ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध- Essay on Online Education in Hindi

In this article, we are providing an Essay on Online Education in Hindi ऑनलाइन शिक्षा का महत्व पर निबंध | Nibandh in 200, 300, 500, 600, 800, 1000 words For Students. Online Shiksha Ka Mahatva Par Nibandh

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध- Essay on Online Education in Hindi

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ऑनलाइन शिक्षा का महत्व- Online Shiksha Ka Mahatva Par Nibandh

प्रस्तावना- Introduction

ऑनलाइन शिक्षा क्या है- What is Online Education

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ऑनलाइन शिक्षा अर्थात नए समय की डिजिटल शिक्षा है, जहां लोगों को कम समय में और कम पैसे में घर बैठे अच्छी से अच्छी शिक्षा दी जा सकती है। ऑनलाइन शिक्षा अभी तक स्कूलों और कॉलेज में एक विकल्प है लेकिन भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा को प्राथमिकता भी दी जा सकती है।

ऑनलाइन शिक्षा के बारे में जानकारी- Information about online education

समय बदला और कुछ ही समय में पूरी दुनिया पर स्मार्टफोन और इंटरनेट ने अपना कब्जा जमा लिया। इंटरनेट ने मानव की सहूलियत के लिए बहुत सारे काम किए जिसमें से एक काम है ऑनलाइन शिक्षा (online education), जिसने दुनिया के पढ़ने के तरीको को ही बदल दिया। जो शायद कुछ समय पहले सोचना भी नामुमकिन था वो परिवर्तन आया है ऑनलाइन शिक्षा के बाद। कोरोना महामारी के दौरान सम्पूर्ण दुनिया के थम जाने के बाद भी शिक्षा के माध्यम नहीं रुके और हर घर में ऑनलाइन शिक्षा ने बता दिया कि हम तैयार हैं हर परेशानी से निपटने के लिए।

ऑनलाइन शिक्षा का महत्व- Online Shiksha Ka Mahatva

कोरोना महामारी से पहले तक ज्यादातर शिक्षा सिर्फ कॉलेजों और स्कूलों की चारदीवारी में बंद थी लेकिन अब शिक्षा सार्वजनिक तरीके से उपलब्ध है सबके लिए वो भी आसानी से, बिना कहीं जाए घर पर बैठे-बैठे ही। वैसे तो ऑनलाइन शिक्षा हमारे पास एक विकल्प था, लेकिन कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन शिक्षा ही हमारे लिए सिर्फ एक अकेला विकल्प बचा है।

लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा के जरिए हमने हमारी शिक्षा व्यवस्था को रोकने नही दिया जिसका ही परिणाम हे की बच्चो का शिक्षा के छेत्र में काफी नुकसान होने से बच गया और इसही वजह से हमने अपने ऑफ़लइन एजुकेशन (offline education) को ऑनलाइन एजुकेशन (online education) में परिवर्तित कर लिया है।

आज के समय में मध्यम वर्ग के बच्चों के पास इतने भी पैसे नहीं हैं कि वह दूसरे शहर में जाकर अपनी पढ़ाई कर सकें लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प के आ जाने के बाद बच्चे अपने घर पर रहकर एक अच्छी क्वालिटी (quality) एजुकेशन का लाभ उठा सकते है और साथ ही साथ अपने समय और पैसे की परेशानी को भी कम कर सकते है वही दूसरी तरफ ऑनलाइन शिक्षा से पहले तक ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के कम विकल्प थे, लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

ऑनलाइन शिक्षा से प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की मनमानी फीस पर भी कुछ हद तक अंकुश लगा है। ऑनलाइन शिक्षा में फीस की कमी के साथ ही पढ़ाई के बेहतर विकल्प भी निकलकर सामने आए हैं।

ऑनलाइन शिक्षा के साधन- Online education tools

ऑनलाइन शिक्षा के लिए दो मत्वपूर्ण कड़ी है  जिसमे ” इंटरनेट ” और इंटरनेट डिवाइसेस सामिल हैं। इंटरनेट के माध्यम से मोबाइल या कंप्यूटर में  यूट्यूब, गूगल मीट, टेलीग्राम, लाइव वीडियो जैसे साधनों द्वारा घर बैठे शिक्षा को प्राप्त किया जा सकता है इसी शिक्षा को ऑनलाइन शिक्षा भी कहते हैं ।

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे- Advantage of Online Education in Hindi

  • बच्‍चे ऑनलाइन क्लासेस की वजह से  वीडियो चैट से क्‍लास कर रहे हैं, जिससे वो तकनीकी तौर पर निपुण हो रहे हैं। यही वजह है कि आज की तारीख में तकरीबन सभी बच्‍चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट(electronic gadget) की अच्छी खासी जानकारी है।
  • शिक्षक और विद्यार्थी अपनी सहूलियत के समय का चुनाव करके ऑनलाइन से जुड़ सकते है और साथ ही ऑनलाइन एजुकेशन के आने से टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ा है और शिक्षण व्यवस्था में भी काफी बदलाव देखने को मिला है।
  • ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा किसी भी कर्फ्यू या लॉकडाउन की स्थिति में विद्यार्थी पर शिक्षा की कोई भी बाध्यता नही आ सकता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा बच्चे क्लासरूम से निकल कर उनके पसंदीदा डिवाइस (स्मार्टफोन, लैपटॉप) में पढ़ाई कर सकते हैं जिससे उनका पढ़ाई में भी लगाव बढ़ेगा।

ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान- Disadvantage of Online Education in Hindi कहते हैं ना हर किसी के दो पक्ष होते हैं एक अच्छा और एक बुरा, ऑनलाइन शिक्षा में भी गुणों के साथ कुछ दोष भी हैं जैसे कि-

  • ऑनलाइन शिक्षा कंप्यूटर डेस्कटॉप या मोबाइल स्क्रीन पर प्रसारित होती है, जिससे लगातार नजर गढ़ाए रखने से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा में विद्यार्थी का मूल्यांकन ठीक ढंग से नही किया जा सकता है और विधार्थी के अनुसाशन पर भी फर्क पड़ता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा के जरिए सिलेबस को पूरा कराने में अधिक समय लगता है और कभी कभी किसी टेक्निकल प्रॉब्लम   (techniquel problem) की वजह से क्लास अच्छे से नही हो पाती हैं।
  • ऑनलाइन परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी की  संभावना बहुत होती है और कभी कभी विद्यार्थी को उतना अच्छे से समझ नहीं आता है जितना कि क्लास रूम में बैठकर समझ आता है।

ऑनलाइन शिक्षा में भविष्य की उपलब्धियां- Future achievements In Online Education

मनुष्य अपने जीवन मे बहुत व्यस्त हो गया है जिससे भविष्य में उसके पास समय की बहुत कमी होगी। ऑनलाइन शिक्षा भविष्य के लिए एक बेहद सटीक कदम है। जिससे बच्चों का समय बचेगा और कम समय में अलग-अलग तरह की शिक्षा आसानी से प्राप्त की जा सकेगी और काफी लोग कहीं भी कभी भी और कुछ भी सीख सकेंगे।

आने वाले भविष्य में डिजिटल सिस्टम होगा जिसके लिए शिक्षा के डिजिटल रूप को भी तैयार किया जा रहा है। कहते हैं न ” आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है ” कोरोना महामारी के कारण जब दुनिया थम गई है तब समय की जरूरत ने कुछ ही समय मे ऑनलाइन शिक्षा को हम सब के सामने एक मजबूत विकल्प के रूप में खड़ा कर दिया है।

इसी के साथ ऑनलाइन शिक्षा नए रोजगार की दृष्टि से भी अपना एक मार्केट बना रहा है, भारत में ऑनलाइन शिक्षा का मार्किट वर्ष 2017 तक  लगभग $ 240 मिलियन डॉलर तक ही था, लेकिन वर्ष 2021 के अंत तक इसके $1.90 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अंदेशा है और भविष्य में कई बड़ी कंपनियों के ऑनलाइन शिक्षा के मार्किट में आने की संभावनाएं भी दिख रहीं हैं।

उपसंहार- Conclusion

मुश्किल समय दुनिया को बहुत कुछ सिखा के जाता है, वहीं कोरोना महामारी ने दुनिया को बहुत कुछ सिखाया और उसके साथ ही हम सबके सामने बहुत से ऐसे विकल्पों को कुछ महीनों में तैयार कर दिया जिन्हें वास्तविकता में आने में कई साल लग जाते। ऑनलाइन शिक्षा उनमें से ही एक विकल्प है, आशा है भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा दुनिया में कई बड़े परिवर्तन करेगी।

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‘ऑनलाइन शिक्षा’ ये हिंदी निबंध class 1,2,3,4,5,7,6,8,9 10,11,और 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है और वो लोग भी जो जानना चाहते है कि Online education क्या होता है । यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education

हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध हिंदी में (Online Education essay in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध (Essay writing on Online Education) के अंतर्गत हम समाचार पत्र से संबंधित पूरी जानकारी को विस्तार से जानेंगे इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

बदलते दौर में आज जहाँ सब कुछ डिजिटल हो रहा है, वहीं शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है फिर कोविड- 19 जैसी महामारी ने मानव जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जिसमें शिक्षा क्षेत्र पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। इसलिए आज समय की माँग है कि ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। भारत सरकार ने भी को विड-19 महामारी के इस दौर में शिक्षा में हुए नुकसान को कम करने के लिए ‘भारत पढ़े ऑनलाइन योजना’ शुरू की है, जो ऑनलाइन शिक्षा के बढ़ते महत्त्व को रेखांकित करती है। वस्तुतः वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी ऑनलाइन शिक्षा का महत्त्व निरन्तर बढ़ेगा, लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि ऑनलाइन शिक्षा के लाभ के साथ-साथ कुछ व्यावहारिक हानियाँ भी हैं, जिस कारण इसे सावधानीपूर्वक अपनाने की जरूरत है।

ऑनलाइन शिक्षा का अर्थ (Meaning of Online Education)

ऑनलाइन शिक्षा कम्प्यूटर आधारित नेटवर्क से सम्बद्ध होती है। इसमें विद्यार्थी घर पर रहकर भी शिक्षा प्राप्त करता है। इसके अन्तर्गत विद्यार्थी वीडियो के माध्यम से लाभान्वित होते हैं, इसमें शिक्षक से प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं होता है।

ऑनलाइन शिक्षा इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों और सीखने की प्रक्रियाओं के उपयोग को सन्दर्भित करती है। ऑनलाइन शिक्षा हेतु इण्टरनेट का कनेक्शन, कम्प्यूटर, स्मार्टफोन आदि महत्त्वपूर्ण सामग्री की जरूरत होती है।

ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम / प्रकार (Types of Online Education)

ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम / प्रकार निम्नलिखित हैं:

1. लाइव वीडियो क्लासेज (Live Video Classes): इसके अन्तर्गत एक ही समय में विद्यार्थी और शिक्षक अलग-अलग स्थानों से एक-दूसरे से शैक्षिक संवाद करते हैं। इस तरह की कक्षा में विद्यार्थी अपने प्रश्नों का तत्काल उत्तर जान पाते हैं, जिससे उनका उस विषय से सम्बन्धित सन्देह भी दूर हो जाता है। इसी कारण इसे ‘रियल टाइम लर्निंग’ भी कहा जाता है।

2. प्री रिकॉर्डेड वीडियो क्लासेज (Pre Recorded Video Classes): इस व्यवस्था में पाठ्यक्रम से सम्बन्धित जानकारी पहले से उपलब्ध होती है। इस प्रकार की ऑनलाइन शिक्षा का लाभ यह है कि विद्यार्थी किसी भी समय इसका लाभ उठा सकते हैं अर्थात् इस कक्षा को कभी भी देख सकते हैं। इस शैक्षिक व्यवस्था में विद्यार्थी और शिक्षक के बीच वास्तविक समय में शैक्षिक संवाद करने का कोई विकल्प नहीं होता है। इसमें विद्यार्थी अपना प्रश्न कमेंट बॉक्स में पूछते हैं, जिसका जवाब या तो कमेंट बॉक्स में या फिर अगली कक्षा में दिया जाता है।

3. स्लाइड्स (Slides): ऑनलाइन शिक्षा में सूक्ष्म से सूक्ष्म वस्तुओं के अध्ययन में स्लाइड्स प्रणाली काफी उपयोगी है। इनका प्रयोग शिक्षण कौशल को प्रभावी बनाता है। स्लाइड को प्रदर्शित करने के लिए प्रोजेक्टर की आवश्यकता होती है। स्लाइड्स के कई प्रकार हैं- लैंटर्न स्लाइड्स, सेलफोन स्लाइड्स, ग्लास स्लाइड्स, फोटोग्राफिक स्लाइड्स आदि।

4. ऑनलाइन टेस्ट (Online Test): डिजिटल युग में आज ऑनलाइन टेस्ट का भी महत्त्व काफी बढ़ गया है। इसकी सहायता से विद्यार्थी को मुख्य परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिलती है, क्योंकि इससे विद्यार्थी अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं, साथ ही अपनी टाइमिंग को भी सेट कर सकते हैं। यह टेस्ट कागज-कलम से नहीं, बल्कि कम्प्यूटर पर दिया जाता है। परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले स्टार्ट ट्यूटोरियल से परीक्षा के नियम बताए जाते हैं। फिर परीक्षा शुरू होती है। Computer, Keyboard और Mouse के माध्यम से प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है। आजकल बच्चे घर बैठकर भी अपने Smart Phone से Online Test दे सकते हैं।

5. पीडीएफ आधारित ऑनलाइन शिक्षा (PDF Based Online Education): Pre-recorded Video Classes या Slides के द्वारा दिए जा रहे Lecture में मुख्यत: Pdf के पेज को ही एक-एक कर Screen पर प्रस्तुत कर पढ़ाया जाता है। इसमें पाठ्यक्रम को पहले Pdf में Convert कर दिया जाता है फिर या तो लाइव वीडियो क्लासेज या प्री रिकॉर्डेड वीडियो क्लासेज जिस Website पर चलती हैं, उसके नीचे पीडीएफ डाउनलोड करने का लिंक दिया जाता है।

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ऑनलाइन शिक्षा से लाभ (Advantages of Online Education)

  • ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से कक्षाओं का शिक्षण अधिक रोचक और संवादात्मक बनाया जा रहा है, जिससे बच्चे इस पर अधिक से अधिक ध्यान दे रहे हैं।
  • ऑनलाइन शिक्षा कोई भी, कहीं भी और कभी भी प्राप्त की जा सकती है। उदाहरण के लिए, यात्रा के दौरान या फिर किसी कारणवश अवकाश लेने पर छूटे हुए विषयों से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन शिक्षा को प्रोत्साहन देने से विद्यार्थी नए-नए ज्ञान भी प्राप्त करेंगे। साथ ही शिक्षकों पर सक्षम, अद्यतन न होने और शिक्षकों की कमी के जो आरोप लगते हैं, उसे भी दूर किया जा सकता है।
  • भारत जैसे विशाल देश में पर्याप्त स्कूल-कॉलेज नहीं हैं। ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प से स्कूलों-कॉलेजों पर दबाव कम होगा और अभिभावकों एवं बच्चों के लिए अपने ढंग से पढ़ने-पढ़ाने की स्वतन्त्रता होगी अर्थात् स्कूल-कॉलेज में दाखिले की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी।
  • ऑनलाइन शिक्षा पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभकारी है, क्योंकि ऑनलाइन पर निर्भरता से कॉपी किताब की जरूरत कम होगी, लोग बाहर नहीं निकलेंगे।
  • ऑनलाइन शिक्षा से छात्र स्वयं यह समझेंगे कि वे कैसे सीखते हैं, उन्हें क्या पसन्द है और किस समर्थन की आवश्यकता है। साथ ही छात्र स्वतन्त्र रूप से शोध करेंगे और एक नई प्रस्तुति का निर्माण करेंगे। ऑनलाइन शिक्षण पद्धति में समय की बचत होती है, साथ ही इसमें ज्ञान की विविधता अधिक होती है।
  • तीव्रता एवं गहनता की दृष्टि से ऑनलाइन शिक्षा काफी प्रभावकारी है। इसमें सूचनाओं का संग्रहण न केवल तीव्र होता है, बल्कि सृजनशीलता एवं विविधता की दृष्टि से भी इसकी महत्ता काफी ज्यादा है। 
  • ऑनलाइन शिक्षा से छात्रों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय व सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकती है।

ऑनलाइन शिक्षा से हानि / सम्बन्धित चुनौतियाँ (Disadvantages of Online Education)

  • ऑनलाइन शिक्षा कम्प्यूटर आधारित नेटवर्क से सम्बद्ध होती है, जिसके लिए कई उपकरणों की जरूरत होती है जो काफी महँगे होते हैं। इस कारण ऑनलाइन शिक्षा पाना सबके लिए सम्भव नहीं है।
  • ऑनलाइन शिक्षा के अन्तर्गत छात्र किसी प्रश्न का जवाब इंटरनेट पर आसानी से प्राप्त कर लेते हैं, ऐसे में छात्र कभी किसी विषय पर पढ़ते हुए ज्यादा सोच-विचार नहीं करते हैं, जिसमें बच्चों की रचनात्मक क्षमता में कमी आती है। 
  • ऑनलाइन या डिजिटल शिक्षा चाहे कितनी भी सुविधा छात्रों को उपलब्ध करा दे, लेकिन इस सुविधा के कारण छात्रों में अध्ययन की खराब आदतों को बढ़ावा मिल रहा है, छात्रों में आलसी दृष्टिकोण विकसित हो रहा है। 
  • ऑनलाइन शिक्षा के लिए विश्वसनीय बिजली आपूर्ति और सर्वव्यापी इण्टरनेट की आवश्यकता होती है, लेकिन इस क्षेत्र में भारत में अभी भी आधारभूत संरचना की कमी है।
  • ऑनलाइन शिक्षा के अध्ययन के लिए घर का वातावरण उपयुक्त नहीं होगा, क्योंकि छात्र अपने घर पर गेम, सोशल मीडिया से विचलित हो सकते हैं, जबकि स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई का एक व्यवस्थित माहौल होता है। 
  • ऑनलाइन शिक्षा से छात्रों के सीखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है, क्योंकि यदि छात्र अध्ययन का सक्रिय हिस्सा न बन पाया तो उसकी प्रेरणा खत्म हो सकती है।
  • मनोवैज्ञानिकों के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा तनावपूर्ण है। इनके शोध के अनुसार 15 मिनट के ऑनलाइन अध्ययन के बाद छात्रों की नोट्स लेने में रुचि खत्म हो जाती है और वे मनोरंजक साइट्स पर पहुँच जाते हैं।
  • हाल के नवीन सर्वे के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
  • भारतीय चिंतन परम्परा के अनुसार शिक्षा के तीन उद्देश्य है व्यक्ति एवं चरित्र निर्माण, समाज कल्याण का उत्तरोत्तर विकास। ऑनलाइन शिक्षा इन लक्ष्यों की पूर्ति कहाँ तक करती है, इसकी जाँच जरूरी है।
  • कई विषय बहुत की व्यावहारिक हैं; जैसे-विज्ञान के प्रयोगों, शिल्प, शारीरिक शिक्षा, डिजाइनिंग आदि में बिद्यार्थी का हाथ पकड़कर सिखाना ज्यादा प्रभावकारी होता है।
  • अधिकांश शिक्षण ऑनलाइन शिक्षण के लिए प्रशिक्षित नहीं है, जिस कारण ऑनलाइन शिक्षण का सामना करने से वे दूर भागते हैं।

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ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयास

परिवर्तन संसार का नियम है तथा परिवर्तन के इस दौर में जो राष्ट्र, समाज व व्यक्ति अपने को बदल लेगा, वह निश्चित रूप से विकास के पथ पर आगे जाएगा। आज का युग डिजिटल युग है फिर कोविड- 19 महामारी ने पूरी विश्व व्यवस्था को अपनी सोच में परिवर्तन लाने को विवश कर दिया है। यही कारण है कि आज विभिन्न राष्ट्रों में ऑनलाइन शिक्षा की अत्यधिक वकालत की जा रही है यद्यपि इस क्षेत्र में विकसित राष्ट्र में पहल काफी पहले हो चुकी है।

भारत में सरकारी स्कूल, कॉलेज आदि संरचनाओं में ऑनलाइन शिक्षा को महत्त्व दिया जा रहा है। यहाँ तक कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा; जैसे- सिविल सेवा, मेडिकल, इन्जीनियरिंग आदि की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान भी इसमें जुट गए हैं। केन्द्र सरकार ने इस वर्ष के बजट में भी लगभग 100 कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा के बारे में प्रावधान किए हैं। भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयासों का विवरण निम्नलिखित है

1. स्वयं (SWAYAM): स्वयं का विस्तार रूप Study Webs of Active Learning for Young Aspiring Minds है। यह एक ऐसा निःशुल्क ऑनलाइन पोर्टल है, जो वर्तमान युवाओं की अधिगम आकांक्षाओं को इण्टरनेट के माध्यम से पूरा करता है। इस पहल के माध्यम से सभी अध्ययन सामग्री और कक्षा में हुए परीक्षण के वीडियो को निःशुल्क विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जाएगा।

2. स्वयंप्रभा (Swayam Prabha): मानव संसाधन मन्त्रालय द्वारा वर्ष 2017 में शुरू की गई 32 चैनलों वाली स्वयंप्रभा छात्रों को निःशुल्क ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने वाला एक पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से स्कूल से लेकर कॉलेज तक के सभी छात्रों की सहायता की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों और पिछड़े वर्ग के समाज में शामिल छात्रों को अच्छी शिक्षा प्रदान करना है।

3. मूक्स (Massive open online course, Moocs): यह विश्वविद्यालय स्तर के लिए ऐसा ऑनलाइन पाठ्यक्रम है, जो सामान्य लोगों के लिए खुला हुआ है। इसके माध्यम से लोगों को अपने लिए किसी विषय पर लोगों से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने का अवसर मिलेगा। इसमें कोई भौगोलिक सीमा नहीं है।

4. भारत पढ़े ऑनलाइन: कोरोना संकट के दौर में मानव संसाधन विकास मन्त्रालय ने भारत के ऑनलाइन शिक्षा परितन्त्र को बेहतर बनाने के लिए लोगों के विचार / सुझाव आमन्त्रित करने के उद्देश्य से ‘भारत पढ़े ऑनलाइन’ नामक एक साप्ताहिक अभियान की शुरुआत की है।

इस अभियान का उद्देश्य ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में उपस्थित किसी भी प्रकार की बाधा को समाप्त करने हेतु मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के साथ प्रत्यक्ष सुझाव / समाधान साझा करने की दिशा में भारत के सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तियों को आमन्त्रित करना है।

5. विद्यादान 2.0: इस कार्यक्रम का प्रारम्भ मानव संसाधन विकास मन्त्रालय ने ई-शिक्षण से सम्बन्धित विषय सामग्री में योगदान करने के लिए किया है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसमें व्यक्ति (शिक्षक, शिक्षाविद्, विषय विशेषज्ञ आदि) और संगठन (विद्यालय आदि) शिक्षा के क्षेत्र में ई-शिक्षण में योगदान कर सकते हैं। विद्यादान कार्यक्रम की शुरुआत विशेष रूप से को विड-19 की पृष्ठभूमि में छात्रों (विद्यालय और उच्च शिक्षा स्तर दोनों पर) के लिए ई-शिक्षण विषय सामग्री की बढ़ती आवश्यकता और शिक्षण में वृद्धि के लिए स्कूली शिक्षा के साथ डिजिटल शिक्षा को एकीकृत करने की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत देश भर में किसी भी समय और कहीं से भी शिक्षण को जारी रखने हेतु बच्चों के उपयोग के लिए दीक्षा (DIKSHA) ऐप जारी किया गया।

6. दीक्षा (DIKSHA): (डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर नॉलेज शेयरिंग) मानव संसाधन विकास मन्त्रालय द्वारा वर्ष 2017 में छात्रों के लिए पूरक शिक्षण सामग्री प्रदान करने और शिक्षकों के कौशल को अपग्रेड करने हेतु दीक्षा प्लेटफॉर्म का शुभारम्भ किया गया था। वर्तमान में दीक्षा 10 भाषाओं में विषय सामग्री के सृजन तथा पठन दोनों के लिए सहायता प्रदान करती है।

7. पीएमई-विद्या: यह ऑनलाइन शिक्षा का एक कार्यक्रम है, जिसे कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण हो रहे अकादमिक नुकसान को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा चालू किया जाएगा।

इस योजना के तहत छात्रों को विभिन्न माध्यमों के द्वारा शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही कक्षा 1 से 12 के लिए अलग-अलग टीवी चैनलों की शुरुआत भी की जाएगी।

Short Essay on Online Education in Hindi

शिक्षा जीवन को सरल एवं अर्थपूर्ण बनाने का आधारभूत स्तंभ है। शिक्षा एक सच्चे मित्र की तरह है जो किसी भी परिस्थिति में साथ नहीं छोड़ती। मानव यदि शिक्षा को अपना परम मित्र बना लेता है तो उसका जीवन आनंदमय एवं कल्पनाओं से भरा होता है। शिक्षा के विकास में भावनाओं का महत्व सबसे ज्यादा होता है, क्योंकि शिक्षा का स्तर वहीं होता है जहाँ प्रेम, संस्कार एवं कल्पना होती है। यही कारण है कि ऐसा कहा गया है।

कर्तव्यों का बोध करावी, अधिकारों का ज्ञान शिक्षा से मिल सकता है, सर्वोपरि सम्मान | 
और साथ ही
जिस समाज में हो शिक्षित सभी नर-नारी,सफलता, समृद्धि खुद बने उनके पुजारी।

