)

कबड्डी एक ऐसा खेल है, जिसमे कई खेलें मिश्रित हैं. इसमें रेसलिंग, रग्बी आदि खेलों का मिश्रण देखने मिलता है. इसका मुकाबला दो दलों के बीच होता. ये जहाँ एक तरफ बहुत ही ज़बरदस्त खेल है वहीँ दूसरी तरफ़ कई कसरतों का मेल भी है. समय के साथ इस खेल का बहुत विकास हुआ है. आज ये ज़िला, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला जा रहा है. बहुत बड़े पैमाने पर खेले जाने की वजह से कई नौजवान कबड्डी में दिलचस्पी  भी लेने लगे हैं, और अपने क्षेत्र के कबड्डी क्लब से जुड़कर कबड्डी के ज़रिये अपना भविष्य और अपनी पहचान बनाने की कोशिश में लगे है. इस खेल को विभिन्न जगहों में विभिन्न नाम से जाना जाता है. जैसे तमिलनाडु में कबड्डी को चादूकट्टू, बंगलादेश में हद्दू, मालद्वीप में भवतिक, पंजाब में कुड्डी, पूर्वी भारत में हू तू तू, आंध्र प्रदेश में चेडूगुडू के नाम से जाना जाता है. कबड्डी शब्द मूलतः एक तमिल शब्द ‘काई- पीडी’ शब्द से बना है जिसका मतलब है हाथ थामे रहना, तमिल शब्द से निकलने वाला शब्द कबड्डी उत्तर भारत में बहुत मशहूर है.

Kabaddi-

Table of Contents

कबड्डी खेल के नियम, इतिहास,निबंध

कबड्डी खेल का इतिहास (kabaddi game history).

इस खेल का उद्भव प्राचीन भारत के तमिलनाडू में हुआ था. आधुनिक कबड्डी इसी का संशोधित रूप है, जिसे विभिन्न जगहों पर अन्य कई नामो से जाना जाता है. ये विश्वस्तरीय ख्याति सन 1936 में बर्लिन ओलिंपिक से मिली. सन 1938 में इसे कलकत्ता में राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित किया गया. सन 1950 में अखिल भारतीये कबड्डी फेडरेशन का गठन हुआ और कबड्डी खेले जाने के नियम मुक़र्रर किये गये. इसी फेडरेशन को ‘अमैच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ़ इंडिया’ के नाम से सन 1972 में पुनर्गठित किया गया. इसका प्रथम राष्ट्रीय टूर्नामेंट चेन्नई में इसी साल खेला गया.

कबड्डी को जापान में भी बहुत ख्याति मिली. वहाँ इस खेल को सुंदर राम नामक भारतीय सन 1979 में सबके सामने रखा. सुंदर राम उस समय ‘अमैच्योर कबड्डी’ के एशियाई फेडरेशन की जानिब से इस खेल को लेकर जापान गये थे. वहाँ उन्होंने लोगों के साथ मिल कर दो महीने तक इसका प्रचार किया. सन 1979 में इस खेल का भारत और बांग्लादेश के बीच का मुकाबला भारत में ही खेला गया. सन 1980 में इस खेल के लिए एशिया चैंपियनशिप का आग़ाज़ किया गया, जिसमे भारत ने बांग्लादेश को हरा कर इस टूर्नामेंट को जीता. इस टूर्नामेंट में इन दो देशों के अलावा नेपाल, मलेशिया और जापान भी थे. इस खेल को एशियाई खेल में सन 1990 में शामिल किया गया. इस दौरान इस खेल को बीजिंग में कई अन्य देशों के बीच मुकाबले के साथ खेला गया.

कबड्डी खेल का परिचय

बंगलादेश
12 ख़िलाड़ी होते हैं 
पुरुषों के लिए ( 13X10 मीटर)
महिलाओं के लिए ( 12X8 मीटर)
पुरुषों का 40 मिनट और
महिलाओं का 30 मिनट का होता है.
30 सेकंड
1915 और 1920 में
हु तू तू और चेडुगुडु.
2004 में
सीनियर पुरुषों के लिए 85kg
सीनियर महिलाओं के लिए 75kg
जूनियर पुरुषों के लिए 70kg
जूनियर गर्ल्स के लिए 65kg  
5 मिनट
2012 में
1950 में
26 जुलाई 2014

कबड्डी खेल की मुख्य विशेषता (Kabaddi game Features)

ये खेल दो दलों के बीच होता है. इसमें एक दल आक्रामक और दूसरा दल परिरक्षक के रूप में होता है. आक्रामक दल से एक एक करके खिलाड़ी परिरक्षक के क्षेत्र में परिरक्षकों को हराने के लिए आते हैं. परिरक्षकों द्वारा इस एक के बाद एक आते हुए परिरक्षकों को पकड़ना होता है. इस खेल का विस्तृत वर्णन नीचे दिया गया है –

अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी (International kabaddi)

कबड्डी के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के दलों में प्रत्येक दल में 7 खिलाड़ी होते हैं. खेल का मैदान दो दलों में बराबर भागों में बंटा होता है. पुरुषों द्वारा खेले जाने वाले कबड्डी में मैदान का क्षेत्रफल (10 बाई 13) का होता है, वहीँ स्त्रियों द्वारा खेले जाने वाले कबड्डी में मैदान का क्षेत्रफल (8 बाई 12) का होता है. दोनों दलों में तीन अतिरिक्त खिलाड़ी मौजूद होते हैं. ये खेल दो 20 मिनट के अंतराल पर खेला जाता है, जिसके बीच खिलाड़ियों को पांच मिनट का हाफ- टाइम मिलता है. इस हाफ टाइम के दौरान दोनों दल अपना कोर्ट बदल लेते हैं.

  • इस खेल को खेलते हुए आक्रामक दल की तरफ़ से एक खिलाडी परिरक्षक दल के कोर्ट में ‘कबड्डी- कबड्डी’ कहते हुए जाता है. इस दौरान जाने वाले खिलाडी को एक पॉइंट अर्जित करने के लिए एक साँस में कबड्डी कबड्डी कहते हुए परिरक्षक दल के कोर्ट में जा कर उस दल के एक या एक से अधिक खिलाड़ियों को छु कर जल्द से जल्द अपने कोर्ट में आना होता है. यदि बिना सांस छोड़े खिलाड़ी विरोधी दल के एक या एक से अधिक खिलाडी को छू कर अपने दल के कोर्ट में पहुंच जाता है तो, उसके दल को एक पॉइंट मिलता है.
  • जाने वाले खिलाड़ी को कबड्डी कबड्डी सिर्फ सांस छोड़ते हुए ही कहना होता है. यदि खिलाड़ी की सांस अपने कोर्ट में आने से पहले ही टूट जाती है, तो उसे आउट करार देकर रेफ़री द्वारा मैदान से बाहर कर दिया जाता है. यदि वो एक या एक से अधिक खिलाड़ी को छू कर अपने कोर्ट में बिना सांस लिए पहुँच जाता है, तो परिरक्षक दल के खिलाड़ी के छुए गये खिलाड़ी को रेफ़री आउट करार देकर मैदान से बाहर कर देता है, जिसके कारण आक्रामक दल को पॉइंट मिलता है.
  • इस दौरान परिरक्षक दल के खिलाड़ी मैदान के बीचों – बीच खिंची गयी रेखा को पार नहीं कर सकते. इसके साथ ही एक और रेखा खिची रहती है, जिसे अपने कोर्ट में लौटते समय यदि आक्रामक दल का खिलाड़ी छू भी लेता है और इसके बाद सांस लेने लगता है तो उसे आउट नहीं किया जाएगा.
  • आउट हुए खिलाडी अस्थायी रूप से मैदान से बाहर जाते हैं. अपने विरोधी टीम के खिलाड़ी को मैदान से बाहर भेज देने पर पॉइंट अर्जन होता है. यदि विरोधी दल पूरी तरह से मैदान से बाहर हो जाता है तो सामने वाले दल दो दो अतिरिक्त पॉइंट बोनस के तौर पर मिलते हैं. इसे ‘लोना’ कहा जाता है. खेल के अंत में जिस दल का स्कोर पॉइंट अधिक होता है वो विजेता हो जाता है.

