युवा दिवस पर भाषण :- युवा होता भारत | राष्ट्रीय युवा दिवस पर विशेष निबंध
युवा दिवस पर भाषण.
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भारत के युवाओं को समर्पित और उन्हें प्रेरित करता युवा दिवस पर भाषण :-
युवा वर्ग देश की रीढ़ की हड्डी होते हैं। अगर रीढ़ की हड्डी ही रोगी हो जाये तो फिर हमारा शरीर सीधा खड़ा नहीं रह सकता एवं न ही उसका विकास हो सकता है। हमें इस बात को याद रखना पड़ेगा कि सिर्फ युवा ही देश या समाज पर आये संकट का सामना करने में समर्थ होते हैं। इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी हमारे देश पर कोई भयानक संकट आया है तो उसका मुकाबला सदा युवा वर्ग ने ही किया है। युवाओं ने ही तूफान बन कि दुखों के इन बादलों को संसार पर बरसने से रोका है। इसलिए पाश्चात्य विचारक फ्रेंक्लिन रूजवेल्ट ने कहा है कि,
“We cannot build the future for our youth, but we can build our youth for the future.”
यह बात सत्य है कि अगर युवा जागृत एवं चेतन होंगे तो फिर उनका भविष्य कभी भी अंधकारमयी नहीं हो सकता। बल्कि वह प्रातःकालीन सुबह की भांति उज्जवल ही होगा।
आज का भारत युवा भारत है। देश की आबादी का लगभग ६५ प्रतिशत युवाओं का है। भारत में युवाओं की बढ़ रही संख्या विदेशियों में हलचल पैदा कर रही है। चीन के जियांग वीपिंग इस बात से बहुत चिंतित हैं २०५० तक चीन का हर एक व्यक्ति ६५ साल से ज्यादा उम्र का होगा। उस समय भारत देश में सब से ज्यादा युवा होंगे एवं भारत एक महाशक्ति के रूप में उभरेगा। फ्रांस के प्रमुख अख़बार ली फिगारो के विशेष रिपोर्टर फरोनोस गिओटिएर ने निष्कर्ष निकाला है कि भारत का पुनर्जन्म हो रहा है।
- पढ़िए :- बाज की प्रेरणादायक कहानी ‘बाज का पुनर्जन्म’
देश की युवा शक्ति के कारण यह उद्योग, अर्थवयवस्था एवं आध्यत्मिक्ता में सुपर पावर होगा। विश्व के विद्वान् आज भी भारतीय संस्कृति को विश्व संस्कृति के रूप में देख रहें हैं। क्योंकि भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम एवं सर्वे सुखिनः सन्तु का भाव व्यक्त करती है। मार्च २०१३ में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने Economy of President रिपोर्ट पेश की जिसके तहत वहां घट रही युवकों की जनसँख्या के कारण अमेरिका की अर्थवयवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। अमेरिका जो कि तकनीकी एवं आर्थिक क्षेत्र में दुनिया में सबसे आगे है। वहां पर भी युवकों की कम हो रही संख्या चिंता का विषय है। अमेरिका के ही प्रसिद्ध विद्वान् डेविड फ्राले विश्व के कल्याण हेतु भारतीय युवाओं का आह्वान करते हुए कहते हैं कि हे भारतीय युवकों उठो, आप उठेंगे तो सारे विश्व का कल्याण होगा।
हम सभी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले ज्यादा युवा ही थे। जिन्होंने इस राष्ट्र के लोगों के अंदर क्रांति के बीजों को रोपित किया। हमारा इतिहास इस बात का साक्षी है कि इस धरा की प्यास को शांत करने वाले भगीरथी युवा ही थे। जिन्होंने अपने निरंतर परिश्रम से गंगा को स्वर्ग से इस पृथ्वी पर उतारा।