शिक्षा मानव को एक अच्छा इंसान बनाती है शिक्षा का स्वरूप बड़ा व्यापक है जिसमे ज्ञान, उचित आचरण, तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्तिका समावेश होता है। यह शिक्षा ही है जो बालक के अंदर निहित बच्चों को बाहर की ओर अग्रसित करती है।। थोड़ा व्यापक दृष्टि से देखें तो शिक्षा आजीवन चलने वाली एक प्रक्रिया है।

महात्मा गांधी के शब्दों में- “शिक्षा से मेरा तात्पर्य में, बालक और मनुष्य के शरीर, मस्तिष्क एवं आत्मा का उत्कृष्ट विकास है।” इस तरह शिक्षा का वास्तविक अर्थ-व्यक्तिगत निर्माण, संस्कृति की रक्षा और समाज की उन्नति होता है।

भारतीय समाज शिक्षा और संस्कृति के मामले में प्राचीन काल से ही बहुत समृद्र रहा है। शिक्षक को समाज के समग्र व्यक्तित्व के विवसका उत्तरदायित्व भी सौंपा गया है। महर्षि अरविंद ने एक बार शिक्षकों के लिए कहा था कि “ शिक्षक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं, वे संस्कारों की जड़ों में खाद देते है और अपने श्रम से सींचकर उन्हें शक्ति में बदलते हैं ।”

यदि हम आज की बात करें तो देखेंगे कि समाज भी परिवर्तन पर टिका है, समयानुरूप वहाँ भी बदलाव की प्रक्रिया चलती रहती है यही वजह है कि शिक्षा जो समाज का एक आवश्यक और अनिवार्य तत्व उसमें भी समयानुसार परिवर्तन होते रहे हैं और आज भी हो रहे हैं।

यह कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि भोजन-पानी जितनी आवश्यक शिक्षा भी है क्योंकि इसी के द्वारा विद्यार्थी या बालक जीवन कौशल सीखता है। यह भी सच है कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में भी अभूतपूर्व बदलाव आया है साथ ही यह भी सत्य है कि शिक्षा जीविकोपार्जन का साधन मात्र बनती जा रही है। 

थोड़ा समय का पहिया उलटा घुमाते हैं, और पीछे चलते हैं जहाँ हम देखते हैं कि भारत में वर्तमान आधुनिक शिक्षा का राष्ट्रीय ढाँचा एवं प्रबंध औपनिवेशिक काल और आज़ादी के बाद के दौर में ही खड़ा हुआ है। सन 1968 में बनी भारत की पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस बात पर जोर है कि 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाए और इसी संदर्भ में एक अप्रैल 2010 में शिक्षा का अधिकार (RTE) भी एक कानून बना और इसके अनुसार 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को नजदीकी विद्यालयों में निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की प्राप्ति का अधिकार होगा ।

समय-समय पर इस विभिन्न सरकारी नीतियों का पालन होता रहा और शिक्षण प्रक्रिया चलती रही परंतु पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में भी सूचना एवं प्रौद्योगिकी के विकास के कारण ऑन लाइन शिक्षण संस्थाएँ खुली साथ ही शिक्षण संस्थानों में भी बच्चे जाकर प्रत्यक्ष एप से भी शिक्षा ग्रहण कूरत परंतु समय का चक्र कुछ ऐसा आया कि पिछले वर्ष जब विश्व केरोना जैसी महाभारी के आगे विवश हो गया और तब इस covid- 19 का जो भयावह रूप सामने आया उससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं | आज इस महामारी ने हमारे जीवन के हर पक्ष को बुरी तरह प्रभावित किया, शिक्षा जगत भी इससे अछूता नहीं रहन कोरोना की भयावहता को देखकर ही 15 मार्च से सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए और तब पूर्णरूपेण शिक्षा का स्वरूप बदल गया | ऑन लाइन शिक्षा के द्वारा कोर्स खतम करने का सरकारी आदेश आया । विगत 6-7 महीनों से शिक्षार्थी क इसी ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

इस दिशा में सरकार ने स्वयं अनेक प्लेटफॉर्मों जैसे- स्वयं ई, पी.जी-पाठशाला, किशोरमंच, डिबीटल लाइजरी, दीशा, आदि ऐप का प्रयोग करने के निर्देश दिए है। 

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इसी ऑनलाइन शिक्षा को आज हम विद्यार्थियों के जीवन से इस कदर जुड़ा हुआ पाते कि लगता है इस वैश्विक संकट के समय इसके अतिरिक्त दूसरा कोई उपाय ही नहीं, जिससे विद्यार्थी शिक्षण प्रक्रिया से जुड़े रहें, उनका यह बहुमूल्य सत्र और समय व्यर्थ न हो जाए, उनकी शिक्षा पर इस कठिन समय का कुप्रभाव न पड़े।

“ ऑनलाइन शिक्षा जो आज के बदलते हुए डिजिटल युग के समय की मांग है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और डिजीटल मीडिया के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की जाती है ।” बुनियादी इंटरनेट ऑडियो, वीडियों की जानकारी मात्र होने से भी छात्र ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। आज की इन विषम परिस्थितियों में छात्र ऑनलाइन शिक्षकों के निर्देशानुसार ही शिक्षा प्राप्ति में जुटे हैं, वे अपना विभिन्न पाठ्यक्रम पूरा कर रहे हैं दूसरी ओर खेल-खेल में ज्ञान परक कंम्प्यूटर कार्यक्रमों का निर्माण हुआ और हो रहा है। 

कोरोना से अलग हटकर भी यदि हम देखे तो भारत जैसे गरीब देश में ऑनलाइन शिक्षा एक जरूरत बनकर उभरी है क्योंकि इसके विकल्प से स्कूलों पर दबाव कम होगा और माता-पिता एवं बच्चों को भी अपने तरीके से पढ़ने-पढ़ाने की आज़ादी होगी। 

अब तो U.G.C ने भी यह सुझाव दे दिया है कि भविष्य में जब भी शैक्षिक कार्यक्रम हो तक दो दिन ऑनलाइन शिक्षण गूगल meet, WebeX, जूम इत्यादि अब तो तकनीकी के द्वारा, अगले दो दिन विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज मे प्रत्यक्ष शिक्षा ग्रहण करें और एक दिन का प्रोजेक्ट वर्क । 

तात्पर्य यह है कि ऑनलाइन शिक्षा आज के अनुसार विद्यार्थी जीवन का अधिक अंग बनती जा रही है। इससे समय एवं पैसे (आने जाने का व्यय) की बचत होती है। 

इसका दूसरा पहलू भी है कि भारत जैसे गरीब देश में आधी जनसंख्या गांवों में रहती है जहाँ इस ऑनलाइन शिक्षण के महत्वपूर्ण घटक यानि मोबाइल डेटा या इंटरनेट आसानी से उपलब्ध नहीं है, साथ ही Speed की भी समस्या मुँह बाए खड़ी रहती है। इसके साथ रेडिएशन का खतरा, नेत्रों की ज्योति पर असर, सामाजिक वातावरण मैं अध्ययन करने से सबके साथ सामंजस्य की समस्या, अकेलापन, अवसाद और अनेक समस्याएँ हैं। खेल संबंधी गतिविधियां, कला संबंधी कार्यक्रम, भी जुटे हुए हैं इससे उनका समग्र विकास भी बाधित है।

परंतु इन सबके बावजूद ऑनलाइन शिक्षण ही एकमात्र उपाय है जीवन में आगे बढ़ने का और देश की भावी पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल करके अच्छे नागरिक बनाने का । कोरोना का यह सेकट जल्दी समाप्त होने वाला नहीं ऐजे में सामाजिक दूरी बनाए शिक्षा प्राप्त का मुख्य साधन ऑन लाइन शिक्षा ही है। पूरे विश्व में यह मत बन रहा है कि कोरोना के साथ ही जीना है क्योंकि जहाँ चुनौती होती है, वहाँ समस्या होती है, परंतु वहीं उसके समाधान भी निहित होते हैं। 

स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि “ जीवन में आए अवसरों को व्यक्ति साहस एवं ज्ञान की कमी के कारण समझ नहीं पाता है ” ऐसी स्थिति में हमें साहस एवं ज्ञान दोनों का परिचय देना होगा और ऑनलाइन शिक्षा को प्रोत्साहन देना होगा | 

इस प्रकार की शिक्षा से विद्यार्थी तरह-तरह से ज्ञान प्राप्त कर सकता है, समय का बंधन नहीं विभिन्न पाठ्यक्रम सीखकर सर्टिफिकेट आदि भी प्राप्त कर सकता है अपनो ज्ञान का विस्तार कर सकता है, विशाल पठन सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है। दूसरे पर्यावरण की दृष्टि से भी ऑन लाइन शिक्षा पर निर्भरता से कॉपी-किताब की ज़रूरतें कम होंगीं

परंतु साथ ही देश की मातृभाषाओं में सभी विषयों की सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध कराना एक इसके साथ चुनौती अवश्य है परंतू असंभव साइबर क्राइम के प्रति सावधान नहीं । करने वाले पाठ्यक्रम को महत्व देना होगा, पाठ्य-क्रमों में बदलाव एवं कौशल शिक्षा को शामिल करने से इस ऑनलाइन शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

इस तरह यह ऑनलाइन शिक्षण देश और समाज के लिए हितकारी होगा। समय की मांग एवं विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य से जुड़ी यह ऑन लाइन शिक्षा छात्रों को रूचिकर एवं आकर्षक तरीके से शिक्षाप्राप्ति के अवसर भी प्रदान करती है। यही कारण है कि आज की इन परिस्थितियों में यह ऑनलाइन शिक्षा विद्यार्थी जीवन का एक अनिवार्य और अभिन्न अंग बन चुकी है इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता है।

Frequently Asked Questions

उत्तर: 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैद्य माना गया

उत्तर: मोबाइल फोन, लैपटॉप, इंटरनेट कनेक्शन, आदि

इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि यद्यपि ऑनलाइन शिक्षा के सन्दर्भ में कुछ चुनौतियाँ विद्यमान हैं, जिसे दूर किया जाना चाहिए। साथ ही ऑनलाइन शिक्षा के लाभ आज परिस्थिति के अनुसार ज्यादा हैं। डिजिटल युग व कोरोना संक्रमण की भयावहता ने ऑनलाइन शिक्षा के महत्त्व में काफी वृद्धि की है, जिसे सरकार के विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम के सन्दर्भ में समझा जा सकता है। निश्चित रूप से आज की परिस्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि ऑनलाइन शिक्षा का भविष्य काफी उज्जवल है और यह शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्ति ला रहा है। लेकिन साथ ही हमें ऑनलाइन शिक्षा की कड़ी निगरानी भी करनी चाहिए, जिससे कि छात्रों को इस तकनीक का पूरा लाभ प्राप्त हो, वहीं उनका मानसिक, शारीरिक व चारित्रिक हनन भी न हो।

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध (Essay on Online Education) पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें।

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  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष क्या हैं (What is IMF in Hindi)

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एक सुनहरे कल की शुरुआत ऑनलाइन शिक्षा : परीक्षा में ऐसे लिखे इस विषय पर निबंध

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  • Updated on  
  • जनवरी 8, 2024

ऑनलाइन शिक्षा

शिक्षा जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है सीखना या सिखाना। शिक्षा हम किसी भी माध्यम के द्वारा ग्रहण कर सकते है। शिक्षा मनुष्य को बौद्धिक रूप से तैयार करती है। वैसे ही आज के आधुनिक युग में शिक्षा प्राप्त करने का एक सरल तरीका है ऑनलाइन शिक्षा। आधुनिक समय में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली एक वरदान की तरह है। यह निबंध लिखने का महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए कई बार छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा के बारे में निबंध तैयार करने को दिया जाता है। तो आइए देखते हैं ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध क्या है।

This Blog Includes:

ऑनलाइन शिक्षा क्या है, ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 200 शब्दों में निबंध , ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 400 शब्दों में निबंध, ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली कठिनाइयां और सम्भावनाएं, ऑनलाइन शिक्षा के फायदे, ऑनलाइन शिक्षा के हानियाँ, ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव, ऑनलाइन शिक्षा के प्रकार, ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता.

जैसे कि हम पारंपरिक रूप से गुरुकुल या कक्षा में जाते हैं और उनके शिक्षक के सामने बैठकर उनका ज्ञान प्राप्त करते हैं। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में इसे शिक्षा का नवीनतम रूप माना जाता है, हम अपने शिक्षक से इंटरनेट से मिलते हैं और लैपटॉप या सेलफोन के माध्यम से उनसे मिलते हैं और अपना ज्ञान प्राप्त करते हैं।

वर्ष 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैध शिक्षा माध्यम के रूप में भी स्वीकार किया गया है। जिन्हें प्रयुक्त भाषा में दूरस्थ शिक्षा कहा जाता है। इसमें निर्धारित पाठ्यक्रम को VS/ डीवीडी और इन्टरनेट के माध्यम से शिक्षा दी जाती हैं। बड़ी बड़ी सेवाओं जैसे सिविल सर्विस, इंजीनियरिंग और मेडिकल, कानून आदि की शिक्षा भी आज कई संस्थान ऑनलाइन उपलब्ध करवा रहे हैं।

संकेत-बिंदु:

  • टेक्नोलॉजी से बदलाव
  •  समय और पैसे दोनों की बचत
  • नोट्स बनाने का डर नहीं

बदलते परिवेश में टेक्नोलॉजी में भी कई बदलाब हुए है और इसके उपयोग भी बड़े है। टेक्नोलॉजी के वजह से शिक्षा लेने की पद्दति में भी बहुत से परिवर्तन देखने को मिले हैं । आज ऑनलाइन शिक्षा में उपयोग होने वाली शिक्षण सम्बंधित सामग्री, टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजी जा सकती है।ऑनलाइन शिक्षा से समय बचता है।साथ ही, छात्र शिक्षा को अपने घर में आराम से ले सकते हैं। बच्चे लगातार अपने शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षा से पढ़ने के नए तरीकों को सिखाते हैं और पढ़ने में भी रूचि रखते हैं यही नहीं ऑनलाइन शिक्षा में ट्यूशन या बड़े -बड़े कोचिंग सेंटर का खर्च भी बचता है । उदाहरण के लिए राजस्थान सरकार ने स्माइल प्रोजेक्ट के तहत स्कूली बच्चों को व्हाट्सएप्प के जरिये रोजाना स्टडी मेटेरियल विडियो ऑडियो आदि पहुचाएं जाते हैं. इस नई पहल से शिक्षा व्यवस्था बाधित होने की बजाय अधिक आसान हुई हैं. बदलते अध्ययन वातावरण ने मनोरंजन को ओर भी  रोमांचित बनाता  है।थकान और अच्छी दैनिक लागत बचत ऑनलाइन शिक्षा के समय से बचाया जाता है।ऑनलाइन शिक्षा में, आप कक्षाओं से डरते नहीं हैं कि और आप सावधानी से  शिक्षक के साथ नोट्स लेते हैं। ऑनलाइन शिक्षा में आप अपने वीडियो को फिर से देख सकते हैं  इस प्रकार आप याद नोट्स बनाने का डर नहीं है।

  • DIKSHA PORTAL
  • वन नेशन-वन प्लेटफॉ
  • स्वंय प्रभा डीटीएच
  • ‘डिजिटली ऐक्सेसिबल इन्फॉर्मेशन सिस्टम’ (DAISY) 
  • पढ़े भारत ऑनलाइन

ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन शिक्षा हमारी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने PM eVIDYA नामक प्रोग्राम की शुरआत की  | कोरोना महामारी संकट ने शिक्षा जगत के सामने जो चुनौती खड़ी कर दी है।  PM eVIDYA के अंतर्गत 100 विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन कोर्सेज की शुरुआत जाएगी | इसमें केंद्र और राज्य सरकार द्वारा  DIKSHA PORTAL के माध्यम से स्कूली शिक्षा पर जोर दिया गया है | 1 से 12  कक्षा के  छात्रों को  “वन नेशन-वन प्लेटफॉर्म” के तहत ई-कंटेंट और QR कोड आधारित किताबें मुहैया कराई जाएगी |  अंतर्गत राज्यों के द्वारा भी महत्वपूर्ण सयोग प्रदान कारण की योजना है  | “वन नेशन-वन प्लेटफॉर्म” में  पढ़ाई के लिए रेडियो, कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट्स के जरिए शिक्षा ग्रहण करने पर ज़ोर दिया जायेगा | 

भारत सरकार द्वारा छात्रों , शिक्षकों और अभिभावकों के मनोवैज्ञानिक सपोर्ट ,मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सहायता के लिए मनोदर्पण योजना की शुरुआत की जाएगी | साथ ही स्वंय प्रभा डीटीएच के जरिए बच्चों को पहले से शिक्षा दी जा रही थी। इसमें 12 और चैनल जोड़े जाएंगे जिसमे लाइव सेशन का  टेलिकास्ट  स्काईप के जरिए किया जाएगा, प्रतिदिन 6 घंटे की पाठ्यक्रम सामग्री होगी और तीन रिपीट टेलीकास्ट के साथ सप्ताह के सभी दिनों में 24 x7 करने की व्यव्य्स्था है ।इसके अंतर्गत ग्रामीण इलाकों भी छात्रों के द्वारा लाभ उठाने की व्यव्य्स्था है । टाटा स्काई और एयरटेल टीवी से भी समझौता किया गया है ।  दिव्यांग बच्चों के लिए स्पेशल  ‘डिजिटली ऐक्सेसिबल इन्फॉर्मेशन सिस्टम’ (DAISY) के तहत इ कंटेंट प्रोग्राम लाया जाएगा, जिसके अंतर्गत दिव्यांग छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कोर्सों की शुरूआत की जाएगी। मौजूदा शिक्षा व्यवस्था को पहले से ही ऑनलाइन की ओर ले जाने की सरकार की मुहिम चल रही थी, जिसने कोरोना संकट ने अब और तेज गति दी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय  इसे लेकर पढ़े भारत ऑनलाइन जैसी  मुहिम शुरु की है। जिसमें कई कोर्स को भविष्य में भी ऑनलाइन पढ़ाने की तैयारी है। यूजीसी ने इसके लिए पूरा प्लान जारी कर दिया है, जिसके तहत विश्वविद्यालयों को अब कोर्स का 25 फीसद हिस्सा ऑनलाइन ही पढ़ाना अनिवार्य होगा | 

ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही सरकार का ध्यान इस पर भी है की  शिक्षकों को इसके लिए तैयार करा जाए । यही वजह है कि स्कूलों में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की तैयारी है। फिलहाल इसके लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) और एनसीईआरटी को पूरा प्लान तैयार करने का कार्यभार  सौंपा गया है।

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 500 शब्दों में निबंध

  • प्रस्तावना 
  • ऑनलाइ शिक्षा प्रणाली में कठिनाइयां और सम्भावनाएं
  • ऑनलाइन शिक्षा के फायदे व नुकसान 
  • ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को सुधारने के उपाय
  • उपसंहार  

इंटरनेट उपकरणों का उपयोग करके विद्यार्थी और शिक्षक संवाद स्थापित करते है। ऑनलाइन शिक्षा को सरल भाषा  में इंटरनेट आधारित शिक्षा व्यवस्था कहते है। आज एक क्लिक पर आप सारी सूचना मिल जाती जाती है। वैसे तो ऑनलाइन शिक्षा काफी समय हमारे बीच मौजूद है। पिछले कई सालों से अलग-अलग प्लेटफॉर्म के माध्यम की उपलब्ध्ता के कारण शिक्षा के छेत्र में इतनी गम्भीरता से नहीं लिया जाता था।  मगर लॉकडाउन के कारण तेजी से इसका उपयोग बढ़ा, जिसके कारण विद्यार्थी वर्चुअल रूप से अपनी शिक्षा को अनवरत रूप से जारी रख सके ।

अभी ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली पर अमल इतनी  नहीं हुआ है | ये अपनी आंरभिक चरण में है |  महामारी के चलते शिक्षण संस्थानों और छात्रों को इसके अनुरूप ढालना एक चुनौती के समान है | इंटरनेट प्रणाली अभी तक कुछ छात्रों तक सीमित है इसका सब छात्र इसका लाभ नहीं उठा पाते है | इंटरनेट स्पीड भी एक  बड़ी समस्या  है |शैक्षिक दूसरा कारण आज भी कई माध्यम वर्गी परिवारों में स्मार्टफोन जैसी मूल सुविधा उपलब्ध नहीं | हर शिक्षा संस्थान का अपना शैक्षिक बोर्ड, विश्वविद्यालय है जिसमे अलग अलग पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा ग्रहण की जाती है | पाठ्यक्रम की असमानता सबसे बड़ी चुनौती है | कई विषयो में व्यहवारिक शिक्षा की जरुरत होती है |   तकनीकी समझ भी सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि ये शिक्षा प्राप्त करने का नया माध्यम है |ऑनलाइन शिक्षा में सम्भावनाओ की बात करे तो आधुनिक युग में इसका उपयोग बड़ी तेज़ी से बढ़ रहा है | आज कल कम्प्टीशन की तैयारी करा रहे संस्थान इस पदत्ती का उपयोग कर के पड़ा रहे है| अन्य शिक्षा संस्थानो में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है | आने वाले समय में भारत मे इस शिक्षा प्रणाली में अपार अवसर है| 

ऑनलाइन शिक्षा उन लोगों के लिए सुविधा जनक है जो काम करते हुए या घर की देखभाल करने के साथ अपनी पढ़ाई रखें चाहते है । वह सुविधा ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते है। यह एक नयी शिक्षा प्रणाली है जो हर देश अपना रहा है। छात्रों को ज़रूरत है कि वह मन और ध्यान केंद्रित करके |  जो छात्र ऑनलाइन शिक्षा को ग्रहण करने में असमर्थ है उनके लिए निशुल्क ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था करने की ज़रूरत है ताकि शिक्षा से कोई वंचित ना रहे।ऑनलाइन शिक्षा एक उम्दा  माध्यम है जहाँ छात्रों को  शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए।

ऑनलाइन शिक्षा के लाभ: यहाँ कुछ बिन्दुओं के जरिये इस नवीन प्रणाली के फायदों को समझने का प्रयास करते हैं|

  • ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से छात्र  घर में बैठे घर या विदेश में शिक्षा ग्रहण कर सकते है और अपनी डिग्री प्राप्त कर सकते है |    
  • ऑनलाइन शिक्षा से आप किसी भी विषय मे या टॉपिक को समझ सकते है और उसके बारे मे जान सकते है जिससे की आप अपने ज्ञान में बढ़ोतरी कर सकते है। 
  • कई छात्र ऐसे भी है जो कोचिंग ससेंटर जाना चाहते है लेकिन दूर की वजह वे नहीं जा पाते है तो इसका लाभ उठा कर शिक्षा गृह कर सकते है |
  • छात्र कोई भी समस्या आने बार शिक्षकों से समाधान ले सकते है साथी ही किसी भी वीडियो को बार बार देखर या रिकॉर्ड  कर के अध्ययन कर सकते है |  

नीचे दिए गये बिन्दुओं की मदद से इस शिक्षण प्रणाली की हानियों के बारें में भी जानते सकते हैं-

  • अगर देखा जाये तो शिक्ष और छात्र अधिकतर आठ घंटे ऑनलाइन टाइम बिताते ही जो की मानसिक और शारीरिक स्तिथि के नुकसानदेह है| 
  • ऑनलाइन से सबसे बड़ा नुकसान यही है कि माता -पिता चाहे उनके आर्थिक स्थिति के उलट जाकर बच्चों को मोबाइल, लेपटॉप, कम्प्यूटर जैसी सुविधा उपलब्ध करा दे लेकिन क्या बच्चे उससे सही शिक्षा ले रहे है इन बातों से वो अनजान रहते है।  
  • ऑनलाइन शिक्षा , शिक्षक और छात्रों के सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाते | लेकिन अगर शिक्षा पारपरिक हो तो बच्चा उसकी वक़्त विषय के बारे में बात कर सकता है | 
  • जब कोई छात्र स्कूल में पढाई में ध्यान नहीं लगा पाता तोऑनलाइन में कैसे ध्यान केन्द्रत कर पायेगा | 

कोरोना महामारी ने पिछले 2 वर्षों में दुनिया भर में शिक्षा और शैक्षिक प्रणालियों को अत्यधिक प्रभावित किया है। कोरोना के प्रभाव को कम करने की कोशिशो में दुनिया भर की शिक्षण संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। पूरी दुनिया में 100 करोड़ के आसपास शिक्षार्थी स्कूल बंद होने के कारण प्रभावित हुए हैं। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि विद्यार्थी शिक्षा कैसे ग्रहण करें। इसके लिए कई बड़ी संस्थओं ने इसका एक ही हल निकाला वो है ऑनलाइन शिक्षा। जिसका असर हर जगह देखा जा सकता है।

ऑनलाइन शिक्षा एक प्रकार से कंप्यूटर के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा से प्राप्त की जा रही है। ऑनलाइन शिक्षा के लिए कम्प्यूटर और कई तरह के गैजेट्स का सहारा लिया जाता है। पर इसके लिए इंटरनेट की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए, इस बात पर हमें ध्यान देना होगा।

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध में जानते हैं कि ऑनलाइन शिक्षा के प्रकार क्या-क्या हैं-

  • सिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था: यह रियल टाइम लर्निंग या लाइव टेलीकास्ट लर्निंग है। इस शैक्षिक व्यवस्था में एक ही समय में शिक्षक और छात्रों के मध्य संवाद स्थापित होता है तथा अध्ययन की गतिविधियां संचालित की जाती हैं। ऑडियो और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, लाइव चैट तथा वर्चुअल क्लासरूम आदि इसके उदाहरण हैं।
  • असिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था: इस शैक्षिक प्रणाली में छात्र अपनी स्वेच्छा से जब चाहे दी गई अध्ययन सामग्री को पढ़ या देख व सुन सकता हैं। इसमें रिकोर्डड क्लास विडियो, ऑडियो ई बुक्स, वेब लिंक्स, प्रेक्टिस सेट आदि सम्मिलित हैं। भारत में अधिकतर लोग इस शैक्षिक पद्धति के जरिये पढना पसंद करते हैं।