इस खेल में होने वाले मैच खिलाडी की उम्र और उसके वजन के अनुसार विभाजित होते हैं. इस खेल के दौरान खिलाड़ियों के अतिरिक्त मैदान में 6 औपचारिक सदस्य भी मौजूद् होते हैं. इन सदस्यों मे एक रेफरी, दो अंपायर, एक स्कोरर और दो असिस्टेंट स्कोरर भी होते हैं.

कबड्डी खेल का मैदान (court) कैसा होता है

कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसके लिए अलग- अलग तरह के मैदान तैयार किए जाते हैं पुरूषो के लिए अलग और महिला टीम के लिए अलग। साथ ही ये भी देखा जाता है कि जिस मैदान पर कबड्डी का खेल खेला जा रहा है उसकी जमीन समतल और नरम है या नहीं क्योंकि इसी से खेल का सही अनुमान लगाया जाता है। इसके लिए आकार का भी खास ध्यान रखना पड़ता है। एक आकार तैयार किया जाता है 12.50 मीटर लम्बा और 10 मीटर । वहीं दूसरा 50 किग्रा भार से कम वर्ग के पुरुषों एवं महिलाओं के लिए यह लम्बाई 11 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर होती है। पूरे खेल क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटा जाता है। जिसको आम भाषा में सेंट्रल लाइन और खेल की भाषा में मध्य रेखा कहते हैं। इसमें खेल मैदान की लंबाई और चौड़ाई का भी खास ध्यान रखा जाता है।

इसके लिए खिलाड़ियो को उनकी टीम की टी-शर्ट और शाट्स दिए जाते हैं, साथ ही शूज भी। और फस्टएड किट हर किसी के पास होती है। जिसको समय पर इस्तेमाल किया जाता है।

कबड्डी खेल में कितने खिलाड़ी होते हैं

कबड्डी की टीम उतनी ही बड़ी होती है जितनी क्रिकेट की उसमें भी 12 खिलाड़ी होते हैं और इसमें भी अंतर ये होता है कि इसमें बस 7 खिलाड़ी ही खेलते हैं जो विरोधी टीम का सामना करते हैं।

कबड्डी खेल के नियम kabaddi game rules in hindi

विभिन्न तरह से खेले जाने की वजह से कबड्डी के कई विभिन्न नियम हैं. इसके मूल नियम नीचे दिए जा रहे हैं.

  • यह एक ‘हाइली कांटेक्ट स्पोर्ट’ है, जिसमे किसी खिलाड़ी का मुख्य उद्देश्य अपने विरोधी दल के कोर्ट में जा कर, उन्हें छू कर सफलता पूर्वक वापस अपने कोर्ट में आना होता है. इस दौरान जाने वाला खिलाड़ी कबड्डी कबड्डी कहते हुए जाते है.
  • प्रत्येक मैच 40 मिनट का होना चाहिए. इस दौरान खिलाडी विरोधी टीम के कोर्ट में ‘रेड’ करता है. रेड करने वाले खिलाडी को रेडर कहते हैं. किसी खिलाड़ी द्वारा उसके विरोधी दल के कोर्ट में प्रवेश करते ही रेड शुरू हो जाती है.
  • रेडर को संभालने वाले विरोधी दल के खिलाड़ी को डिफेंडर कहते हैं. डिफेंडर के पास रेडर को आउट करने के मौके अवस्थानुसार मिलते हैं. किसी भी रेड का अधिकतम समय 30 सेकंड होता है. रेड के दौरान रेडर को कबड्डी कबड्डी का रट लगाना होता है, जिसे चैंट कहा जाता है.
  • रेडर द्वारा डिफेंडर के कोर्ट में एक बार प्रवेश कर जाने पर रेडर दो तरह से पॉइंट अर्जित कर सकता है. इसमें पहला बोनस पॉइंट और दूसरा टच पॉइंट होता है.

कबड्डी खेल पॉइंट्स

इस खेल में कुछ पॉइंट निम्न तरह से अर्जित किये जाते है –

  • बोनस पॉइंट : डिफेंडर के कोर्ट में छः या छः से अधिक खिलाड़ियों की मौजूदगी में यदि रेडर बोनस लाइन तक पहुँच जाता है तो रेडर को बोनस पॉइंट मिलता है.
  • टच पॉइंट : रेडर द्वारा एक या एक से अधिक डिफेंडर खिलाड़ियों को छू कर सफलता पूर्वक अपने कोर्ट में वापस आ जाने पर टच पॉइंट मिलता है. ये टच पॉइंट छुए गये डिफेंडर खिलाड़ियों की संख्या के बराबर होता है. छुये गये डिफेंडर खिलाडियों को कोर्ट से बहार कर दिया जाता है.
  • टैकल पॉइंट : यदि एक या एक से अधिक डिफेंडर, रेडर को 30 सेकंड तक डिफेंड कोर्ट में ही रहने पर मजबूर कर देते हैं, तो डिफेंडिंग टीम को इसके बदले एक पॉइंट मिलता है.
  • आल आउट : यदि किसी टीम के सभी खिलाडियों को उसकी विरोधी टीम पूरी तरह से आउट करके मैदान से बाहर करने में सफ़ल हो जाती है, तो इसके एवज में जीती हुई टीम को 2 अतिरिक्त बोनस पॉइंट मिल जाते है.
  • एम्प्टी रेड : बौकल लाइन को पार करने के बाद यदि रेडर बिना किसी डिफेंडर को छुए या बिना बोनस लाइन को छुए वापस आ जाता है, तो इसे एम्प्टी रेड माना जाएगा. एम्प्टी रेड के दौरान किसी भी टीम को कोई पॉइंट नहीं मिलता.
  • डू ओर डाई रेड : यदि किसी टीम द्वारा लगातार दो एम्प्टी रेड हो जाता है तो तीसरे रेड को ‘डू ओर डाई’ रेड कहा जाता है. इस रेड के दौरान टीम को आवश्यक तौर पर या तो बोनस या टच पॉइंट अर्जित करना पड़ता है. ऐसा नहीं करने पर डिफेंडर टीम को एक अतिरिक्त पॉइंट मिलता है.
  • सुपर रेड : जिस रेड में रेडर तीन या तीन से अधिक पॉइंट अर्जित करता है, उस रेड को सुपर रेड कहा जाता है. ये तीन पॉइंट बोनस और टच को मिला कर भी हो सकता है या सिर्फ टच पॉइंट भी हो सकता है.
  • सुपर टैकल : यदि डिफेंडर टीम में खिलाड़ियों की संख्या तीन या तीन से कम हो जाती है, और वो टीम किसी रेडर को सँभालने और आउट करने में सफ़ल हो जाती है तो इसे सुपर टैकल कहते हैं. सुपर टैकल के लिए डिफेंडर टीम को एक अतिरिक्त पॉइंट भी मिलता है. इस पॉइंट का इस्तेमाल आउट हुए खिलाडी के पुनर्जीवन के लिए नहीं किया जा सकता है.