रावण के आतंक को ख़त्म करने के लिए प्रभु श्री राम जी ने युवा अवस्था में ही संकल्प लिया था। अपने अत्याचारी पिता को चुनौती देने वाले प्रह्लाद भी युवा ही थे। कंस के विरुद्ध जनसमूह को जागृत करने वाले भगवन श्री कृष्ण युवा ही थे। उन्होंने न सिर्फ कंस का उद्धार किया बल्कि पांडवो के सहयोग से एक शक्तिशाली राजतन्त्र की स्थापना भी की थी। उन्होंने जरासंध, दुर्योधन जैसे अनेकों पापी राजाओं का अंत करके एक नए शासनतंत्र की स्थापना की थी।
इसी प्रकार देश के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान करने वाले बल गंगाधर तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले अपनी युवा अवस्था में ही आजादी की जंग में कूद पड़े थे। ऐसे वीर जवानों की कहानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, खुदी राम बोस इत्यादि ऐसे युवा थे जिन्होंने देश वासियों को सुख देने के लिए अपनी जवानी तक को त्याग दिया। भगत सिंह सहित लाखों युवाओं में आजादी की अलख जगाने वाले उनके युवा चाचा अजीत सिंह जी थे। १९०२ ईस्वी में अजीत सिंह ने किसानों पर टैक्स लगाए जाने के विरोध में देश भर में पगड़ी संभल जट्टा आंदोलन की अगुवाई की थी। अजीत सिंह जी ने इस काले कानून के विरोध में १९०६ में भारत माता सोसाइटी का गठन भी किया था। १८५७ में जब क्रांति की ज्वाला जली थी तब भारत माता की असंख्य संतानों ने उसे रौशन करने के लिए अपनी क़ुरबानी दी थी। तब बहादर शाह जफ़र ने अंग्रेजों को कहा था –
बागियों में बू रहेगी जब तक ईमान की तख्ते लन्दन तक चलेगी तेग हिंदुस्तान की।
उस समय जफ़र की मुख से जो शब्द निकले थे उन्ही में ही भारत की आत्मा प्रकट हुई थी। मदन लाल ढींगरा ने जफ़र की इसी बात को ५० साल बाद सिद्ध करके दिखा दिया था। जब उन्होंने १ जुलाई १९०९ को इम्पीरियल इंस्टिट्यूट में आयोजित समारोह में कर्जन वाइली पर गोलियां बरसा कर उसकी हत्या कर दी थी। उन्होंने जेल में बयान देते हुए कहा कि,
“इन अंग्रेजों ने मेरे देश का अपमान किया। जो कि परमात्मा का अपमान है। मेरी मान्यता है कि देश की सेवा करना ही राम कृष्ण की आराधना है। एक पुत्र होने के नाते अपने रक्त के अलावा भारत माता के चरणों में और अर्पित भी क्या कर सकता हूँ। इसी भावना से मैं अपनी भारत माता के लिए हस के बलिदान दे रहा हूँ। ढींगरा ने कहा कि मैं फिर से भारत भूमि पर जनम लूंगा एवं इसे आजाद करने कि लिए बार बार मौत को गले लगाऊंगा।”
आएं हम सब मिलकर उस महान देश भक्त को नमन करें। जिन्होंने तख्ते लन्दन तक हिंदुस्तान की तेग चलाकर हमारा सर ऊँचा कर दिया।
- पढ़िए :- कविता ‘हिंदी हैं हम वतन ये हिंदुस्तान हमारा है।’
इसलिए हमें समझना होगा कि युवा राष्ट्र एवं समाज का प्राण हुआ करते हैं। राष्ट्र के निर्माण में सबसे ज्यादा योगदान युवकों का ही होता है। युवा राष्ट्र का भूत एवं भविष्य को जोड़ने का सेतु होने के साथ ही ये समाज के नैतिक मूल्यों का भी प्रतीक होते हैं। देश की युवा शक्ति ही राष्ट्र को जीवन मूल्य एवं सांस्कृतिक विरासत का प्रसार एवं आधार प्रदान करती है। इस विश्व में भारत ही वो देश है जिसके युवकों में आध्यत्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्य,स्वाभिमान, राष्ट्र प्रेम, मानव सेवा एवं देश भक्ति आदि काल से ही चले आ रहें है।