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध में जानते हैं कि ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता क्या है-

  • ऑनलाइन  शिक्षा के माध्यम से छात्र एक्टिव रहकर व्यक्तिगत रूप से अपने नॉलेज और दक्षताओं का स्वयं निर्माण करता है। परिणाम स्वरूप वह स्वयं ही सीखता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा में विद्यार्थी घर के अतिरिक्त किसी भी जगह से पढ़ाई कर सकते हैं। जैसे हॉस्टल से, महाविद्यालय से, सायबर कैफे से आदि। इससे आर्थिक दृष्टि से अक्षम विद्यार्थी भी उपयोगी विषयवस्तु का अध्ययन तथा शिक्षक प्रशिक्षकों से सम्पर्क कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन शिक्षा द्वारा 24 घंटे एवं सप्ताह के सातों दिन अध्ययन किया जा सकता है। अत: इसमें विद्यार्थी अपनी सुविधा के अनुसार अध्ययन कर सकता है। 
  • ऑनलाइन शिक्षा में विद्यार्थी वेब कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा विषयवस्तु एवं प्रकरण पर किसी विषय विशेषज्ञ अथवा परस्पर अंत:क्रिया करते हुए अधिगम कर सकते हैं। जिसके कारण उनके पूर्व ज्ञान में वृद्धि होती है।
  • ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी दूर-दूर बैठे हुए भी एक साथ एक समूह में अध्ययन कर सकते हैं। जिससे उनका समाजीकरण भी होता है।

ऑनलाइन शिक्षा के कारण बच्चों को अब उतना समय पढ़ाई में नहीं लगाना पड़ता जितना स्कूल में खर्च करना पड़ता था। उनके समय की बचत होती है। इसके अलावा, बच्चे अब स्कूल जाने से ऊब नहीं रहे हैं, जो एक महत्वपूर्ण लाभ है। ऑनलाइन शिक्षा से स्कूली बच्चों का समय बचेगा और उन्हें अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने का मौका मिलेगा।

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली (ई-लर्निंग) को सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक समर्थित शिक्षा और अध्ययन के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो स्वाभाविक तौर पर क्रियात्मक होते हैं और जिनका उद्देश्य शिक्षार्थी के व्यक्तिगत अनुभव, अभ्यास और ज्ञान के सन्दर्भ में ज्ञान के निर्माण को प्रभावित करना है।

ऑनलाइन शिक्षा से समय बचता है। साथ ही, छात्र शिक्षा को अपने घर में आराम से ले सकते हैं। बच्चे लगातार अपने शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षा से पढ़ने के नए तरीकों को सिखाते हैं और पढ़ने में भी रूचि रखते हैं यही नहीं ऑनलाइन शिक्षा में ट्यूशन या बड़े -बड़े कोचिंग सेंटर का खर्च भी बचता है।

स्मार्टफोन के जरिये अब वे सारे काम कहीं भी और कभी भी आसानी से निपटाये जा सकते हैं, जिसके लिए घर में डेस्कटॉप के सामने बैठ कर घंटों काम करना होता था। तकनीकी साक्षरता और विकास के साथ कदमताल करने में मोबाइल तकनीक अहम भूमिका अदा कर रही है।

आशा करते हैं कि आपको ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। इसी प्रकार के  अन्य निबंध से जुड़े ब्लॉग्स  पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay on Online Education in Hindi

by Meenu Saini | Nov 22, 2023 | Hindi | 0 comments

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध

Hindi Essay and Paragraph Writing – Online Education  (ऑनलाइन शिक्षा) for classes 1 to 12

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध – इस लेख में हम ऑनलाइन शिक्षा क्या है, ऑनलाइन शिक्षा के क्या लाभ है, ऑनलाइन शिक्षा की समस्याएं क्या है के बारे में जानेंगे। ऑनलाइन कक्षा एक नए प्रकार की शिक्षा है जिसे वर्तमान में अनेक देशों ने अपनाया है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान जब शिक्षा संस्थान बंद  हो गए थे तब ऑनलाइन शिक्षा छात्रों के लिए अच्छा विकल्प साबित हुई। इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने का सबसे नवीनतम तरीका ऑनलाइन शिक्षा है। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में ऑनलाइन शिक्षा पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।  

  • ऑनलाइन शिक्षा पर 10 लाइन
  • ऑनलाइन शिक्षा पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • ऑनलाइन शिक्षा पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • ऑनलाइन शिक्षा पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • ऑनलाइन शिक्षा पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

ऑनलाइन शिक्षा पर 10 लाइन 10 lines on Online Education in Hindi

  • ऑनलाइन शिक्षा एक नवीन और उन्नत तकनीक है जो सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावी ढंग से अध्ययन करने की अनुमति देती है।
  • इस ऑनलाइन शिक्षा को इलेक्ट्रॉनिक या ई-लर्निंग के नाम से जाना जाता है।
  • आजकल, बायजूज़, अनएकेडमी, वेदांतु आदि जैसे कई ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफ़ॉर्म हैं, जो बच्चों के लिए विभिन्न विषयों में पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं।
  • कोई भी विद्यार्थी इंटरनेट के माध्यम से किसी भी स्थान से ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
  • ऑनलाइन क्लासेस कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन के मदद से ली जा सकती है।
  • ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने का एक सस्ता और अधिक सुविधाजनक तरीका है।
  • ऑनलाइन शिक्षा उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जिनकी अन्य प्रतिबद्धताएं हैं, जैसे अंशकालिक नौकरियां या पारिवारिक जिम्मेदारियां।
  • ऑनलाइन शिक्षण एक अनुकूलित शिक्षण अनुभव प्रदान करता है जहां छात्र अपनी गति से पढ़ सकते हैं और आवश्यकतानुसार सामग्री को दोबारा देख सकते हैं। 
  • ऑनलाइन शिक्षा उन क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए वरदान साबित हुई है जहां अच्छे स्कूल या लर्निंग संस्थान उपलब्ध नहीं हैं।
  • हालाँकि, ऑनलाइन शिक्षा अनेक लाभ प्रदान करती है, वहीं यह कुछ चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करती है। उदाहरण के लिए, शिक्षकों और साथी छात्रों के साथ सीधे संपर्क का अभाव।

  Top  

Short Essay on Online Education in Hindi ऑनलाइन शिक्षा पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध – पिछले कुछ वर्षों में, ऑनलाइन शिक्षा ने छात्रों के लिए पारंपरिक कक्षा सेटिंग में शारीरिक रूप से उपस्थित हुए बिना सीखने के एक सुविधाजनक तरीके के रूप में लोकप्रियता हासिल की है, और जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी आगे बढ़ रही है, उम्मीद है कि भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा और भी अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे छात्रों को अपने शैक्षिक लक्ष्यों को लचीले और सुविधाजनक तरीके से आगे बढ़ाने के अधिक अवसर मिलेगा।

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध/अनुच्छेद – कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

ऑनलाइन शिक्षा एक बहुत अच्छा विकल्प है जो छात्रों को इंटरनेट के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। यह स्कूल जाने जैसा है लेकिन अपना घर छोड़े बिना, जो काफी सुविधाजनक है। इस शिक्षा के माध्यम से छात्र कंप्यूटर पर कक्षाएं ले सकते और सीख सकते हैं। जो बच्चे स्कूल दूर होने के कारण या नौकरी की वजह से पढ़ नहीं पाते उनके लिए यह अच्छा विकल्प है। वो अपनी पूरी शिक्षा ऑनलाइन के जरिए प्राप्त कर सकते हैं। ऐसी कई स्कूल व संस्थाएं है जो ऑनलाइन के जरिए शिक्षा प्रदान करती है। साथ ही, ऐसी कई वेबसाइटें भी हैं जो गणित, अंग्रेजी जैसे विभिन्न विषयों को ऑनलाइन के जरिए पढ़ाती है। जो बच्चों के लिए काफी हेल्पफुल होता है।

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध/अनुच्छेद – कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

ऑनलाइन शिक्षा छात्रों के लिए शारीरिक रूप से स्कूल गए बिना इंटरनेट के माध्यम से सीखने का एक सुविधाजनक तरीका है। यह उन लोगों के लिए एक फायदेमंद ऑप्शन है जो दूरी या कार्य प्रतिबद्धताओं के कारण स्कूल नहीं जा सकते हैं, वे अपनी पूरी शिक्षा ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं और सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं। हाल के वर्षों में, विश्व स्तर पर प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों और संस्थानों से विभिन्न पाठ्यक्रमों और सामग्री की पेशकश के कारण ऑनलाइन शिक्षा ने काफी लोकप्रियता हासिल की है। साथ ही, ऐसी कई लर्निंग प्लेटफॉर्म भी हैं जो ऑनलाइन के जरिए हिंदी, अंग्रेजी, गणित जैसे विभिन्न विषयों को पढ़ाती है। जो बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होता है। अत: जैसे-जैसे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और टूल आगे बढ़ रहे हैं, इस प्रकार की शिक्षा के भविष्य के विकास और सुधार की अपार संभावनाएं हैं। इसमें पारंपरिक कक्षा शिक्षण का एक मूल्यवान विकल्प बनने की क्षमता है।

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध/अनुच्छेद – कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

पिछले कुछ वर्षों में छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा एक तेजी से लोकप्रिय विकल्प बन गया है। प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, छात्र अब अपने घर से ही शैक्षिक सामग्री और संसाधनों तक पहुंच सकते हैं। इसने सीखने का एक सुविधाजनक और सबसे अच्छा तरीका प्रदान किया है, जिससे छात्रों को अपनी गति से काम करने और शिक्षा को अपनी अन्य प्रतिबद्धताओं के अनुरूप ढालने की अनुमति मिलती है। ऑनलाइन शिक्षा रुचि के विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता के विकल्पों के साथ विषयों और पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला भी प्रदान करती है। हालांकि यह पारंपरिक कक्षा में सीखने के समान स्तर का सामाजिक संपर्क और व्यावहारिक अनुभव प्रदान नहीं कर सकता है, लेकिन ऑनलाइन शिक्षा कई छात्रों के लिए एक प्रभावी और सुलभ विकल्प साबित हुई है।

ऑनलाइन शिक्षा का एक मुख्य लाभ इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधा है। छात्रों को अब स्कूलों या विश्वविद्यालयों में जाने की जरूरत नहीं है और वे किसी भी समय व्याख्यान और पाठ्यक्रम सामग्री तक पहुंच सकते हैं, जो इसे व्यस्त कार्यक्रम या अंशकालिक नौकरियों वाले लोगों के लिए उपयुक्त बनाता है। यह पद्धति छात्रों को आवश्यकतानुसार अवधारणाओं और सामग्रियों की समीक्षा करते हुए, अपनी गति से सीखने की अनुमति देता है। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन शिक्षा विविध विषयों में विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम प्रदान करती है, जिससे छात्रों को अपनी रुचियों का पता लगाने और अपने जुनून को आगे बढ़ाने का अवसर मिलता है। यद्यपि इसमें पारंपरिक कक्षाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली आमने-सामने की बातचीत का अभाव हो सकता है, ऑनलाइन शिक्षा व्यक्तिगत और अनुकूलनीय सीखने के अनुभव की तलाश करने वालों के लिए एक मूल्यवान विकल्प के रूप में कार्य करती है।

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध/अनुच्छेद – कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में

पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन शिक्षा तेजी से लोकप्रिय हो गई है, जो छात्रों को सीखने का एक अच्छा और सुविधाजनक तरीका प्रदान करती है। ऑनलाइन शिक्षा का एक फायदा यह है कि यह छात्रों को किसी भी समय और कहीं से भी पाठ्यक्रम तक पहुंचने की अनुमति देता है। यह विशेष रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद है जिनका लाइफ व्यस्त है या वे दूरदराज के इलाकों में रहते हैं जहां पारंपरिक शिक्षा आसानी से उपलब्ध नहीं हो सकती है। इसके अलावा, ऑनलाइन शिक्षा  वर्चुअल लर्निंग वीडियो, इंटरैक्टिव क्विज़ और चर्चा मंच जैसे उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है जो सीखने की प्रक्रिया में सुधार कर सकती है और छात्रों को विषय मैटर को ज्यादा प्रभावी ढंग से समझने में सहायता कर सकती है।

ऑनलाइन शिक्षा का एक अन्य लाभ अपनी गति से सीखने की क्षमता है। जैसे पारंपरिक कक्षा के माहौल में, शिक्षक आम तौर पर पूरे कक्षा के लिए एक विशिष्ट गति निर्धारित करते हैं, जिससे कुछ छात्र  सब कुछ जल्दी से समझ जाते है तो कुछ छात्र को जल्दी से समझने में कठिनाई होती है। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के साथ, छात्र उस गति से पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं जो उनके लिए सबसे अच्छा है। वे नए विषयों पर आगे बढ़ने से पहले दोबारा समीक्षा कर सकते हैं जब तक कि वे उन्हें पूरी तरह से समझ न लें। सीखने के लिए यह व्यक्तिगत दृष्टिकोण उन छात्रों को बहुत लाभ पहुंचा सकता है जिन्हें कुछ विषयों को समझने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है ।

हालाँकि, ऑनलाइन शिक्षा से कुछ समस्याएं भी सामने आती है, जिनमें प्राथमिक समस्या में से एक शिक्षकों और साथी छात्रों  के साथ आमने-सामने बातचीत की कमी है। इससे तत्काल जवाब प्राप्त करना या सहपाठियों के साथ ग्रुप डिस्कसन में शामिल होना मुश्किल बना सकता है। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन शिक्षा के लिए अच्छा आत्म-अनुशासन और सटीक समय की आवश्यकता होती है, क्योंकि छात्र अक्सर अपनी सीखने की प्रगति के लिए स्वयं जिम्मेदार होते हैं। आत्म-अनुशासन के बिना, छात्र पाठ्यक्रम से पिछड़ सकते है। अंत में, तकनीकी कठिनाइयाँ और इंटरनेट कनेक्टिविटी भी सीखने के अनुभव में बाधा डाल सकते हैं, जिससे निराशा पैदा हो सकती है और संभावित रूप से विफलताएं हो सकती हैं।

Hindi Essay Writing Topic – ऑनलाइन शिक्षा (Online Education)

कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन क्लासेज काफी प्रचलित थी, भारत में यह कोविड के दौरान शुरू हुई जबकि दुनिया के अन्य देशों में यह बहुत पहले से ही प्रचलित थी। 

इस लेख में हम भारत में ऑनलाइन शिक्षा के हानि, लाभ, चुनौतियां और सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। 

संकेत सूची (Table contents)

ऑनलाइन शिक्षा से हानि, ऑनलाइन शिक्षा से लाभ, भारत में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां, भारत में ऑनलाइन शिक्षा के संबंध में सरकार की रणनीतियां और योजनाएं.

COVID-19 महामारी के प्रकोप के कारण पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में जबरदस्त बदलाव आया, जिसमें लैपटॉप और ऑनलाइन कक्षाओं ने किताबों और कक्षाओं की जगह ले ली। 

इसके परिणामस्वरूप शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति हुई है। 

कोरोनावायरस (या कोविड -19) जैसी महामारी ने शिक्षा सहित मानव जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों को एक आईना दिखा दिया है कि हमको अपनी जिंदगी में हर एक तरीके को अपनाना चाहिए, विशेषकर आधारभूत आवश्यकताओ में, चूंकि शिक्षा आधारभूत आवश्यकता में से एक है और मौलिक अधिकार भी है इसलिए आज के जमाने में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है।

भारत जैसे विकासशील देश में उच्च शिक्षा का स्तर थोड़ा अच्छा है लेकिन प्राथमिक शिक्षा का स्तर उतना ही निम्न है। 

किसी भी देश के विकास में प्राथमिक शिक्षा महत्वपूर्ण योगदान देती है क्योंकि वह ही एक छोटे बच्चे को नैतिकता, मानवता, देशप्रेम और अन्य आधारभूत चीज़े सिखाती हैं, जो बच्चे के मानसिक, बौद्धिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरुरी है। 

एक अच्छी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने वाला बच्चा ही आगे जाके देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनता है और विकास में योगदान देता है, लेकिन भारत की प्राथमिक शिक्षा परंपरागत होने के कारण बहुत ज्यादा निम्न स्तर की है, जिसके कारण शायद आज भारत आजादी के 75 साल बाद भी विकासशील ही बना है। 

ऑनलाइन शिक्षा ने इस पद्धति में सुधार की एक आशा दिखाई है। 

डिजिटल शिक्षा से निम्नलिखित हानियां हैं। 

  • महंगा : सबसे पहले हानि यह है कि डिजिटल शिक्षा थोड़ी सी महंगी पड़ जाती है, खासकर उन आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए जिनके पास दो वक्त के खाने तक के पैसे नहीं हैं, गरीबी की वजह से वो प्राथमिक स्कूल में अपने बच्चो को पढ़ा रहे थे लेकिन ऑनलाइन शिक्षा से अब उनके सामने एक मोबाइल फोन खरीदने और महंगे रिचार्ज करवाने की समस्या आ हुई इसके अलावा अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय स्कूल और वे स्कूल जिनमें डिजिटल शिक्षा है, वे नियमित स्कूलों की तुलना में कहीं अधिक महंगे हैं। 
  • कोई फिक्स शेड्यूल नहीं: ऑनलाइन सीखने के लिए बहुत बेहतर प्रबंधन और कठोर कार्यक्रम की आवश्यकता होती है, जबकि पारंपरिक कक्षा प्रशिक्षण में, सब कुछ एक निश्चित कार्यक्रम के अनुसार होता है। 
  • रचनात्मक क्षमताओं को कम करता है : इंटरनेट पर सभी उत्तरों को आसानी से प्राप्त करने से बच्चों की अपनी रचनात्मक क्षमता भी कम हो जाती है।
  • पढ़ाई के लिए आलसी दृष्टिकोण: इससे खराब अध्ययन की आदतें हो सकती हैं और बच्चों में आलसी रवैया विकसित हो सकता है।  डिजिटल शिक्षा से बच्चे पढ़ाई का मूल तरीका भी भूल सकते हैं।  साधारण समस्याओं और गृहकार्य के लिए भी, वे इंटरनेट से मदद लेने के आदी हैं।
  • सुरक्षा :  ऑनलाइन होने का मतलब यह नहीं है कि आपका बच्चा केवल अध्ययन सामग्री की तलाश में है। ऐसी कई चीजें हैं जो एक बच्चे के नजर के सामने आ सकती हैं जो उसके मानसिक और बौद्धिक स्वास्थ्य लिए अच्छी नहीं हैं।

ऑनलाइन शिक्षा से निम्नलिखित लाभ हैं। 

  • व्यक्तिगत सीखने का अनुभव : पारंपरिक शिक्षा प्रणाली का एक बड़ा दोष यह है कि बहुत से छात्र रुचि की कमी का अनुभव करते हैं जब वे बाकी कक्षा के अन्य बच्चो के साथ किसी भी विशेष पाठ को समझने में सक्षम नहीं होते हैं। समकालीन डिजिटल प्रारूप शिक्षकों को किसी व्यक्ति की सीखने की गति और क्षमता के आधार पर अध्ययन सामग्री को अनुकूलित करने की अनुमति देता है। शिक्षा प्रणाली के डिजिटलीकरण के साथ शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रभाव बढ़ रहा है।
  • छात्र होशियार बनते हैं: नए शिक्षण उपकरणों और प्रौद्योगिकी के संपर्क में आने पर छात्र प्रभावी स्व-निर्देशित शिक्षण कौशल विकसित करते हैं।  डिजिटल शिक्षा प्रणाली छात्रों को यह विश्लेषण करने में सक्षम बनाती है कि ऑनलाइन संसाधनों को खोजने और उनका उपयोग करने में सक्षम होने के लिए उन्हें क्या जानने की आवश्यकता है।  यह उनकी दक्षता, सीखने की क्षमता और उत्पादकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • असीमित जानकारी: इंटरनेट की दुनिया विशाल है और सूचनाओं से भरी हुई है, जिनमें से अधिकांश मुफ्त में उपलब्ध हैं।  डिजिटल शिक्षा के उद्भव ने छात्रों के लिए ज्ञान के इस खजाने का पता लगाना और उसका उपयोग करना संभव बना दिया है।  पहले, छात्र सूचना के सीमित स्रोतों पर भरोसा करते थे, लेकिन अब डिजिटल शिक्षा प्रणाली की बढ़ती लोकप्रियता के कारण, आवश्यक जानकारी की अनुपलब्धता अब ज्ञान प्राप्त करने में बाधा नहीं है।
  • स्मार्ट क्लासरूम : चाक और टॉक पद्धति अब अतीत की बात है, और शिक्षक अधिक तकनीक-प्रेमी तरीकों का उपयोग कर रहे हैं ताकि छात्रों को यह समझने में मदद मिल सके कि सीखना और मजेदार हो सकता है। आधुनिक समय की कक्षाएं एक टीवी या प्रोजेक्टर से सुसज्जित हैं जो नियमित कक्षा सत्र से एक इंटरैक्टिव डिजिटल सत्र में स्थानांतरित करना आसान बनाता है।  यह छात्रों को अधिक ध्यान दे सकता है क्योंकि वे डिजिटल दुनिया से व्यापक रूप से परिचित हैं।
  • डिजिटली अपडेटेड: एक ऐसी दुनिया में जो प्रौद्योगिकी के मामले में लगातार विकसित हो रही है, अभ्यास और जानकारी आसानी से पुरानी हो सकती है, क्योंकि हमेशा कुछ नया होता रहता है। छात्रों को अद्यतन जानकारी और अन्य विषय से संबंधित विषयों से पूर्ण करना अब पसंद का विषय नहीं है, बल्कि एक अनिवार्य प्रक्रिया है। छात्र अपना अधिकांश समय अपने फोन और लैपटॉप पर बिताते हैं, इसलिए उन्हें नई प्रौद्योगिकी के लिहाज से अच्छा होना चाहिए।
  • हाई एंगेजमेंट लर्निंग: पारंपरिक शिक्षा प्रणाली जुड़ाव के लिए सीमित गुंजाइश प्रदान करती है क्योंकि काम पर इसकी ताकतों में पाठ्यपुस्तक, एक प्रशिक्षक और हाथ से लिखे नोट्स जैसे सीमित कारक शामिल होते हैं, जबकि डिजीटल शिक्षा प्रणाली सीखने के लिए कई तरह के विकल्प प्रदान करती है।  संसाधनों की असीमित उपलब्धता प्रत्येक सत्र को अत्यंत नवीन और आकर्षक बनाती है।  इंटरैक्टिव और गेम-आधारित शिक्षण सत्र छात्रों से उच्च जुड़ाव प्राप्त करते हैं।
  • साझा करने में आसानी : पारंपरिक शिक्षा प्रणाली बहुत हद तक छात्रों को हाथ से लिखे नोट्स की मोटी नोटबुक बनाए रखने पर निर्भर करती है जिसमें कक्षा में शिक्षकों द्वारा प्रदान की गई जानकारी होती है या पुस्तकालय में व्यापक शोध के माध्यम से प्राप्त की जाती है, लेकिन आधुनिक डिजिटल शिक्षा प्रणाली सब कुछ बदल देती है।  अब जानकारी को संरक्षित और साझा करना केवल एक क्लिक दूर है जो छात्रों के बहुत समय और शारीरिक श्रम की बचत करता है।
  • छात्रों में जवाबदेही: डिजिटल शिक्षा प्रणाली में रीयल-टाइम मूल्यांकन और सिस्टम-जनरेटेड प्रदर्शन रिपोर्ट शामिल होती है जो मूल्यांकन की पारदर्शिता को बढ़ाती है।  यह छात्रों को अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करने और अपने दम पर आवश्यक समाधान निकालने में सक्षम बनाता है।  डिजिटल शिक्षा प्रणाली छात्रों को उनके परंपरागत सोच से बाहर लाती है और उन्हें स्वतंत्र विचारक बनाती है जो यह जानते हैं कि क्या पढ़ना है, कब पढ़ना है और कैसे पढ़ना है। वे अब अपने शिक्षकों और माता-पिता पर निर्भर नहीं रहते है। 

भारत जैसे विकासशील देश में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में निम्नलिखित चुनौतियां हैं। 

  • इंटरनेट की पहुंच : यह अनुमान लगाया गया है कि केवल 25 प्रतिशत भारतीय परिवारों के पास इंटरनेट की सुविधा है।  ग्रामीण परिवारों के लिए, यह संख्या घटकर 15 प्रतिशत रह जाती है। कई ऐसे भी इलाके हैं, जहां पर एक बड़े क्षेत्र में इंटरनेट नहीं है तो ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा एक बहुत बड़ी चुनौती है। 
  • शिक्षक प्रशिक्षण : भारत में ग्रामीण और कस्बे के इलाकों के शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यमों से शिक्षा प्रदान करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित नहीं किया गया है। उनको ऑनलाइन शिक्षा से संबंधित उपकरणों और विधियों के बारे में जानकारी ही नहीं है। 
  • कम तैयारी : भारत में अभी भी कई ऐसे सरकारी स्कूल और कॉलेज हैं जिनके पास डिजिटल शिक्षा प्रदान करने के लिए संसाधन नहीं हैं।
  • विनियमन : भारत में डिजिटल शिक्षा, बुनियादी ढांचे और कई भाषाओं पर एक उचित नीति का अभाव है।
  • माता-पिता की अतिरिक्त जिम्मेदारियां : माता-पिता पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है क्योंकि उनको यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लें और यह माता पिता के काम की उत्पादकता और समय सारणी को प्रभावित करता है। 
  • छात्र अनुशासन : छात्रों के लिए सीखने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए घर में अपर्याप्त जगह और शांति मिलती है, जिससे छात्र का ध्यान भटकता है और उस तरह से नहीं पढ़ पाता है जिस प्रकार से वह परंपरागत क्लास में पढ़ पाता।
  • इंटरनेट की कम स्पीड: डिजिटल शिक्षा के लिए दिन में कई घंटे निर्बाध ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है और भारत के ज्यादातर इलाकों में इंटरनेट की स्पीड इतनी नहीं है कि बच्चें ऑनलाइन शिक्षा का अच्छी तरह से लाभ ले पाए, कोरोना महामारी के दौरान ऐसे कई बच्चे थे जिनको इंटरनेट समस्या का सामना करना पड़ा। 
  • समग्र दृष्टिकोण का अभाव: डिजिटल शिक्षा इंटरनेट पर शिक्षकों द्वारा ब्लैकबोर्ड पर व्याख्यान के वीडियो के बारे में नहीं है। यह उपयुक्त प्लेटफॉर्म्स, टेक्नोलॉजी, टूल्स, इंटरएक्टिविटी, क्यूरेशन, कंटेंट और बहुत कुछ के बारे में है, इन टेक्नोलॉजीज के बारे में अभी भारत के बहुत सारे शिक्षक और माता पिता अनभिज्ञ हैं। 

