भारतीय किसान पर निबंध 10 lines (Indian Farmer Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

essay on farmers in hindi

 भारतीय किसान पर निबंध (Indian Farmer Essay in Hindi) – एक किसान हमें जीवित रहने के लिए आवश्यक भोजन प्रदान करने के लिए अथक परिश्रम करता है। कड़ी मेहनत के बावजूद, कई किसानों को खराब मिट्टी की गुणवत्ता, आधुनिक तकनीक तक पहुंच की कमी और अपर्याप्त सरकारी सहायता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों ने किसानों के बीच व्यापक गरीबी और संकट को जन्म दिया है। हालांकि, सरकार की पहल और तकनीक की मदद से स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। किसान अब बेहतर बीज, सिंचाई और वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सक्षम हैं। इससे फसल की पैदावार में वृद्धि हुई है और कई लोगों की आजीविका में सुधार हुआ है।

भारतीय किसान पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Indian Farmer in Hindi)

  • 1) भारत को गाँवों की भूमि कहा जाता है और गाँवों में रहने वाले लोग ज्यादातर खेती में शामिल हैं।
  • 2) भारत के किसानों को “अन्नदाता” या राष्ट्र का अन्नदाता कहा जाता है।
  • 3) किसान पूरे देश का पेट भरते हैं क्योंकि वे जो उगाते हैं उसे पूरी आबादी खाती है।
  • 4) किसान अपने खेतों में खाने के साथ-साथ अपनी आजीविका के लिए खाद्यान्न उगाने के लिए बहुत मेहनत करते हैं।
  • 5) किसान खेतों में अनाज उगाते हैं और पकने के बाद उन अनाजों को पास की “मंडियों” में बेचते हैं।
  • 6) 1970 के दशक के दौरान, भारत खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं था और अमेरिका से खाद्यान्न आयात करता था।
  • 7) पूर्व प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने सैनिकों और किसानों को महत्व देते हुए “जय जवान जय किसान” का नारा दिया।
  • 8) विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ कृषि में भारी बदलाव आया, जिसके परिणामस्वरूप भारत में ‘हरित क्रांति’ हुई।
  • 9) गाँवों में ऐसे कई परिवार हैं जहाँ हर सदस्य खेती से जुड़ा हुआ है और अपने परिवार के लिए आजीविका कमाता है।
  • 10) गाँवों में खेती ही मुख्य व्यवसाय है जो कई पीढ़ियों से चला आ रहा है।

भारतीय किसान पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay on Indian Farmer in Hindi)

भारतीय किसान देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और कृषि भारतीय आबादी के बहुमत के लिए आजीविका का प्राथमिक स्रोत है। भारतीय किसान मेहनती और लचीले व्यक्ति हैं जो हमारे देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हालाँकि, भारत में किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें ऋण तक पहुँच की कमी, आधुनिक तकनीक तक पहुँच की कमी और सिंचाई और जल प्रबंधन से संबंधित चुनौतियाँ शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन, बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण भी भारत में किसानों को प्रभावित कर रहे हैं। भारत सरकार और समाज को इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए कदम उठाने चाहिए और देश के लिए एक स्थायी और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए भारतीय किसान का समर्थन करना चाहिए।

इनके बारे मे भी जाने

  • Education System In India Essay
  • Essay On Swami Vivekananda
  • Gandhi Jayanti Essay
  • Good Manners Essay

भारतीय किसान पर 150 शब्दों का निबंध (150 Words Essay on Indian Farmer in Hindi)

भारत में खेती एक महत्वपूर्ण कार्य है जो हमारे देश की अर्थव्यवस्था को ठीक से काम करता रहता है। यह न केवल देश के नागरिक को भोजन प्रदान करता है बल्कि रोजगार भी प्रदान करता है। देश के लगभग 40% नियोजित लोग कृषि क्षेत्र और उसके सहायक क्षेत्र के नियोक्ता हैं। खेती में बहुत श्रम की आवश्यकता होती है।

काम श्रमसाध्य है और इसके लिए अनुशासन और धैर्य की आवश्यकता होती है। किसानों के पास यह समझने का काम है कि मानसून भारतीय उपमहाद्वीप में कब और कैसे दस्तक देगा। मानसून के अनियमित होने से फसल की उपज और फसल की वृद्धि में भारी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। इस क्षति को अधिक होने से रोकने के लिए, कृषि में शामिल ग्रामीण लोगों को वैज्ञानिक रूप से खेती सिखाई जा रही है।

कई गैर-सरकारी संगठन देश की कृषि भूमि का दौरा करते हैं और उन्हें सिखाते हैं कि सही तरीके से बीज कैसे बोएं और खेती के लाभों को कैसे प्राप्त करें। वे किसानों को यह भी सिखाते हैं कि वितरकों को बेचने से पहले फसल की सही कीमत कैसे लगाई जाए।

भारतीय किसान पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay on Indian Farmer in Hindi)

भारतीय किसान देश की अर्थव्यवस्था और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, जैसे कि खराब बुनियादी ढांचा, ऋण और बाजारों तक पहुंच की कमी, और अप्रत्याशित मौसम, वे देश को खिलाने के लिए अथक रूप से काम कर रहे हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण भारत की कृषि की रीढ़ है, जो अधिकांश आबादी के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत है। भारतीय किसान लचीलापन और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है, और देश में उनके योगदान को पहचाना और मनाया जाना चाहिए।

अर्थव्यवस्था में भारतीय किसानों की भूमिका

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और भारतीय किसान देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कृषि भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 17% है और देश के कर्मचारियों की संख्या का लगभग 50% कार्यरत है। भारतीय किसान न केवल फसलें उगाते हैं बल्कि पशुधन भी पालते हैं, जो कई परिवारों के लिए भोजन और आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

देश के निर्यात में कृषि का प्रमुख योगदान है, चावल, गेहूं और कपास जैसी फसलें कुछ प्रमुख निर्यात वस्तुएँ हैं। इसके अलावा, भारतीय किसान देश की खाद्य सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक है, और देश में किसान चावल, गेहूं, मक्का, गन्ना और फलों और सब्जियों सहित कई प्रकार की फसलों का उत्पादन करते हैं।

भारतीय किसान पर 250 शब्दों का निबंध (250 Words Essay on Indian Farmer in Hindi)

वर्तमान समय और युग में, सरकार किसानों का बहुत ध्यान रख रही है। ऐसी कई लाभकारी योजनाएँ हैं जो न केवल किसानों को आसान ऋण प्रदान करती हैं बल्कि उन्हें कच्चा माल भी देती हैं जिससे वे खेती की प्रक्रिया को नया रूप दे सकते हैं। भारत के बाहर कई देशों में, कृषि तकनीक उन्नत और अत्यधिक वैज्ञानिक हो गई है।

देश में कई हिस्से ऐसे थे जहां कृषि योग्य भूमि को बढ़ाने के लिए वनों को काटकर जलाना अब भी जारी है। इसी विवेकपूर्ण सोच के तहत हमें कृषि गतिविधियों को विनियमित करना होगा। भारत में रहने वाले अधिकांश किसान गरीब हैं। उन्हें नियमित राशन का लाभ नहीं मिल पाता है। किसान निराशाजनक परिस्थितियों में रहते हैं और अक्सर भूख से मर जाते हैं। हाल के युग में किसानों के बीच आत्महत्या अधिक आम हो गई है।

सरकार ने कृषि गतिविधियों में शामिल लोगों के जीवन पर लगातार नजर रखी है। जीवन शैली में सुधार के लिए सरकार नई योजनाएं लेकर आई है। किसानों को सस्ते दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इन ऋणों पर वापसी की अवधि भी लंबी होती है।

कई कृषि गतिविधियाँ अभी भी आदिम तरीकों से की जाती हैं। हाल के वर्षों में सिंचाई को लोकप्रिय बनाया गया है। कई कॉलेजों में दशकों से कृषि विज्ञान पढ़ाया जा रहा है। यह केवल अब है कि ऐसे पाठ्यक्रमों में नामांकन बढ़ रहा है। अंग्रेजों के शासन में किसानों को भी कष्ट उठाना पड़ा।

अंग्रेजों ने कई उद्योगों को भी नष्ट कर दिया जिनका कच्चा माल कृषि गतिविधियों द्वारा प्रदान किया जाता था। हालांकि किसानों को जबरदस्त नुकसान हुआ, लेकिन हम यह नहीं भूल सकते कि देश को बनाए रखने में उनकी नौकरियां कितनी महत्वपूर्ण हैं।

भारतीय किसान पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay on Indian Farmer in Hindi)