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी की जब श्री रामकृष्ण परमहंस जी से पहली मुलाकात हुई तो स्वामी जी ने कहा कि आपका नाम बंकिम (झुका हुआ ) क्यों है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की चाकरी में झुकने के कारण ही मेरा ऐसा नाम हो गया है। उनकी बात सुन कर परमहंस जी ने कहा कि आपका जन्म झुकने कि लिए नहीं बल्कि झुके हुओं को सीधे करने के लिए हुआ है। रामकृष्ण परमहंस जी की प्रेरणा के कारण ही उन्हें अपने जीवन की दिशा मिली। उन्होंने उसी वक़्त निश्चय किया कि मैं अंग्रेजों के सामने खुद भी नहीं झुकूंगा और दूसरों को भी नहीं झुकने दूंगा। इस प्रकार उनके द्वारा रचित देश भक्ति की रचनाएँ देश के युवकों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गईं।
स्वामी विवेकानंद जी ने भी अपने युवा अवस्था में भारत देश को विश्व का एक महान राष्ट्र होने की स्थिति में खड़ा किया। वो एक सच्चे संस्कृति प्रतिनिधि थे जिन्होंने युवकों में वीरता, साहस का भाव जागते हुए डर एवं कमजोरी को पाप कहा। अपनी आध्यात्मिक प्रेरणा द्वारा उन्होंने युवकों में आत्म विश्वास पैदा किया। स्वामी राम तीरथ जी ने भी अपनी ओजस्वी वाणी से लोगों में ईश्वर भक्ति के साथ साथ देश भक्ति की भावना को पैदा किया। लेकिन आज के युवाओं के बदल रहे आदर्शों ने उन्हें पथभ्र्ष्ट किया है।
कोई समय था जब हमारे देश में चरित्र बल, शिक्षा एवं परिश्रम को ही सफलता का मापदंड माना जाता था। लेकिन आज सफलता के समीकरण बदल गए हैं। आज उनके नायक कोई देश भक्त या संत महापुरुष नहीं बल्कि फ़िल्मी नायक हैं। इसलिए वो उनकी तरह रातों रात शोहरत प्राप्त करना चाहता है। जो मृगतृष्णा से बढ़कर और कुछ भी नहीं है। ये सब तो युवा को तनाव ग्रसित कर रहा है। आज का युवा समाजिक जिम्मेवारी को नहीं बल्कि आर्थिक जिम्मेवारी को ही सब कुछ समझता है।
- पढ़िए :- कविता ‘मत बांटो इन्सान को’
फ़िल्मी परदे पर दिखाई जाने वाली हिंसा,कामुकता , एवं रातों रत अमीर बनने के दृश्यों को देख कर युवा उसी को ही असल जिंदगी में जीना चाहता है। असलियत तो यह है कि परदे का नायक युवकों की कमजोरियों का ही विस्फोट है। युवा वर्ग को समझना होगा कि परदे की दुनिया वास्तविक दुनिया से बिलकुल भिन्न है। हम वास्तविक धरातल पर उतरकर ही अपने आप और समाज के लिए कुछ कर सकते हैं।
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राष्ट्र निर्माण में युवा की भूमिका पर निबंध (Role of Youth in Nation Building Essay in Hindi)
युवा राष्ट्र का संरचनात्मक और कार्यात्मक ढांचा है। हर राष्ट्र की सफलता का आधार उसकी युवा पीढ़ी और उनकी उपलब्धियाँ होती हैं। राष्ट्र का भविष्य युवाओं के सर्वांगीण विकास में निहित है। इसलिए युवा राष्ट्र निर्माण में सर्वोच्च भूमिका निभाते हैं। आज इस विषय पर अलग अलग शब्द सीमा में हम आपके लिए कुछ निबंध लेकर आये हैं जिनके माध्यम से आप इस विषय को बेहतर ढंग से समझ पायेंगे।
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Role of Youth in Nation Building in Hindi, Rashtra Nirman mein Yuva ki Bhumika par Nibandh Hindi mein)
राष्ट्र निर्माण में युवा की भूमिका – निबंध 1 (250 – 300 शब्द).