भारत सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा के संबंध में कई प्रकार की योजनाएं और रणनीतियां बनाई हैं, जो काफी हद तक प्रभावी भी रही लेकिन इतनी विशाल जनसंख्या वाले देश के लिए अभी और प्रभावी तथा व्यापक रणनीति और योजनाओं की आवश्यकता है। 

भारत सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा के संबंध में निम्नलिखित योजनाएं और रणनीतियां बनाई है। 

स्वयं पोर्टल

स्वयं युवा आकांक्षी दिमाग के लिए सक्रिय शिक्षण के अध्ययन के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत एक कार्यक्रम है। 

स्वयं प्रभा के पास शैक्षिक सामग्री को प्रसारित करने के लिए 34 डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) चैनल हैं। 

इन चैनलों को मुफ्त में प्रदान किया जाता है। 

इसमें उच्च गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा के लिए अलग-अलग चैनल हैं। खास बात ये है कि ये चैनल बहुभाषी है और हर प्रकार के भारतीय के लिए मुफ्त में उपलब्ध है। 

कुल मिलाकर यह कार्यक्रम गरीब छात्रों के लिए वरदान साबित हुआ है, अब छात्र अपनी भाषा में पढ़ और सीख पाएंगे। 

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इन शैक्षिक चैनलों की पहुंच बढ़ाने के लिए शैक्षिक वीडियो सामग्री को प्रसारित करने के लिए निजी डीटीएच ऑपरेटरों के साथ भागीदारी की है।

ई-पाठशाला और शिक्षावाणी कार्यक्रम

Epathshala ई-पाठ्यपुस्तकों तक पहुँचने के लिए एक मोबाइल पोर्टल / ऐप है। 

यह MHRD, CIET और NCERT द्वारा संयुक्त रूप से पेश किया गया था और नवंबर 2015 में लॉन्च किया गया था। 

EPATHSHALA शैक्षिक संसाधनों का एक भंडारण घर है जिसे छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और शोधकर्ताओं द्वारा उपयोग किया जा सकता है। 

यह विभिन्न भाषाओं, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू और हिंदी में उपलब्ध है, हर प्रकार के स्कूली छात्रों, जैसे 1-12 ग्रेड में छात्रों के लिए NCERT पाठ्यपुस्तकों की एक बड़ी संख्या, NCERT द्वारा ऑडियो-विजुअल संसाधन, और आवधिक, पूरक, शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल और विभिन्न अन्य प्रिंट और गैर-प्रिंट सामग्री प्रदान करता है। 

उपयोगकर्ता इन सामग्रियों को ऑफ़लाइन उपयोग और असीमित डाउनलोड के लिए प्लेटफ़ॉर्म से डाउनलोड कर सकता है। 

साइन लैंग्वेज वाला एक डीटीएच चैनल आखों की बीमारियों से पीड़ित छात्रों को सुनने के लिए उपलब्ध है। 

रेडियो के माध्यम से प्रसारण दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों पर केंद्रित है। 

केंद्रीय शिक्षा (CBSE) के लिए केंद्रीय बोर्ड की पॉडकास्ट शिक्षा वाणी 9-12 ग्रेड के बच्चों के लिए उपलब्ध है।  

अगर देखा जाए तो कोरोना महामारी ने भारत में डिजिटलीकरण के विकास में तेजी लाई है, लेकिन भारत जैसे विस्तृत और विशाल देश में ऑनलाइन शिक्षा को स्थापित करना वाकई एक बड़ी समस्या है। 

भारत की लगभग 49% जनसंख्या ग्रामीण है या ऐसे इलाके से है जो समाज की मुख्य धारा से जुड़े तक नहीं है तो इस परिस्थिति में ऑनलाइन शिक्षा का संचालन और व्यवस्थापन पत्थर तोड़ने जैसा है, लेकिन सरकार की रणनीतियों ने काफी हद तक इस खाई को कम की है। काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है, अभी भारत सरकार को अपनी नेटवर्क कनेक्टिविटी को विस्तृत और व्यापक बनाना होगा तभी जाकर देश के प्रत्येक बच्चे को ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा मिल पाएगी। 

इसके अलावा जैसे उत्तर प्रदेश की सरकार ने स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए फ्री में लैपटॉप, मोबाइल और टैबलेट उपलब्ध करवाने की पहल आरंभ की है वैसा ही देश के अन्य राज्यों को भी करना चाहिए, क्योंकि ऑनलाइन शिक्षा के लिए लैपटॉप, मोबाइल और टैबलेट एक अति आवश्यक जरूरत है और बहुत से लोग हैं जो ये उपकरण नहीं खरीद सकते हैं।

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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध

Essay On Online Education in Hindi: हम आपको बताने वाले हैं, ऑनलाइन शिक्षा के बारे में। जैसा कि हम सभी जानते हैं ऑनलाइन शिक्षा हमारे देश की प्रगति में इस वर्ष काफी योगदान दे रही है। जैसा कि आज के समय में लॉकडाउन लगा हुआ है, जिससे कि सभी स्कूल विद्यालय इत्यादि बंद है और कोई भी विद्यार्थी विद्यालय नहीं जा पा रहा है।

जो विद्यार्थी विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं, वह ऑनलाइन शिक्षा का उपयोग करके घर से ही अपनी पढ़ाई को पूरी कर सकते हैं, जिसके लिए भारत सरकार ने अनेकों प्रकार के चैनलों पर प्रसारण भी आए हुए हैं।

Essay On Online Education in Hindi

आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं ऑनलाइन शिक्षा क्या होती है, यह भारत सरकार ने कब चालू की और सबसे महत्वपूर्ण बात ऑनलाइन शिक्षा को किन-किन एप्लीकेशन का उपयोग करके हम प्राप्त कर पाएंगे।

यदि आप से संबंधित कोई भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है। क्योंकि इस लेख के माध्यम से हमने आपको ऑनलाइन शिक्षा के बारे में संपूर्ण जानकारी (Online Padhai Essay in Hindi) उपलब्ध करवाई कराई है।

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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education in Hindi

ऑनलाइन शिक्षा पर 250 शब्दों में निबंध.

कोरोना महामारी के बाद हर एक व्यक्ति ऑनलाइन शिक्षा से परिचित हो पाया। आज पढ़े-लिखे से लेकर अनपढ़ व्यक्ति भी ऑनलाइन क्लास के बारे में जानता है और उसके महत्व को समझता है। ऑनलाइन शिक्षा को सरल शब्दों में इंटरनेट आधारित शिक्षा व्यवस्था के रूप में समझ सकते हैं। क्योंकि बिना इंटरनेट के ऑनलाइन शिक्षा देना संभव नहीं।

ऑनलाइन शिक्षा एक ऐसी नविनतम शिक्षा प्रणाली है, जिसमें शिक्षक बच्चों को सामने बिठाकर शिक्षा नहीं देता बल्कि बच्चे स्वयं के घर पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से बच्चा शिक्षक से जुड़ पाता है और वीडियो के जरिए अपने शिक्षक से पढ़ पाता है। ऑनलाइन शिक्षा एक तरह की वर्चुअल शिक्षा प्रणाली है।

इस तरह की शिक्षा उन लोगों के लिए बहुत लाभकारी है, जो किसी कारणवश स्कूल कॉलेज या किसी इंस्टिट्यूशन पर उपस्थित नहीं हो सकते। ऑनलाइन शिक्षा से समय का भी बचत होता है। ऑनलाइन शिक्षा के कारण समय के बाध्य नहीं होना पड़ता और इसमें हम लेक्चर को रिकॉर्ड करके जब चाहे तब देख सकते हैं।

यहां तक कि जब हमें एक लेक्चर एक बार में समझ नहीं आता तो उसको बार-बार पीछे करके देख सकते हैं। इसके साथ ही शिक्षकों के लेक्चर को धीरे-धीरे सुनते हुए नोट भी बना सकते हैं। ऐसा नहीं है कि ऑनलाइन शिक्षा की कल्पना अभी अभी आई। ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली बहुत लंबे समय से ही चली आ रही है। लेकिन करोना महामारी के दौरान लोगों ने ऑनलाइन शिक्षा को अधिक गंभीर रूप से लिया।

कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा बच्चों के शिक्षण का एक बेहतरीन माध्यम बनकर उभरा, जिसने कोरोना महामारी के दौरान भी बच्चों की शिक्षा को जारी रखने में मदद की। महामारी के दौरान डिजिटल शिक्षा को बच्चों के लिए लोकप्रिय बनाने में शिक्षकों और सरकारों का बड़ा योगदान है।

हालांकि ऐसा नहीं है कि ऑनलाइन क्लास के कारण शिक्षकों का कार्य आसान पड़ गया। ऑनलाइन क्लास ज्यादा शिक्षकों के लिए बहुत नया अनुभव था, जिसे सीखने में उन्हें थोड़ा समय और दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। लेकिन बच्चों के पढ़ाई का कोई नुकसान ना हो, इसीलिए उन्होंने इसे बेहतर तरीके से सीखा।

Online Education Essay in Hindi

ऑनलाइन शिक्षा पर 500 शब्दों में निबंध (Online Classes Essay in Hindi)

आज के आधुनिक समय में ऑनलाइन शिक्षा का बहुत महत्व है खास करके कोराना महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा ने अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। इसके कारण ही बच्चे स्कूल, कॉलेज बंद होने के बावजूद शिक्षा लेने में सक्षम हो पाए। वैसे जिन्हें नहीं पता ऑनलाइन शिक्षा क्या होता है, उन्हें बता दें कि ऑनलाइन शिक्षा एक तरह की डिजिटल शिक्षा प्रणाली है, जिसमें इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है।

यह एक तरह का वीडियो कॉल होता है। लेकिन इसमें शिक्षक एक बच्चों से वीडियो कॉल नहीं करता बल्कि वे किसी विशेष प्रकार के एप्लीकेशन की मदद से एक साथ कई बच्चों से वीडियो कॉल के जरिए जोड़ने में सक्षम हो पाते हैं। ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे अपने-अपने घर पर रहकर शिक्षक के लेक्चर को सुन सकते हैं।

यहां तक कि लेक्चर को रिकॉर्ड भी कर सकते हैं। ऑनलाइन शिक्षा के लिए बस मोबाइल, टेबलेट या लैपटॉप जेसे किसी एक डिजिटल डिवाइस की जरूरत होती है।

ऑनलाइन शिक्षा का फायदा

  • ऑनलाइन क्लास का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जो व्यक्ति किसी कारणवश स्कूल या कॉलेज में उपस्थित होने में अक्षम है, वह घर बैठे ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा के जरिए किसी भी परिस्थितियों में बच्चों के शिक्षा को जारी रखा जा सकता है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोरोना महामारी है, जिसके दौरान भी बच्चों के पढ़ाई को कोई नुकसान नहीं हुआ।
  • ऑनलाइन शिक्षा के कारण बच्चों को समय के बाध्य भी नहीं होना पड़ता। जब चाहे तब शिक्षकों के लेक्चर को रिकॉर्ड करके सुना जा सकता है। यहां तक कि लेक्चर को रिकॉर्ड करने के बाद यदि समझ में ना आए तो उसको बार बार देखा जा सकता है और उसे एग्जाम के समय तक सेव करके भी रखा जा सकता है ताकि दोबारा रिवीजन के लिए उसे एक बार देख सके।
  • जो बच्चे स्कूल कॉलेज जाने में बोरियत महसूस करते हैं, उनके लिए ऑनलाइन शिक्षा काफी लाभकारी है। इसके अतिरिक्त बच्चे बीमार पड़ने पर भी घर बैठे यहां तक कि बिस्तर पर लेटे हुए लेक्चर अटेंड कर सकता हैं।
  • ऑनलाइन शिक्षा के कारण अभिभावक भी बच्चों पर निगरानी रख पाएंगे और शिक्षक बच्चों को सही से पढ़ा रहे हैं या नहीं यह भी पाएंगे।

ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान

  • ऑनलाइन शिक्षा में स्कूल का माहौल अनुभव नहीं होता। स्कूल के माहौल में रहते हुए बच्चा शिक्षा के अलावा और कई चीजों को उसे पता है, वह नए दोस्त बनाता है, उसके अंदर दया सहयोग और एकता जैसे गुण का विकास होता है।
  • ऑनलाइन क्लास के कारण बच्चे घंटों मोबाइल या लैपटॉप के सामने बैठे रहते हैं, जिसके कारण उनकी आंखों पर दुष्प्रभाव होता है।
  • स्कूल या कॉलेज में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ कई सारे अन्य गतिविधियों में भी शामिल होने का मौका मिलता है, जो बच्चों के मानसिक विकास के साथ-साथ उनकी शारीरिक विकास में मदद करता है और उनकी रुचि और रचनात्मकता को बढ़ाता है। लेकिन ऑनलाइन क्लास में श्मह संभव नहीं ऑनलाइन क्लास में केवल शिक्षा ही मिल सकता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा में खराब मौसम के कारण बहुत बार इंटरनेट सही से पकड़ता नहीं है, जिससे बच्चे अपने शिक्षक के लेक्चर को मिस कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन शिक्षा से बच्चे काफी जल्दी विचलित हो जाते हैं, उनका मन बहुत चंचल होता है। ऐसे में तुरंत उनका ध्यान पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य वीडियो पर केंद्रित हो जाता है, जो उनके पढ़ाई के बीच में बाधा बनता है।

महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा भले ही विज्ञान का एक आशीर्वाद के समान था लेकिन शिक्षा को पूर्ण रूप से ऑनलाइन करना भी सही नहीं है। क्योंकि ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में शिक्षकों का बच्चों पर नियंत्रण नहीं हो पाता, जिसके कारण बच्चे शिक्षकों के सामने बहुत शरारत भी करते हैं और वह पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित भी नहीं कर पाते।

इसीलिए ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली कुछ हद तक ही लाभकारी है। फिर भी जो भी हो महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा ने बच्चों के पढ़ाई का नुकसान होने से बचा लिया।

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 850 शब्दों में (Essay on Online Classes in Hindi)

हमने अपनी अधिकतर शिक्षा स्कूल के ही क्लासरूम में बैठकर ग्रहण की है। लेकिन कोरोना जैसी भयंकर महामारी से बचने के लिए ऑनलाइन शिक्षा बहुत ही जरूरी है। पिछले कुछ वर्षों से ई-शिक्षा में लोकप्रियता बढती नजर आ रही है। ऑनलाइन शिक्षा का हमारे जीवन में महत्व है तो इसके लाभ व नुकसान भी है। ऑनलाइन शिक्षा से हर विद्यार्थी कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी अपनी शिक्षा को सुचारू रख सकता है।

ऑनलाइन शिक्षा क्या है?

आज एक ऐसी महामारी का दौर चल रहा है, जिसके अंतर्गत कोई भी विद्यालय कॉलेज इत्यादि नहीं खुले हुए हैं, इसी के कारण प्रत्येक विद्यार्थी अपने पढ़ाई को पूरा नहीं कर पा रहा है। ऐसे में कोई भी विद्यार्थी अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए अनेकों प्रकार के एप्लीकेशन का उपयोग करता है। इन एप्लीकेशन ओं का उपयोग करके प्रत्येक विद्यार्थी अपनी पढ़ाई को पूरा करता है।

अब इस महामारी के दौर में प्रत्येक विद्यार्थी घर पर ही रह रहा है। प्रत्येक विद्यार्थी की शिक्षा को पूरी कराने के लिए भारत सरकार के द्वारा अनेकों प्रकार के एप्लीकेशन जारी कर दिए गए हैं, जिसके माध्यम से बच्चे घर पर ही बैठ करके अपनी पढ़ाई को पूरा कर सकते हैं।

कोई भी बच्चा अपने ही घर, बेडरूम इत्यादि में रह कर के अपने लैपटॉप, मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से अध्यापक की बातों को इंटरनेट के माध्यम से सुनता या देख सकता है, इस प्रकार से विद्यार्थियों को दी जाने वाली शिक्षा को ऑनलाइन एजुकेशन कहा जाता है।

ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत में कब हुई?

ऑनलाइन शिक्षा का प्रारंभ वर्ष 1993 में शुरू हुआ था। वर्ष 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को काफी अच्छा गया था और इसे इसी वर्ष में वैध शिक्षा के रूप में स्वीकार कर लिया गया।

ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण ऐप

आज के समय में ऑनलाइन शिक्षा को काफी माध्यमों से संचालित किया जा रहा है। आइए जानते हैं, ऑनलाइन शिक्षा को किन-किन माध्यमों से संचालित किया जा रहा है।

  • यूट्यूब के माध्यम से
  • वेदंतु एप के माध्यम से
  • बायजूस एप के माध्यम से
  • डाउटनट एप के माध्यम से
  • स्काईप के माध्यम से
  • गूगल मीट के माध्यम से

आज के समय में कुछ ऐसे ही ऐप के माध्यम से और कुछ ऐसे ही ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कराई जा रही है। आज के समय में इन सभी प्लेटफार्म को काफी यूज किया जा रहा है। आप इन सभी प्लेटफार्म का उपयोग करके बहुत ही अच्छे तरीके से अध्यापकों से बात और अपने सवालों का वीडियो सहित सलूशन भी प्राप्त कर सकते हैं।

ऑनलाइन शिक्षा के प्रकार

ऑनलाइन शिक्षा प्रत्येक छात्रों को दो प्रकार से प्राप्त कराई जा रही है। यह दो प्रकार नीचे लिखित रूप से दर्शाए गए हैं।

सिंक्रोनस शैक्षणिक व्यवस्था

एसिंक्रोनस शैक्षणिक व्यवस्था

यह शैक्षणिक व्यवस्था भारत सरकार के द्वारा रियल टाइम लर्निंग और लाइव टेलीकास्ट लर्निंग के रूप में संचालित किया गया है। यह शिक्षा शिक्षकों और छात्रों के मध्य एक संवाद स्थापित करता है, इसका उपयोग करके सभी विद्यार्थी अपने अध्ययन की गतिविधियों को संचालित रखते हैं।

यह शैक्षणिक व्यवस्था के कारण छात्र अपनी स्वेच्छा से जब चाहे अपने क्लास में अटेंड हो सकते हैं और अपने अध्ययन को बहुत ही आसानी से पढ़ या देख सकते हैं। इस शैक्षणिक व्यवस्था के अंतर्गत रिकॉर्डेड क्लास वीडियो ऑडियो बुक्स प्रैक्टिस सेट इत्यादि शामिल है।

ऑनलाइन शिक्षा के लाभ

  • ऑनलाइन शिक्षा के उपयोग से प्रत्येक विद्यार्थी अपने ही घर एवं देश विदेश के किसी भी कोने से बैठ कर के शिक्षा को अर्जित कर सकते हैं।
  • इस शिक्षा के दौरान कोई भी बिंदु न समझ में आने पर छात्र अपने अध्यापक से पुनः इस बिंदु को स्पष्ट करने का आग्रह कर सकता है।
  • छात्रा अपनी सुविधानुसार अपने रिकॉर्ड की गई क्लास इत्यादि को देख सकते हैं और इसका अध्ययन करके इसे काफी अच्छी तरीके से समझ सकते हैं।
  • ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के लागू हो जाने के कारण हमें किसी भी विद्यालय कोचिंग सेंटर इत्यादि में जाना नहीं होता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के कारण इसका दुष्परिणाम सीधा छात्रों पर पड़ता है क्योंकि ऑनलाइन क्लास के दौरान यदि बारी बारी से प्रत्येक छात्र अपने-अपने बातों को रखने लगेंगे तो ऐसे में अध्यापक पढ़ाई नहीं करवा पाएगा। अध्यापक सभी बच्चों के बातों को नहीं ध्यान देता, इसी कारण बच्चे अपनी पढ़ाई को क्लासरूम के जैसे ही अच्छे से नहीं कर पाते।
  • ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के लिए हमें बहुत से समय तक कंप्यूटर या लैपटॉप के समक्ष बैठना रहता है, जिससे हमारी आंखों पर दुष्परिणाम पड़ सकता है।

आज के समय में ऑनलाइन शिक्षा के काफी सुधार की जरूरत है। इससे उन छात्रों को मदद मिलेगी, जो अपने विद्यालय से काफी दूरी पर रहते हैं और उन्हें आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बीते कुछ समय से दुनिया कोरोना जैसी भयंकर महामारी से गुजर रही है, इस कोरोना काल के दौरान ई-शिक्षा हर छात्र के लिए एक वरदान की तरह साबित हुई है। इससे छात्रों को काफी फायदा मिला है।

आज के इस लेख “ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध (Essay On Online Education in Hindi)” के माध्यम से अपने आपको ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर आई है। साथ ही हमनें आपको यह भी बताया कि ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से हमें क्या लाभ और क्या हानि होती है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा तो कृपया इस लेख को अवश्य शेयर करें।

  • ऑनलाइन शिक्षा का महत्व पर निबंध
  • आत्मनिर्भर भारत पर निबंध
  • कोरोना वायरस (कोविड-19) पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति (2020) पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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क्या ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य है पर निबंध (Is Online Learning the Future Of Education Essay in Hindi)

आज के दौर में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ने, सीखने का चलन शिक्षा के क्षेत्र में काफी तेजी से बढ़ते जा रहा है, और लोग इसे स्वीकार भी रहे हैं। आज की तारीख में शिक्षा के क्षेत्र में यह सबसे लोकप्रिय साधनों में से एक बन चुका है और अब तो ऑफलाइन क्लास की बजाय ऑनलाइन क्लास करना भी काफी आसान और सुविधाजनक हो गया है। आज हम आपको इससे सम्बंधित कुछ निबंध दे रहे हैं जिससे इसके बारे में आपका दृष्टिकोण और अधिक स्पष्ट हो जायेगा।

क्या ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य है पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays On Is Online Learning the Future Of Education in Hindi, Kya Online Learning Shiksha ka Bhavishya hai par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 words) – क्या ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य है.