मुझे लगता है कि किसान हमारे देश के लिए वही भूमिका निभाता है जो मानव शरीर के लिए रीढ़ निभाता है। समस्या यह है कि यह रीढ़ (हमारा किसान) कई समस्याओं से जूझ रहा है। कभी-कभी, उनमें से कई एक दिन में दो वक्त की रोटी भी नहीं जुटा पाते हैं। तमाम कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, वे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। उनमें से कुछ की चर्चा नीचे की गई है।

भारतीय किसान का महत्व

  • वे देश के खाद्य उत्पादक हैं

1970 के दशक के अंत से पहले भारत अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न का उत्पादन करने में सक्षम नहीं था। दूसरे शब्दों में, भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर नहीं था। हम विदेशों से (मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से) बड़ी मात्रा में खाद्यान्न आयात करते थे। कुछ समय तक तो ठीक चला लेकिन बाद में अमेरिका ने हमें व्यापार पर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

उन्होंने खाद्यान्न की आपूर्ति पूरी तरह से बंद करने की धमकी भी दी। तत्कालीन प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने चुनौती स्वीकार की और “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया और कुछ कठोर उपाय किए, जिसके परिणामस्वरूप हरित क्रांति हुई और उसके कारण हम खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बने और यहां तक ​​कि शुरुआत भी की। अधिशेष उत्पादन का निर्यात करना।

उसके बाद से भारत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हमारे किसानों ने कई समस्याओं का सामना करने के बावजूद हमें कभी निराश नहीं होने दिया। वे बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करने में सक्षम हैं।

  • भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक

किसान भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 17% योगदान करते हैं। इसके बाद भी वे गरीबी का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इसके कई कारण हैं। यदि हम विभिन्न बाधाओं को दूर करने में सक्षम हैं, तो इस प्रतिशत में सुधार होने की अच्छी संभावना है।

  • सभी किसान स्वरोजगार हैं

किसान रोजगार के लिए किसी अन्य स्रोत पर निर्भर नहीं हैं। वे स्वयं नियोजित हैं और दूसरों के लिए रोजगार भी पैदा करते हैं।

आजादी के बाद से हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। मुझे यकीन है कि अगर हम ईमानदारी से काम करेंगे तो हम आज जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन पर काबू पा सकेंगे और ईश्वर की कृपा से हमारे गांव उतने ही सुंदर और समृद्ध बनेंगे, जितने कि बॉलीवुड फिल्मों में दिखाए जाते हैं।

भारतीय किसान पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay on Indian Farmer in Hindi)

भारतीय किसान भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अधिकांश भारतीय आबादी के लिए कृषि आजीविका का प्राथमिक स्रोत है, और किसान देश के कार्यबल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस तथ्य के बावजूद कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का महत्वपूर्ण हिस्सा है, भारत में किसान हाल के वर्षों में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

भारतीय किसानों के सामने चुनौतियां

देश की अर्थव्यवस्था में भारतीय किसान द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, भारत में किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। भारतीय किसानों के सामने प्रमुख चुनौतियों में से एक ऋण तक पहुंच की कमी है। भारत में कई किसान छोटे और सीमांत किसान हैं जिनके पास आधुनिक कृषि तकनीकों में निवेश करने के लिए वित्तीय संसाधन नहीं हैं। नतीजतन, वे अक्सर उन साहूकारों पर भरोसा करने के लिए मजबूर हो जाते हैं जो अत्यधिक ब्याज दर वसूलते हैं, जिससे उनके लिए अपने ऋण चुकाना मुश्किल हो जाता है।

भारतीय किसानों के सामने एक और बड़ी चुनौती आधुनिक तकनीक तक पहुंच की कमी है। भारत में कई किसान अभी भी पारंपरिक खेती के तरीकों पर भरोसा करते हैं, जो श्रम-गहन हैं और अक्सर कम पैदावार का कारण बनते हैं। इसके अलावा, भारत में किसानों को सिंचाई और जल प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। देश के कई हिस्सों में, किसान अपनी फसलों के लिए मानसून की बारिश पर निर्भर हैं, जो अप्रत्याशित हो सकती है और फसल की विफलता का कारण बन सकती है।

शून्य बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) की कहानी

सुभाष पालेकर भारत के महाराष्ट्र राज्य के एक किसान हैं। उन्होंने कम उम्र में ही खेती करना शुरू कर दिया था, लेकिन भारत के कई किसानों की तरह उन्हें भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें कम उपज और वित्तीय कठिनाइयाँ शामिल थीं। हालाँकि, सुभाष ने हार मानने के बजाय मामलों को अपने हाथों में लेने का फैसला किया और खेती की विभिन्न तकनीकों के साथ प्रयोग करना शुरू किया।

उनके द्वारा विकसित तकनीकों में से एक शून्य बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) थी। खेती की यह विधि मिट्टी की उर्वरता में सुधार के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों, जैसे गाय के गोबर और गोमूत्र का उपयोग करने और कीटों को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक शिकारियों पर निर्भर रहने के सिद्धांतों पर आधारित है। सुभाष की पद्धति न केवल अधिक टिकाऊ थी, बल्कि इससे फसल की पैदावार भी बढ़ी और किसानों की लागत भी कम हुई।

सुभाष की ZBNF पद्धति ने क्षेत्र के अन्य किसानों का ध्यान आकर्षित किया, और जल्द ही, वे देश भर में यात्रा कर रहे थे, अन्य किसानों को अपनी तकनीकों के बारे में सिखा रहे थे। उनके काम ने हजारों किसानों को उनकी उपज में सुधार करने और उनकी आय बढ़ाने में मदद की है।

सुभाष की कहानी भारत में कई किसानों के लिए एक प्रेरणा है, और उनके काम को भारत सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा मान्यता दी गई है। 2018 में, उन्हें कृषि में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

उनकी कहानी से पता चलता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी एक व्यक्ति बदलाव ला सकता है और कई लोगों के जीवन को बदल सकता है। शून्य बजट खेती का उनका तरीका अब भारत के कई राज्यों में लोकप्रिय है और किसान इसका लाभ उठा रहे हैं। सुभाष पालेकर की कहानी भारतीय किसान के लचीलेपन और दृढ़ संकल्प का एक वसीयतनामा है, और कई अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का काम करती है जो समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

भारतीय किसान पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

किसान क्या करते हैं, और उनका प्राथमिक काम क्या है.

फ्रैमर भारतीय आर्थिक संरचना का एक अभिन्न अंग हैं। वे हमें फसलें प्रदान करते हैं जिससे हम अपना भोजन बनाते हैं। वे फसल की उपज को अधिकतम करने के तरीके खोजते हैं। फसल की पैदावार को किसानों द्वारा अनुकूलित करने की आवश्यकता है क्योंकि हमारे देश की जनसंख्या बहुत अधिक है। वर्षों तक बिना असफल हुए इतने लोगों का मुंह खिलाना एक कठिन काम है।

क्या किसान आत्महत्या भारत में एक महत्वपूर्ण समस्या है?

हां, भारत में किसान आत्महत्या एक महत्वपूर्ण समस्या है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है। रिपोर्ट किए गए किसान आत्महत्याओं की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है।

सरकार ने किसानों की मदद के लिए कौन सी योजनाएँ बनाई हैं?

भारत सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं में किसान विकास पत्र और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शामिल हैं।

किस मौसम का भारतीय खेती पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है?

भारतीय किसान पर निबंध | Essay on Indian Farmers in Hindi

essay on farmers in hindi

भारतीय किसान पर निबंध | Essay on Indian Farmers in Hindi!