किसी भी राष्ट्र के निर्माण में युवा वर्ग एक अहम भूमिका निभाता है। युवा वर्ग शारीरिक और मानसिक रूप से किसी भी कार्य को कुशलता पूर्वक करने में सक्षम होता है। हर व्यक्ति जीवन के इस दौर से गुजरता है। युवाओं को उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए और विभिन्न क्षेत्रो में अपना योगदान देना चाहिए।
युवा : राष्ट्र की आशा के रूप में
किसी भी राष्ट्र में कुल जनसंख्या का 20-30 प्रतिशत हिस्सा युवा होते हैं। किसी भी राष्ट्र को विकसित राष्ट्र बनाने में युवा वर्ग का सर्वाधिक योगदान रहा है। राष्ट्र की प्रगति विज्ञान, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, प्रबंधन और अन्यक्षेत्रों में विकासपर निर्भर होती है।। इन सभी मानदंडों को पूरा करने के लिए सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक आधार पर युवाका सशक्तीकरण आवश्यक है।
युवा शक्ति को प्रभावित करने वाले कारक
इन सभी क्षेत्रों में सफलता पाने के लिए युवाओं को एक सकारात्मक दिशा में निर्देशित किया जाना चाहिए। युवाओं के विकास और प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जाना चाहिए। युवाओं को उचित शिक्षा और कौशल विकास की आवश्यकता है ताकि वे सही दिशा में समृद्ध हो सकें। युवा में काम करने की क्षमता होती है और वह उत्साह से भरा होता है और सफलता की ओर अग्रसर होने का उसमे हुनर होता है।
आज का युवा, राष्ट्र के कल की स्थिति को आकारदेता है। इसलिए युवाओं को पर्याप्त अवसर देकर उनकी शक्ति और क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए। युवा वर्ग को ज्ञान और कौशल दोनों में निपुण करने की आवश्यकता है , जिससे की राष्ट्र का सर्वांगीण विकास हो सके।
इसे यूट्यूब पर देखें – राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर निबंध 2 (400 शब्द)
जिस तरह से इंजन को चालू करने के लिए इंधन जिम्मेदार होता है; ठीक उसी तरह युवा राष्ट्र के लिए है। यह राष्ट्र की प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है। राष्ट्र का सर्वांगीण विकास और भविष्य, वहां रहने वाले लोगों की शक्ति और क्षमता पर निर्भर करता है और इसमें प्रमुख योगदान उस राष्ट्र के युवाओं का है।
किसी भी राष्ट्र को प्रौद्योगिकियों, शोध, विज्ञान, चिकित्सा, यानी आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक के संदर्भ में प्रगति और विकास के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। जब युवा अपने प्रयासों के साथ ईमानदारी से यही काम करता हैं, तो इसे चिह्नित किया जाता है। भारत में युवाओं की सबसे बड़ी संख्या है, जिन्हें यदि बेहतर तरह से पोषित किया जाये और अगर ये अपना प्रयास सही दिशा में लगाते हैं, तो यह देश पूरी दुनिया में सबसे उत्कृष्ट बन जायेगा।
युवाओं की शक्ति
हमारे ऐतिहासिक समय से यह देखा जा सकता है कि हमारे राष्ट्र के लिए कई परिवर्तन, विकास, समृद्धि और सम्मान लाने में युवा सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं। इस सबका मुख्य उद्देश्य उन्हें एक सकारात्मक दिशा में प्रशिक्षित करना है। युवा पीढ़ी के उत्थान के लिए कई संगठन काम कर रहे हैं क्योंकि वे बड़े होकर राष्ट्र निर्माण में सहायक बनेंगे। गरीब और विकासशील देश अभी भी युवाओं के समुचित विकास और शिक्षण में पिछड़े हुए हैं।
एक बच्चे के रूप में प्रत्येक व्यक्ति, अपने जीवन में कुछ बनने का सपने देखता है, दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि कुछ उद्देश्य होना चाहिए। बच्चा अपनी शिक्षा पूरी करता है और कुछ हासिल करने के लिए कुछ कौशल प्राप्त करता है। इसलिए यह राष्ट्र की प्रगति के प्रति उस व्यक्ति का सकारात्मक दृष्टिकोण है।