परिचय ई-लर्निंग यानी इन्टरनेट के जरिये पढ़ाई, आज की तारीख में सबसे तेजी से बढ़ते, सीखने वाले प्लेटफार्मों में से एक बन चुका है। आजकल हर क्षेत्र से सम्बंधित सभी चीजें ऑनलाइन उपलब्ध हैं और प्रति वर्ष भारी संख्या में लोग इसमें हिस्सा लेते हैं। निश्चित रूप से तेजी से बढ़ता ऑनलाइन नेटवर्क कई मायनों में शिक्षा का भविष्य बनने जा रहा है। ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य कैसे है? इस बात को ज्यादा वक़्त नही हुआ है जब स्मार्ट क्लासेज से रूबरू कराया गया था और ये सफल भी था। इसी चलन को आगे बढ़ाते हुए एक और स्मार्ट क्लास से परिचय कराया गया जो कि ऑनलाइन प्लेटफार्म है। हम सभी इन्टरनेट का इस्तेमाल करते हैं और इसकी मदद से सीखना निश्चित रूप से शिक्षा को एक दूसरे स्तर पर ले जायेगा। यह एक सर्वश्रेष्ठ प्लेटफार्म में से एक हैं और ई-लर्निंग शिक्षण का सबसे नवनीतम माध्यम है। दिन प्रतिदिन यह लोकप्रिय होते जा रहा है और आसान तथा सुविधाजनक माध्यम भी है। हर कोई चाहता है कि जहाँ पैसे लगाये उससे सर्वोत्तम पाए। जब हमें हमारे दरवाजे पर ही उत्कृष्ट शिक्षण सुविधा मिले तो भला कोई क्यों ऑफलाइन कक्षाओं में जाना चाहेगा। शिक्षण सामग्री भी ऑनलाइन माध्यम से आसानी से उपलब्ध हो जा रही हैं और कोई भी अपनी मर्जी का विषय देख या पढ़ पा रहा है। यहाँ पर ढेरों संस्थान हैं जिन्होंने ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर रखी है और छात्र भी इसे काफी सुविधाजनक मान रहे हैं। इससे उनके आने जाने के समय की बचत हो रही है और अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करने का मौका मिल रहा है। निष्कर्ष देखा जाये तो ई-लर्निंग, क्लासरूम सेवाओं से ज्यादा लोकप्रिय हो रही है। यहाँ पर आपको सब कुछ मिलता है जैसे लेक्चर, प्रश्न-उत्तर हल करना, किसी विषय पर चर्चा करने से लेकर अन्य कार्य, आदि। ये सिर्फ छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि पैरेंट्स के लिए भी काफी मददगार है। उन्हें अपने बच्चों को कहीं भी लेकर जाने की आवश्यकता नही है क्योंकि सभी कक्षाएं तो घर पर ही चल रही हैं। और मैं यह कह सकता हूँ कि ऑनलाइन लर्निंग आगे चलकर शिक्षा का भविष्य बनने वाला है।

निबंध 2 (400 Words) – ऑनलाइन लर्निंग का महत्व

परिचय छात्र पढ़ाई के लिए स्कूल या कॉलेज जाते हैं। लेकिन उनके बारे में क्या जो पढ़ना तो चाहते हैं मगर कार्यालय में होते हैं। उनके लिए नौकरी छोड़ना संभव नही होता, ऐसे में इन्टरनेट उनकी इस समस्या का समाधान बनता है। आज की तारीख में तमाम ऑनलाइन लर्निंग वेबसाइट मौजूद हैं जिन्हें आप दुनिया के किसी भी कोने में रहकर आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑनलाइन लर्निंग का महत्व ऑनलाइन लर्निंग के काफी फायदे हैं और ये हर किसी के लिए बेहतर है: विशेषज्ञों तक आसानी से पहुँच : अगर आप किसी ऐसे शहर में रहते हों जहाँ किसी विषय के लिए कोई भी अच्छी कोचिंग मौजूद ना हो तो यह आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। ऑनलाइन लर्निंग वह सुविधा है जो आपको आपके मोबाइल या कंप्यूटर की मदद से इन्टरनेट की मौजूदगी में आसानी से दुनिया के किसी भी विशेषज्ञों से जोड़ सकता है। यातायात का खर्च बचाता है : कभी कभी क्लासरूम में जा कर पढाई करना काफी ज्यादा खर्चीला साबित हो जाता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि ऑनलाइन क्लास काफी बेहतर है क्योंकि ये न सिर्फ हमारा समय बल्कि पैसे भी बचाती है। काफी लचीला भी है : ऑनलाइन क्लास की सबसे खास बात ये है कि इसे आप अपने सुविधानुसार रख सकते हैं। कभी कभी पारंपरिक क्लास में काफी भीड़ होने की वजह से अटेंड करना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है, मगर ऑनलाइन क्लासेज को आप अपनी सुविधानुसार अनुसूचित कर सकते हैं। आपकी क्लास छुट भी सकती है अगर आप समय पर नहीं पहुँच पाते हैं तो, मगर ऑनलाइन क्लास हमेशा रिकार्डेड रहती है जिसे आप जब चाहें तब अटेंड कर सकते हैं। यह वाकई में एक अच्छी डील है जो लोगों को इस प्लेटफार्म को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित भी करता है। कार्यक्रमों की लम्बी लिस्ट : कई बार ऐसा होता है कि हम जिस कोर्स को करना चाहते है वो ऑफलाइन मौजूद नही होता जबकि वो ऑनलाइन माध्यम पर आसानी से मिल जाता है। यहाँ पर ढेरों कोर्स मिल जाते हैं जिन्हें आप आसानी से देख और पढ़ पाते हैं। आज की तारीख में तमाम कोचिंग और स्कूल आदि ऑनलाइन माध्यम से ही अध्ययन सामग्री प्रदान कराते हैं। ऐसे में यह काफी आसान हो जाता है जो भी हम सीखना चाहते हैं। भीड़ से छुटकारा: आमतौर पर सामान्य कक्षाओं में काफी ज्यादा बच्चे मौजूद होते हैं जबकि ज्यादातर ऑनलाइन क्लास में बच्चों की संख्या सिमित होती है। कोर्स के आधार पर शिक्षक हर बच्चे के लिए उसके समय पर मौजूद रहता है और यह प्रक्रिया बच्चे को सीधा टीचर से संपर्क करने में काफी मददगार होती है। निष्कर्ष शिक्षा के क्षेत्र में इन्टरनेट सबसे आधुनिक माध्यम बन कर उभरा है जिसका उदाहरण हमें कोरोना माहमारी के दौरान हुए लॉकडाउन में देखने को मिला। सभी कक्षाएं ऑनलाइन चलने लगीं और इसने लोगों को प्रोत्साहित भी किया इस प्लेटफार्म पर आने के लिए। इसके लिए छात्र को सिर्फ एक स्मार्टफ़ोन या कंप्यूटर के साथ इन्टरनेट की आवश्यकता पड़ती है।

निबंध 3 (600 Words) – ऑनलाइन लर्निंग क्या है और यह कितनी मददगार है?

परिचय आप बच्चे हैं या फिर बड़े हो चुके हैं, सीखना, जीवन की कभी न खत्म होने वाली एक प्रक्रिया है। सीखने का मनोभाव हमेशा आपकी मदद ही करता है। हम हर रोज कुछ सीखते हैं और अगर आप एक छात्र हैं तो आपमें यह प्रक्रिया काफी अधिक होगी। बच्चे सीखने के लिए स्कूल जाते हैं लेकिन दूसरों का क्या? ऐसे में ऑनलाइन माध्यम से सीखना सभी के लिए आसान है। ऑनलाइन लर्निंग क्या है? देखा जाये तो पढ़ने के कई अलग अलग माध्यम है जैसे ऑनलाइन, ऑफलाइन, डिस्टेंस लर्निंग, ई-लर्निंग,आदि। एक पारंपरिक कक्षा जिसे आजकल हम ऑफलाइन क्लास के नाम से जानने लगे हैं वहीं दूसरी तरफ वह शिक्षा जो हम इन्टरनेट के माध्यम से प्राप्त कर रहे हैं उसे ऑनलाइन माध्यम कहते हैं। कुछ ऐसे विश्वविद्यालय भी है जो उन छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज की सुविधा देते हैं जो किन्ही कारणों से कक्षा में उपस्थित नहीं हो पाते हैं। इस धारणा को सराहा गया और अब स्कूल, तथा अन्य शिक्षण संस्थानों में भी शिक्षण के इस माध्यम को स्वीकारा जा रहा है। शिक्षा का वह माध्यम जहाँ छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाया जाता है और उनके स्मार्टफ़ोन और लैपटॉप इसका जरिया बनते हैं। आज की तारीख में ऑनलाइन प्लेटफार्म पर तरह तरह के कोर्स मौजूद हैं जिसके लिए कोई भी आसानी से एडमिशन ले सकता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहाँ है, आप किसी भी कोर्स में दुनिया के किसी भी हिस्से से प्रवेश ले सकते हैं। शिक्षा के इस माध्यम में शिक्षक ऑनलाइन ही जुड़ते हैं जिनसे आप ना सिर्फ चर्चा कर सकते हैं बल्कि अपने प्रश्नों का उत्तर भी पा सकते हैं। ऑनलाइन लर्निंग किस तरह मददगार है ऑनलाइन लर्निंग विशेष रूप से उनके लिए फायदेमंद है जो आने जाने में लगने वाले समय को बचाना चाहते हैं। यहाँ पर आपको और भी कई तरह की सुविधा मिलती है जैसे शिक्षक और छात्र दोनों ही आपस में वार्तालाप कर के शिक्षण कार्य के लिए एक उचित समय निकाल सकते हैं जिससे किसी का कोई अन्य नुकसान ना होने पाए। सिर्फ इतना ही नहीं छात्र चाहे तो अपनी ऑनलाइन क्लास को रिकॉर्ड भी कर सकता है और उसे जितनी चाहे उतनी बार देख कर समझ सकता है। कभी कभी पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से कई लोग अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते, ऐसे में उनके लिए ऑनलाइन लर्निंग एक बेहतर विकल्प है। चाहे आप काम करते हों या फिर छात्र हो, ऑनलाइन लर्निंग का विकल्प सभी के लिए मौजूद है। कोरोना माहमारी के दौरान स्कूल, कॉलेज सब कुछ करीब 6 माह से बंद हैं मगर ऑनलाइन लर्निंग के जरिये छात्रों का शिक्षण कार्य चल रहा है। ऑनलाइन क्लासेज की सबसे बेहतर विशेषता क्या है ऑनलाइन लर्निंग जो कि ई-लर्निंग का ही एक माध्यम है यानी पढ़ाई का वह माध्यम जो किसी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये किया जा रहा है। ऑनलाइन क्लास के दौरान एक छात्र कई चीजें सीख सकता है जैसे; 1. यहाँ पर वो कई अलग अलग टूल्स के बारे में सीख सकते हैं, जान सकते हैं जो वाकई में हमारे काफी काम के होते हैं। 2. आप यहाँ पर भाषा, लिखावट, डिजाईन, आदि सब कुछ अपनी सुविधानुसार बदल सकते हैं ताकि आपको सीखने में आसानी हो। 3. इस दौरान शिक्षक और छात्र दोनों एक दुसरे से दूर रहते हुए भी काफी नजदीक होते हैं क्योंकि ऑनलाइन क्लास के वक़्त कुछ ही छात्र मौजूद रहते हैं जबकि ऑफलाइन क्लास में ऐसा नहीं हो पाता। 4. जब भी आप चाहें शिक्षक आपकी मदद के लिए उपलब्ध रहते हैं। शिक्षा ऑनलाइन रूप में कैसे बदल रही है? कोरोना माहमारी के दौरान दुरस्थ शिक्षण काफी लोकप्रिय हुई है। कई शीर्ष के पोर्टल्स इस क्षेत्र में पहले से ही मौजूद थे जबकि बहुत से नए भी इस दौरान उभरे हैं। कुछ कामचलाऊ हैं तो कई बेहतर भी है, लोग अब इसे पसंद भी कर रहे हैं और अब ये पढ़ने का एक नया स्टाइल बन चुका है, खासतौर पर बच्चे इसे ज्यादा पसंद कर रहे है। शिक्षा का जो भी तरीका आप प्रदान करते हैं, आपका बच्चा उससे जुड़ा हुआ महसूस करना चाहिए और ऑनलाइन लर्निंग में ये सभी खूबियाँ मौजूद हैं। यह क्षेत्र पूरी तरह से नया है और पूरे विश्वभर में लोगों द्वारा पसंद भी किया जा रहा है। यह दिन प्रतिदिन लोकप्रियता हासिल कर रहा है और धीरे धीरे शिक्षा का सबसे लोकप्रिय साधन बनते जा रहा है। निष्कर्ष सीखना, सभी तरह का ज्ञान प्राप्त करने के बारे में है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके सीखने का माध्यम क्या है। मगर इन्टरनेट, जो कि एक समुद्र की भांति माना जाता है, यहाँ किसी किताब से काफी ज्यादा ज्ञान मिलता है। इसलिए यह कहना गलत नही होगा कि ऑनलाइन माध्यम, ऑफलाइन माध्यम से काफी बेहतर है।

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Essay On Online Education : ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध

Meena Bisht

  • July 11, 2020
  • Hindi Essay

Essay On Online Education : ऑनलाइन शिक्षा पर हिंदी निबंध 

Essay On Online Education

ऑनलाइन शिक्षा पर हिंदी निबंध .

Content / संकेत बिंदु / विषय सूची

  • ऑनलाइन शिक्षा क्या है ?(What is Online Education)
  • ऑनलाइन शिक्षा से लाभ (Advantage Of Online Education)
  • ऑनलाइन शिक्षा का नकारात्मक पहलू (Disadvantage Of Online Education)

Note- ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली : ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से लाभ और इसको बेहतर बनाने के उपाय पढ़ने के लिए Link पर Click करें। —  Next Page  

हम आज भी अपने बच्चों को स्कूल की क्लास रूम में बिठाकर ही शिक्षा ग्रहण कराने में ज्यादा विश्वास करते हैं। लेकिन विगत कुछ वर्षों से हमारे देश में ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) भी काफी लोकप्रिय हुई है।

Essay On Online Education in Hindi

कोरोना के बढ़ते खतरे के कारण पूरे देश में हुए लॉकडाउन की वजह से जब सारे शिक्षण संस्थाएं बंद हो गई। तब बच्चों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षा का मजबूत सहारा मिला। लगभग सभी स्कूलों के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो। और आज देश के अधिकतर विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से जुड़कर काफी खुश भी हैं। 

ऑनलाइन शिक्षा क्या है ? (What is Online Education)

ऑनलाइन शिक्षा , शिक्षा का एक ऐसा माध्यम है जिसमें शिक्षक और बच्चे स्कूल की एक क्लास रूम में बैठकर ब्लैक बोर्ड के माध्यम से पढ़ने के बजाय इंटरनेट के माध्यम से जुड़ कर अपने घर बैठे-बैठे पढ़ाई करते हैं।लेकिन ऑनलाइन शिक्षा लेने के लिए बच्चे के पास है एक कंप्यूटर या लैपटॉप या स्मार्टफोन के साथ-साथ एक इंटरनेट कनेक्शन होना आवश्यक है। 

इस माध्यम से शिक्षक अपने घर बैठ कर या दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर अपने विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में स्काइप , जूम , गूगल क्लासरूम आदि ऐसे अनेक ऐप के जरिए अपने विद्यार्थियों से जुड़ सकते हैं। 

इस तरह की शिक्षा देने के लिए शिक्षक को अपने विद्यार्थियों के साथ अपने कंप्यूटर की स्क्रीन शेयर करनी पड़ती है। ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से बच्चे अपने घर बैठे बैठे अपने टीचर को आराम से देख या सुन सकते हैं। और उनसे हर तरह के सवाल जवाब कर अपनी जिज्ञासाओं को दूर भी कर सकते हैं। 

ऑनलाइन शिक्षा से लाभ (Essay On Online Education)

शिक्षा या ज्ञान प्राप्त करना हर व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है और अच्छी शिक्षा देश के प्रत्येक नागरिक को मिलना ही चाहिए। शिक्षा ही व्यक्ति का संपूर्ण विकास कर सकती हैं। उसके बौद्धिक , मानसिक व आर्थिक स्तर को ऊंचा कर सकती हैं। उसके सोचने समझने की शक्ति का विकास कर सकती हैं।

अच्छी शिक्षा हासिल करके ही अच्छे एवं सुरक्षित भविष्य की नींव डाली जा सकती है। इसीलिए  एक सुरक्षित भविष्य के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अच्छी शिक्षा लेना अनिवार्य है। और ऑनलाइन शिक्षा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।  ऑनलाइन शिक्षा से कई फायदे हैं। 

ऑनलाइन शिक्षा घर बैठे-बैठे इंटरनेट के माध्यम से मिलने वाली शिक्षा है।इसलिए यह शिक्षा विद्यार्थी न सिर्फ अपने देश से बल्कि विदेशों की शिक्षण संस्थाओं से भी हासिल कर सकते हैं।

ऑनलाइन शिक्षा व्यक्ति घर बैठे-बैठे हासिल कर सकता है। जिससे विद्यार्थियों के शिक्षण संस्थाओं , कोचिंग संस्थाओं या स्कूलों में जाने वाले समय की बचत होती है। साथ ही साथ यात्रा में लगने वाले पैसे की भी बचत हो जाती हैं।

छात्र अपने समय व सुविधा के हिसाब से ऑनलाइन क्लासेस ले सकते हैं।और शिक्षक द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन क्लास की रिकॉर्डिंग भी की जा सकती हैं। ऐसे में अगर किसी विद्यार्थी को ऑनलाइन क्लास के वक्त किसी विषय से संबंधित कुछ टॉपिक समझ में ना आए। तो वह दुबारा रिकॉर्डिंग सुन कर अपनी शंकाओं को दूर कर सकता है।

यदि किसी विद्यार्थी को किसी विषय से संबंधित कोई कठिनाई हो रही हो या कोई प्रश्न समझ में नहीं आ रहा हो। ऐसे में बच्चे अपने शिक्षकों से अपने घर बैठे बैठे ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से दोबारा प्रश्न पूछ सकता है। 

न सिर्फ स्कूल , कॉलेज जाने वाले बच्चे बल्कि ऐसे विद्यार्थी जो प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे हैं। उनको भी ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा प्राप्त हो रही है। अब वो भी घर बैठे बैठे अपनी आने वाले प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी आराम से कर सकते हैं।

ऑनलाइन शिक्षा से घर बैठे बैठे पढ़ने की सुविधा तो मिलती ही है। साथ में समय पैसे दोनों की बचत होती है। 

ऑनलाइन पढ़ाई में अनेक ऐसे ऐप हैं जैसे गूगल अर्थ , वीडियो , चित्र , एनिमेटेड चित्र , गूगल मैप्स।  जिनका प्रयोग कर पढ़ाई को और भी दिलचस्प बनाया जा सकता है। इसमें शिक्षक व विद्यार्थी एक दूसरे को पीडीएफ फाइल , वेब लिंग , वीडियो बनाकर भी भेज सकते हैं।

कई कंपनीयों द्वारा लर्निंग एप्स (Learning Apps ) भी बनाए गए हैं। जैसे मेरीटनेशन , बाईजू टॉपर्स आदि। ये लगभग कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के सीबीएसई के पाठ्यक्रम को ऑनलाइन प्रदान करते हैं। और इनके द्वारा बनाए गए एप्स में शिक्षकों का पढ़ाने का तरीका इतना बेहतरीन है कि बच्चे आराम से उस विषय को समझ जाते हैं।

इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये अपने ऐप से जुड़ने वाले बच्चों से पर्सनली सम्पर्क में रहते हैं। और कोई समस्या होने पर इनके टीचर बच्चों की समस्याओं का समाधान तुरंत करते हैं।  यहां तक कि कुकिंग , सिलाई , कढ़ाई , क्राफ्ट , ड्राइंग , पेंटिंग आदि से संबंधित क्लासेज भी अब ऑनलाइन दी जा रही है। 

ऑनलाइन शिक्षा से हानि 

कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के महत्व को काफी बढ़ा दिया है। और काफी बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षा ग्रहण भी कर रहे हैं। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के लिए  विद्यार्थियों के पास एक कंप्यूटर या स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन होना आवश्यक है।

देश में कई बच्चे ऐसे भी हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से ताल्लुक रखते हैं और उनके पास दो वक्त की रोटी खाने के लिए पैसे नहीं होते। ऐसे में वह कंप्यूटर या लैपटॉप या स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन कहां से लाएंगे। उन बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा काफी मुश्किल हो जाती है। ऐसी अवस्था में वो बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं और ऑनलाइन पढ़ने वाले बच्चों की बराबरी नहीं कर पाते हैं।

कई बार लैपटॉप या कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन होने के बावजूद भी इंटरनेट नेटवर्क में प्रॉब्लम हो जाती है जिससे बच्चे टीचर से ऑनलाइन जुड़ नहीं पाते हैं। जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई में रुकावट आ जाती है। 

भारत के कई शहरों या गांवों में अभी इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बच्चे चाह कर भी ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते हैं। 

स्कूल की क्लास में बच्चे बड़े अनुशासित होकर पढ़ाई करते हैं और अपना होमवर्क और क्लास वर्क दोनों को समय पर पूरा करने का पूरा पूरा प्रयास करते हैं। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में कई बार बच्चे अनुशासित नहीं रह पाते हैं। स्कूल जाने से बच्चे एक अनुशाशित जीवन जीते हैं। समय पर उठना , सोना , खेलन कूदना , होमवर्क आदि।  पर घर में कभी कभी लापरवाह हो जाते हैं।

स्कूल में शिक्षक की पैनी नज़र हर वक्त बच्चों पर रहती है।लेकिन ऑनलाइन क्लासेस में टीचर बच्चों के क्रियाकलापों को देख नहीं पाते। जिस कारण वो उनका सही आकलन नहीं कर पाते हैं। जो बच्चे और शिक्षक के लिए आवश्यक है।

कुछ विषयों में प्रैक्टिकल वर्क करना अनिवार्य होता है। जैसे फिजिक्स , केमिस्ट्री या बायोलॉजी आदि। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे प्रैक्टिकल वर्क के माध्यम से सीखने से वंचित रह जाते हैं। इसी तरह स्कूल में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाता है। जो बच्चों के लिए जरूरी हैं।

स्कूल में पढ़ाई के अलावा भी कई और एक्टिविटीज कराई जाती हैं जिनमें बच्चे भाग लेते हैं। जैसे खेलकूद , सिंगिंग , डांस , योगा , कल्चरल एक्टिविटी , वाद-विवाद प्रतियोगिता , निबंध प्रतियोगिता , लेखन प्रतियोगिता आदि।

मगर ऑनलाइन क्लासेज में बच्चों का सिर्फ स्कूल का कोर्स ही पूरा कराया जाता है। बच्चे इस तरह की एक्टिविटीज से वंचित रह जाते हैं। जो उनके विकास के लिए आवश्यक हैं।

उपसंहार (Essay On Online Education)

यह तो कोई नहीं जानता कि यह कोरोना काल कब खत्म होगा और कब दुबारा से स्कूल , कॉलेज ,शिक्षण संस्थाएं , कोचिंग संस्थाएं खुलेंगी। और बच्चे दूबारा स्कूल या कोचिंग संस्थाओं में जाकर पढ़ाई कर सकेंगे।

लेकिन ऐसे मुश्किल वक्त में ऑनलाइन शिक्षा ने बच्चों के लिए शिक्षा के द्वार खुले रखे हैं। अब ऑनलाइन शिक्षा लोगों के द्वारा काफी पसंद की जा रही है। अधिकतर लोग चाहे वो स्कूली बच्चे हो या प्रतियोगिता परीक्षाओं में बैठने वाले ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर काफी खुश हैं। 

Essay On Online Education : ऑनलाइन शिक्षा पर हिंदी निबंध

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ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Online Education in Hindi

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Online Education in Hindi

आज के इस लेख में हमने ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Online Education in Hindi) के विषय में पूरी जानकारी दी है। जिसमें आप जानेंगे अनलाइन क्लास या शिक्षा क्या है? और इससे होने वाले लाभ और हानी।

Table of Content

शिक्षा व्यक्ति के विकास और समुदाय की समृद्धि के लिए योगदान का कार्य करती है। शिक्षा के बिना एक सभ्य समाज की कल्पना करना मुश्किल है। शिक्षा ही है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति अपने जीवन में सफलता हासिल करता है।

रिसर्च बताती है कि ऑनलाइन शिक्षा ने इनफार्मेशन को बढाया है और टाइम को कम किया है। देखा जाये तो आज लॉकडाउन खुलने के बाद भी बच्चो की सेफ्टी को देखते हुए स्कूल बंद चल रहे है।

उनकी ऑफलाइन एजुकेशन अब ऑनलाइन क्लासेज (online classes) के माध्यम से दी जा रही है आज ऑनलाइन क्लासेज ने एजुकेशन का एक नया रास्ता खोल दिया है जो भविष्य में और अधिक विकसित होने के चांसेस है। ऑनलाइन एजुकेशन से बच्चो में ख़ुशी देखने को मिलती है।

क्या है ऑनलाइन शिक्षा? What is Online Education?

दोस्तों आज ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षा का एक ऐसा माध्यम बन गया है, जिसके माध्यम से बच्चे घर बैठे ही अपने टीचर से इंटरनेट से जुड़कर देश के किसी भी कोने या प्रांत में रहकर पढ़ सकते है। इसे लोग ऑनलाइन क्लासेज भी कहते हैं।

ऑनलाइन एजुकेशन के फायदे Advantages of Online Education

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली कई संचार मोड का उपयोग करके, शिक्षकों और छात्रों दोनों को विचारों और जानकारी का आदान-प्रदान करने और देश के किसी भी कोने से काम करने का मौका देती है।

1. समय की बचत It Saves Time

ऑनलाइन एजुकेशन होने से बच्चो का स्कूल जाने में लगने वाले समय की बचत होती है। कई बार बच्चो को शिक्षा के लिए दूर जाना होता है जिसकी बजह से उन्हें थकान का भी अनुभव होता है जिसके कारण वो एकाग्र होकर पढाई नही कर पाते और एक्स्ट्रा एक्टिविटी जैसे डांस, म्यूजिक आदि से दूर रह जाते है। ऑनलाइन शिक्षा से उनका समय बचता है ।     

2. सुविधाजनक Convenient

3. टेक्नोलॉजी से रूबरू interact with technology.

जैसा की हम सभी जानते है कि बच्चो की ऑनलाइन शिक्षा चल रही है और विडियो चैटिंग के माध्यम से क्लासेज ली जा रही है ऐसे में बच्चे नयी टेक्नोलॉजी सीख रहे है और इससे रूबरू हो रहे है।

4. पैसों की बचत Saves Money

5. टेक्नोलॉजी से शिक्षण व्यवस्था में बदलाव change in education system.

ऑनलाइन क्लासेज से शिक्षण संबंधित उपयोग जैसे फाइल, लिंक और वीडियो भेजने के कारण शिक्षक अपनी रचनात्मक शिक्षा को विद्यार्थियों तक पहुंचाने में सक्षम रहते है। जिससे बच्चो को विभिन्न प्रकार से पढ़ने का भरपूर मौका मिलता है।

7. सीखने की ललक बढ़ना Increase learning ardor

अब बच्चे अपनी क्लास लेने के बाद एक्स्ट्रा सीखने का प्रयास कर रहे है जैसे म्यूजिक, डांस, पेंटिंग आदि। साथ ही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने से बच्चो में जानने की इच्छा प्रवल हुई है।   

ऑनलाइन एजुकेशन के नुकसान Disadvan of Online Education

जैसा की हम सभी जानते है कि जिस चीज़ के फायदे होते है उसके नुकसान भी होते है उसी प्रकार ऑनलाइन क्लास के जहाँ फायदे है वही कई नुकसान भी है। जो निम्न है –

1. माहौल ना मिलना No interaction and Friendly atmosphere

ऑनलाइन एजुकेशन अक्सर बच्चे अपने घर पर अकेले ही रहकर लेते है जिसकी बजह से उनका आपस में कांटेक्ट नही हो पाता जिसके कारण बच्चे टीचर के संपर्क में न आने के कारण जो कांटेक्ट में आने से व्यवाहरिक रूप से सीखते है वो नही सिख पा रहे है।

बच्चो को सीखने का एक माहौल नही मिल पाता और जो प्रतिस्पर्धा के कारण बच्चे आगे बढ़ने का प्रयास करते है वही ऑनलाइन में नही हो पाता। ऑनलाइन क्‍लासेस में स्कूल जैसा माहौल न होने से बच्चों का पढ़ाई में मन भी कम लगता है।

2. इंटरनेट का गलत उपयोग Wrong use of Internet

आज ऑनलाइन एजुकेशन होने के कारण पेरेंट्स इन्टनेट कनेक्शन के साथ लैपटॉप या मोबाइल अपने बच्चो को दे देते है। कई बार बच्चे इसका गलत उपयोग करते है। कई बार पेरेंट्स इस बात पर ध्यान नही दे पाते और बच्चे क्लास के बहाने मोबाइल पर गेम खेलना, या अन्य ऑनलाइन एक्टिविटी में लग जाते है।

3. आत्म मूल्यांकन में कमी Lack of self-assessment

स्कूलों में बच्चो की योग्यता को परखने के उद्देश्य से परीक्षाएं और होमवर्क का कार्य किया जाता है। जिससे टीचर बच्चे को समझ सकते है कि बच्चे में कहा बदलाब की जरुरत है और कहाँ पिछड़ रहा है साथ ही बच्चे भी अपने आपको इसके द्वारा भली भाँती परख सकते है।

परन्तु ऑनलाइन शिक्षा में आत्म मूल्यांकन की कमी देखने को मिलती है। ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे ऑनलाइन बुक पढ़ते है जब कि स्कूलों में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों से रूबरू होते है।

4. आंखों और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव Bad effects on Eyes and Health

5. छात्रों को समझने में समस्या problem in understanding by students.