विश्व स्तरीय कबड्डी के नियम (International Kabaddi game rules)

विश्व स्तरीय विश्वकप के दौरान कबड्डी की नियमावली कुछ अलग होती है. नीचे एक एक करके उन नियमावली के प्रमुख अंश दिए जा रहे हैं.

  • ग्रुप स्टेज के दौरान अगर कोई टीम अपने विरोधी टीम को मैच में 7 पॉइंट से अधिक कई मार्जिन से हराता है, तो जीतने वाली टीम को 5 लीग पॉइंट मिलते हैं. जबकि हारने वाली टीम को लीग पॉइंट शुन्य मिलता है.
  • यदि विजेता टीम की जीत का मार्जिन 7 या 7 से कम पॉइंट का होता है तो जीतने वाली टीम को 5 लीग पॉइंट और हारने वाली टीम को 1 लीग पॉइंट मिलता है.
  • किसी मैच के टाई हो जाने पर दोनों टीमों को 3- 3 लीग पॉइंट दिये जाते है. ग्रुप मैच के टाई के बाद कौन सी टीम सेमी फाइनल में जाएगी, इसका निर्णय एक तरह के ‘डिफरेंशियल स्कोर’ द्वारा होता है. किसी टीम के लिए ये स्कोर उसके द्वारा कुल अर्जित पॉइंट और कुल स्वीकार्य पॉइंट के अंतर से पता चलता है. अधिकतम ‘डिफरेंशियल स्कोर’ पाने वाली टीम सेमी फाइनल में जाती है.
  • यदि डिफरेंशियल स्कोर में दो टीमों का स्कोर बराबर आ जाता है तो ऐसे हालात में टीमों का कुल स्कोर देखा जाता है. अधिकतम पॉइंट अर्जित करने वाली टीम को सेमिफिनल में भेजा जाता है.

कबड्डी खेल में अतिरिक्त समय (Extra time in Kabaddi)

यह नियम विश्वकप में फाइनल और सेमी फाइनल मैच के दौरान मौजूद होता है. फाइनल और सेमी फाइनल के दौरान यदि 40 मिनट का मैच टाई हो जाता है, तो खेल को अतिरिक्त समय के लिए बढाया जाता है.

  • किसी सेमिफिनल या फाइनल मैच के टाई हो जाने पर 7 मिनट अतिरिक्त मैच खेला जाता है. ये समय दो भागों में एक मिनट के ब्रेक से साथ बंटा होता है. प्रत्येक भाग तीन मिनट का होता है.
  • अपने बारह खिलाड़ियों के दल से किन्हीं सात बेहतरीन खिलाडियों के साथ दोनों टीमें फिर से सात मिनट के लिए मुकाबले में उतरती है. इस दौरान किसी भी टीम के कोच को ‘टाइम आउट’ कोचिंग की इजाज़त नहीं होती. हालाँकि लाइन अंपायर या असिस्टेंट स्कोरर की अनुमति से कोच टीम के साथ रह सकते हैं.
  • अतिरिक्त समय के दौरान सिर्फ एक खिलाड़ी के प्रतिस्थापन की आज्ञा होती है. खिलाडी का ये प्रतिस्थापन सिर्फ एक मिनट के ब्रेक के दौरान हो सकता है. इस सात मिनट के बाद भी यदि मैच टाई ही रहता है, तो गोल्डन रेड रूल का इस्तेमाल होता है.

कबड्डी में गोल्डन रेड (Golden red in Kabaddi)

इस दौरान एक टॉस होता है, टॉस जीतने वाले टीम को गोल्डन रेड का मौक़ा मिलता है. इस दौरान बौलक लाइन को बोनस लाइन माना जाता है. दोनों दलों को एक एक बार इसका मौक़ा मिलता है. इसके बाद भी यदि टाई की ही अवस्था बनी रही, तो विजेता टॉस के ज़रिये मुक़र्रर किया जाता है.

भारतीय कबड्डी के प्रकार (Types of kabaddi game)

कबड्डी खेल के चार बहुत विख्यात प्रारूप हैं, जिसे भारत में खेला जाता है. इसे भारत के अमैच्योर कबड्डी फेडरेशन द्वारा आयोजित किया जाता है.

  • संजीवनी कबड्डी – इस कबड्डी में खिलाडियों के पुनर्जीवन का नियम होता है. विरोधी दल के खिलाडी को आउट करने पर आक्रामक दल से बाहर हुए खिलाड़ियों में से एक को पुनर्जीवन मिल जाता है, और वह अपने दल की तरफ से फिर से खेलने लगता है. ये खेल भी 40 मिनट का होता है. जिसे खेलने के दौरान एक पांच मिनट का हाफ टाइम मिलता है. दो दलों में सात सात खिलाड़ी मौजूद होते है, और जो दल अपने विरोधी के सभी खिलाडियों को आउट कर देता है, उसे बोनस के तौर पर अतिरिक्त चार पॉइंट मिलते हैं.
  • जेमिनी स्टाइल – कबड्डी के इस प्रारूप में भी दोनों दलों में सात सात खिलाड़ी मौजूद होते हैं. खेल के इस प्रारूप में खिलाडियों को पुनर्जीवन नहीं मिलता, यानि किसी दल का एक खिलाड़ी यदि खेल के दौरान मैदान से आउट होकर बाहर जाता है, तो वह तब तक बाहर रहता है जब तक खेल समाप्त न हो जाए. इस तरह जो दल अपने विरोधी दल के सभी खिलाड़ियों को मैदान से बाहर करने में सफ़ल हो जाता है, तो उस दल को एक पॉइंट मिलता है. इस तरह से ये खेल पाँच या सात पॉइंट तक चलता है, यानि पूरे खेल में पांच या सात मैच खेले जाते हैं. इस तरह के मैच के दौरान समय तय नहीं रहता.
  • अमर स्टाइल – अमैच्योर कबड्डी फेडरेशन द्वारा आयोजित खेल का यह तीसरा प्रारूप है. ये प्रारूप अक्सर संजीवनी प्रारूप की ही तरह होता है, जिसमें समयावधि तय नहीं होती. इस तरह के खेल में आउट होने खिलाड़ी को मैदान से बाहर नहीं जाना पड़ता है. आउट होने वाला खिलाड़ी मैदान में रह कर आगे का खेल खेलता है. आउट करने के एवज में आक्रामक दल के खिलाड़ी को पॉइंट की प्राप्ति होती है.
  • पंजाबी कबड्डी – यह इस खेल का चौथा रूप है. इसे एक वृत्तिय परिसीमा के अन्दर खेला जाता है. इस वृत्त का व्यास 72 फिट का होता है. इस कबड्डी की भी तीन शाखाएं हैं, जिनके नाम लम्बी कबड्डी, सौंची कबड्डी और गूंगी कबड्डी है.