- युवा अपार क्षमताओं से भरा होता है।
- वे क्षमता, उत्साह और महान कार्य-क्षमता से भरे हुए हैं।
- कुछ छात्र विकास मानसिकता की खासियत से धन्य होते है, जो एक मूल अवधारणा से बेहतर विचारों को प्राप्त करने का एक शानदार तरीका होता है।
- युवाओं में त्वरित शिक्षा, रचनात्मकता, कौशल होता है। वे हमारे समाज और राष्ट्र में परिवर्तन लाने की शक्ति रखते हैं।
- युवा उस चिंगारी के साथ बड़ा होता है, जो कुछ भी कर सकता है।
- समाज में कई नकारात्मक कुरीतियाँ और कार्य किए जाते हैं। युवाओं में समाज परिवर्तन और लिंग तथा सामाजिक समानता की अवधारणा को लाने की क्षमता है।
- समाज में व्याप्त कई मुद्दों पर काम करके युवा दूसरों के लिए एक आदर्श बन सकते हैं।
युवाओं को प्रत्येक पहलू में प्रगति करने के साथ-साथ एक राष्ट्र को हर एक दृष्टिकोण से प्रगितिशील बनाने की क्षमता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। युवाओं को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सही दिशा में काम करने पर मुख्य ध्यान देना चाहिए।
निबंध 3 (600 शब्द) – राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका
नेल्सन मंडेला की एक ख़ूबसूरत कहावत है कि, “आज के युवा कल के नेता हैं” जो हर एक पहलू में सही लागू होता है। युवा राष्ट्र के किसी भी विकास की नींव रखता है। युवा एक व्यक्ति के जीवन में वह मंच है, जो सीखने की कई क्षमताओं और प्रदर्शन के साथ भरा हुआ है।
युवा की भूमिका
- एक युवा मन प्रतिभा और रचनात्मकता से भरा हुआ है। यदि वे किसी मुद्दे पर अपनी आवाज उठाते हैं, तो परिवर्तन लाने में सफल होते हैं।
- युवाओं को राष्ट्र की आवाज माना जाता है। युवा राष्ट्र के लिए कच्चे माल या संसाधन की तरह होते हैं। जिस तरह के आकार में वे हैं, उनके उसी तरीके से उभरने की संभावना होती है।
- राष्ट्र द्वारा विभिन्न अवसरों और सशक्त युवा प्रक्रियाओं को अपनाया जाना चाहिए, जो युवाओं को विभिन्न धाराओं और क्षेत्रों में करियर बनाने में सक्षम बनाएगा।
- युवा लक्ष्यहीन, भ्रमित और दिशाहीन होते हैं और इसलिए वे मार्गदर्शन और समर्थन के अधीन होते हैं, ताकि वे सफल होने के लिए अपना सही मार्ग प्रशस्त कर सकें।
- युवा हमेशा अपने जीवन में कई असफलताओं का सामना करते हैं और हर बार ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि एक पूर्ण अंत है, लेकिन वो फिर से कुछ नए लक्ष्य के साथ खोज करने के लिए एक नए दृष्टिकोण के साथ उठता है।
भारत में युवाओं की प्रमुख समस्याएं
भारत में युवाओं की संख्या तक़रीबन अन्य सभी देशों की अपेक्षा सबसे अधिक है, इसलिए उनके समुचित विकास और सफलता के लिए उचित योजना और निर्णय होना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से, देश के युवा कई समस्याओं से जूझ रहे हैं जिसे हमने यहाँ नीचे सूचीबद्ध किया है:
- कई युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान नहीं की जाती है; यहां तक कि कई लोग गरीबी और बेरोजगारी तथा अनपढ़ अभिभावकों के वजह से स्कूलों नहीं जा पाते हैं। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रत्येक बच्चे को स्कूल जाने और उच्च शिक्षा हासिल करने का मौका मिले।
- बालिका शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि देश में कई ऐसे हिस्से हैं जहां लड़कियां स्कूल जाने और पढ़ाई से वंचित है। लेकिन युवा, लड़के और लड़कियों दोनों का गठन करते हैं। जब समाज का एक वर्ग उपेक्षित हो, तो समग्र विकास कैसे हो सकता है?