भारत गांवों का देश है । भारत की आत्मा गांवों और किसानों में बसती है । इसलिए भारत एक कृषि प्रधान देश भी कहलता है । यहां की 70-80 प्रतिशत जनता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर करती है । किसान हमारे लिए अन्न, फल, सब्दिया आदि उपजाता है ।

वह पशुपालन भी करता है । लेकिन भारतीय किसान की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है । स्वतंत्रता के 50 से अधिक वर्षो के बाद भी वह गरीब, अशिक्षित और शक्तिहीन है । उसे कठोर परिश्रम करना पड़ता है । उसके परिवार के सदस्य भी दिन-रात खेत-खलिहान में जुटे रहते हैं । बड़ी कठिनाई से वह अपना और अपने बाल-बच्चों का पेट भर पाता है ।

अभी भी उसके पास वही बरसों पुराने खेती के साधन हैं ।उसे बहुत कुछ मानसून पर निर्भर रहना पड़ता है । अगर समय पर अच्छी बरसात नहीं होती, तो उसके खेत सूखे पड़े रहते हैं । गांव में अकाल पड़ जाता है, और भूखों मरने की नौबत आ जाती है । वह अपने हाथों से कठोर परिश्रम करता है, खून-पसीना बहाता है, फिर भी वह गरीब और परवश है ।

उसकी आय इतनी कम होती है कि वह अच्छे बीच, खाद, औजार और पशु नहीं खरीद पाता । वह अशिक्षित है, और कई अंधविश्वासों और कुरुतियों का शिकार । सेठ-साहूकार इसका पूरा लाभ उठाकर उसका शोषण कर रहे हैं । वह अपनी संतान को पड़ाने के लिए भी नहीं भेज सकता । या तो गांव में स्कूल नहीं होता, या फिर बहुत दूर होता है ।

इसके अतिरिक्त वह बच्चों से खेत पर काम लेने के लिए विवश है । वह उन्हें पशु चराने जंगल में भेज देता है । सरकार ने भारतीय किसान की सहायता के लिए कुछ कदम उठायें हैं । उसे कम ब्याज पर कर्ज देने की व्यवस्था की गई है जिससे वह बीज, खाद आदि क्रय कर सके । परन्तु यह पर्याप्त नहीं है । सच तो यह है कि उस तक सहायता पहुंच नहीं पाती । बिचौलिये बीच में ही उसे हड़प लेते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

अशिक्षित होने के कारण वह अपने, अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं । दूसरे लोग सरलता से उसके आधिकारों का हनन कर लेते हैं । उसे शिक्षित किया जाना बहुत आवश्यक है । इसके लिए प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य, मुफ्त और सर्वसुलभ बनाने की परम आवश्यकता है । हर गांव में उसके पास स्कूल खोले जाने चाहिये ।

स्कूलों में कर्मठ, ईमानदार और प्रशिक्षित अध्यापक लगाये जाने चाहिये । किसानों को कुए खुदवाने, बीच आदि खरीदने के लिए ऋण सुलभ होना चाहिये । वर्ष के बहुत समय वह निठल्ला बैठा रहता है । यह समय उसकी शिक्षा और कृषि संबंधी ज्ञान देने के लिए किया जा सकता है ।

जब तक भारतीय किसान निर्धन और अशिक्षित है, तब तक देश की उन्नति नहीं कर सकता । हर तरह से उसकी सहायता कर उसको स्वावलम्बी और शिक्षित बनाया जाना चाहिये । कोई ऐसी व्यवस्था होनी चाहिये कि वह कभी बेकार न बैठे और खेत खाली नहीं रहे । इसके लिए सिंचाई की समुचित व्यवस्था बहुत आवश्यक है ।

अधिकतर भारत के किसान खेतीहर मजदूर हैं, या उनके पास बहुत थोड़ी जमीन होती है । कई बार वह जमीन भी अनुपजाऊ होती है । प्राय: सिंचाई के साधन का अभाव रहता है । वह जो कुछ उपजाता है, उसका उचित मूल्य नहीं मिलता । कई बार उसकी फलस बिकती नहीं और पड़ी-पड़ी सड़ जाती है ।

हमारे स्वर्गीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने हमें ‘जय किसान, जय जवान’ का नारा दिया था । यह हमारे किसानों के महत्व को रेखांकित करता है । परन्तु अभी भी उनकी हालत बड़ी दयनीय है । उनकी इस दशा को सुधारने के हर संभव प्रयत्न किये जाने चाहिये । उनकी उन्नति और विकास पर ही देश की समृद्धि टिकी है ।

Related Articles:

  • भारतीय किसान पर निबंध | Essay on Indian Farmer in Hindi
  • भारतीय किसान पर निबंध / Essay on Indian Farmer in Hindi
  • भारतीय किसान पर निबन्ध | Essay on Indian Farmer in Hindi
  • भारतीय किसान | Essay on Indian Farmer in Hindi

किसान पर निबंध Essay on Farmer in Hindi

किसान पर निबंध Essay on Farmer in Hindi

इस लेख में किसान पर निबंध (Essay on the farmer in Hindi) दिया गया है। यह निबंध कक्षा 3 से 10 तक विभिन्न रूपों में परीक्षाओं में पूछा जाता है। यहां पर किसान के ऊपर निबंध सरल रूप में दिया गया है जिसे किसी भी परीक्षा में बेझिझक लिखा जा सकता है।

Table of Content

किसान पर निबंध Essay on Farmer in Hindi (1000 words)

किसान अधिक शिक्षित नहीं होते तथा आर्थिक रूप से मजबूत भी नहीं होते किसान कृषि के अलावा पशुपालन पर निर्भर होते हैं। किसान हल और बैल के सहायता से भूमि को चीर कर उस में बीज बोते हैं तथा बड़े धैर्य के बाद वहां से अन्न निकालते हैं।

आजादी के बाद दशकों तक किसान हेय स्तर का जीवन जीते रहे और कभी रोग से, तो कभी कर्ज से अपनी जान गंवाते रहे। किसानों की आत्महत्या के आंकड़े बहुत ही चिंतनीय हैं।

किसान का शुरुवाती जीवन

भारत के किसानों की शिक्षा दीक्षा न के बराबर होती है, बचपन से ही किसानों के बच्चे खेतों में अपना समय देते हैं जिसके कारण वे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं दूसरा सबसे बड़ा कारण पैसों की कमी है जिसके कारण किसान तथा उनका परिवार पोषण युक्त आहार नहीं ले पाता और तमाम बीमारियों से घिर जाता हैं।

अधिकतर किसानों का विवाह बहुत ही कम उम्र में कर दिया जाता है जिससे निर्वहन तथा सामाजिक दबाव उन पर बढ़ जाता है जिसके कारण उन्हें अपने अनाज को कम दाम पर बेचने के लिए बाध्य होना पड़ता है। एक किसान सबसे अधिक मेहनत करता है लेकिन परिणाम के रूप में उसे बहुत मामूली रकम पर संतुष्ट होना पड़ता है।

किसान के जीवन की मुलभुत दिक्कतें

किसान के जीवन की दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत सिंचाई के लिए पानी का अभाव है। कभी-कभी समय पर सिंचाई ना मिलने के कारण फसल नष्ट हो जाती हैं तो कभी-कभी प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान को बड़ी हानि का सामना करना पड़ता है।

चौथी सबसे बड़ी मूलभूत दिक्कत कृषि के साधनों के महंगे होने से उनके उपयोग से वंचित रहना है। किसान खेती के लिए आमतौर पर बैल तथा हल का उपयोग करते हैं जिसमें अधिक समय व श्रम लगता है।

वर्तमान में किसान के जीवन में परिवर्तन

वर्तमान सरकार ने किसानों की दिक्कतों को समझा और उन्हें दूर करने के लिए पर्याप्त कदम उठाया जिसमें किसानों के फसल का ध्यान रखना तथा फसल नष्ट होने पर उपयुक्त मुआवजा देना या उन्हें कम ब्याज दरों पर कर्ज मुहैया करवाना मुख्य है।

वर्तमान सरकार द्वारा किसानों के लिए तमाम योजनाएं निकाली गई हैं जिसमें किसानों को कम ब्याज दरों पर खेती की मशीनों को मुहैया कराना, मुआवजा की राशिओं को सीधे उनके बैंक खातों में भेजना तथा उनके फसल को सीधे-सीधे खरीदारों तक पहुंचाना शामिल है जिससे उन्हें सीधे लाभ दिया जा सके और भ्रष्टाचार तथा मुनाफाखोरी से किसानों की रक्षा की जा सके।

भारत के सभी नागरिकों के लिए 0 बैलेंस खाता (जन धन अकाउंट) उपलब्ध कराया गया जिसमें बिना किसी शुल्क के खातों को खोलना शामिल था। इन खातों का लाभ उन गरीब किसानों के लिए वरदान साबित हुआ जिनके पास कोई भी बैंक का खाता नहीं था।

 हाल में ही हुए सर्वे के अनुसार किसानों को इन योजनाओं का लाभ सीधे सीधे तौर पर प्राप्त होने का दावा किया गया लेकिन आज भी किसानों द्वारा की आत्महत्या की खबरें आए दिन सुनने को मिलती रहती हैं।

जिस प्रकार सीमाओं की सुरक्षा के लिए सैन्य बल अपना सर्वस्व समर्पण कर देते हैं, उसी प्रकार सीमाओं के अंदर रह रहे लोगों के लिए अन्न की व्यवस्था में किसान अपना सब कुछ दाव पर लगा देता है और बदले में उसे धन तो दूर एक अच्छी जिंदगी भी नसीब नहीं होती।

इसलिए किसानों के जीवन को और भी सुधारने की जरूरत है क्योंकि किसी भी देश की नींव वहां के किसानों को माना जाता है अगर नींव मजबूत नहीं हो तो महल भी मजबूत नहीं हो सकता।

निष्कर्ष Conclusion

essay on farmers in hindi

Similar Posts

2020 विश्व ह्रदय दिवस पर निबंध essay on world heart day in hindi, नाग पंचमी पर निबंध तथा महत्त्व, कथा essay on naga panchami in hindi, बच्चों पर निबंध essay on children’s in hindi, कुपोषण पर निबंध essay on malnutrition in hindi, सच्चाई या सत्य पर निबंध essay on truth in hindi, 2020 नवरात्रि त्यौहार पर निबंध navratri festival essay in hindi, leave a reply cancel reply.