ये सभी प्रारूप क्षेत्र विशेष में अधिक खेले जाते हैं.   

कबड्डी में प्रमुख मुकाबले (Kabaddi tournaments)

कबड्डी विभिन्न उम्र के लोग विभिन्न स्तर पर खेल सकते हैं. इस वजह से इसके कई बेहतरीन मुकाबले ज़िला, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होते हैं. नीचे कुछ प्रमुख मुकाबलों का ज़िक्र किया जा रहा है.

  • एसियन गेम्स – इस खेल को एसियन गेम्स के तहत सन 1990 से खेला जा रहा है. भारत की कबड्डी टीम इस मुकाबले में सात स्वर्ण पदक जीत चुकी है. बांग्लादेश ने भी अपना प्रदर्शन इस मुकाबले में बहुत अच्छा किया है, और अपना स्थान दुसरे नम्बर पर दर्ज कराया है.
  • एशिया कबड्डी कप – एशिया कबड्डी कप भी बहुत मशहूर टूर्नामेंट है. ये प्रतिवर्ष सिलसिलेवार ढंग से दो बार आयोजित किया जाता है. सन 2011 में इसका अभिषेकात्मक मुकाबला ईरान में किया गया था. इसके एक साल बाद सन 2012 में एशिया कबड्डी कप का आयोजन पकिस्तान के लाहौर में किया गया था. ये 1 नवम्बर 2012 से 5 नवम्बर 2012 तक खेला गया था, जिसमे एशिया महादेश में आने वाले लगभग सभी देशों ने भाग लिए था. इस टूर्नामेंट को एक तकनीकी चाल की सहायता से पाकिस्तानी टीम जीत गयी थी.
  • कबड्डी विश्वकप – कबड्डी विश्वकप कबड्डी का सबसे अहम् मुकाबला है, जिसमे विश्व के कई देशों की टीम भाग लेती है. पहली बार सन 2004 में इस टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था. इसके बाद सन 2007 में इसे खेला गया. सन 2010 के बाद से इसे प्रति वर्ष खेला जा रहा है. भारत विश्वकप के सभी टूर्नामेंट को जीतता रहा है. सन 2016 में विश्वकप का आयोजन गुजरात के अहमदाबाद में किया गया था. इस टूर्नामेंट में बारह देशों ने भाग लिया था. इस टूर्नामेंट को भी भारतीय टीम ने अनूप कुमार की कप्तानी में जीता है. इस टूर्नामेंट के फाइनल मैच में भारत ने ईरान की टीम को 38- 29 के स्कोर से हराया. भारतीय कबड्डी टीम विश्व भर में सबसे अधिक सफ़ल टीम के रूप में सामने आई है. इस विश्वकप में पकिस्तान को किन्ही राजनैतिक कारणों से आमंत्रित नहीं किया गया था.
  • वीमेन’स कबड्डी – वीमेन’स कबड्डी विश्वकप महिला खिलाड़ियों के लिए विश्व स्तरीय टूर्नामेंट है. इसे पहली बार भारत के पटना राज्य में सन 2012 में आयोजित किया गया था. भारतीय महिला टीम ने इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले के दौरान ईरान को हरा कर विश्व स्तर पर अपना नाम दर्ज कराया. इसके बाद 2013 के मुकाबले में डेब्यू की हुई न्यूज़ीलैंड की टीम को हराकर भारतीय महिला टीम ने फिर से एक बार फतह का परचम लहराया.
  • प्रो कबड्डी लीग – सन 2014 में प्रो कबड्डी लीग की स्थापना हुई. ये क्रिकेट में होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग की तरह आयोजित किया गया. इस लीग के दौरान मार्केटिंग पर अधिक ध्यान दिया गया. इसका सीधा प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स पर किया जाता है. भारतीय टेलेविज़न पर पीकेएल (प्रो कबड्डी लीग) बहुत अधिक पसंद किया गया, और लगभग 435 मिलियन दर्शकों द्वारा देखा गया. इसका पहला मैच लगभग 86 मिलियन दर्शकों द्वारा देखा गया था.
  • यू के कबड्डी कप – इस खेल को इंग्लैंड में भी बहुत ख्याति मिली, जिस वजह से वहाँ ‘यू के कबड्डी कप’ का आयोजन किया जाने लगा. सन 2013 में इसका आयोजन कई राष्ट्रीय दलों के साथ किया गया. इन दलों में भारत, पकिस्तान, इंग्लैंड, अमेरीका, कनाडा आदि की भागीदारी देखने मिली. इस टूर्नामेंट में पंजाब की वृत्तीय (सर्किल) स्टाइल कबड्डी खेली जाती है.
  • विश्व कबड्डी लीग – विश्व कबड्डी लीग का गठन साल 2014 में हुआ. इन लीग में आठ दल और चार देशों का सम्मलेन देखा गया, इस देशों में कनाडा, इंग्लैंड, पकिस्तान और यूनाइटेड स्टेट अमेरिका है. इस लीग की कुछ टीमों के मालिक पूर्णतया या आंशिक रूप से कई अभिनेतायें हैं. इन अभिनेताओं में अक्षय कुमार खालसा वोर्रिएर्स, रजत बेदी पंजाब थंडर, सोनाक्षी सिन्हा यूनाइटेड सिंहस और यो यो हनी सिंह यो यो टाइगर्स के मालिक हैं. इस लीग का अभिषकात्मक सीजन सन 2014 के अगस्त से दिसम्बर के महीने के बीच खेला गया था, जिसमे टीम यूनाइटेड सिंहस, जो कि इंग्लैंड के बिर्मिंघम का अभिवेदन कर रही थी, की जीत हुई.
होम पेज

Ans : कबड्डी की टीम 12 खिलाड़ियों की होती है जिसमें से करीब 7 खिलाड़ी ही मैदान में खेलते हैं।

Ans : मैदान को अलग-अलग तरह से बांटा जाता है पुरूषो के लिए अलग और महिलाओं के लिए अलग।

Ans : कबड्डी में एक बारी में 2 टीम खेलती हैं।

Ans : कबड्डी लोगों को आजकल काफी पसंद है इसलिए उसका लीग शुरू होने का इंतजार करते हैं।

Ans : कबड्डी को सबसे ज्यादा हरियाणा में पसंद किया जाता है।

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कबड्डी: जानिए भारत के 4000 वर्ष पुराने खेल का नियम

दुनिया के सबसे पुराने खेल कबड्डी के सामान्य नियम-कानून और स्कोरिंग का तरीका जानिए।

Kabaddi is a seven-a-side sport.