- अधिकांश युवाओं को गलत दिशा में खींच लिया गया है; उन्हें अपने जीवन और करियर को नष्ट करने से रोका जाना चाहिए।
- कई युवाओं में कौशल की कमी देखी गयी है, और इसलिए सरकार को युवाओं के लिए कुछ कौशल और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि वे आगे एक या उससे अधिक अवसरों से लाभान्वित हो सकें।
- भारत में 90 प्रतिशत से अधिक लोग गांवों में रहते हैं, इसलिए शिक्षा और अवसरों की सभी सुविधाओं तक उनकी उचित पहुंच नहीं है।
- कुछ युवाओं द्वारा वित्तीय संकट और सामाजिक असमानता की समस्या होती है।
- ऐसे कई बच्चे हैं जो प्रतिभा के साथ पैदा हुए हैं, लेकिन अपर्याप्त संसाधनों के चलते, वे अपनी प्रतिभा के साथ आगे नहीं बढ़ सके। उनमें से कई को पारिवारिक आवश्यकताओं के कारण पैसा कमाने के लिए अपनी प्रतिभा से हटकर अन्य काम करना पड़ता है, लेकिन उन्हें उस काम से प्यार नहीं है जो वे कर रहे हैं।
- बेरोजगारी की समस्या युवाओं की सबसे बड़ी समस्या है।
अग्रणी राष्ट्र निर्माण के प्रति युवा का विकास
जैसा कि पहले भी चर्चा की जा चुकी है, युवाओं को होने वाली समस्याएं। शिक्षा तक उनकी उचित पहुंच नहीं है। कुछ लोग बिना पढ़े-लिखे हैं, जबकि मार्गदर्शन के अभाव में उनमें से कुछ को गलत रास्ते पर ले जाया जाता है।
जन्मजात प्रतिभा वाले कुछ बच्चे होते हैं, लेकिन संसाधन की कमी या उचित प्रशिक्षण नहीं होने के कारण, वे अपनी आशा और प्रतिभा भी खो देते हैं। इस प्रकार, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रत्येक बच्चे को उचित शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाए। प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए। युवाओं को कई अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रियाओं और राजनीतिक मामलों में समान रूप से भाग लेना चाहिए। कुशल समूहों को काम प्रदान करने के लिए कई रोजगार योजनाएं चलानी चाहिए।
युवावस्था जीवन की वह अवधि है जो ताकत और खुद के लिए कुछ भी करने की भावना के साथ बढ़ाता है। किसी भी राय और स्थितियों के लिए युवाओं का एक अलग दृष्टिकोण होता है। किसी भी पहलू के प्रति युवाओं की सकारात्मकता और पागलपन कई शोधों और आविष्कारों की ओर ले जाता है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि युवा हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं। वे राष्ट्र की प्रगति और विकास में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। जब समझ और परिपक्वता की शुरुआत के साथ युवाओं में पागलपन खत्म हो जाता है, तो यह युवावस्था के अंत होने का संकेत होता है।
FAQs: Frequently Asked Questions on Role Of Youth In Nation Building (राष्ट्र निर्माण में युवा की भूमिका पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
उत्तर- भारतीय युवा दिवस 12 जनवरी को मनाया जाता है।
उत्तर- स्वामी विवेकानंद
उत्तर- प्रतिवर्ष 12 अगस्त को।
उत्तर- भारत में लगभग 25 करोड़ युवा है।
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- Speech Writing /
National Youth Day Speech in Hindi : राष्ट्रीय युवा दिवस पर 100, 200 और 400 शब्दों में स्पीच
- Updated on
- जनवरी 11, 2024
भारत में स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस प्रतिवर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है। UNO के द्वारा 1984 में वैश्विक युवा दिवस घोषित किया गया था। इसी से प्रेरित होकर भारत सरकार ने स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाया जाना तय किया। स्वामी विवेकानंद के जीवन से छात्र अनुशासन, एकाग्रता और कर्तव्यपरायणता जैसी अच्छी बात सीख सकते हैं। राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्कूल कॉलेजों में अनेक प्रोग्राम किए जाते हैं जिनमें छात्रों को राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्पीच तैयार करके बोलनी होती हैं। यहाँ राष्ट्रीय युवा दिवस पर कुछ स्पीच (National youth day speech in Hindi ) दी जा रही हैं।
This Blog Includes:
National youth day speech in hindi : राष्ट्रीय युवा दिवस पर हिंदी में 100 शब्दों में स्पीच , national youth day speech in hindi : राष्ट्रीय युवा दिवस पर हिंदी में 250 शब्दों में स्पीच , national youth day speech in hindi : राष्ट्रीय युवा दिवस पर हिंदी में 400 शब्दों में स्पीच .