HindiSwaraj

भारतीय कृषक पर निबंध | Indian Farmer Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on Bhartiya Kisan in Hindi

By: savita mittal

भारतीय कृषक पर निबंध | Indian Farmer Essay in Hindi

भारतीय कृषकों की स्थिति | indian farmer essay in hindi, कृषक कल्याण हेतु किए गए प्रयास, indian farmer essay in hindi/essay on farmer in hindi/kisan par nibandh hindi mein/farmer essay video.

गांधी कहते थे–“ भारत का हृदय गांवों में बसता है , गाँवों की उन्नति से ही भारत की उन्नति सम्भव है। गाँवों सेवा और परिश्रम के अवतार ‘कृषक’ रहते हैं।” वास्तविकता भी यही है कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की घरी है। की कुल श्रमशक्ति का लगभग 61% भाग कृषि एवं इससे सम्बन्धित उद्योग-धन्धों से अपनी आजीविका चलाता ब्रिटिशकाल में भारतीय कृषक अंग्रेजों एवं जमींदारों के अत्याचारों से परेशान एवं बेहाल थे।

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद स्थिति में अधिक सुधार हुआ, किन्तु जिस प्रकार कृषकों के शहरों की ओर पलायन एवं उनकी आत्महत्या की सुनने को मिलती है, उससे यह स्पष्ट होता है कि उनकी स्थिति में आज भी अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है। स्थिति विकट हो चुकी है कि कृषक अपने बच्चों को आज कृषक नहीं बनाना चाहते।

कवि मैथिलीशरण गुप्त द्वारा लिखी गई ये पंक्तियाँ आज भी प्रासंगिक है। “” सी में पचासी जन यहाँ निर्वाह कृषि पर कर रहे, पाकर करोड़ों अर्द्ध भोजन सर्द आहे भर रहे। जब पेट की ही पड़ रही, फिर और की क्या बात है, ‘होती नहीं है भक्ति भूखे’ उक्ति यह विख्यात है।”

विश्व के महान् विचारक सिसरो ने भी कहा है-“किसान मेहनत करके पेड़ लगाते हैं पर स्वयं उन्हें ही उनके फल लब नहीं हो पाते।” निःसन्देह खून-पसीना एक कर दिन-रात खेतों में मेहनत करने वाले कृषकों का जीवन अत्यन्त उठोर व संघर्षपूर्ण है। अधिकतर भारतीय कृषक निरन्तर घटते भू-क्षेत्र के कारण गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे 1 दिन-रात खेतों में परिश्रम करने के बाद भी उन्हें तन ढकने के लिए समुचित कपड़ा नसीब नहीं होता।

सर्दी हो या गर्मी, हर हो या बरसात उन्हें दिन-रात बस खेतों में ही परिश्रम करना पड़ता है। इसके बावजूद उन्हें फसलों से उचित आय नहीं हत हो पाती। बड़े-बड़े व्यापारी कृषकों से सस्ते मूल्य पर खरीदे गए खाद्यान्न, सब्जी एवं फलों को बाजारों में ऊँची दरी हरेच देते हैं। इस प्रकार, कृषकों का श्रम लाभ किसी और को मिल जाता है और वे अपनी किस्मत को कोसते हैं।

किसानों की ऐसी दयनीय स्थिति का एक कारण यह भी है कि भारतीय कृषि मानसून पर निर्भर है और मानसून की निश्चितता के कारण प्राय: कृषकों को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। समय पर सिंचाई नही होने के कारण भी उन्हें आशानुरूप फसल की प्राप्ति नहीं हो पाती। इसके अतिरिक्त आवश्यक उपयोगी वस्तुओं की कंमतों में वृद्धि के कारण कृषकों की स्थिति और भी दयनीय हो गई है तथा उनके सामने दो वक्त की रोटी की समस्या जुड़ी हो गई है। कृषि में श्रमिकों की आवश्यकता सालभर नहीं होती, इसलिए वर्ष के लगभग तीन-चार महीने कृषकों को बाली बैठना पड़ता है। इस कारण भी कृषकों के गाँवों से शहरों की ओर पलायन में वृद्धि हुई है।

Indian Farmer Essay in Hindi

यहाँ पढ़ें :  1000 महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी निबंध लेखन यहाँ पढ़ें :  हिन्दी निबंध संग्रह यहाँ पढ़ें :  हिंदी में 10 वाक्य के विषय

देश के विकास में कृषकों के योगदान को देखते हुए कृषकों और कृषि क्षेत्र के लिए कार्य योजना का सुझाव देने हेतु वर्ष 2004 में डॉ. एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषक आयोग’ का गठन किया गया। वर्ष 2006 में आयोग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कृषकों के लिए एक विस्तृत नीति के निर्धारण की संस्तुति की गई। इसमें कहा गया किसरकार को सभी कृषिगत उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए तथा यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि कृषकों को विशेषत: वर्षा आधारित कृषि वाले क्षेत्रों में न्यूनतम समर्थन मूल्य उचित समय पर प्राप्त हो सके।

राष्ट्रीय कृषक आयोग की संस्तुति पर भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषक नीति, 2007 की घोषणा की । इसमें कृषकों के कल्याण एवं कृषि के विकास के लिए अनेक बातों पर बल दिया गया है। इसमें कही गई बातें इस प्रकार है-सभी कृषिन्न उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित किया जाए। मूल्यों में उतार-चढ़ाव से कृषकों की सुरक्षा हेतु मार्केट रिस्क स्टेबलाइजेशन फण्ड की स्थापना की जाए।

सुखे एवं वर्षा सम्बन्धी विपत्तियों से बचाव हेतु ‘एग्रीकल्चर रिस्क पण्टु स्थापित किया जाए। सभी राज्यों में राज्यस्तरीय किसान आयोग का गठन किया जाए। कृषकों के लिए बीमा योजना का विस्तार किया जाए। कृषि सम्बन्धी मामलों में स्थानीय पंचायतों के अधिकारों में वृद्धि की जाए। राज्य सरकारों द्वारा कृषि हेतु अधिक संसाधनों का आवण्टन किया जाए।

प्राय: यह देखा जाता था कि कृषकों को फसलों, खेती के तरीकों एवं आधुनिक कृषि उपकरणों के सम्बन्ध में उचित जानकारी उपलब्ध नहीं होने के कारण खेती से उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पाता था। इसलिए कृषको को कृषि सम्बन्धी • बातों की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु वर्ष 2004 में किसान कॉल सेण्टर की शुरुआत की गई। इसके अतिरिक्त कृषि सम्बन्धी कार्यक्रमों का प्रसारण करने वाले ‘कृषि चैनल’ की भी शुरुआत की गई है।

केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास बैंक के माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘रूरल नॉलेज सेण्टर्स’ की भी स्थापना की है। इन केन्द्रों में आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी व दूरसंचार तकनीक का उपयोग किसानों को बांछित जानकारियाँ उपलब्ध कराने के लिए फेंक जाता है।

कृषकों को वर्ष के कई महीने खाली बैठना पड़ता है, क्योंकि वर्षभर उनके पास काम नहीं होता। इसलिए ग्रामीण लोगों को गाँव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत, 2006 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना का शुभारम्भ किया गया। 2 अक्टूबर, 2009 से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम (MANREGA) का नाम बदलकर महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम (MANREGA) कर दिया गया है।

यह अधिनियम ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक परिवार के एक वयस्क सदस्य को वर्ष में कम-से-कम 100 दिन के रोजगार की गारण्टी देता है। इस अधिनियम में इस बात को भी सुनिश्चित किया गया है कि इसके अन्तर्गत 33% लाभ महिलाओं को मिले।

इस योजना से पहले भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए अनेक योजनाएँ प्रारम्भ की गई थी, किन्तु उनमें भ्रष्टाचार के मामले अत्यधिक उजागर हुए। अतः इससे बचने के लिए रोजगार के इच्छुक व्यक्ति का रोजगार-कार्ड बनाने का प्रावधान किया गया है। ग्राम पंचायत जो रोजगार कार्ड जारी करती है, उस पर उसकी पूरी जानकारी के साथ-साथ उसका फोटो भी लगा होता है। पंजीकरण कराने के 15 दिनों के भीतर रोजगार न मिलने पर निर्धारित दर से सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाता है।