(Getty Images)

भारत का पारंपरिक खेल कबड्डी दुनिया का सबसे पुराना खेल है, जिसका इतिहास 4000 वर्ष पुराना है।

बर्लिन ओलंपिक 1936 में कबड्डी को प्रदर्शनी खेल के रूप में शामिल किया गया था। बीते कुछ वर्षों से कबड्डी की लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। साल 1951 और 1982 के एशियाई खेलों में प्रदर्शनी खेल के रूप में इसे शामिल किया गया और साल 1990 में इस खेल को स्थाई रूप से मेडल गेम के रूप में जगह मिल गई।

चीन के हांगझोऊ शहर में एशियाई खेल 2022 में कबड्डी मुख्य खेलों का हिस्सा है।

दर्शकों की निगाह से देखें तो कबड्डी तेज़ी, आक्रामकता और ताक़त का खेल है। भारत में साल 2014 में शुरु हुए फ्रेंचाइज़ी आधारित प्रो कबड्डी लीग ने इस खेल की लोकप्रियता को ग्लोबल स्तर तक पहुंचाने में योगदान दिया है।

जो लोग इस खेल के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं और इसे खेलना चाहते हैं, तो उनको हम कबड्डी के नियमों और खेल को कैसे खेलना है जैसे सभी सवालों का जवाब यहां दे रहे हैं।

कबड्डी मैट की लंबाई-चौड़ाई और सीमा रेखा

कबड्डी को समझने के लिए सबसे पहले कबड्डी मैट की मूल बनावट को समझना होगा।

हालांकि पारंपरिक कबड्डी नरम मिट्टी पर खेली जाती है, लेकिन लोकप्रिय कबड्डी प्रतियोगिताएं वर्तमान में आयताकार गद्देदार कबड्डी मैट पर खेली जाती हैं।

कबड्डी मैट की लंबाई-चौड़ाई या यूं कहें आयाम टूर्नामेंट और आयु वर्ग के हिसाब से होती है, लेकिन सीनियर लेवल पर पुरुष पेशेवर कबड्डी स्पर्धाओं के लिए मैट ज्यादातर 13 मीटर लंबे और 10 मीटर चौड़े होते हैं, वहीं महिलाओं के लिए मैट की लंबाई 12 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर होती है।

कबड्डी मैट पर चार आउटर लाइन होती हैं, जिसे सीमा रेखा अथवा अंतिम लाइन कहा जाता है। नियम के मुताबिक पूरा खेल सीमा रेखा के अंदर खेला जाना चाहिए।

आयताकार कोर्ट को एक रेखा खींचकर दो भागों में बांटा जाता है, जो मैट की सीमारेखा के समानांतर खींची जाती है।

प्रत्येक हाफ में मध्य रेखा के समानांतर दो और रेखाएं खींची जाती हैं। बॉक लाइन मध्य रेखा से 3.75 मीटर की दूरी पर होती है, जबकि बोनस लाइन बॉक लाइन से 1 मीटर आगे (बॉक लाइन और एंड लाइन के बीच) खींची जाती है।

मैट की पूरी लंबाई के साथ एक मीटर के भीतर दो लाइन होती है, जिससे मैट पर दो चैनल बनते हैं और उन्हें लॉबी कहा जाता है। कई बार ऐसा देखा गया कि मैट पर लॉबी को दो अलग-अलग रंग में खींचा जाता है।

कबड्डी मैच का समय

एक कबड्डी मैच आमतौर पर 40 मिनट (प्रत्येक 20 मिनट के दो भाग) तक चलता है।

मैच की शुरुआत दो टीमों के बीच सिक्के के टॉस से होती है और विजेता यह तय कर सकता है कि पहले रेड करना है या डिफेंड करना है।

प्रत्येक टीम को प्रत्येक हाफ में दो टाइम-आउट की अनुमति होती है।

कबड्डी में कितने खिलाड़ी खेलते हैं

कबड्डी मैच में प्रत्येक टीम में सात खिलाड़ी होते हैं। टीमों में बेंच पर तीन से पांच सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर होते हैं। कबड्डी टीम में मौजूद सभी सात खिलाड़ी डिफेंस भी करते हैं। इन खिलाड़ियों में रेडर और डिफेंडर खिलाड़ी शामिल होते हैं। इसके अलावा इसमें से कुछ खिलाड़ी ऑलराउंडर भी होते हैं, जो रेडर और डिफेंडर दोनों की भूमिका निभाते हैं।

रेडर : कबड्डी टीम में रेडर खिलाड़ी वो होते हैं, जो विपक्षी मैट पर जाकर रेड करते हैं और अपनी टीम के लिए अंक हासिल करने की कोशिश करते हैं। 

डिफेंडर : डिफेंडर खिलाड़ी टीम में रहकर विपक्षी टीम की रेड के दौरान अपनी टीम को डिफेंस करते हैं।

कैसे खेलें कबड्डी?

कबड्डी मैच की शुरुआत एक टीम द्वारा दूसरी टीम के हाफ में रेड करने से होती है।

रेड का मतलब जब एक टीम का खिलाड़ी दूसरे खेमे में कबड्डी बोलने यानी हमला करने जाता है, उसे रेडर कहा जाता है। रेडर कबड्डी शब्द बोलते हुए दूसरी टीम के हाफ में प्रवेश करता है, जिसे कैंटिंग भी कहा जाता है।

रेडर का उद्देश्य जितना संभव हो उतने विपक्षी खिलाड़ियों को टैग करना या छूना होता है, जिन्हें एंटी या डिफेंडर कहा जाता है और एक सांस में अपने कैंट को जारी रखते हुए मध्य रेखा को पार करके रेडर अपने हिस्से में लौट आते हैं।

इस बीच डिफेंडर रेडर को कोर्ट से टैकल करके या धक्का देकर अपने ही हाफ में लौटने से रोकने की कोशिश करते हैं।

टीमें बारी-बारी से एक-दूसरे के खिलाफ रेड करती हैं और जिस टीम को सबसे अधिक अंक मिलते हैं वह मैच की विजेता बनती है।

कबड्डी में अंक कैसे मिलते हैं?

एक रेडर के पास रेड के दौरान अंक हासिल करने के दो तरीके होते हैं।

पहला तरीका रेडर जब कबड्डी बोलने जाता है और विपक्षी खेमे के खिलाड़ी को टच करके सफलतापूर्वक अपने हाफ में लौट आता है तब उसे टच प्वाइंट मिलता है।

यदि टच प्वाइंट स्कोर हो जाता है, तो रेड के दौरान टैग किए गए विपक्षी या डिफेंडर मैट से बाहर हो जाते हैं। तब रेडर को उतने टच प्वाइंट मिलते हैं, जितने खिलाड़ी उसने रेड के दौरान मैट से बाहर कर दिए हों।

कबड्डी में एलिमिनेट हुए खिलाड़ी दोबारा मैट पर आ सकते हैं, अगर उनकी टीम के रेडर विपक्षी खेमे में जाकर रेड के दौरान टच प्वाइंट अर्जित करें या विपक्षी रेडर को अपने हाफ में ही दबोच लें और वह अपनी रेड पूरी नहीं कर पाएं।

दोबारा रेडर या डिफेंडर के वापस आने की प्रक्रिया वैसी ही होती है, जैसी एलिमिनेट होने की होती है।