यहाँ राष्ट्रीय युवा दिवस पर 100 शब्दों में स्पीच National youth day speech in Hindi दी जा रही है :
प्रिय साथियों,
आज हम सभी एक ऐसे अवसर पर एकजुट हुए हैं जो हमारे युवा पीढ़ी के उत्थान का संकेत है – राष्ट्रीय युवा दिवस! यह दिन हमें स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को समर्पित करने का अवसर देता है, जो नेतृत्व, उत्साह, और ज्ञान और समर्पण के प्रति एक उदाहरण हैं।
हमारे युवा ऊर्जावान और रचनात्मक हैं। इस देश के भविष्य का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, वे नए विचारों, कल्पना, और उत्साह के साथ समृद्धि की ओर बढ़ सकते हैं। युवाशक्ति ही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकती है।
इस दिन को युवा लोगों के बीच जागरूकता और राष्ट्र निर्माण की भावना को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। हमें स्वामी विवेकानंद के उदाहरण का अनुसरण करते हुए, नए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करना चाहिए।
इस राष्ट्रीय युवा दिवस पर हमें यह सोचना चाहिए कि हम कैसे अपने क्षमताओं का सही तरीके से उपयोग करके अपने आत्मनिर्भर और समर्थ भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।
यहाँ राष्ट्रीय युवा दिवस पर 250 शब्दों में स्पीच National youth day speech in Hindi दी जा रही है :
प्रिय साथियों,
आप सभी युवा मित्रों को राष्ट्रीय युवा दिवस, की हार्दिक शुभकामनाएं। यह दिन हमें स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने अपने जीवन में महान कार्य किए और युवा पीढ़ी को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। जैसा कि हमें पता है कि स्वामी जी ने अपने जीवन में कई महान कार्य किए और युवा पीढ़ी को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया और युवा पीढ़ी को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उनकी इस सीख के लिए उनका आभार जताने और जश्न मनाने के ले यह दिन मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद ने युवा पीढ़ी को उत्साही और सकारात्मक दृष्टिकोण से जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने युवाओं को ध्यान में रखकर कहा कि वे समझें कि उनमें अद्भुत शक्ति है और वे किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।
आज, राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर हमें यह स्थानीय और वैश्विक संदर्भ में युवा पीढ़ी के महत्व को समझने का अवसर मिलता है। युवा शक्ति हमारे राष्ट्र का भविष्य है और हमें उन्हें समर्पित और समर्थन में रखना चाहिए।
आजकल के युवा अपनी ऊर्जा और उत्साह से भरपूर हैं, और हमें इस ऊर्जा को सही दिशा में निर्देशित करना चाहिए। वे नए और नवाचारी विचारों के साथ आगे बढ़ सकते हैं और समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं।
इस राष्ट्रीय युवा दिवस पर, हम सभी को यह प्रतिबद्ध रहना चाहिए कि हम युवा पीढ़ी को सही मार्ग पर ले कर जाएंगे और उन्हें समर्थ, सकारात्मक, और समर्पित नागरिक बनाएंगे। हमें उन्हें सुनना चाहिए, उनकी आवश्यकताओं को समझना चाहिए और उन्हें सही मार्ग पर गाड़ने के लिए मार्गदर्शन करना चाहिए।
समापन में, इस राष्ट्रीय युवा दिवस पर हमें स्वामी विवेकानंद जी के उदाहरण का पालन करना चाहिए और युवा पीढ़ी को नए ऊर्जा और उत्साह के साथ भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए।
यहाँ राष्ट्रीय युवा दिवस पर 400 शब्दों में स्पीच National youth day speech in Hindi दी जा रही है :
प्यारे साथियों,
आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं। आज 12 जनवरी का दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को भारत के गौरव और यशस्वी सन्यासी स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे का कारण यह है कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत थे। उनेक जीवन से युवा बहुत सी महत्वपूर्ण बातें सीख सकते हैं और अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