मोस्टली टीचर क्लास में बच्चो को सीधे तरीके से समझ सकता है। क्योंकि क्लास में बच्चे टीचर के बोलचाल, हावभाव और प्रतिक्रिया को देखकर समझ सकता है कि आप क्या समझाना चाह रहे है?

6. इंटरनेट का होना अनिवार्य Internet is mandatory

ऑनलाइन एजुकेशन में इन्टरनेट का होना जरुरी है यदि किसी जगह इन्टरनेट उपलब्ध नही है उस स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा कराना मुश्किल है।

7. अनुशासन की कमी Lack of Discipline

स्कूल की क्लास में पढाई एक अध्ययन सूची और निश्चित अवधि के लिए होती है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में ऐसी कोई विशेष शिक्षा सूची तैयार नहीं हुई है। साथ ही बच्चे स्कूल में जितने अनुशासित रह सकते है उतना ऑनलाइन क्लासेज में गंभीर नहीं होते है।

8. उत्साह में कमी Lack of Enthusiasm

निष्कर्ष conclusion.

इस प्रकार हम कह सकते है कि ऑनलाइन शिक्षा में कई तरह के पहलु मौजूद है लेकिन साथ ही इससे हम यह नही कह सकते कि इस कोविड-19 के समय में ऑनलाइन शिक्षा ने बच्चो, शिक्षको को एक साथ जोड़े रखा है और शिक्षा संगठनों की काफी मदद की है जिससे शिक्षा का आदान प्रदान नही रुक पाया।

आज टेक्नोलॉजी ने इतना विकास कर लिया है कि हम घर बैठे ही शिक्षा ग्रहण करने के साथ साथ कुछ भी कर सकते है। आज ऑनलाइन एजुकेशन ही एक ऐसा साधन बना हुआ है जिससे बच्चे अपने टीचर से लगातार रूप से कनेक्ट है और बिना व्यवधान के अपनी पढाई को सुचारू रूप से चालू रखे हुए है।

आशा करने हैं ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Online Education in Hindi पर यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपको इस लेख से मदद मिली है तो इस लेख को जितना हो सके उतना शेयर करें।

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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education In Hindi

आज का निबंध ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध Essay On Online Education In Hindi  पर दिया गया हैं. सरल भाषा में ई लर्निंग क्या हैं.

वर्तमान में ऑनलाइन एजुकेशन का अर्थ महत्व आवश्यकता लाभ हानि आदि के बारे में निबंध दिया गया हैं. छोटी कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए डिजिटल शिक्षा पर यह निबंध आपको पसंद आएगा.

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध Essay On Online Education In Hindi

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education In Hindi

एक दौर था, जब बच्चों को अध्ययन के लिए गुरु के पास भेजा जाता था. वह 24 वर्ष की आयु में पढ़ाई पूरी कर घर लौटता था. जिसे हम गुरुकुल प्रणाली कहते हैं. बाद में स्कूली शिक्षा का चलन चला और आज भी हमारी शिक्षा उसी दौर में हैं.

पिछले पांच वर्षों में हुई इन्टरनेट क्रांति ने एक और शिक्षा के माध्यम को जन्म दिया, वह हैं ऑनलाइन घर बैठे शिक्षा.

कोरोना महामारी ने मानव जनित समूचे तन्त्र को विफल कर दिया, लोग घरों में कैद हो गये ऐसे विकट हालातों में भी ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से बच्चों की शिक्षा को नियमित किया जा सकता हैं.

देश के हजारों विद्यालय व महाविद्यालय आज भी ऑनलाइन शिक्षा / डिजिटल एजुकेशन के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. आज का निबंध, अनुच्छेद ऑनलाइन शिक्षा पर ही दिया गया हैं. हम जानेगे कि यह क्या हैं इसके लाभ हानि महत्व और उपयोगिता को.

शिक्षा हमारे जीवन का मूल आधार हैं, प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले यह उनका मूलभूत अधिकार एवं आवश्यकता भी हैं. अच्छी शिक्षा के दम पर ही बेहतरीन करियर की नीव रखी जा सकती हैं.

भारतीय शिक्षा व्यवस्था को हम तीन भागों में बाँट सकते हैं. प्राचीन शिक्षा, औपनिवेशिक काल में शिक्षा और आधुनिक भारत की शिक्षा.

आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलावों के चलते शिक्षा का स्वरूप परम्परागत से अत्याधुनिक रूप ले चूका हैं.

वर्तमान समय में ई एजुकेशन यानी ऑनलाइन शिक्षा बेहद लोकप्रिय हो रही हैं. ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से कोसो दूर बैठे शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफार्म एप्प, स्काइप, ज़ूम, यूट्यूब आदि की मदद से पढ़ा रहे हैं.

बच्चे अपने स्टडी या बेडरूप में स्वतंत्र बैठकर मोबाइल, लेपटोप या कंप्यूटर के माध्यम से अपने अध्यापक को सुन व देख सकते हैं.

ऑनलाइन शिक्षा के महत्व को नकारने वाले शिक्षाविदों ने भी कोरोना के चलते लॉकडाउन में अव्यवस्थित हुई शिक्षा प्रणाली को पटरी पर लाने का एक ही विकल्प डिजिटल एजुकेशन बताया हैं.

भले ही आज बच्चें स्कूलों में नहीं जा पा रहे हैं. शिक्षक उन्हें ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से लेक्चर घर बैठे पंहुचा रहे हैं. शिक्षा की इस प्रणाली में तेज गति के इंटरनेट पहली आवश्यकता हैं.

वर्ष 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैध शिक्षा माध्यम के रूप में भी स्वीकार किया गया हैं. जिन्हें प्रयुक्त भाषा में दूरस्थ शिक्षा कहा जाता हैं. इसमें निर्धारित पाठ्यक्रम को VS/डीवीडी और इन्टरनेट के माध्यम से शिक्षा दी जाती हैं.

ऑनलाइन शिक्षा क्या है ? (What is Online Education In Hindi)

ऑनलाइन शिक्षा को हम आधुनिक शिक्षा का सबसे नवीनतम स्वरूप कह सकते हैं, जिसमें बालक को कई मील तक के सफर को तय कर ब्लैक बोर्ड के सामने बैठकर पढने की बजाय अपने गुरूजी के साथ घर बैठे ही वर्चुअल क्लास में इन्टरनेट के द्वारा जुड़ सकता हैं.

इस शिक्षा में वही बालक सहभागी बन सकते हैं, जिनके पास अच्छा इन्टरनेट कनेक्शन मोबाइल, लेपटोप या कंप्यूटर आदि हो.

आज स्कूल कॉलेज आदि के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स भी कोचिंग संस्थानों में नहीं जा पा रहे हैं, ऑनलाइन शिक्षा ने उनकी भी राहें आसान कर दी हैं.

अब वे घर बैठे निश्चित होकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेगे . कई डिग्री परीक्षाएं और उनका पाठ्यक्रम भी ऑनलाइन चलता हैं. शिक्षा के इस माध्यम का बड़ा लाभ उन छात्रों को भी हैं जो विदेश जाकर पढाई नहीं कर पाते हैं.

वे घर बैठे विश्व के किसी भी ख्यातिप्राप्त शिक्षा केंद्र के साथ सीधे जुड़ सकते हैं. हमारे ज्ञान को सुलभ और घर तक लाने का श्रेय शिक्षा के इस माध्यम को जाता हैं.

इसनें यात्रा के खर्च व समय की बचत की हैं साथ ही छात्रों के समक्ष चयन के लिए हजारों विकल्प भी हैं, अब घर बैठे सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन क्लासेज से एक क्लिक में जुड़ा जा सकता हैं.

ई एजुकेशन का बड़ा फायदा यह भी हैं कि बच्चें एक बार की क्लास को रिकॉर्ड कर जब चाहे दुबारा चलाकर देख सकते हैं, जबकि परम्परागत शिक्षा व्यवस्था में इस गुण की कमी थी.

डिजिटल क्लासरूप इतने आधुनिक बन चुके हैं कि शिक्षक छात्र का आपसी संवाद उसी तन्मयता से बना रहता हैं जैसा कि वास्तविक कक्षा कक्ष में. छात्र लिखकर अपनी शकाओं या समस्याओं को अध्यापक के सामने प्रस्तुत कर सकता हैं.

बड़ी बड़ी सेवाओं जैसे सिविल सर्विस, इंजीनियरिंग और मेडिकल, कानून आदि की शिक्षा भी आज कई संस्थान ऑनलाइन उपलब्ध करवा रहे हैं.

आज के समय में जब घर से निकलना भी एक चुनौती बन चूका हैं, ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा एक सुनहरा विकल्प हैं. यह न केवल बाधित शिक्षा व्यवस्था को गति दे सकता हैं, बल्कि अधिक आकर्षक तरीके से शिक्षक छात्र के अनुभव बढाए जा सकते हैं.

किसी शिक्षण संस्थान, कोचिंग सेंटर अथवा व्यक्तिगत ट्यूशन के कुल खर्च के दसवें भाग व्यय में आसानी से ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हो जाते हैं जिन्हें घर बैठकर कभी भी देखा जा सकता हैं.

समय तथा धन की बचत के साथ ही शिक्षण संस्थान जाने में आने वाली ट्रेफिक, मौसम आदि की समस्याओं से भी निजात मिल जाएगी.

भारत में ऑनलाइन शिक्षा और कोर्स उपलब्ध कराने वाले कुछ प्रसिद्ध प्लेटफार्म बाईजूस ,मेरिटनेशन, उत्कर्ष, ग्रेडअप आदि कुछ बड़े विख्यात नाम हैं. जहाँ आप अपनी जरूरत के मुताबिक़ फ्री या पैड कोर्स को चुन सकते हैं.

ऑनलाइन शिक्षा से लाभ व हानि (Essay on Advantages and Disadvantages of Online Study)

शिक्षा का अधिकार 2009 देश के प्रत्येक बच्चें को निशुल्क एवं अनिवार्य एवं बाल शिक्षा का अधिकार देता हैं. शिक्षा व्यक्ति के चहुमुखी विकास की प्रथम शर्त मानी जाती हैं.

ऑनलाइन शिक्षा आज के युग की लोकप्रिय प्रणाली हैं. इसके कई सारे लाभ हैं तो कुछ हानियाँ भी हैं. जिन्हें हम इस प्रकार समझ सकते हैं.

ऑनलाइन स्टडी के लाभ

  • बालक अपने घर में बैठे देश विदेश के किसी भी संस्थान से शिक्षा अर्जित कर सकता हैं.
  • शिक्षण संस्थान विद्यालय, कॉलेज, कोचिंग सेंटर आदि में आने जाने के समय तथा यात्रा के खर्च की बचत हो जाती हैं.
  • छात्र अपनी सुविधा के अनुसार समय में रेकॉर्डेड क्लास को देख सकता हैं. किसी अध्याय के समझ न आने पर वह उसे दुबारा या कई बार देखकर अपनी शंका का समाधान कर सकता हैं.
  • वर्चुअल क्लास के दौरान कोई बिंदु स्पष्ट समझ न आने पर छात्र शिक्षक से पुनः स्पष्ट करने का निवेदन भी कर सकता हैं.
  • स्कूल कॉलेज में पढने वाले छात्रों के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवक युवतियां भी ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अपने पाठ्यक्रम को पढ़ सकते हैं, देख व सुन सकते हैं.
  • बेहद कम शुल्क में कोर्स उपलब्ध होने के साथ ही भिन्न भिन्न संस्थानों के बेहतरीन कोर्स के चयन की स्वतन्त्रता छात्र व उसके अभिभावक को रहती हैं.
  • ऑनलाइन शिक्षा के कई सारे फीचर परम्परागत कक्षा में प्रदर्शित नहीं किये जा सकते हैं. डिजिटल बोर्ड पर गूगल अर्थ , वीडियो , चित्र , एनिमेटेड चित्र , गूगल मैप्स, चार्ट आदि के जरिये गूढ़ विषयों को सरल तरीके से स्पष्ट किया जा सकता हैं.
  • आजकल स्कूली पाठ्यक्रम की शिक्षा तो ऑनलाइन उपलब्ध है ही साथ ही कुकिंग , सिलाई , कढ़ाई , क्राफ्ट , ड्राइंग , पेंटिंग  का प्रशिक्षण भी घर बैठे प्राप्त किया जा सकता हैं.

ऑनलाइन शिक्षा की हानियाँ 

जिस तरह प्रत्येक वस्तु के दो पहलू होते हैं, ऑनलाइन शिक्षा की प्रक्रिया में ही ऐसा ही हैं. एक तरफ इसके बेशुमार लाभ हैं तो वही इसके कई दुष्परिणाम साइडइफेक्ट भी हैं जिन्हें हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. यहाँ हम निबंध में ऑनलाइन स्टडी के कुछ नुकसानों के बारे में चर्चा करेंगे.

  • ऑनलाइन शिक्षा का स्वरूप छात्र को परम्परागत शिक्षा प्रणाली की तुलना में अत्यधिक स्वतन्त्रता देता हैं. ऐसे में बच्चों को स्व विवेक से स्वयं पर नियंत्रण रखना होता हैं. अध्ययन अध्यापन की सफलता इस बार पर निर्भर करती हैं कि उसे रूचि के साथ ग्रहण किया जाता हैं, अथवा नहीं. यकीनन छोटे बच्चों के लिए यह शिक्षा तभी वरदान बन सकती हैं, जब अभिभावक के सहयोग से बच्चे को प्रशिक्षित किया जाए.
  • डिजिटल क्लास में प्रत्येक बच्चे पर अध्यापक का ध्यान देना व्यावहारिक रूप में सम्भव नहीं हैं. ऐसे में बच्चें यदि ईमान दारी के साथ शिक्षण प्रक्रिया में उपस्थित होकर सम्पूर्ण गतिविधियों में सलंग्न होते हैं तभी उसका उद्देश्य पूर्ण हो पाता हैं.
  • अमूमन ऑनलाइन शिक्षा के साथ लोगों की यह शिकायत रहती हैं. यह कक्षा परम्परागत कक्षा की तरह संवाद स्थापित नहीं कर पाती हैं. शिक्षक केवल अपने पाठ्यक्रम से सम्बन्धित ही वार्तालाप करता हैं. निजी तथ्य, भावनाओं, जोक्स आदि के अभाव में कक्षा में नीरसता का आना स्वाभाविक हैं.
  • ऑनलाइन कक्षा में छात्रों को कई घंटों तक स्क्रीन के समक्ष बैठना पड़ता हैं. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के सामने इतने लम्बे समय तक बैठना स्वास्थ्य के लिहाज से भी अच्छा नहीं माना जाता हैं. आँखों की समस्या तथा सिर दर्द आदि के रूप में इसके साइडइफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं.
  • इस शिक्षा प्रणाली का एक अन्य दुष्परिणाम सिमित संवाद हैं. यहाँ छात्र सिमित रूप में ही अपनी बात अध्यापक को कह पाते हैं, अध्यापक को भी सभी स्टूडेंट्स का ध्यान रखना होता हैं, ऐसे में सभी की बातों को पूरा समय नहीं दे पाते हैं.

ऑनलाइन शिक्षा के प्रकार (online shiksha par nibandh Paragraph in hindi)

हम ऑनलाइन शिक्षा को सिंक्रोनस और असिंक्रोनस इन दो भागों में विभाजित कर सकते हैं.

सिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था : इसे हम रियल टाइम लर्निंग या लाइव टेलीकास्ट लर्निंग के नाम से भी जानते हैं. इस शैक्षिक व्यवस्था में एक ही समय में शिक्षक और छात्रों के मध्य संवाद स्थापित होता हैं.

तथा अध्ययन की गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं. ऑडियो और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, लाइव चैट तथा वर्चुअल क्लासरूम आदि इसके उदाहरण हैं.

असिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था: इस शैक्षिक प्रणाली में छात्र अपनी स्वेच्छा से जब चाहे दी गई अध्ययन सामग्री को पढ़ या देख व सुन सकता हैं.

इसमें रिकोर्डड क्लास विडियो, ऑडियो ई बुक्स, वेब लिंक्स, प्रेक्टिस सेट आदि सम्मिलित हैं. भारत में अधिकतर लोग इस शैक्षिक पद्धति के जरिये पढना पसंद करते हैं.

निष्कर्ष/ उपसंहार

कई मामलों में आज भी ऑनलाइन शिक्षा में सुधार की आवश्यकता हैं. इसके उपरान्त भी दूर रहने वाले बच्चों के लिए यह शिक्षा का सबसे उत्कृष्ट माध्यम हैं. खासकर कोविड 19 महामारी के दौर में ई शिक्षा देश दुनियां के छात्रों के लिए वरदान साबित हुई हैं.

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ऑनलाइन शिक्षा निबंध; अर्थ, फायदे, नुकसान

ऑनलाइन शिक्षा निबंध; फायदे और नुकसान Hindi essay on advantages and disadvantages of online education, क्या ऑनलाइन क्लास स्कूल से बेहतर हैं? ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है इसलिए आप इस निबंध में जानेंगे ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि । ऑनलाइन शिक्षा या ऑफलाइन शिक्षा में से कौन सा विकल्प चुनें।

ऑनलाइन शिक्षा के लाभ-हानि पर निबंध

Hindi Essay on Online Education

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे नुकसान, ऑनलाइन शिक्षा निबंध, essay on online education in hindi.

ऑनलाइन शिक्षा एक नई प्रकार की शिक्षा है, जिसमें इंटरनेट के माध्यम से संचार उपकरणों का उपयोग करके शिक्षक और विद्यार्थी संवाद करते हैं। किसी भी विषय पर घर बैठे ज्ञान साझा करने का यह एक नवीन ढंग है। इस शिक्षा प्रणाली में पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों ही के पास कंप्यूटर या मोबाइल का होना अनिवार्य है। टीचर और स्टूडेंट्स पहले से निर्धारित समय पर विभिन्न एप के माध्यम से ऑनलाइन एक दूसरे के सामने आ जाते हैं और सभी विषयों की पढ़ाई करते हैं। भारत जैसे विकासशील देश में कोरोना वायरस के वजह से हुए लॉकडाउन ने ऑनलाइन शिक्षा को तेज़ गति प्रदान की। जानिये लोगों ने किस प्रकार लॉक डाउन का सदुपयोग किया।

इंटरनेट की बड़ी सफलता के बाद, ऑनलाइन शिक्षा उभरने लगी। और अब, डिजिटल प्लेटफार्मों पर उच्चतम शिक्षा भी संभव है। इन्टरनेट और कंप्यूटर के क्षेत्र में नयी तकनीक की ख़ोज ने छात्रों को विभिन्न विकल्प प्रदान किए हैं। भारत या ऑस्ट्रेलिया में बैठकर कोई भी अमरीका या यूरोप विश्वविद्यालय में अध्ययन कर सकता है। ऑनलाइन क्लासेज (classes) को निम्नलिखित नामों से भी जाना जाता है।

ई-शिक्षा,आभासी शिक्षा, ऑनलाइन शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा, डिजिटल शिक्षा, वेब कक्षाएं, और इंटरनेट पर शिक्षा आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्द हैं।

ऑनलाइन और ऑफलाइन लर्निंग का फर्क समझने के लिए ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान को जानना ज़रूरी है ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कितनी सार्थक है? जानने के लिए ज़रूर पढ़ें –

ऑनलाइन शिक्षा पर तर्क वितर्क Online Education Experience of class 4th student Bad Online Experience of Class 11th Student

ऑनलाइन क्लास के तरीके, Ways of Online Education in Hindi

  • यू ट्यूब पर पहले से रिकार्डेड क्लास में सीखना
  • पॉवर पॉइंट स्लाइड्स के माध्यम से सीखना
  • लिखित सामग्री ऑनलाइन पढ़ना
  • ऑनलाइन क्लास में लाइव सीखना

आर्यन की पहली ऑनलाइन क्लास का अनुभव बहुत ही बुरा था | जानिये क्या हुआ पहली ऑनलाइन क्लास में-

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे, Advantages of Online Education

  • ऑनलाइन कक्षा का मुख्य लाभ यह है कि इसमें कहीं से भी भाग ले सकता है।  
  • यदि कोई छात्र किसी विषय को एक बार में नहीं समझ पाता है, तो वह इसे तब तक रिवाइंड (rewind)कर सकता है जब तक कि वह इसका अर्थ समझ नहीं लेता।
  • कक्षाओं में, धीमी गति से लिखने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा बहुत फायदेमंद है।
  • स्कूल में छात्रों को अध्यापक की लिखने की गति से मेल बैठाना पड़ता है और हर समय चौकस रहना पड़ता है। लेकिन, ऑनलाइन क्लास जो कि आम तौर पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो के रूप में उपलब्ध होता है उसे बीच में रोककर भी देखा या सुना जा सकता है।
  • किसी भी टीचर से पढ़ने का विकल्प होता है।
  • किसी भी विषय या टॉपिक पर ज्ञान अर्जित कर सकते हैं।
  • मुफ्त में या कम कीमत पर अधिक पाठयक्रम (courses) उपलब्ध हैं।
  • यह उन लड़कियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करता है, जो आम तौर पर घर से बाहर नहीं निकल पाती हैं । देर रात को अपने कमरे में ही बैठकर कुछ भी सीख सकते हैं।
  • अपने देश में ही बैठकर दूसरे देश के प्रसिद्ध अध्यापकों से पढ़ने का लाभ उठा सकते हैं।
  • यात्रा न करने से समय और पैसे दोनों की बचत होती है।

ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान, Disadvantages of online classes in Hindi

  • ऑनलाइन पढ़ाई किसी उपकरण को प्रभावी तरीके से चलाना या संभालना नहीं सिखा सकता, जैसे गिटार बजाना, कार चलाना
  • हम इंटरनेट पर एक रासायनिक प्रयोग (practical) नहीं कर सकते। खासकर साइंस और सोशल साइंस के प्रयोग नहीं किए जा सकते।
  • स्कूल का माहौल न होने से कुछ बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लग पाता है।
  • ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों की आंखों एवं स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
  • सार्वजनिक रूप से बोलने का कौशल को और सीखने का स्तर तब और अधिक उन्नत होता है जब आप वास्तविक दुनिया में असली लोगों के साथ बैठते हैं।
  • कुछ बच्चे अध्यापक का डर न होने कारण इन कक्षाओं को गंभीरता से नहीं लेते और बाकी सब लोगों को भी परेशान करते हैं।
  • छोटे बच्चों के साथ अभिभावकों की अनिवार्यता उनका समय बर्बाद करती है।
  • जिन लोगों के पास महंगे कंप्यूटर और स्मार्टफोन नहीं है, वे शिक्षा की इस प्रणाली के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते।
  • आवासीय-परिसर प्रमाणीकरण (Residential Course Certificate), दूरस्थ शिक्षा प्रमाणन (Distance Education Certificate) से अधिक मूल्य रखता है।
  • नेटवर्क संबंधी समस्या से कई बार ऑनलाइन क्लास असफल हो जाती है।

निष्कर्ष (ऑनलाइन शिक्षा निबंध)

हालाँकि, ऑनलाइन शिक्षा के फायदे बहुत हैं पर पारंपरिक कक्षा कुछ क्षेत्रों में अधिक व्यावहारिक है। ऑनलाइन क्लास वयस्क छात्रों के लिए अनुकूल हो सकता है, जो स्व-अनुशासित हैं, लेकिन बच्चों और किशोरों के लिए, पारंपरिक तरीके से स्कूल में जाकर पढ़ना ही बेहतर है। शिक्षा के मिश्रित मॉडल के साथ दोगुनी गति से हम अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।

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शब्द अर्थ
ऑनलाइन वास्तविक नहीं है, शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है
स्व अनुशासितखुद पर नियंत्रण रखने की क्षमता
संवादबातचीत
चौकससब तरफ ध्यान रखना (attentive)
अर्जित सीखना, कमाना
विकल्पविभिन्नता, उपाय (option)
व्यावहारिकव्यवहार में आने योग्य , usual, practical

धन्यवाद! ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान पढ़कर आपको कैसा लगा? आपको पढ़ाई का कौन सा रूप ज्यादा पसंद है ? कमेंट में लिखें |

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Essay on Online Education in Hindi | ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध

इंटरनेट आधारित प्रशिक्षण पर लेख article on internet based training.