उसी तरह जैसे एक रेडर कबड्डी बोलने के दौरान विपक्षी डिफेंडर के दौरा टैकल कर लिया जाता है, तब डिफेंडिंग टीम को एक प्वाइंट मिलता है और इसे आधुनिक कबड्डी में टैकल प्वाइंट कहा जाता है।

यदि कोई रेडर रेड के दौरान उसका कैंट यानी उसकी सांस टूट जाती है, वह आउट हो जाता है और डिफेंडिंग टीम को इस तरह एक प्वाइंट मिल जाता है।

अगर एक टीम विपक्षी टीम के सभी सात खिलाड़ियों को एलिमिनेट करने में सफल हो जाती है, तो उसे ऑलआउट या लोना करने के लिए दो अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। टीम के लोना या ऑलआउट होने के बाद सभी खिलाड़ी जीवित हो जाते हैं और खेल दोबारा शुरू हो जाता है।

ये ध्यान देने वाली बात है कि एक रेडर बिना एलिमिनेट हुए भी वापस अपने खेमे में लौट सकता है, यदि वह बॉक लाइन (या तो दोनों पैर बॉक लाइन के पार हों या उनका एक पैर बॉक लाइन के पार हो, जबकि उनका दूसरा पैर हवा में हो) को पार करने में सफल होता है। केवल बॉक लाइन को पार करके भी वह सुरक्षित वापस लौट सकता है, लेकिन उसे कोई प्वाइंट नहीं मिलेगा। साथ ही ऐसे में उसका कोई भी साथी रिवाइव भी नहीं होगा, इसे एंप्टी रेड कहते हैं।

एक और तरीके से रेडर स्कोर कर सकता है और बोनस प्वाइंट हासिल कर सकता है। इसके लिए रेडर को एक पैर बोनस लाइन तक पहुंचाना होता है, जबकि दूसरा पैर हवा में लहराना होता है। हालांकि बोनस प्वाइंट तभी एक्टिव होता है, जब डिफेंडिंग टीम के खेमे में कम से कम या उससे ज्यादा खिलाड़ी मैट पर मौजूद रहें।

साथ ही खेल के इस पूरे सीक्वेंस के दौरान यदि कोई डिफेंडर या रेडर सीमा रेखा के बाहर कदम रखता है, तो वह आउट हो जाता है और विपक्षी टीम को एक अंक और एक खिलाड़ी को रिवाइवल करने का मौका मिलता है। लॉबी क्षेत्र भी खेल की सीमा से बाहर माना जाता है जब तक कि डिफेंडर रेडर के साथ संपर्क नहीं करता, इसे स्ट्रग्ल भी कहा जाता है।

स्ट्रग्ल से पहले लॉबी में कदम रखने से मैट की सीमाओं के बाहर कदम रखने के समान पेनल्टी का प्रावधान होता है।

अगर नॉकआउट कबड्डी मुकाबला टाई हो जाता है, तब फैसले के लिए सात मिनट का मिनी मैच खेला जाता है, जो दो हिस्से में होता है। फिर भी परिणाम नहीं निकलता है तब मैच का फैसला गोल्डन रेड से निकाला जाता है, जहां एक बॉक लाइन दूसरी बॉक लाइन तक जाती है।

यदि गोल्डन रेड के बाद भी मैच ड्रॉ होता है, तो विजेता का फैसला सिक्का उछालकर किया जाता है।

कबड्डी के नियमों का आधुनिकीकरण

साल 2014 में प्रो कबड्डी लीग के आयोजन के बाद इस खेल के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए कबड्डी के नियमों में कुछ बदलाव किए गए। इनमें से कुछ नियमों को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में कई मौकों पर प्रयोग के रूप में लागू किया गया है।

उदाहरण के लिए प्रो कबड्डी में प्रत्येक रेड के लिए 30 सेकंड की समय सीमा होती है और करो या मरो रेड भी होती है, जिसका अर्थ है कि लगातार तीन खाली रेड के बाद रेडर को आउट करार दिया जाता है और विपक्ष को इस मार्फत एक अंक मिलता है।

सुपर रेड (जहां एक रेडर एक रेड से तीन या अधिक अंक प्राप्त करता है), सुपर टैकल (जहां तीन या उससे कम डिफेंडर एक सफल टैकल करते हैं) इस तरह के ब्रांडिंग तत्व भी खेल में आ गए हैं।

कबड्डी खेलने की पोजीशन जैसे कॉर्नर (डिफेंडर चेन के अंतिम छोर पर डिफेंडर) और कवर (कोनों के ठीक अंदर खेलने वाले डिफेंडर) शब्द भी गढ़े गए हैं। कबड्डी मूव्स जैसे फ्रॉग जंप, एंकल होल्ड, टो टच, डुबकी आदि भी प्रो कबड्डी के बाद से कबड्डी शब्दावली का हिस्सा बनते जा रहे हैं।

संबंधित कंटेंट

जानिए कैसे ओलंपिक की वजह से कबड्डी का खेल पूरी दुनिया में हुआ मशहूर, एशियाई खेलों में कबड्डी का इतिहास: पुरुष और महिला टीमों का रहा है वर्चस्व.

मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध (Kabaddi Essay In Hindi)

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कबड्डी खेल पर निबंध Kabaddi Essay In Hindi

Kabaddi Essay In Hindi – Kabaddi Par Nibandh दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग में कबड्डी खेल के बारे में निबंध लिखकर बताएंगे क्योंकि यह एक ऐसा खेल है जो हमारे विद्यालय एवं अन्य स्थानों पर बहुत अधिक खेला जाता है क्योंकि बच्चों को ऐसे खेलने में बहुत ज्यादा आनंद की अनुभूति होती है जिस वजह से से शिक्षक हमें इस विषय पर निबंध लिखने के लिए देते हैं ताकि हम इस विषय पर जानकारी इकट्ठा कर सकें अगर आपको इस विषय पर निबंध लिखना है तो हमारे ब्लॉग अंत तक जरूर पढ़ें।

चलिए शुरू करते हैं

Kabaddi Essay In Hindi

कबड्डी खेल पर निबंध – Kabaddi Essay In Hindi

Kabaddi par nibandh.

कबड्डी का खेल एक बहुत ही रोमांचक खेल होता है कि किसी खेलने के लिए नवयुवक होते हैं इसे खेलने के लिए हमें बहुत अधिक शक्ति एवं बुद्धि का इस्तेमाल करना पड़ता है क्योंकि इन दोनों के बिना हम कबड्डी के मैच को हार जाएंगे प्राचीन समय में कबड्डी मात्र ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों द्वारा खेला जाता है लेकिन धीरे-धीरे फिर इसको राष्ट्रीय स्तर पर खेला जाने लगा।

कबड्डी का खेल हमारे भारत देश में पहले पंजाब राज्य में लोगों को खेलना बहुत ज्यादा पसंद था क्योंकि इस खेल को खेलने के लिए शरीर का तंदुरुस्त होना बहुत ज्यादा आवश्यक है लेकिन वर्तमान समय में धीरे-धीरे या पूरे भारत देश में खेला जाने लगा है यह खेला आज से नहीं लगभग 4000 वर्ष पहले से खेला जा रहा है। कबड्डी खेल लोगों को इसलिए ज्यादा पसंद आता है क्योंकि इसमें खेल की तंदुरुस्ती बनी रहती है और हमारा शरीर के हर एक पार्ट की एक्सरसाइज भी हो जाती है