रोज़गार के इच्छुक व्यक्ति को पाँच किलोमीटर के दायरे के भीतर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। यदि कार्यस्थल पाँच किलोमीटर के दायरे से बाहर हो, तो उसके स्थान पर अतिरिक्त भत्ता देने का भी प्रावधान है। कानून द्वारा रोजगार की गारण्टी मिलने के बाद न केवल ग्रामीण विकास को गति मिली है, बल्कि ग्रामीणों का शहर की ओर पलायन भी कम हुआ है। आज कोबिड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है, लेकिन मनरेगा इस सकट से उबारने के लिए प्रभावशाली भूमिका अदा कर रही है।

कृषकों को समय-समय पर धन की आवश्यकता पड़ती है। साहूकार से लिए गए ऋण पर उन्हें अत्यधिक ब्याज देना पड़ता है। कृषकों की इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, उन्हें साहूकारों के शोषण से बचाने के लिए वर्ष 1998 में ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ योजना की भी शुरुआत की गई। इस योजना के फलस्वरूप कृषकों के लिए वाणिज्यिक बैंको क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी बैंकों से त्राण प्राप्त करना सरल हो गया है। वर्ष 2016 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने को राहत पहुँचाने की दिशा में यह एक निर्णायक एवंसक प्रधानक चहल है। इसी प्रकार कृषकों के हितों को ध्यान में रखते हुए क 2019 में प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई है।

अर्थव्यवस्था को सही अर्थों में प्रगति की राह पर अग्रसर कर सकेंगे और तभी डॉ. रामकुमार वर्मा की ये पंक्तियाँ सार्थक सिद्ध होगी कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इसलिए अर्थव्यवस्था में सुधार एवं देश की प्रगति के लिए किसानों की प्रगति है। इस सन्दर्भ में प्रो. मूलर की कही बात महत्त्वपूर्ण है- “भारत की दीर्घकालीन आर्थिक विकास की लड़ाई कृषकद्वारा जीती या हारी जाएगी।”

केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई विभिन्न प्रकार की योजनाओं एवं नई कृषि नीति के फलस्वरूप कृषको की स्थिति में सुधार हुआ है, किन्तु अभी तक इसमें सन्तोषजनक सफलता प्राप्त नहीं हो सकी है। आशा है विभिन्न प्रकार के सरकारी प्रयासों एवं योजनाओं के कारण आने वाले वर्षों में कृषक समृद्ध होकर भारतीय “सोने चाँदी से नहीं किन्तु तुमने मिट्टी से किया प्यार, हे ग्राम देवता नमस्कार”।

reference Indian Farmer Essay in Hindi

essay on farmers in hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Essay on Farmer in Hindi- किसान पर निबंध

In this article, we are providing Kisan Par Nibandh | Essay on Farmer in Hindi.  किसान पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 150, 200, 250, 300 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Kisan | Farmer Essay in Hindi लिखा है किसान पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

जरूर पढ़े- Bhartiya Kisan Par Nibandh

Essay on Farmer in Hindi- किसान पर निबंध

Short Kisan Essay in Hindi- किसान पर निबंध ( 120 words )

समाज का श्रेष्ठ बन्धु किसान है। किसान मौसम के अनुकूल अन्न पैदा करता है। वे कड़ी धूप, सर्दी और वर्षा में कठिन परिश्रम करते हैं। फसल के समय इन्हें दिनभर में विश्राम के लिए थोड़ा भी समय नहीं मिलता है। सुबह कलेवा तथा दोपहर का भोजन इन्हें खेत में ही करना पड़ता है। किसान ही धान, जौ, गेहूँ, चना, मटर, सरसों, आलू, गोभी, बैगन, कपास, जूट आदि पैदा करते हैं।

किसान गाँवों के कच्चे मकानों एवं घास-पूस की झोपड़ियों में रहते हैं। हल, हेंगा, कुदाल, खुरपी, हँसिया आदि ही इनके खेती के औजार हैं।

किसान का जीवन अत्यन्त सरल होता है। किसान अन्न पैदा करते हैं। इनका पहनावा भी साधारण होता है। किसान ही हमारे देश के प्राण हैं। इनकी उन्नति के बिना देश का कल्याण असम्भव है।

जरूर पढ़े- 10 Lines on Farmer in Hindi

Essay on Farmer in Hindi – किसान पर निबंध ( 150 words )

किसान खेतों में मेहनत करता है। वह अन्न उगाता है । किसान को ‘भूमिपुत्र’ कहते हैं।

वह अपने परिवार के साथ छोटी सी झोपड़ी में रहता है। रूखी, सूखी खा कर वह अपना और अपने परिवार का पेट भरता है।

किसान हर दिन बड़े सबेरे जागता है। अपने बैलों को लेकर खेत में जाता है । वहाँ दिन भर वह परिश्रम करता है। उसकी पत्नी और बच्चे भी खेती के काम में उसकी मदद करते हैं। वह हर मौसम में कड़ी मेहनत कर अन्न उगाता है। इसी अन्न से राष्ट्र की जनता का पेट भरता है । किसान ना हो तो अन्न कौन उगाएगा ?

लेकिन जनता का पेट भरनेवाला किसान खुद अधभूखा रहता है। उसे गरीबी में दिन काटने पड़ते हैं। इसलिए उसके अन्न की उसे सही कीमत मिलनी चहिए।

किसान सुखी होगा, तो देश खुशहाल होग।

जरूर पढ़े- Essay on Kisan ki Atmakatha in Hindi

Kisan Par Nibandh- Hindi Essay on Farmer ( 200 words )

दिन-रात परिश्रम करके तरह-तरह की फल-सब्जी और अनाज को अपने खेतों में किसान उगाता है। किसान समाज का अन्नदाता है।

धूप-वर्षा, आँधी-पानी, सर्दी-गर्मी – चाहे कोई भी मौसम हो, वह दिन-रात खेतों में जुटा रहता है। किसान के प्यारे साथी हैं – हल और बैल।

किसान खेतों में हल चलाता है, बीज बोता है और उन्हें सींचता है। वह पशु-पक्षियों से खेतों की रक्षा करता है। जंगली पौधों को खेतों में से उखाड़ता है। धीरे-धीरे पौधे बढ़ते हैं। किसान उन्हें बढ़ता देखकर खुश होता है। अब फसल पकती है। पकने के बाद उन्हें काटता है। किसान का सारा परिवार लगातार खेतों में जुटा रहता है। इतने परिश्रम के बाद किसानों के खलिहान भरते हैं। किसान की मेहनत सफल होती है। वह रात को चैन की नींद सोता है। अनाज को मंडी पहुँचाता है और धन पाता है।

अब फिर समय आता है – खेतों में बुआई करने का। किसान फिर हल और बैल लेकर खेत पहुँच जाता है। उसे फिर आँधी-तूफ़ान की चिंता सताने लगती है। वह फसल को अपने पसीने से सींचता है। इसलिए कहा गया है, ‘जय किसान’।

जरूर पढ़े- Essay on Agriculture in Hindi

Farmer Essay in Hindi- किसान पर निबंध हिंदी में ( 250 words )

हमारा देश गाँवों में अधिक है। गाँवों के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है। इसलिए हमारे दश के अधिक लोग किसान हैं। हमको जो भोजन खाने को मिलता है। उसे किसान ही उगाते हैं। इसीलिए किसान को अन्नदाता कहा जाता है।

हमारे अन्नदाता किसान को अन्न उपजाने में कितना श्रम करना पड़ता है—क्या आपने कभी सोचा है। किसान प्रातःकाल उठता है। अपने गाय-बैलों को दाना पानी देता है। उनके रहने के स्थान की सफाई करता है। गोबर उठाकर एक स्थान पर जमा करता है। गाय भैसों का दूध निचोड़ता है।

थोड़ा सा नाश्ता पानी करके खेतों की ओर चल पड़ता है। उसके कंधे पर हल होता है और हाथ में बैलों की रस्सी। ठीक समय पर दिन भर हल चलाता है। दोपहर का भोजन उसकी पत्नी खेतों पर लेकर आती हैं भोजन लेकर वह थोड़ा आराम कर लेता है। फिर बैलों को लेकर खेत जोतने लगता है।

खेत जोत लेने पर उनमें बीज डालता है। पौधे निकल जाने पर उसकी रखवाली करता है। पौधे बड़े होने पर उसकी प्रसन्नता बढ़ती जाती है। पौधों में फूल आते हैं और दाने भरने लगते हैं। अन्त में फसल पक जाती