Essay on Online Education in Hindi | ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध

वर्तमान उन्नत युग में, ऑनलाइन स्कूली शिक्षा ने बहुत प्रसिद्धि और सम्मान अर्जित किया है। नवाचार की प्रगति ने हमारे सीखने और जानकारी प्राप्त करने के तरीके को बदल दिया है। ऑनलाइन स्कूली शिक्षा एक सहायक और अनुकूल सीखने का माहौल प्रदान करती है, जिससे लोगों को पारंपरिक अध्ययन कक्षों की अनिवार्यता के बिना अपने शिक्षाप्रद उद्देश्यों को पूरा करने की अनुमति मिलती है। इस पत्र में, हम ऑनलाइन प्रशिक्षण के लाभों की जांच करेंगे, इसमें आने वाली कठिनाइयाँ, और इसने शिक्षाप्रद दृश्य को कैसे बदल दिया है।

ऑनलाइन प्रशिक्षण के लाभ Benefits of Online Training

ऑनलाइन स्कूली शिक्षा के आवश्यक लाभों में से एक इसकी उपलब्धता है। स्थलाकृतिक बाधाएँ फिर कभी लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा प्राप्त करने से नहीं रोकती हैं। छात्र दुनिया में कहीं से भी सम्मानित संगठनों द्वारा प्रस्तुत पाठ्यक्रमों के लिए साइन अप कर सकते हैं। ऑनलाइन स्कूली शिक्षा ड्राइविंग की आवश्यकता को समाप्त कर देती है, जिससे छात्रों को अपने घरों में आराम से परीक्षा देने की सुविधा मिलती है।

ऑनलाइन स्कूली शिक्षा बुकिंग के संबंध में अनुकूलता प्रदान करती है। छात्र अपनी गति से सीखने का निर्णय ले सकते हैं और अपनी योजना स्वयं निर्धारित कर सकते हैं। यह अनुकूलनशीलता छात्रों को काम या पारिवारिक दायित्वों जैसी विभिन्न जिम्मेदारियों के साथ उनके शिक्षाप्रद हितों को ऑफसेट करने की अनुमति देती है। पारंपरिक स्टडी हॉल सेटिंग्स के विपरीत, ऑनलाइन प्रशिक्षण यह महसूस करने का अवसर देता है कि यह आमतौर पर व्यक्ति के लिए कब और कहाँ मददगार होता है।

लागत व्यवहार्यता Cost-Viability

ऑनलाइन स्कूली शिक्षा प्रथागत प्रकार की शिक्षा की तुलना में कई गुना अधिक व्यावहारिक है। ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए शैक्षिक खर्च आमतौर पर कम होता है, और छात्र परिवहन और सुविधा जैसी अतिरिक्त लागतों पर पैसा बचा सकते हैं। इसके अलावा, लोग अपनी स्कूली शिक्षा का पीछा करते हुए काम करना जारी रख सकते हैं, वेतन की कमी को सीमित कर सकते हैं जो अक्सर पूर्णकालिक परीक्षाओं से जुड़ा होता है।

अलग कोर्स विकल्प Different Course Choice

ऑनलाइन स्कूली शिक्षा स्पष्ट रूप से विकल्पों की एक बड़ी गुंजाइश देती है। अंडरस्टुडिज़ परियोजनाओं की एक अलग पसंद ब्राउज़ कर सकते हैं और विशेष पाठ्यक्रमों सहित सिखा सकते हैं जो स्थानीय रूप से सुलभ नहीं हो सकते हैं। निर्णयों का यह विस्तृत वर्गीकरण इस बात की गारंटी देता है कि छात्र अपनी रुचि के विशेष क्षेत्रों की खोज कर सकते हैं और विशेष क्षेत्रों में योग्यता प्राप्त कर सकते हैं।

स्वतंत्र शिक्षण  Independent Learning

ऑनलाइन शिक्षा स्वतंत्र रूप से सीखने पर विचार करती है, छात्रों को अपनी गति से सामग्री के माध्यम से आगे बढ़ने में सक्षम बनाती है। यह अनुकूलनशीलता विभिन्न शिक्षण शैलियों का विशेष ध्यान रखती है और गारंटी देती है कि लोगों को निम्नलिखित विषय की ओर बढ़ने से पहले विषय की पूरी समझ है। स्वतंत्र विकास वर्ग के बारे में जागरूक रहने के तनाव को भी दूर करता है, अधिक अनुकूल और सुखद विकास के अवसरों की खेती करता है।

सहज ज्ञान युक्त शिक्षण उपकरण  Intuitive Learning Apparatuses

शिक्षाप्रद अनुभव को उन्नत करने के लिए ऑनलाइन स्कूली शिक्षा चरण बुद्धिमान शिक्षण उपकरणों को एकीकृत करते हैं। इन उपकरणों में दृष्टि और ध्वनि परिचय, पुनर्मूल्यांकन और वर्चुअल लैब शामिल हैं जो सक्रिय सीखने के खुले दरवाजे प्रदान करते हैं। इन उपकरणों का समन्वय गतिशील प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाता है और व्यवहार्य अनुप्रयोग के माध्यम से विचारों का समर्थन करता है।

उन्नत समन्वित प्रयास  Upgraded Coordinated effort

इस भ्रम के बावजूद कि वेब-आधारित प्रशिक्षण एकांत है, यह वास्तव में छात्रों के बीच संयुक्त प्रयास को सशक्त बनाता है। आभासी अध्ययन हॉल वार्तालाप चर्चाओं, गुच्छा गतिविधियों और वीडियो बैठकों के माध्यम से पत्राचार और कनेक्शन के साथ काम करते हैं। सहकारी शिक्षण अभ्यास स्थानीय क्षेत्र की भावना को प्रोत्साहित करते हैं और छात्रों को उनके साथियों के विभिन्न दृष्टिकोणों और मुठभेड़ों के अनुसार लाभ की अनुमति देते हैं।

विकास के लिए अनुकूलित अवसर  Customized Opportunity for growth

ऑनलाइन स्कूली शिक्षा व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप अनुकूलित विकास अवसर को सशक्त बनाती है। छात्र अतिरिक्त संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं, बातचीत पर लौट सकते हैं, और जब भी समय आदर्श हो, मूल्यांकन कर सकते हैं। इसके अलावा, शिक्षक प्रत्येक छात्र के विशेष गुणों और कमियों को ध्यान में रखते हुए अनुकूलित आलोचना और समर्थन दे सकते हैं। यह अनुकूलित दृष्टिकोण बढ़ते अनुभव में सुधार करता है और छात्र प्रतिबद्धता को बढ़ाता है।

वेब-आधारित प्रशिक्षण में कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करना  Conquering Difficulties in Web-based Training

जबकि ऑनलाइन स्कूली शिक्षा विभिन्न लाभ प्रदान करती है, सीखने की इस पद्धति से संबंधित कठिनाइयों को पहचानना और उनका समाधान करना मौलिक है।

विशिष्ट आवश्यकताएं  Specialized Necessities

वेब-आधारित प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए, छात्रों को ठोस वेब संघों और उचित यांत्रिक उपकरणों से संपर्क करना चाहिए। यह पूर्वापेक्षा प्रतिबंधित वेब नेटवर्क वाले क्षेत्रों के लोगों या महत्वपूर्ण गैजेट्स तक नहीं पहुंचने वाले लोगों के लिए एक परीक्षण का प्रतिनिधित्व कर सकती है। ऑनलाइन शिक्षा के लिए समान रूप से प्रवेश की गारंटी देना एक आवश्यक दृष्टिकोण है जिसका पालन किया जाना चाहिए।

उन्नत संयुक्त प्रयास  Upgraded Joint effort

गलत निर्णय के विरोध में कि वेब-आधारित प्रशिक्षण अलग हो रहा है, यह वास्तव में छात्रों के बीच सहयोग को सशक्त बनाता है। वर्चुअल स्टडी हॉल वार्तालाप चर्चाओं, गुच्छा उपक्रमों और वीडियो बैठकों के माध्यम से पत्राचार और सहयोग के साथ काम करते हैं। सहकारी शिक्षण अभ्यास स्थानीय क्षेत्र की भावना को प्रोत्साहित करते हैं और छात्रों को उनके दोस्तों के विभिन्न दृष्टिकोणों और मुठभेड़ों के अनुसार लाभान्वित करने की अनुमति देते हैं।

ऑनलाइन प्रशिक्षण व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप विकास के लिए अनुकूलित अवसर प्रदान करता है। छात्र अतिरिक्त संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं, बातचीत पर लौट सकते हैं और आदर्श समय आने पर मूल्यांकन कर सकते हैं। इसके अलावा, शिक्षक प्रत्येक छात्र के विशेष गुणों और कमियों को ध्यान में रखते हुए अनुकूलित इनपुट और समर्थन दे सकते हैं। यह अनुकूलित दृष्टिकोण बढ़ते अनुभव को उन्नत करता है और छात्रों की प्रतिबद्धता को बढ़ाता है।

वेब-आधारित स्कूली शिक्षा में कठिनाइयों को हराना  Defeating Difficulties in Web-based Schooling

जबकि ऑनलाइन प्रशिक्षण विभिन्न लाभ प्रदान करता है, सीखने की इस पद्धति से संबंधित कठिनाइयों को पहचानना और उनका समाधान करना मौलिक है।

वेब-आधारित स्कूली शिक्षा में भाग लेने के लिए, छात्रों को भरोसेमंद वेब संघों और उचित यांत्रिक उपकरणों से संपर्क करना चाहिए। यह पूर्वापेक्षा प्रतिबंधित वेब नेटवर्क वाले क्षेत्रों के लोगों या महत्वपूर्ण गैजेट्स तक नहीं पहुंचने वाले लोगों के लिए एक परीक्षण का प्रतिनिधित्व कर सकती है। ऑनलाइन शिक्षा के लिए उचित प्रवेश की गारंटी देना एक जरूरी दृष्टिकोण है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

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premmankar2007

ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि पर निबंध

ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि पर निबंध। essay on the advantages and disadvantages of online education..

ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षा का ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से घर बैठे शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से देश के किसी भी कोने या प्रांत से बच्चों को पढ़ा सकते है। इस में शिक्षक और विद्यार्थी अपने सहूलियत के अनुसार वक़्त का चुनाव कर ऑनलाइन जुड़ जाते है। शिक्षक स्काइप ,व्हाट्सप्प ,और ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से बच्चो को आसानी से पढ़ा सकते है।

आज कोविड 19  के लॉकडाउन के तहत हमे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उसमे सर्वप्रथम  है बच्चो की शिक्षा। ऑनलाइन यानी दूरस्थ शिक्षा ने लॉकडाउन में चल रही इस मुश्किल को आसान कर दिया है। अब विद्यालय के निर्देशों के अनुसार शिक्षक बच्चो को घर से ऑनलाइन पढ़ा रहे है ताकि शिक्षा में बाधा ना पड़े।ऑनलाइन शिक्षा एक अलग तरह की प्रणाली है जहाँ शिक्षक विभिन्न प्रकार के टूल्स का उपयोग कर शिक्षा को आसान बना देते है।

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे :

शिक्षक के साथ अधिक नियमित संपर्क

जैसा कि हमारे ऑनलाइन छात्र स्काइप ,appearin और गूगल क्लासरूम के माध्यम से अपने शिक्षक के संपर्क में आते है । छात्र अक्सर अपने फ़ोन के मदद से शिक्षकों से हर समय संपर्क साध लेते है। संचार की प्रगति के कारण छात्रों को लाभ होता है क्यों कि ट्यूशन केवल साप्ताहिक एक घंटे के सत्र की  तुलना में निरंतर संवाद का अधिक हो सकता है।ऑनलाइन संसाधनों जैसे गूगल मैप्स , गूगल एअर्थ ,वेबसाइट चित्र और वीडियो के माध्यम से ऑनलाइन पाठ पढ़ाना रोचक हो गया है।

बेहतर फ्लेक्सिबिलिटी

ऑनलाइन ट्यूशन के साथ अंतिम मिंटो के समय में परिवर्तन आ सकता है। शिक्षक जब चाहे  तब क्लास रख सकता है और स्थगित भी कर सकता है। इसमें यात्रा नहीं करनी पड़ती है और काफी समय बच जाता है।ऑनलाइन स्क्रीन शेयरिंग का उपयोग करके विषयो को समझना आसान हो गया है। ऑनलाइन शिक्षा एक उत्कृष्ट शिक्षा का उदहारण है।

प्रौद्योगिकी ने शिक्षण व्यस्था में बदलाव लाया

ऑनलाइन ट्यूशन की सबसे अधिक आपको शिक्षण संबंधित विकल्प देता है। ऑनलाइन व्हाइटबोर्ड का उपयोग ,फाइल ,लिंक और वीडियो भेजने के कारण शिक्षक अपनी रचनात्मक शिक्षा को विद्यार्थियों तक पहुंचा सकता है। इसमें शिक्षक को विभिन्न प्रकार से बच्चों को पढ़ाने का भरपूर मौका मिलता है।

प्रभावी शिक्षा

ऑनलाइन ट्यूशन के कारण यात्रा नहीं करनी पड़ती है। इससे समय की बचत हो जायेगी। इंटरनेट का आसानी से उपलब्ध होना ऑनलाइन शिक्षा के लिए वरदान के रूप में साबित हुआ है।

किसी भी समय पर शिक्षा

किसी भी वैश्विक स्थान और अजीब समय ऑनलाइन  पर पाठ पढ़ाया जा सकता है। आपको सिर्फ केवल एक उपकरण जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन की ज़रूरत होती है।

ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान :

बच्चे बिगड़ जाते है

ऑनलाइन ट्यूशन करने से कुछ बच्चे बिगड़ जाते है। ऑनलाइन ट्यूशन बच्चो को ऑफलाइन ट्यूशन के मुकाबले कम समय के लिए शिक्षा प्रदान करता है। सिर्फ एक तरफा अध्यापक बच्चो को पढ़ाता है ,उसमे बच्चा ज़्यादा समय के लिए  क्लासवर्क नहीं कर पाता है। ऑफलाइन शिक्षक बच्चे को नैतिक शिक्षा प्रदान करता है जब कि ऑनलाइन शिक्षण में ऐसा नहीं हो पाता है।

अच्छी इंटरनेट का होना अनिवार्य

ऑनलाइन ट्यूशन को अच्छे नेटवर्क की आवश्यकता होती है। जहाँ नेटवर्क नहीं है वहां ऑनलाइन शिक्षा कराना मुश्किल है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग  के पास  तीव्र गति वाले इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है। इसलिए वहां ऑनलाइन शिक्षा अभी भी वहां उपलब्ध नहीं है।

शिक्षा के लिए पर्याप्त योजना का अभाव

जब पहले बच्चे निजी ट्यूटर के पास पढ़ते थे तब बच्चा एक अध्ययन सूची के मुताबिक ,निश्चित अवधि के लिए पुस्तकों के साथ  पढ़ने बैठता था। यह वर्षो तक चली आ रही परंपरा है। ऑनलाइन शिक्षा एक तहत ऐसी कोई विशेष शिक्षा सूची तैयार नहीं हुई है। बच्चे स्कूल में जितने अनुशासित रह सकते है। ऑनलाइन क्लासेज में इतने गंभीर नहीं होते है।

ठीक से छात्रों को ना समझ पाना

समान्यतः एक शिक्षक कक्षा में आपको सीधे तरीके से समझ सकता है। कक्षा में आपकी बोल चाल और आपकी प्रतिक्रिया देखकर समझ सकता है कि आप विषय को कितना समझ पा रहे है। आपकी बॉडी लैंग्वेज को पढ़ सकता है और उसके आधार पर आपको समझा सकता है। दूसरी ओर ऑनलाइन शिक्षा में प्रत्यक्ष रूप से आमने सामने बात करने का मौका नहीं मिलता है। छात्रों को समझने और प्रगति की निगरानी ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा कठिन होता है।

प्रतिस्पर्धा का माहौल ठीक से उतपन्न ना होना

ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों का दल नज़र नहीं आता है। अगर किसी छात्र के साथ बाकी के छात्र भी उसके साथ पढ़ते है। अगर एक साथ पढ़ते तो और ज़्यादा पढ़ाई में रुचि उत्पन्न करता है । हमने अक्सर देखा है कि छात्र जब समूह में पढ़ते है तो वह अधिक सतर्क होते है। बच्चे अपनी काबिलियत साबित करने के लिए ज़्यादा मेहनत करते है और प्रतिस्पर्धा का माहौल रहता है। यह माहौल ऑनलाइन शिक्षा में नहीं मिल पाता है।

प्रैक्टिकल यानी व्यवहारिक  शिक्षा का अभाव

व्यवहारिक अनुभव को शिक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया जाता है। ऑनलाइन शिक्षा में ज़्यादातर व्यवहारिक अनुभव का अभाव है। ऑनलाइन शिक्षा में एनिमेटेड वीडियो और अभ्यास वीडियोस का उपयोग किया जाता है। स्कूल में शिक्षक भौतिक वस्तुओं का उपयोग करके छात्रों को पढ़ाते  है। यह व्यवहारिक  स्पर्श ,गहरी समझ अध्ययन में विशेष रूचि उतपन्न करता है। ऑनलाइन शिक्षा में व्यवहारिक ज्ञान की अनुपस्थिति होती है।

उत्साह की कमी

मानव एक समाजिक प्राणी है और ऑनलाइन ट्यूशन की तुलना में छात्र स्वाभाविक  सीधे ट्यूशन में अधिक रुचि रखता है। कभी कभी बच्चे ऑनलाइन  टुइशनस में उत्साह नहीं ले पाते है। स्कूलों और कॉलेजों में टोप्पेर्स और अन्य छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए  प्रतियोगिता करवाए जाते है जिसके लिए उन्हें पुरस्कार दिए जाते है और उत्साह बनी रहती है। ऑनलाइन ट्यूशन में इन चीज़ो की कमी होती है।

आत्म मूल्यांकन की कमी

स्कूलों में बच्चो की योग्यता को जानने के लिए परीक्षाएं और होमवर्क इत्यादि दी जाती है। जिससे शिक्षक जान सकते है कि बच्चे कहाँ पिछड़ गए और कितना जान पाए। बच्चे भी आपने आपको इसके द्वारा भली भाँती परख सकते है। ऑनलाइन शिक्षा में आत्म मूल्यांकन की कमी नज़र आती है। ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे इ पुस्तक पढ़ते है  जब कि स्कूलों में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों से रूबरू होते है।

अनुशासन की कमी

स्कूल में छात्र हमेशा अनुशासन का पालन करते है और एक निर्धारित समय अपना कक्षा कार्य और गृह कार्य पूरा करते है। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में निश्चित अनुशासन का पालन नहीं किया जाता है।

निष्कर्ष ऑनलाइन शिक्षा के सभी तरह के पहलु है। लेकिन यह कहना गलत न होगा कि लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षा ने बच्चो ,शिक्षको और शिक्षा संगठनों की काफी मदद की है और शिक्षा के आदान प्रदान को रुकने नहीं दिया। प्रौद्योगिकी ने इतनी उन्नति कर ली है कि हम घर से और दुनिया के किसी भी  कोने में बैठकर इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते है।

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  • ऑनलाइन शिक्षा पर मेरे विचार पर निबंध
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  • ड्रग्स फ्री इंडिया पर निबंध
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8 thoughts on “ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि पर निबंध”

बच्चों का ऑनलाइन कक्षा में पढ़ाई के प्रति लगाव कम बनता है वह अन्य कामो में ज्यादा लगाओ पड़ता है जैसे सोशल मीडिया,गेम्स , इत्यादि

Network ki problem ki bajah se kabhi kabar student acchi tarah se kuch bhi nhi samajh pata hai

ऑनलाइन ट्यूशन को अच्छे नेटवर्क की आवश्यकता होती है। जहाँ नेटवर्क नहीं है वहां ऑनलाइन शिक्षा कराना मुश्किल है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग के पास तीव्र गति वाले इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है। इसलिए वहां ऑनलाइन शिक्षा अभी भी वहां उपलब्ध नहीं है।

ऑनलाइन सभी बच्चे नहीं पढ़ पाते क्योकि सभी बच्चो के पास मोबाइल नहीं होता नाही उन्हें परिवार में किसी के पास।

आत्मविश्वास की भी कमी होती है ऑनलाइन शिक्षण से ।

In my words online shiksha has both advantages and disadvantages

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  • Online Education Essay in English [200-250] Words

Online Education Essay in English: Online education is one of the major changes in the global education industry after COVID hits the country. Read Online Education Essay from here only.

Why is Education Important?

Table of Contents

Online education is a type of learning in which students get instructional content via the internet. It is a flexible and convenient method of learning that has grown in popularity in recent years.

Online Education Essay

Online education is one of the major changes in the global education industry after COVID hits the country. The internet is used for this type of learning. This form of learning has been made easier with new and improved technologies. Higher education institutions favour online learning as well. In short and extended articles about online education, this article will inform students of its benefits and outcomes.

Education spans a range more than just attending classes and reading books to learn things. It exceeds all restrictions. Learning extends beyond the pages of a book. We are fortunate to live in a time where learning is accessible online. Yes! We can educate our kids and ourselves while sitting in our own homes. Online education is a good option for doing this. All needy kids who are unable to enroll in local schools now have access to education thanks to online learning.

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Today’s Essay on Online Education covers an important subject. There are different types of essays about online education in English for students and children in this post.

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Here we, at adda247 are providing 10 lines essays, short essays, and long essays on online education.

  • Online education is the process of acquiring education using the internet.
  • The Internet is the foundation of online learning.
  • Online education was an idea that existed years back.
  • It protects students’ sensitive time and money.
  • It provides students with a range of courses while sitting at their homes.
  • It helped in achieving a balance between safety and education during the pandemic.
  • However, it may be shown that it is bad for students’ health.
  • In areas with poor network connectivity, studying online is challenging.
  • There are numerous online learning resources, including Adda247,Coursera, Udemy etc.
  • Online learning features including texts, videos, and animations aid in student comprehension.

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Online Education Essay in Paragraph 200-250 Words

These days, technology has impacted every industry, including education. The most recent method of getting an education through the internet is online education. Utilizing your smartphones, laptops, or tablets for learning is a fun and productive method. Both teachers and students can benefit greatly from it, but there are also many drawbacks. Learning from anywhere is flexible with online education.

Non-time-boundness is another advantageous property. You don’t have to sit from morning until lunch like in a typical school. Depending on your preference, you can study online day or night. There is no upper age limit for learning online, in addition to the flexibility of time and location. You can pick the subjects and skills you want to learn by using online education. There are numerous institutions that provide their degrees and courses online. As a result, it is a more practical option to educate yourself without physically visiting schools or universities. Additionally, it helps you save money on transportation and other expenses.

People who reside in areas with poor internet connectivity, however, struggle with online learning. The core of online education is the internet. Your health may suffer if you spend more time in front of devices. Only those with the ability to discipline themselves should consider it.

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Online Education Essay in 500-1000 words for UPSC

Introduction: Online education is a flexible method of providing instruction that includes all online learning. Online learning helps students who need to do their work on their own time and at their own speed and gives teachers access to students who may not be able to enroll in a regular classroom course.

The modern method of education, known as online education, differs greatly from the traditional method of learning. For a better comprehension of the students, the instructor or mentor employs a variety of techniques, including texts, audios, films, animations, etc.

Every field is experiencing a rapid increase in the amount of distant learning and the awarding of online degrees. The number of institutions and schools that provide online education is likewise increasing. Students who are seeking degrees online need to be careful in making sure that they finish their coursework through a reputable and recognized university.

Synchronization is a well-known benefit of online learning. Here, the chosen format allows for lively dialogue between the students and the teachers. Sources are exchanged through these communications, and a synergy that is open-ended develops as a result of a learning process. It helps the learner learn more when each person shares their point of view or opinion through conversations and comments on others’ work. This unique advantage can only be achieved through online learning, which creates a virtual learning environment focused on the needs of the students.

We don’t need to commute over long distances or travel to different place because we can take classes online. While pursuing a degree online to advance our careers, we can remain where we are and keep our current jobs. Digital nomads—those who advocate a technologically enabled or location-independent lifestyle—are also helped by online schooling. No matter where we are, we may finish our schoolwork and view lectures.

The online education experience offers a lot more reasonable schedule, whether we are full-time or part-time students. The low cost of online education has contributed to its popularity. Online courses are less expensive than those provided at schools or colleges because of this. While attending a university, we might need to pay for things like transportation, lodging, and meals; however, online education might not.

The inherent flexibility of online learning is one of its key benefits, but there is a catch: one needs to be very self-motivated. The top online learners use a variety of strategies for maintaining their assignments. Setting aside time each week for studying and designing a workspace with few distractions can both be highly beneficial.

Conclusion: Increased educational access, high-quality learning opportunities, improved student outcomes and abilities, and more educational options are some of the possible benefits of online education. Because of online education, variables like location, time, and quality are no longer taken into account when looking for degree programmes or higher education.

Online Education

Online education refers to the process of delivering educational content and instruction via the internet. It allows students to learn from anywhere with internet access, offering flexibility in terms of time and location. Online education can range from full degree programs offered by universities to short courses, certifications, and self-paced learning modules.

Key Features of Online Education:

  • Accessibility : Learning materials are available 24/7, enabling students to study at their convenience.
  • Flexibility : Students can often choose when and where they study, making it easier to balance education with other commitments.
  • Variety of Courses : A vast array of subjects and specializations are available online, from academic degrees to vocational training.
  • Interactive Tools : Online platforms often include forums, video conferencing, quizzes, and other interactive tools to enhance learning.
  • Cost-Effective : Online education can be more affordable than traditional in-person education, reducing costs related to commuting, housing, and physical materials.
  • Personalized Learning : Students can learn at their own pace, revisit materials, and focus on areas where they need improvement.
  • Global Access : Students can enroll in courses offered by institutions from around the world, gaining access to diverse perspectives and expertise.
  • Skill Development : Many online courses are designed to develop specific skills, which can be directly applied to jobs or personal projects.

Challenges:

  • Self-Discipline : Requires strong self-motivation and time management skills, as students must often guide their own learning.
  • Limited Social Interaction : Compared to traditional classrooms, online education may offer fewer opportunities for in-person interaction with peers and instructors.
  • Technical Issues : Requires reliable internet access and basic technical skills to navigate online platforms effectively.