कबड्डी का खेल दो दलों में खेला जाता है हर एक दल में 7 खिलाड़ी होते हैं जिसमें रेडर और डिफेंडर दो तरह के खिलाड़ी मौजूद रहते हैं एक अपनी टीम को डिफरेंट अर्थात विपक्षी दल के रेडर से बचाता है तथा दूसरा रेडर जो विपक्षी दल के पाले में रेड करता है।

इस खेल को खेलने का मैदान 13 10 मीटर का होता है जिसके बीचोबीच एक लाइन होती है और उससे लाइन को बीच की लाइन बोली जाती है जिसके दोनों तरफ दोनों दल खड़े होते हैं उसके पश्चात एक टचलाइन होती है जिसे रेड करने वाले खिलाड़ी को छूना बहुत आवश्यक होता है यदि वह खिलाड़ी उस खेल को खेलते दौरान इस लाइन को नहीं छूता तक वह अपने पाले में आने के पश्चात आउट माना जाता है।

जरूर पढिये: 

Mera Priya Khel Kabaddi

टच लांच होने के पश्चात यदि रेडर ने किसी खिलाड़ी को टच करके अपने पाले में सही सलामत पहुंच जाता है तब उस दल को एक पॉइंट मिलता है और यदि वह एक से अधिक खिलाड़ी को टच करता है तब उसको उसने पॉइंट प्राप्त होते हैं उसके साथ एक बोनस लाइन होती है जो तभी एक्टिवेट होती है जब एक पाली में छह खिलाड़ी जीवित रहते हैं यदि रेडर ने उन छह खिलाड़ियों के बीच से बोनस लाइन को टच कर दिया तब उसको एक पॉइंट एक्स्ट्रा प्राप्त हो जाते हैं।

जो खिलाड़ी पक्षी दल में रेड मारता है उसे कबड्डी कबड्डी बोलना रहता है यदि उसका कबड्डी कबड्डी बोलना बंद हुआ तब भी वह आउट मान लिया जाता है और जो राष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता है उसमें मात्र एक खिलाड़ी को 30 सेकंड का टाइम दिया जाता है किसी भी दल में रेड करने के लिए लेकिन बच्चों एवं अन्य स्थानों पर जो खेल खेले जाते हैं वह तब तक रेडर रेड कर सकता है जब तक उसकी सांस नहीं टूट जाती

जब कोई रेडर रेड मारता है तब विपक्षी दल के खिलाड़ी उसको पकड़ने का प्रयत्न करते हैं और यज्ञ उसको पकड़ने में वह कामयाब हो जाते हैं तब उनके दल को भी 1 अंक प्राप्त होता है। जब किसी खिलाड़ी को किसी दल द्वारा पकड़ लिया जाता है या विपक्षी दल द्वारा छोड़ दिया जाता है और वह खेल से बाहर बैठ जाते हैं वह तब तक खेल के अंदर पुनः नहीं आ सकते जब उनका विपक्षी दल में से कोई व्यक्ति आउट नहीं होता यह खेल लगभग 40 मिनट तक खेला जाता है और 40 मिनट के मध्य इनको एक ब्रेक प्राप्त होता है अर्थात 20 मिनट के अंतराल पर इनको ब्रेक दिया जाता है और उसके पश्चात लास्ट में जिस भी दल का सबसे अधिक अंक होता है वह दल विजई हो जाती है।

पहले के समय में यह पुरुषों का ही पसंदीदा खेल हुआ करता था क्योंकि इसको खेलने के लिए तंदुरुस्ती बहुत अधिक मायने रखती थी लेकिन वर्तमान समय में यह महिलाओं द्वारा भी खेला जाता है जो अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हैं महिलाओं का भी इस खेल में बहुत अधिक दिलचस्पी आ गई है। कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसको खेलने के दौरान हमें कई बार चोट भी लग जाती हैं और कई बार तो इतनी अधिक तीव्रता के साथ चोट लगती है कि कई व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है क्योंकि हाल ही में एक खबर आई थी जिसमें कबड्डी खेलने के दौरान डिफेंडर द्वारा रेडर को उसका पर लगा और रीडर की मृत्यु मैदान में ही हो गई थी

कबड्डी खेलने से हमारा शरीर बहुत तंदुरुस्त होता है और शरीर के अंदर के पार्ट भी बहुत ज्यादा तंदुरुस्त हो जाते हैं क्योंकि जब हम कबड्डी कबड्डी बोलते हैं तब हम अपने सांस को 30 सेकंड के लिए रुकते हैं और ऐसा हम बार-बार करते हैं तो इससे हमारे फेफड़े भी बहुत अच्छे एवं स्वस्थ हो जाते है कबड्डी खेलने वाले व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने की संभावना बहुत कम होती है क्योंकि उसका हृदय एवं फेफड़े बहुत अधिक स्वस्थ रहते हैं कबड्डी खेलने के दौरान हमारे पैर और हाथ के साथ-साथ आंखें एवं दिमाग भी बहुत चौकन्ना रहती है जिस वजह से कबड्डी एक बहुत ही बेहतरीन खेल है उसके शरीर को स्वस्थ एवं तंदुरुस्त रखने के लिए। खेल ऐसे बहुत सारे हैं जिनमें हमारा शरीर स्वस्थ रहता है लेकिन कबड्डी खेलने वाले व्यक्ति का स्टैमिना अन्य खिलाड़ी से बहुत अधिक होता है। कबड्डी का खेल इतना पुराना है कि यह महाभारत में भी इसका जिक्र किया गया है

दोस्तों अभी हमने आपको इस ब्लॉग में कबड्डी खेल पर निबंध लिखकर बताएं अगर आपको यह पसंद आया हो तो आपसे अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें और यदि आपका कोई सवाल है तो आप उनसे कमेंट में अवश्य पूछे एवं अपने सुझाव को आप हमें कमेंट करके दे।

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कबड्डी पर निबंध

कबड्डी के खेल का मैदान, कबड्डी खेल के नियम, कबड्डी खेल के लाभ और हानि.

हष्ट - पुष्ट और स्वस्थ खिलाड़ी ही इस खेल में सम्मलित हो सकते हैं। दुबले  - पतले और कमजोर इसमें भाग नहीं ले सकते हैं। कभी - कभी हार - जीत को लेकर दोनों दलों में वाद - विवाद से बढ़ते - बढ़ते मार -पीट की नौबत तक आ जाती है।

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Essay on Kabaddi

One of the oldest and popular games in India is Kabaddi. From Tamil Nadu to international land, Kabaddi has traveled far and long. In this Kabaddi essay,  more about the background, history, and importance of Kabaddi will be discussed. After a significant journey, Kabaddi has made it to the foreign land and is considered as one of the most thrilling games of India that require lots of energy besides strategy. Let’s have a look at everything you need to know about Kabaddi. 

Sports have a big role to play in the development of the students as physical exercise is equally important in the mental growth of an individual. Therefore, Vedantu provides the students with an entire guide on the sport of Kabaddi that will not only teach them its importance but also its rules, history, and much more. This will help the students to cover all the important aspects of the game in one go while also improving their essay writing skills and general knowledge.