अब किसान का काम फिर बढ़ जाता है। उसे फुर्सत ही नहीं रहती। फसल काटना, खलिहान में जमाना, भूसे से अनाज अलग करना, बड़े परिश्रम के काम हैं। इसमें भी बैलों से सहायता लेता है।

खलिहान से अनाज घर आ जाने पर किसान को कुछ दिनों आराम रहता है। वर्षा प्रारंभ होते ही उसकी फिर से वही दिनचर्या हो जाती है।

———————————–

इस लेख के माध्यम से हमने Kisan Par Nibandh | Long & Short Essay on  Farmer in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

Essay about farmers in hindi Farmer Kisan Par Nibandh Essay on kisan in Hindi Kisan par lekh

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

दा इंडियन वायर

भारतीय किसान पर निबंध

essay on farmers in hindi

By विकास सिंह

essay on indian farmer in hindi

भारत किसानों की भूमि है। इसे इसलिए कहा जाता है क्योंकि अधिकांश भारतीय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि गतिविधियों में शामिल होते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

निम्नलिखित निबंधों में मैंने भारतीय किसानों द्वारा पेश की जा रही समस्याओं पर चर्चा करने की कोशिश की है और इस पर अपनी राय भी दी है। आशा है कि आपको मेरे निबंध मददगार मिलेंगे।

भारतीय किसान पर निबंध, essay on indian farmer in hindi (200 शब्द)

किसी ने सही कहा है, “भारत गांवों की भूमि है और किसान देश की आत्मा हैं।” मैं भी यही महसूस करता हूं। किसान बहुत सम्मानित हैं और हमारे देश में खेती को एक महान पेशा माना जाता है। उन्हें “अन्नदाता” भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है “अन्न देने वाला”। इस तर्क के अनुसार, भारत में किसानों को एक खुशहाल और समृद्ध होना चाहिए, लेकिन विडंबना यह है कि वास्तविकता इसके विपरीत है।

यही कारण है कि किसानों के बच्चे अपने माता-पिता के पेशे को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार, लगभग ढाई हजार किसान रोजी-रोटी की तलाश में खेती छोड़ कर शहरों की ओर पलायन करते हैं। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो एक समय आ सकता है जब कोई किसान नहीं बचेगा और हमारा देश “खाद्य अधिशेष” से बदल जाएगा, जो अब हम “भोजन की कमी” के लिए कर रहे हैं।

मैं सोचता था कि जब वस्तुओं की कीमतें बढ़ती हैं, तो किसान को लाभ होता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि अधिकांश पैसा मध्यम पुरुषों द्वारा हड़प लिया जाता है। अतः किसान हमेशा पराजित होता है। जब कोई बंपर फसल होती है, तो उत्पादों की कीमत गिर जाती है और कई बार उसे अपनी उपज सरकार को औने-पौने दामों पर या बिचौलियों को बेचनी पड़ती है और जब सूखा या बाढ़ आती है, तो हम सभी जानते हैं कि क्या होता है गरीब किसान।

किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। अगर कुछ तत्काल नहीं किया जाता है, तो बचाने के लिए कुछ भी नहीं रहेगा।

भारतीय किसान पर निबंध, essay on indian farmer in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

मुझे लगता है कि किसान हमारे देश के लिए वैसी ही भूमिका निभाता है जैसा कि मानव शरीर के लिए रीढ़ की हड्डी निभाता है। समस्या यह है कि यह रीढ़ (हमारे किसान) कई समस्याओं से पीड़ित है। कभी-कभी, उनमें से कई एक दिन में दो वर्ग भोजन भी नहीं कर सकते हैं। सभी कठिनाइयों के बावजूद जो वे सामना करते हैं, इसके अनुसार वे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनमें से कुछ नीचे चर्चा की गई है।

भारतीय किसान का महत्व:

वे देश के खाद्य निर्माता हैं: 

1970 के दशक के उत्तरार्ध से पहले भारत अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न का उत्पादन करने में सक्षम नहीं था। दूसरे शब्दों में, भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर नहीं था। हम विदेशों से (मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से) बड़ी मात्रा में खाद्यान्न आयात करते थे। यह कुछ समय के लिए अच्छा रहा लेकिन बाद में यूएसए ने हमें व्यापार पर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

उन्होंने खाद्यान्न की आपूर्ति पूरी तरह से बंद करने की धमकी भी दी। तत्कालीन प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने चुनौती स्वीकार की और “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया और कुछ कठोर उपाय किए, जिसके परिणामस्वरूप हरित क्रांति आई और उसकी वजह से हम खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हो गए और यहां तक ​​कि शुरू भी हो गया। अधिशेष का उत्पादन करता है।

भारत ने तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हमारे किसानों ने हमें कभी निराश नहीं किया, भले ही वे कई समस्याओं का सामना कर रहे हों। वे बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करने में सक्षम हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदानकर्ता में से एक:   भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान लगभग 17% है। उसके बाद भी वे गरीबी का जीवन जीते रहे। इसके कई कारण हैं। यदि हम विभिन्न बाधाओं को दूर करने में सक्षम हैं, तो एक अच्छा मौका है कि यह प्रतिशत में सुधार होगा।

सभी किसान स्वंय सेवक हैं: किसान रोजगार के लिए किसी अन्य स्रोत पर निर्भर नहीं हैं। वे स्वयं कार्यरत हैं और दूसरों के लिए रोजगार भी पैदा करते हैं।

निष्कर्ष:

हम आजादी के बाद एक लंबा सफर तय कर चुके हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना है। मुझे यकीन है, अगर हम ईमानदारी से काम करते हैं, तो हम उन समस्याओं को दूर करने में सक्षम होंगे जो हम आज का सामना कर रहे हैं और भगवान हमारे गांवों को तैयार करने के लिए उतने ही सुंदर और समृद्ध बन जाएंगे जितने कि बॉलीवुड फिल्मों में दिखाए जाते हैं।

भारतीय किसान का जीवन पर निबंध, essay on life of indian farmer in hindi (400 शब्द)

मेरे जैसे व्यक्ति, जो अपने पूरे जीवन के लिए शहरों में रहे हैं, गाँव के जीवन के बारे में बहुत गलत विचार रखते हैं। उनका मानना ​​है कि बॉलीवुड फिल्मों में जो दिखाया जाता है। मैं अलग नहीं था। मैंने यह भी सोचा कि गांवों में महिलाएं अपने डिजाइनर लहंगे में घूमती हैं। वे पानी लाने के लिए कुएँ पर जाते हैं और खुशी-खुशी यहाँ-वहाँ जाते हैं। मेरा यह भी मानना ​​था कि शाम को वे “सूर्य मितवा” या “मेरे देश की धरती” जैसे फिल्मी गीतों पर एक साथ नृत्य करते हैं।

एक भारतीय किसान का जीवन:

एक दिन मैंने अपने पिताजी से कहा, “इन गाँव के लोगों का जीवन कितना अच्छा है …”। इस पर मेरे पिताजी जोर से हंसे और मुझे सुझाव दिया कि हमारे पैतृक गाँव की यात्रा करें जो लखनऊ में है। पिछली बार जब मैं अपने गाँव गया था, तब मैं 4 साल का था। मुझे अपनी पिछली यात्रा से बहुत कम विवरण याद थे या यह कहना बेहतर था कि मुझे कोई अंदाजा नहीं था कि एक गाँव कैसा दिखता था।

मैंने ऑफिस से एक हफ्ते की छुट्टी ली और अपने पिता के साथ ट्रेन में सवार हो गया। मैं वास्तव में बहुत उत्साहित था। रेलवे स्टेशन पर हमें हमारे रिश्तेदार (मेरे चचेरे भाई) ने बधाई दी थी जो हमें रिसीव करने आए थे। मैंने उनसे पूछा, “हम घर कैसे जाएंगे”? इस पर उन्होंने अपनी बैलगाड़ी दिखाई। इस पर मेरी प्रतिक्रिया थी, “क्या!”। मेरे पिताजी ने मुझसे कहा, “बेटा, यह तो शुरुआत है …”।

सबसे पहले घर पहुंचने पर, मैंने अपने पेट का जवाब देने का फैसला किया। तो, मैंने पूछा, “शौचालय कहाँ है”? इस पर मुझे एक खुले मैदान में ले जाया गया। मुझे बताया गया कि गांव में शौचालय नहीं है और महिलाओं सहित सभी ग्रामीणों को खुले मैदान में जाना पड़ता है। उसके बाद मैंने चारों ओर नज़र रखने का फैसला किया। मुझे पुराने और फटे कपड़ों (निश्चित रूप से डिजाइनर नहीं) में पुरुषों और महिलाओं के साथ मिट्टी और बांस से बने टूटे हुए घर मिले, जो खेतों में बहुत मेहनत करते हैं ताकि उनके सिरों को पूरा किया जा सके।