Advantages and Disadvantages of Online Education

Advantages of online education.

Save time and money: Students who pursue their education online do so at a considerable time and financial savings. It cuts down on both the cost and time of transportation. Accessible to All : Everyone has access to online schooling. Online education is available to students of all backgrounds and ages. For students who have physical disabilities, this is one of the main benefits. They can receive an education from the comfort of their own home without having to travel anyplace. No Time Limit : Students have a lot of freedom with online education. Anytime, students can seek knowledge. There is no time limit like there is in the traditional learning method.

Choice : Online education offers a wide range of courses. Students can study skills like personality development and other things that are typically challenging to master offline in addition to course material.

Disadvantages of Online Education

Dependency : Online learning is beneficial for those who can study independently. Kids and other students cannot effectively study online without help. Self-concentration is necessary for this kind of study. Lack of Resources : Online education requires computers or mobile devices as well as strong internet connectivity. Online study is not possible for those without computers or in places with network problems. Disengagement from Society : Spending a lot of time in front of a screen could be bad for your health. The students’ physical growth is also impacted by it. They will grow apart from their friends and society if they don’t attend school.

Online vs Offline Education Comparision

  • Time management: Unlike online education, where you can choose a time slot that best suits your needs, offline education has a set timetable.
  • Cost-Effectiveness : Online learning is significantly less expensive than traditional learning. Transportation costs are just one of the numerous costs associated with the existing educational system. Students require appropriate uniforms as well as a number of other items.
  • Online learning presents new challenges for students, but it also has the potential to cut them off from their surroundings. Children’s physical and mental development are both aided by attending school. They enjoy spending time with their friends and teachers.
  • Choice: In an online classroom, students are allowed to select the subject they want to learn about. They can view it multiple times for better comprehension. Students have no options in offline schooling.
  • Knowledge Outside the Books: In an offline setting, students physically interact. They also learn other manners, such as self-control, appropriate behaviour, and other related abilities. These competencies are not produced by offline schooling.

Online Education Essay in Hindi

इन दिनों, प्रौद्योगिकी ने शिक्षा सहित हर उद्योग को प्रभावित किया है। इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने का सबसे हालिया तरीका ऑनलाइन शिक्षा है। सीखने के लिए अपने स्मार्टफोन, लैपटॉप या टैबलेट का उपयोग करना एक मजेदार और उत्पादक तरीका है। इससे शिक्षक और छात्र दोनों ही काफी लाभान्वित हो सकते हैं, लेकिन कई कमियां भी हैं। ऑनलाइन शिक्षा के साथ कहीं से भी सीखना लचीला है।

गैर-समयबद्धता एक और लाभप्रद संपत्ति है। आपको एक ठेठ स्कूल की तरह सुबह से दोपहर के भोजन तक बैठने की ज़रूरत नहीं है। आप अपनी पसंद के आधार पर दिन हो या रात ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। समय और स्थान के लचीलेपन के अलावा, ऑनलाइन सीखने के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है। आप ऑनलाइन शिक्षा का उपयोग करके उन विषयों और कौशलों को चुन सकते हैं जिन्हें आप सीखना चाहते हैं। ऐसे कई संस्थान हैं जो अपनी डिग्री और पाठ्यक्रम ऑनलाइन प्रदान करते हैं। नतीजतन, शारीरिक रूप से स्कूलों या विश्वविद्यालयों का दौरा किए बिना खुद को शिक्षित करना एक अधिक व्यावहारिक विकल्प है। इसके अतिरिक्त, यह आपको परिवहन और अन्य खर्चों पर पैसे बचाने में मदद करता है।

हालांकि, जो लोग खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में रहते हैं, उन्हें ऑनलाइन सीखने में कठिनाई होती है। ऑनलाइन शिक्षा का मूल इंटरनेट है। यदि आप उपकरणों के सामने अधिक समय बिताते हैं तो आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। केवल उन्हें ही इस पर विचार करना चाहिए जो स्वयं को अनुशासित करने की क्षमता रखते हैं।

परिचय: ऑनलाइन शिक्षा निर्देश प्रदान करने का एक लचीला तरीका है जिसमें सभी ऑनलाइन शिक्षण शामिल हैं। ऑनलाइन सीखने से उन छात्रों को मदद मिलती है जिन्हें अपना काम अपने समय पर और अपनी गति से करने की आवश्यकता होती है और शिक्षकों को उन छात्रों तक पहुंच प्रदान करता है जो नियमित कक्षा पाठ्यक्रम में नामांकन करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।

शिक्षा की आधुनिक पद्धति, जिसे ऑनलाइन शिक्षा के रूप में जाना जाता है, सीखने की पारंपरिक पद्धति से बहुत अलग है। छात्रों की बेहतर समझ के लिए, प्रशिक्षक या संरक्षक कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें टेक्स्ट, ऑडियो, फिल्म, एनिमेशन आदि शामिल हैं।

हर क्षेत्र दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन डिग्री प्रदान करने की मात्रा में तेजी से वृद्धि का अनुभव कर रहा है। ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों और स्कूलों की संख्या भी बढ़ रही है। ऑनलाइन डिग्री चाहने वाले छात्रों को यह सुनिश्चित करने में सावधानी बरतने की जरूरत है कि वे एक प्रतिष्ठित और मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के माध्यम से अपना शोध कार्य पूरा करें।

तुल्यकालन ऑनलाइन सीखने का एक प्रसिद्ध लाभ है। यहां, चुना गया प्रारूप छात्रों और शिक्षकों के बीच जीवंत संवाद की अनुमति देता है। इन संचारों के माध्यम से स्रोतों का आदान-प्रदान किया जाता है, और एक सीखने की प्रक्रिया के परिणामस्वरूप एक तालमेल विकसित होता है। यह शिक्षार्थी को अधिक जानने में मदद करता है जब प्रत्येक व्यक्ति बातचीत और दूसरों के काम पर टिप्पणियों के माध्यम से अपनी बात या राय साझा करता है। यह अनूठा लाभ केवल ऑनलाइन सीखने के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, जो छात्रों की जरूरतों पर केंद्रित एक आभासी सीखने का माहौल बनाता है।

हमें लंबी दूरी तय करने या अलग-अलग जगहों की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम ऑनलाइन कक्षाएं ले सकते हैं। अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए ऑनलाइन डिग्री का पीछा करते हुए, हम जहां हैं वहीं रह सकते हैं और अपनी वर्तमान नौकरी रख सकते हैं। डिजिटल खानाबदोश – जो तकनीकी रूप से सक्षम या स्थान-स्वतंत्र जीवन शैली की वकालत करते हैं – को भी ऑनलाइन स्कूली शिक्षा से मदद मिलती है। चाहे हम कहीं भी हों, हम अपना स्कूल का काम पूरा कर सकते हैं और व्याख्यान देख सकते हैं।

ऑनलाइन शिक्षा का अनुभव बहुत अधिक उचित कार्यक्रम प्रदान करता है, चाहे हम पूर्णकालिक या अंशकालिक छात्र हों। ऑनलाइन शिक्षा की कम लागत ने इसकी लोकप्रियता में योगदान दिया है। इस वजह से स्कूलों या कॉलेजों में प्रदान किए जाने वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की तुलना में ऑनलाइन पाठ्यक्रम कम खर्चीले हैं। विश्वविद्यालय में भाग लेने के दौरान, हमें परिवहन, आवास और भोजन जैसी चीज़ों के लिए भुगतान करना पड़ सकता है; हालाँकि, ऑनलाइन शिक्षा नहीं हो सकती है।

ऑनलाइन सीखने का अंतर्निहित लचीलापन इसके प्रमुख लाभों में से एक है, लेकिन एक पकड़ है: किसी को बहुत आत्म-प्रेरित होने की आवश्यकता है। शीर्ष ऑनलाइन शिक्षार्थी विभिन्न प्रकार की रणनीतियों का उपयोग करते हैं

अपने कार्यों को बनाए रखने के लिए। अध्ययन के लिए हर हफ्ते समय अलग करना और कुछ ध्यान भटकाने वाले कार्यक्षेत्र को डिजाइन करना दोनों ही अत्यधिक फायदेमंद हो सकते हैं।

निष्कर्ष: बढ़ी हुई शैक्षिक पहुंच, उच्च गुणवत्ता वाले सीखने के अवसर, बेहतर छात्र परिणाम और क्षमताएं, और अधिक शैक्षिक विकल्प ऑनलाइन शिक्षा के कुछ संभावित लाभ हैं। ऑनलाइन शिक्षा के कारण, डिग्री प्रोग्राम या उच्च शिक्षा की तलाश में स्थान, समय और गुणवत्ता जैसे चरों को ध्यान में नहीं रखा जाता है।

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Are online learning and distance learning the same?

Online learning follows a school learning format and provides students more campus-like feel. Students have a formal or informal interactions with the teachers as well as their peers. But in distance learning, there is no interaction with teachers or classmates.

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  • शिक्षा का महत्त्व पर हिंदी में निबंध (Essay on Importance of Education in Hindi): 100 से 500 शब्दों में देखें

Updated On: September 09, 2024 03:00 pm IST

  • 100 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर निबंध (Essay on …
  • 250 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर लेख (Essay on …
  • 500 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर निबंध (Essay on …
  • 1500 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर लेख (Essay on …
  • शिक्षा के महत्व पर महापुरुषों के कोट्स (Quotes from great …

शिक्षा का महत्त्व पर हिंदी में निबंध (Essay on Importance of Education in Hindi)

100 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर निबंध (Essay on Importance of Education in Hindi)

250 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर लेख (essay on importance of education in hindi).

शिक्षा किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और अनिवार्य हिस्सा है, जो उसके व्यक्तिगत, सामाजिक और राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा न केवल ज्ञान प्राप्ति का माध्यम है, बल्कि यह व्यक्ति के सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता को भी विकसित करती है। इसके द्वारा व्यक्ति अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने के योग्य बनता है और आत्मनिर्भरता हासिल करता है।

शिक्षा का महत्त्व इस बात में भी है कि यह व्यक्ति को नैतिक मूल्यों, समाजिक जिम्मेदारियों और अधिकारों के प्रति जागरूक बनाती है। एक शिक्षित व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को अच्छी तरह समझता है, जिससे वह समाज में एक आदर्श नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा, शिक्षा समाज में फैले अंधविश्वास, भेदभाव और अन्य सामाजिक बुराइयों को खत्म करने में भी मदद करती है।

राष्ट्र के विकास के संदर्भ में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक शिक्षित समाज ही नए विचारों, नवाचारों और तकनीकी विकास को प्रोत्साहन देता है, जो किसी भी देश की प्रगति के लिए आवश्यक है। यही कारण है कि हर देश में शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने के प्रयास किए जाते हैं।

अतः शिक्षा केवल व्यक्तिगत उन्नति का साधन नहीं, बल्कि यह समाज और देश की प्रगति का भी आधार है। इसलिए, हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए ताकि वह अपने और समाज के भविष्य को बेहतर बना सके।

500 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर निबंध (Essay on Importance of Education in Hindi)

शिक्षा का महत्त्व (importance of education).

शिक्षा किसी भी समाज और देश के विकास की नींव होती है। यह एक ऐसा साधन है जो व्यक्ति को न केवल ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि उसे नैतिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से भी सक्षम बनाती है। शिक्षा से व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझता है, अपने जीवन के प्रति जागरूक होता है, और समाज में एक सक्रिय नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाता है। शिक्षा न केवल व्यक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है, बल्कि समाज और राष्ट्र की उन्नति में भी अहम योगदान करती है।

व्यक्तिगत विकास में शिक्षा का महत्त्व (Importance of education in personal development)

व्यक्तिगत विकास के लिए शिक्षा का महत्व अपार है। यह व्यक्ति के भीतर ज्ञान और समझ को विकसित करती है, जिससे वह जीवन के विभिन्न पहलुओं में सही निर्णय लेने में सक्षम होता है। शिक्षित व्यक्ति अधिक आत्मविश्वासी होता है, जिसके कारण वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होता है। शिक्षा व्यक्ति को मानसिक रूप से सशक्त बनाती है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकता है। इसके साथ ही, शिक्षा व्यक्ति के भीतर अनुशासन, नैतिकता और समय प्रबंधन जैसे गुणों का विकास करती है, जो उसके जीवन को सही दिशा में ले जाते हैं।

सामाजिक विकास में शिक्षा का महत्त्व (Importance of education in social development)

शिक्षा समाज को बेहतर बनाने का सबसे प्रभावी साधन है। यह व्यक्ति को समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक बनाती है। एक शिक्षित समाज अंधविश्वास, रूढ़िवादी सोच और भेदभाव से मुक्त होता है। शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति अपने अधिकारों को जानता है और समाज में समानता, न्याय और बंधुत्व का पालन करता है। इसके अलावा, शिक्षित व्यक्ति समाज के विकास के लिए नवाचार, वैज्ञानिक सोच और तर्कसंगत विचारधारा को प्रोत्साहन देते हैं, जिससे समाज में प्रगति और सुधार होते हैं। शिक्षा की कमी से समाज में असमानता, गरीबी और अपराध जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जबकि शिक्षित समाज इन समस्याओं को समाप्त करने में सक्षम होता है।

राष्ट्रीय विकास में शिक्षा का महत्त्व (Importance of education in national development)

राष्ट्र के विकास में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। किसी भी देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति उसके नागरिकों की शिक्षा के स्तर पर निर्भर करती है। शिक्षा के माध्यम से देश को कुशल मानव संसाधन मिलता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देता है। शिक्षा के बिना कोई भी देश तकनीकी, वैज्ञानिक या आर्थिक दृष्टिकोण से उन्नति नहीं कर सकता। इसके अलावा, शिक्षित नागरिक अपनी सरकार और नीतियों को बेहतर ढंग से समझते हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। यही कारण है कि सरकारें शिक्षा को प्राथमिकता देती हैं और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने के प्रयास करती हैं।

शिक्षा की व्यापकता (comprehensiveness of education)

शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह व्यक्ति के चारित्रिक, नैतिक और सामाजिक विकास में भी अहम भूमिका निभाती है। शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को संपूर्ण रूप से विकसित करना है, जिससे वह एक अच्छा नागरिक, अच्छा इंसान और एक सफल व्यक्ति बन सके। शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तार्किक सोच और समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित होती है।

निष्कर्ष (conclusion)

शिक्षा जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, जो व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के विकास के लिए अनिवार्य है। यह न केवल ज्ञान का स्रोत है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को दिशा देती है। शिक्षा के माध्यम से ही हम अपने समाज को उन्नत बना सकते हैं और एक सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकते हैं। इसलिए, हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए ताकि वह अपने और समाज के भविष्य को बेहतर बना सके।

1500 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर लेख (Essay on Importance of Education in Hindi)

शिक्षा का महत्त्व (importance of education) - प्रस्तावना, शिक्षा का अर्थ और परिभाषा (meaning and definition of education), शिक्षा का ऐतिहासिक महत्व (historical importance of education).

शिक्षा का व्यक्तिगत विकास में योगदान (Contribution of Education to Personal Development)

समाज में शिक्षा का महत्व (importance of education in society), शिक्षा और आर्थिक विकास (education and economic development), शिक्षा और तकनीकी विकास (education and technological development).

नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का विकास (Development of Moral and Cultural Values)

महिलाओं के लिए शिक्षा का महत्त्व (importance of education for women), वैश्विक परिप्रेक्ष्य में शिक्षा (education in global perspective), शिक्षा में चुनौतियां और सुधार की आवश्यकता (challenges and need for reform in education), निष्कर्ष (conclusion).

शिक्षा के महत्व पर महापुरुषों के कोट्स (Quotes from great men on importance of Education)

  • “शिक्षा का उद्देश्य खाली दिमाग को खुले दिमाग से बदलना है।” - मैल्कम फोर्ब्स
  • "शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी इकट्ठा करना नहीं है, बल्कि मनुष्य के भीतर की पूर्णता को बाहर लाना है।"- स्वामी विवेकानंद
  • "शिक्षा का उद्देश्य चरित्र का निर्माण, मन की शक्ति का विकास और बुद्धिमत्ता का विस्तार करना है।" - महात्मा गांधी
  • "शिक्षा का असली उद्देश्य सोचने का ढंग बदलना है।" - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
  • "शिक्षा की जड़ें कड़वी होती हैं, लेकिन फल मीठा होता है।" - अरस्तू
  • "शिक्षा वह सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।" - नेल्सन मंडेला
  • "शिक्षा वही है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती, बल्कि हमें सजीव बनाती है।" रवीन्द्रनाथ ठाकुर
  • "शिक्षा एक ऐसा शस्त्र है जिससे आप कुछ भी जीत सकते हैं।" - डॉ. भीमराव अंबेडकर
  • "शिक्षा वह है जो स्कूल में सीखी हुई बातों को भूल जाने के बाद भी हमारे भीतर बची रहती है।" - अल्बर्ट आइंस्टीन

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Teachers Day Essay: शिक्षक दिवस पर हिंदी निबंध 10 लाइन में, 250 शब्द लिखकर बन जाएं टीचर्स के फेवरिट

Teachers day ka nibandh:  5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं। शिक्षक दिवस हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम अपने शिक्षकों को धन्यवाद कह सकें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतार सकें।.

teachers day essay in 10 lines and 250 words shikshak diwas nibandh in hindi

टीचर्स डे निबंध: क्यों मनाते है शिक्षक दिवस?

टीचर्स डे निबंध: क्यों मनाते है शिक्षक दिवस?

शिक्षक दिवस हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के योगदान को स्वीकार करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वे एक सच्चे शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा और ज्ञान के लिए समर्पित किया था।

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।

शिक्षकों का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक हमें सही और गलत के बीच का अंतर सिखाते हैं, जो हमें जीवन में सही रास्ते पर चलने में मदद करता है। वे हमें भविष्य के लिए तैयार करते हैं, जिससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। वे हमें अपने जीवन को सुधारने में मदद करते हैं, और हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं।

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक हमारे मार्गदर्शक हैं, जो हमें सही रास्ते पर चलने में मदद करते हैं। वे हमें शिक्षा देते हैं, जो हमारे जीवन का आधार है। इसके साथ ही हमें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। वे हमें जीवन के हर पहलू में सहायता करते हैं, जैसे कि कैसे अच्छे इंसान बनना है, कैसे समाज में योगदान करना है, और कैसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा। वे हमारे रोल मॉडल हैं, जिन्होंने हमें सही रास्ते पर चलने में मदद की है। यह दिन हमें मौका देता है उनके प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनको जितना भी धन्यवाद दो कम ही है। आओ मिलकर शिक्षकों को धन्यवाद दें, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा।

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

वैसे तो शिक्षक दिवस का महत्व केवल एक दिन के समारोह तक सीमित नहीं होना चाहिए। लेकिन तब भी, शिक्षक दिवस हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देने और उनके योगदान को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है। हमें अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इस दिन हमें उनके योगदान की सराहना करते हुए, उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए, क्योंकि उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।

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  • CBSE Class 10

CBSE Class 10 Introduction to Tourism Sample Paper 2024-25 with Marking, Download in PDF

Cbse sample paper and marking scheme 2025: cbse has released the sample paper of introduction to tourism for class 10 for the 2025 board exams. download the introduction to tourism sample question paper with marking scheme in pdf here..

Anisha Mishra

CBSE Class 10 Introduction to Tourism Sample paper 2025: The Central Board Of Secondary Education (CBSE) has made sample paper available for the all subjects for classes 10 on its official website. These sample paper help them to practice and perform better in examinations. In this article we have provided the sample paper for the CBSE Class 10 Introduction to Tourism sample paper 2025 , along with the section wise questions and direct link to download the sample paper to prepare and practice.

For now, students can take a look at the Skill Subject Sample paper. Read the complete article to download the free PDF of the Introduction to Tourisms sample paper and the marking scheme as well.

CBSE Class 10 Introduction to Tourism Sample Paper: General Instructions:

1. Please read the instructions carefully.

2. This Question Paper consists of 21 questions in two sections: Section A & Section B.

3. Section A has Objective type questions whereas Section B contains Subjective type  questions.

4. Out of the given (5 + 16 =) 21 questions, a candidate has to answer (5 + 10 =) 15  questions in the allotted (maximum) time of 2 hours.

5. All questions of a particular section must be attempted in the correct order.

6. SECTION A - OBJECTIVE TYPE QUESTIONS (24 MARKS):

i. This section has 05 questions.

ii. Marks allotted are mentioned against each question/part.

iii. There is no negative marking.

iv. Do as per the instructions given.

7. SECTION B – SUBJECTIVE TYPE QUESTIONS (26 MARKS):

i. This section has 16 questions.

ii. A candidate has to do 10 questions.

iii. Do as per the instructions given.

CBSE Class 10 Introduction to Tourism Sample Question paper 2024-25 

Section a: objective type questions .

Q. 1 Answer any 4 out of the given 6 questions on Employability Skills (1 x 4 = 4 marks)

1. Which of the following is not a part of Body Language?

(a) Facial expressions

(b) The use of space

(c) Clarity of speech

(d) Gestures

2. Identify the type of motivation, We do things because they make us happy, healthy and feel good.

(a) External Motivation

(b) Internal Motivation

(c) Identified Motivation

(d) Interjected Motivation

3. How can an anti-virus protect your device?

(a) It can protect it from over-heating.

(b) It can increase its performance.

(c) It can prevent data from getting corrupt.

(d) It can backup data.

4. Write any two stress management techniques. 

5. Which of the following does not come under self-employment?

(a) Cooking in a restaurant

(b) Owning a clothing business

(c) Having a dosa selling stall

(d) Running a home bakery

6. How many sustainable development goals are given by the United Nations?

Q. 2 Answer any 5 out of the given 6 questions (1 x 5 = 5 marks)

1. Passiveness and Aggressiveness of mind depicts in __________of arms.

(a) Crossing

(b) Movement

(c) Rotation

(d) Extension

2. Color of our eyes, Shape of our body and face are the example of which determinant of personality?

(a) Culture

(b) Family Background

(c) Experience

(d) Heredity

3. The way of thinking or feeling about something that is normally reflected in behavior is termed as

(a) emotions

(c) interest

(d) attitude

4. It means developing the ability to see positive things and lessen the tension in environment.

(a) Educate yourself

(b) Having a sense of humour

(c) Examine your attitude

(d) Communication

5. Which one of the following NOT highlights the power of positive attitude

(a) A positive attitude triggers our enthusiasm.

(b) A positive attitude enhances our creativity.

(c) A positive attitude makes you authoritative.

(d) A positive attitude makes good things happen

6. Define personality. 

Q. 3 Answer any 5 out of the given 6 questions (1 x 5 = 5 marks)

1. ‘Athithi Devo Bhava’ means____________

(a) Hosts are like God

(b) Guests are like God

(c) Hosts are God men

(d) Guests are God men

2. Tourists who travel to a country other than the one in which they normally live are termed as

(a) International tourists

(b) Domestic tourists

(d) visitors

3. Identify the Economic Impact of Tourism from below given points:

(a) Employment Generation

(b) Cultural Awareness

(c) Tree Plantation

(d) Community Awareness

4. Write the full form NTO. 

5. An Indian resident of New Delhi visits Jaipur City with family for a holiday. This is an example of 

(a) Inbound Tourism

(b) Outbound Tourism

(c) International

(d) Domestic Tourism

6. Which of the following system is adopted for reservation in booking tickets?

(a) Common Reservation System

(b) Computer Reservation System

(c) Complex Reservation System

(d) Concrete Reservation System

Q. 4 Answer any 5 out of the given 6 questions (1 x 5 = 5 marks)

1. GIT is the term used for

(a) Individual traveler

(b) Guest traveler

(c) Group travelers

(d) Free traveler

2. Mr. Sharma wants to book a room which is on the terrace/top floor of the hotel, part of which is open to the sky. Which of the following type of room shall he book?

(a) Cabana Room

(b) Lanai Room

(c) Pent House

3. The travel by guest from the airport or railway station to the hotel  and vice a versa is known as

(a) Transfer

(c) Check-In

(d) Walk-In

4. Define Guest folio. 

5. In M.I.C.E, M Stands for______________

(b) Maximum

(c) Meetings

(d) Minimum

6. Which of the following is NOT a part of travel documentation?

(a) Travel insurance

(c) Passport

(d) Foreign exchange

Q. 5 Answer any 5 out of the given 6 questions (1 x 5 = 5 marks)

1. Name any two attractions that are included in performing art forms.

2. A _______is a journey to and from a sacred places for search of moral or spiritual significance undertaken collectively by communities.

(a) Pilgrimage

(b) Treasure

(d) excursion

3. Activities like Walks provide tourists with an opportunity to view and learn about flora, fauna and landscape are termed as

(a) Land based adventure activities

(b) Freshwater-based recreational activities

(c) Snow dependent based recreational activities

(d) Nature walks

4. Jodhpur, Jaisalmer, Bikaner are termed as

(a) Golden triangle of India

(b) Diamond triangle of India

(c) Buddhist Triangle of India

(d) Desert Triangle of India

5. Which one of the following is NOT a Natural Tourism Product?

(a) Wildlife

(b) Flora & Fauna

(c) Folklore

(d) Climate

6. Formula one race, Indian premier league are the examples of

(a) Symbiotic Tourism Product of India

(b) Event based Tourism Product of India

(c) Man made Tourism Product of India

(d) Site Tourism Product of India

To view and access the complete sections click on the link below to download PDF: 

CBSE Class 10  Introduction to Tourism Marking Scheme 2024-25

The marking scheme helps students by giving them the exact idea of what is needed to get good scores and grades in examination. It explains how each answers will be scored, the question weightage for exam, and makes understand what the teacher are looking for in your answer. By knowing the marking scheme students can focus on important topics and practice accordingly and see how well they are doing. To access the marking scheme for class 10 Introduction to Tourism sample paper 2025, click on the link below to download the marking scheme in PDF format: 

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