History of Kabaddi

Over 4000 years ago, Kabaddi emerged in the southern part of India in Tamil Nadu. It is believed that the game emerged in the Vedic period. It was a game that was played by people to showcase their strength. There have been several essays on Kabaddi stating how thrilling, magical and fascinating the game is. Several documents state that the game was even played by Gautama Buddha for recreational purposes. In 1938, it was included in the Indian Olympic Games and later in 1950 All India Kabaddi Federation was formed. In 1990, it became a part of the Beijing Asian Games and popularized the game as a competitive sport.

A Short Note on Kabaddi- The Sport

While writing a  Kabaddi essay in English, we must make use of resources to gather relevant information about the sport. Kabaddi is a team sport that requires seven players in two teams. The aim of the sport is for a single player on offense to run into the opposing team’s court up to an extent and then tag out as many defenders of the opponent team as possible and return to the respective court anyhow without getting touched. To play this game it is essential to have a wide field of 10-13 meters long. It is played for approximately 20 minutes. Like any other game, the toss-winning team plays first in Kabaddi. The points are given based on the tagged players and also on stopping the raider. It seems like there is nothing more thrilling and exciting than watching a game of Kabaddi. The players, it is to be noted, are selected based on body weight and age. 

An Essay on My Favorite Game Kabaddi

In this section of the short note on Kabaddi, a few names of top tournaments and leagues will be mentioned. Pro Kabaddi League, National Kabaddi Championships, Federation Cup, etc are a few of such tournaments that are worth mentioning in the Kabaddi paragraph in English. The Pro Kabaddi League was launched in 2014 only while the National Kabaddi Championship is the oldest tournament of Kabaddi in India.

Method of Playing- A Note on Kabaddi

In this part of the essay on Kabaddi, how to play Kabaddi is mainly focussed upon. When this game starts, one of the team’s players chants the word “Kabaddi” and tags the player from the opponent team and returns to his court. If the players from the opponent team stop the player in their court, then the player who tried to tag automatically gets disqualified. This might sound simple but it's pretty difficult and requires a lot of energy to play. A similar exhibition of energy and competition is seen in the Kabaddi World Cup which must be mentioned in any 10 lines about Kabaddi or 5 lines on Kabaddi. Kabaddi information in an English essay would include the fact that to date India is the most successful team in this competition.  

As this essay about Kabaddi comes to an end, it is worth mentioning that there are a number of films that depict the importance of this sport and have showcased it as an integral part of Indian culture. 

A Short Essay on Kabaddi

Write a short note on kabaddi.

It takes energy, dedication, and strategy to play Kabaddi, one of the oldest games in the country. This Kabaddi essay will be a short paragraph on Kabaddi that will highlight the game’s importance and several other things.

This essay Kabaddi states the effect of playing Kabaddi. It is a sport that increases blood circulation in our body. Like any other game, it teaches us discipline and increases the sportsman spirit inside us. It also helps in creating a sense of brotherhood. Further, there are a lot of different names of this sport that were given in different parts of the country. Both teams have 7 players in the game and any team that would make the most in twenty minutes is declared victorious. 

Thus, an ancient Indian game that started evolving with time is now being played in countries like Japan and Korea. Also, this sport is regarded as the national game of Bangladesh and is also very famous in Pakistan and Sri Lanka. There are numerous international competitions in Kabaddi that take place in various parts of Asia. Some of these tournaments which deserve a mention in this Kabaddi essay in English are Asian Games, World Cup, SAF Games, etc. 

Advantages of Kabaddi

The game has several benefits, some of which have been mentioned below as:

Helps Overcome Fear The game of Kabaddi helps individuals to access the inner strength that allows them to face overwhelming fears, frustrations, and challenges of everyday life in general.

Enhances the presence of mind To boost productivity, many people multitask to some degree and in the present environment where the pace of life is often frenetic, such people are typically seen as efficient and effective. And the game of Kabaddi calls for the pro-active, presence of mind, team management, physical strength, crisis management, and understanding the opponent's strategy as part of the individual’s attitude.

Paying attention to small things The game of Kabaddi calls for a lot of physical inputs including traits like agility, good lung capacity, muscular coordination, presence of mind, and quick responses. Here, the forecasting capacity and practice help one to understand the situation and act accordingly at the right moment with the right decisions.

Develops Right Spirit The game is justified with winning or losing and one learns to accept all with openness as a player therefore, Kabaddi helps develop the right spirit amongst the individuals.

Some other benefits of Kabaddi include endurance (from breath-holding and moving), Running, Dodging, Kicking, Defensive skills, Never to be underestimated, and such.

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FAQs on Kabaddi Essay

1. Who Introduced Kabaddi as a Sport in India?

Sports have been a source of entertainment for humans since prehistoric times. Kabaddi is also popularly known as Hadudu in Bangladesh, Gudu in Sri Lanka, The Chub in Indonesia, Kabaddi in India, and Pakistharaditional outdoor rural sport in Bangladesh.  It is an ancient group game, which is played in most tropical countries. Muhamad Sarwar, Secretary-General of the Asian Amateur Kabaddi Federation sent Prof. Sundar Ram from India to tour Japan. After touring Japan for two months, Kabaddi was introduced in India. The Asian Kabaddi Championship was organized in the year 1980 and India became the champion while Bangladesh became the runner-up.

2. What are the Rules of Kabaddi?

Kabaddi as a game has its playing strategy which is different from most of the other games. The rules of the kabaddi are as follows:

Minimum 7 players have to be there in each team

The duration of a match should be a minimum of 40 minutes, divided into two equal halves. 

The last raider of each half of the Kabaddi match gets to complete the raid even after the completion of the scheduled time.

Each team can take time out of 30 seconds in each half of the game

3. When did Kabaddi Originate?

The past tells us that the games have been a part of human life ever since the stone ages and the fact is that the game of kabaddi originated in the state of Tamil Nadu over 4,000 years ago. History tells us that the game includes the Buddha and the princes who played Kabaddi to display their strength and win their brides. Kabaddi has been played at a competitive level internationally. Also, the sport has become a part of the Beijing Asian Games in the year 1990.

4. What is the purpose of the game of kabaddi?

The game of Kabaddi, in general, has no such purpose of play though, the motive behind the same has been to enjoy ourselves while playing the game and challenge our strengths for physical fitness. The main objective of this game, however, from the play is to grab points by raiding into the opponent's court and trying to touch as many opponent players as possible without getting caught on a single breath by the opposition, as one gets caught the layer heads out of the game. Also, each player has to chant “Kabaddi! Kabaddi!” until they are back in their court.

5. What is the importance of the game of kabaddi in India?

The game of Kabaddi is a contact sport, which is native to the Indian subcontinent. It is one of the most popular sports played in India, and mainly among the people in villages. However, after growing in popularity there has been the launch of events like the pro kabaddi league. Also, India has taken part in the four Asian Games in kabaddi and has won gold in all of them. The Four forms of kabaddi played in India include Amar, Suranjeevi, huttuttoo, and Gaminee. For more information about the game the student can visit the Vedantu website and find the details along with other study material for free of cost.

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