स्वामी विवेकानन्द चाहते थे कि भारत का युवा केवल दिमाग ही नहीं बल्कि तन से भी मजबूत बने। इसलिए उन्होंने शिक्षा के साथ साथ खेलों को भी बहुत महत्व दिया था। उन्होंने युवाओं से बड़ी संख्या में खेलों में भाग लेने का अनुरोध किया था। उन्होंने खासतौर पर फुटबॉल को बहुत महत्व दिया था। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि एक बार उन्होंने कहा था कि आधुनिक समय में भारत को मंदिरों से अधिक फुटबॉल के मैदानों की आवश्यकता है। मैं युवाओं से कहना चाहता हूँ कि वे फुटबॉल खेलें ताकि देश को स्वस्थ युवा मिल सकें जो एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकें।
स्वामी विवेकानंद ने युवाओं से अपने देश को विकसित करने के लिए उनकी ऊर्जा को सकारात्मक तरीके से उपयोग करने और अपने समय को राष्ट्र निर्माण में लगाने का आग्रह किया था। भारत स्वामी विवेकानन्द के जन्म को याद करने के लिए राष्ट्रीय युवा दिवस मनाता है, जिससे युवाओं के लिए प्रभावशाली निर्णय लेने के अवसर प्राप्त होते हैं। यह दिन युवाओं को स्वयं को अभिव्यक्त करने एवं उनके उद्देश्यों को पाने के ले मंच भी प्रदान करता है।
स्वामी विवेकानंद और उनके आदर्शों को मनाने का दिन राष्ट्रीय युवा दिवस है। यह दिन भारत के भविष्य यानि युवाओं के नाम समर्पित है। यह दिन उन्हें देश के प्रति उनके दायित्वों और जिम्मेदारियों के लिए कर्तव्यपूर्ण बनाता है। देश के युवा जो देश की भावी आशाएं हैं वे इस दिन देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने का प्रण लेते हैं। इन युवाओं के हाथ में ही देश की बागडोर आने वाली है। इन युवाओं को ही स्वामी विवेकानंद के सपनों को पूरा करना है और भारत को वापस एक विश्व शक्ति के रूप में स्थापित करना है। तो मैं आप सभी साथियों से अनुरोध करना चाहूंगा कि आप सभी आज प्रतिज्ञा लें कि आप देश के विकास में अधिक से अधिक योगदान देंगे और स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत तैयार करेंगे। इसी प्रण के साथ मैं अपने शब्दों को विराम देना चाहूंगा। जय हिन्द।
धन्यवाद
स्वामी जी के विचार और कार्य आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। विवेकानंद के प्रेरणादायक विचार युवाओं को प्रेरित करते हैं। यही वजह है कि स्वामी विवेकानंद की जयंती यानी 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा सन् 1984 ई. को ‘अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष’ घोषित किया गया। इसके महत्त्व को समझते हुए भारत सरकार ने घोषणा की कि सन 1984 से 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानन्द जयंती का दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाए।
भारत सरकार ने स्वामी विवेकानन्द के योगदान का सम्मान करने और युवाओं को उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 1984 में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया।
आशा है कि National youth day speech in Hindi के माध्यम से आपको विश्व हिंदी दिवस के बारे में जानकारी प्राप्त हो गई होगी,जो कि आपको सदा प्रेरित करेगी। अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।
Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। अंशुल को कंटेंट राइटिंग और अनुवाद के क्षेत्र में 7 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए ट्रांसलेशन ऑफिसर के पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने Testbook और Edubridge जैसे एजुकेशनल संस्थानों के लिए फ्रीलांसर के तौर पर कंटेंट राइटिंग और अनुवाद कार्य भी किया है। उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से हिंदी में एमए और केंद्रीय हिंदी संस्थान, नई दिल्ली से ट्रांसलेशन स्टडीज़ में पीजी डिप्लोमा किया है। Leverage Edu में काम करते हुए अंशुल ने UPSC और NEET जैसे एग्जाम अपडेट्स पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न कोर्सेज से सम्बंधित ब्लॉग्स भी लिखे हैं।
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