एक प्रयुक्त हल और एक बैल की एक जोड़ी बैल हर घर में रहने वालों की कड़ी ज़िंदगी का प्रमाण है। अधिकतम घरों में बिजली का कनेक्शन नहीं था और यहां तक ​​कि जिन घरों में बिजली का कनेक्शन था उनमें तेल के लैंप का उपयोग किया गया था क्योंकि बिजली दुर्लभ थी। किसी के पास गैस कनेक्शन नहीं था, इसलिए भोजन लकड़ी या कोयले की आग पर पकाया जाता था जो धुआं उत्पन्न करता था और जिससे फेफड़ों के विभिन्न रोग होते थे।

मुझे एक बूढ़ी औरत खांसती हुई मिली। मैंने उससे पूछा, “क्या आप अपनी दवाइयाँ ले रहे हैं”? इस पर उसने एक रिक्त रूप दिया और कहा, “बेटा, मेरे पास दवा खरीदने या निजी अस्पताल में जाने के लिए पैसे नहीं हैं।” अन्य व्यक्तियों ने मुझे बताया कि पास में कोई सरकारी क्लिनिक नहीं है। यह सुनकर मैं सचमुच भावुक हो गया। भारतीय किसानों की दुर्दशा अकल्पनीय है क्योंकि वे मूलभूत आवश्यकताओं के अभाव में पूरे वर्ष अथक परिश्रम करते हैं।

मैंने अपने चचेरे भाई के साथ जुड़ने का फैसला किया जो खेतों में काम कर रहा था। जब मैं वहाँ पहुँचा, तो मैंने उसे और कुछ किसानों को कुछ आदमियों के साथ बहस करते हुए पाया। मुझे बताया गया कि वे बैंक अधिकारी थे और किसानों को एक औपचारिक नोटिस (ईएमआई का भुगतान न करने) देने आए थे। मेरे चचेरे भाई ने मुझे बताया कि गांव में कोई भी निकाय इस बार ईएमआई का भुगतान करने में सक्षम नहीं था क्योंकि उनके पास इस बार खराब फसल थी।

मैंने अपना खाना खाया और सोने चला गया। कुछ समय बाद, मैं पानी पीने के लिए उठा। मुझे बंटू (मेरा चचेरा भाई का बेटा) मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ता हुआ मिला। मैंने पूछा, “इसकी देर है, सो जाओ।” इस पर उन्होंने जवाब दिया, “अंकल, मेरा कल एक टेस्ट है”। यह सुनकर मुझे लगा कि सब कुछ नहीं खोया है और अभी भी उम्मीद की एक किरण बाकी है।

हमारे गाँव और किसान वैसे नहीं हैं जैसा मैंने सोचा था लेकिन मुझे इस बात का एहसास है कि एक दिन यह गाँव बन जाएगा जैसा कि बॉलीवुड फिल्मों में दिखाया जाता है।

भारतीय किसान पर निबंध, essay on indian farmer in hindi (500 शब्द)

प्रस्तावना:.

भारत में विविध संस्कृति है। भारत में, लगभग 22 प्रमुख भाषाएँ और 720 बोलियाँ बोली जाती हैं। हिंदू, इस्लाम, ईसाई, सिख जैसे सभी प्रमुख धर्मों के लोग यहां रहते हैं। यहां के लोग हर तरह के व्यवसायों में लगे हुए हैं लेकिन कृषि यहां का मुख्य व्यवसाय है। यही कारण है कि भारत को “कृषि प्रधान देश” के रूप में भी जाना जाता है।

एक भारतीय किसान की भूमिका:

यही कारण है कि हमारी आबादी का एक बड़ा प्रतिशत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। यह कहना गलत नहीं होगा कि किसान हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था के पीछे भी वे ताकत हैं। फिर भी भारतीय किसानों के साथ सब ठीक नहीं है। वे गरीबी और बदहाली का जीवन जीते रहे। फिर भी वे राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसानों की कुछ महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में नीचे चर्चा की गई है।

खाद्य सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा है:  जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भोजन जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। यही कारण है कि पुराने समय में, खाद्यान्न को बड़ी मात्रा में किलों में संग्रहीत किया जाता था, ताकि युद्ध के समय में, जब दुश्मन द्वारा बाहरी आपूर्ति बंद कर दी जाएगी, तब भी खाने के लिए भोजन होगा। वही तर्क आज भी मान्य है। जैसा कि हम खाद्यान्न के मामले में “आत्मनिर्भर” हैं, कोई भी देश हमें ब्लैकमेल या धमकी नहीं दे सकता है। हमारे किसानों की मेहनत के कारण ही यह संभव हो पाया।

भारतीय अर्थव्यवस्था के चालक:  भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान लगभग 17% है। 2016-17 में भारतीय कृषि निर्यात लगभग 33 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

भारतीय किसानों की हालत सही नहीं है:

निर्यात के मूल्य के कारण भारतीय किसानों को समृद्ध होने की उम्मीद होती है, लेकिन वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। वे आत्महत्या कर रहे हैं, पेशे को छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, और एक दिन में 2 वर्ग भोजन का प्रबंधन भी नहीं कर पा रहे हैं।

बहुत सी चीजें हैं जिन्हें दोष दिया जाना है लेकिन एक बात सुनिश्चित है कि यदि समस्या जल्द ही ख़त्म नहीं हुई तो हम “खाद्य निर्यातक देश” से एक “खाद्य आयातक देश” बन सकते हैं जो अब हम हैं।

बड़े पैमाने पर आंदोलन और किसान आत्महत्याओं के कारण किसान समस्याओं के मुद्दे को उजागर किया गया है, लेकिन “क्या हम पर्याप्त कर रहे हैं”? यह दस लाख डॉलर का सवाल है जिसका हमें जवाब देना है। जब हमारे “अन्नदाता” को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है, तो वास्तव में यह चिंता की बात है।

आखिरी में मैं केवल यह कहना चाहूंगा कि, समय आ गया है कि हमें तत्काल कुछ करना होगा अन्यथा चीजें निश्चित रूप से सबसे खराब हो जाएंगी।

भारतीय किसान समस्या पर निबंध, essay on problems of indian farmers in hindi (600 शब्द)

यह एक बहुत ही संवेदनशील विषय है जिसे बहुत सावधानी से संभाला जाना चाहिए लेकिन क्या हम इसे ठीक से संभाल रहे हैं? यह एक मिलियन डॉलर का सवाल है। चूंकि समस्या जटिल है, इसलिए समाधान भी सीधा नहीं है, लेकिन अगर हम वास्तव में अपने देश को उथल-पुथल में जाने से बचाना चाहते हैं तो हमें इस समस्या को हल करना होगा।

हम चेतावनी के संकेत के लिए सावधान नहीं थे जो काफी समय से आ रहे हैं। अब, जब समस्या ने राक्षसी अनुपात लिया है, हम एक त्वरित समाधान की तलाश कर रहे हैं। मुझे दृढ़ता से लगता है कि इसका कोई त्वरित समाधान नहीं है।

जैसे-जैसे समस्या को बढ़ने में समय लगा है, उसी तरह से निपटाने में भी समय लगेगा। तो, यह उच्च समय है, हमें छाती पीटने में लिप्त होने के बजाय कुछ ठोस करना शुरू करना चाहिए।

समस्या की गंभीरता:

समस्या की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 3 लाख (सरकारी अनुमान, अन्य स्रोतों का कहना है कि यह 10 गुना अधिक है) किसानों ने 1995 से आत्महत्या की है। इन आत्महत्याओं का मुख्य कारण किसानों द्वारा लिए गए ऋणों को चुकाने में असमर्थता है। उसके द्वारा विभिन्न कारणों से। इस सूची में अव्वल रहने का संदिग्ध भेद महाराष्ट्र को जाता है।

एक अन्य अनुमान (सरकारी डेटा) के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत किसान कर्ज में हैं। अधिकतम गरीब हैं और कई गरीबी रेखा से नीचे जीने को मजबूर हैं। लगभग 95% किसान आधिकारिक MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से नीचे की उपज बेचने के लिए मजबूर हैं और उनकी औसत वार्षिक आय इक्कीस हजार रुपये से कम है।

यही कारण है कि कई किसान खेती छोड़ रहे हैं और अन्य व्यवसायों में जाने की कोशिश कर रहे हैं और यही कारण है कि कोई भी किसान बनना नहीं चाहता है।

कृषि के खराब होने का कारण:

ग्लोबल वार्मिंग (बाढ़ और सूखे) के कारण जलवायु में परिवर्तन :  ग्लोबल वार्मिंग और कुछ अन्य कारणों के कारण, पृथ्वी की जलवायु बदल रही है। यही कारण है कि बाढ़ और सूखे की आवृत्ति और गंभीरता बढ़ी है, जिससे बड़े पैमाने पर फसल क्षति हुई है।

सिंचाई सुविधाओं का अभाव:  अधिकतम किसान बारिश पर निर्भर होते हैं क्योंकि उनके पास सिंचाई के उचित साधन नहीं होते हैं, जैसे, डीजल पंप सेट, नहर या बांध का पानी आदि। इसका मतलब है कि अगर यह खराब मानसून है तो उनकी फसल खराब होगी।

छोटी भूमि जोतना:  भारत में अधिकतम किसानों के पास भूमि के छोटे से बहुत छोटे भूखंड हैं, जिस पर वे खेती करते हैं। यह खेती को लाभहीन बनाता है।

महंगे बीज और उर्वरक:  कई किसानों के पास अच्छी गुणवत्ता के बीज और उर्वरक खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। इसलिए, वे हीन गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करते हैं और इसी कारण प्रति एकड़ उत्पादन में कमी आती है।

ऋण आसानी से उपलब्ध नहीं है : खेती, किसी भी अन्य व्यवसाय की तरह निवेश की आवश्यकता होती है, जो गरीब किसानों के पास नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति और कागजी कार्रवाई बहुत अधिक है। इसलिए, उन्हें निजी धन उधारदाताओं के पास जाना पड़ता है, जो उच्च ब्याज दर लेते हैं और अगर किसी कारण से फसल विफल हो जाती है, तो उनके लिए ऋण चुकाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

नए वैज्ञानिक तरीकों की जागरूकता का अभाव: अधिकांश किसानों की शिक्षा बहुत कम है या वे निरक्षर हैं। इसलिए, वे नई खेती और खेती के वैज्ञानिक तरीकों से अवगत नहीं हैं। यही कारण है कि सरकार ने टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किए हैं, जिस पर किसान अपनी समस्याएं पूछ सकते हैं।

विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार : विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार के कारण विभिन्न योजनाओं और योजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावित होता है और इसलिए इसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंचता है।

किसानों की दशा सुधारने के उपाय:

उचित बीमा:  चूंकि कई कारणों से फसल खराब हो सकती है, इसलिए किसानों को उचित बीमा सुविधाएं काफी फायदेमंद होंगी। यह बेहतर होगा कि सरकार द्वारा आंशिक या पूरे प्रीमियम का भुगतान किया जा सके क्योंकि कई किसान गरीब हैं और वे प्रीमियम का भुगतान नहीं कर सकते हैं।

नुकसान भरपाई:  समय-समय पर सरकार फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को मुआवजा प्रदान करती है। मुझे लगता है कि यह एक अस्थायी उपाय है और स्थायी समाधान नहीं है।

आसान ऋण की उपलब्धता:  यह महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। यदि किसानों को आसान ऋण प्रदान किया जाता है, तो उनकी स्थिति में निश्चित रूप से सुधार होगा क्योंकि वे बाजार से अच्छी गुणवत्ता के बीज खरीदने में सक्षम होंगे।

भ्रष्टाचार में कमी:  यदि हम भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में सक्षम हैं तो विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचेगा और उनकी स्थिति में सुधार होगा।

मैं इस बात से सहमत हूं कि इस समस्या का कोई आसान समाधान नहीं है, लेकिन अगर हम अच्छी समझ के साथ काम करना शुरू करते हैं, तो एक मौका है कि एक दिन हमारे भारतीय किसान भी उतने ही समृद्ध हो जाएंगे जितना कि अमेरिकी किसान अब हैं।

[ratemypost]

इस लेख से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

Related Post

Paper leak: लाचार व्यवस्था, हताश युवा… पर्चा लीक का ‘अमृत काल’, केंद्र ने पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टोरल फ़ेलोशिप के लिए वन-स्टॉप पोर्टल किया लॉन्च, एडसिल विद्यांजलि छात्रवृत्ति कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ, 70 छात्रों को मिलेगी 5 करोड़ की छात्रवृत्ति, 2 thoughts on “भारतीय किसान पर निबंध”.

Nice😍🤩🤩🙂😇😇

Oh bhai bhai na 2000 words ka lekha joh ke bohot badi baat h

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

जर्मनी अफ्रीका में महामारी को रोकने के लिए 100,000 एमपॉक्स वैक्सीन खुराक दान करेगा

Landslide in kerala: वायनाड भूस्खलन- प्राकृतिक हादसा या मानव जनित, paris olympic 2024: “जलवायु आपातकाल” के बीच ऐतिहासिक आयोजन, 25 जुलाई को मनाया जायेगा संविधान हत्या दिवस – अमित शाह.

HindiKiDuniyacom

किसान इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं पर निबंध (Why are Farmers Important Essay in Hindi)

हम सभी को अपनी भूख मिटाने और अपने जीवन के अस्तित्व को बचाने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। जब भी हम अपने खाने और उसे पैदा करने वाले के बारे में सोचते हैं तो मन में केवल एक ही तस्वीर आती है और वो है किसान की। किसान ही हमारे अन्नदाता हैं जो हमारे लिए अन्न पैदा करते है। शहरों में रहने वाले लोग किसानों के जीवन और उनके महत्त्व से थोड़े अनभिज्ञ हैं। वो इन किसानों को उतना महत्त्व नहीं देते।

किसान हमारे लिए महत्वपूर्ण क्यों हैं पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Why are Farmers Important in Hindi, Kisan hamare liye Mahatvapurna kyon hai par Nibandh Hindi mein)

हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है और मैंने इस निबंध में उनके महत्त्व के हर पहलू पर चर्चा करने की कोशिश की हैं। यह छात्रों के लिए अवश्य ही बहुत लाभकारी होगा।

किसान इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं पर निबंध – 1 (250-300 शब्द)

किसान भारत की अर्थव्यवस्था के रीढ़ की हड्डी है। भारत की 50% अर्थव्यवस्था किसानो पर निर्भर करती है। फिर भी वर्तमान में किसानों की स्थिति दयनीय है। किसानो को उनकी मेहनत का उचित लाभ नहीं मिल पाता है। हमारे राष्ट्र की आधी अर्थव्यवस्था को चलाने वाले तंत्र को मजबूत बनाना हम सभी का कर्तव्य है। किसान की शक्ति और आत्मविश्वास ही इस नीव को मजबूत बनाये रख सकता है।

आर्थिक महत्व

किसान की मेहनत से हमें फल, फूल , अनाज , सब्जियां , दूध इत्यादि मिलते है जिनसे हमें आर्थिक लाभ होता है। किसानों की ही देन है कि आज हम इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन कर पा रहे है। किसानो की ही देन है की आज हमारा देश गेहूँ, चावल, दाल, दूध आदि के उत्पादन में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था के तीन भाग है – प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक। किसान जो भी उत्पादित करते है, वह द्वितीयक भाग में तैयार होता है और उसे लोगो तक पहुंचाया जाता है। इस तरह किसान हमारे अर्थव्यवस्था की नींव है।

पर्यावरणीय महत्व

किसान मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी नियमित करते है और हमारा वातावरण संतुलित रहता है। किसानों के द्वारा कृषि क्षेत्र में दिए गए योगदान से ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरणीय परिवर्तन, अल्पवृष्टि आदि पर नियंत्रण होता है। किसान हमारी प्रकृति के सबसे आज्ञाकारी संतान है। किसानों का होना प्रकृति के संरक्षण के लिए जरुरी है।

हम सभी को किसानों के महत्व को गंभीरता से समझने की जरुरत है। अगर देश का किसान समर्थ होगा तभी हमारा देश विकास कर सकता है।सरकार को कुछ नियम लाने की आवश्यकता है जो किसानो को उनका हक़ दिला सके। हम सभी को अर्थव्यवस्था में किसानों के महत्त्व को देखते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, ताकि राष्ट्र का विकास हो सके।

किसान इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं पर दीर्घ निबंध (1500 शब्द)

हमारा भारत एक ऐसा देश है, जहां कृषि को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाती है। इसमें कोई संदेह नहीं की हमारे किसानों के माध्यम से ही हमारा देश और दुनिया के अन्य राष्ट्र भी फल फूल रहे है। लगभग 60% की आबादी हमारे देश में कृषि के रूप में हैं, जो अपने मेहनत से फसलों को पैदा करते है और पूरे राष्ट्र के भोजन की आवश्यकता को पूरा करते हैं।

हमारे देश में कृषि को एक महान पेशे के रूप में जाना जाता है, ऐसे पेशे में शामिल लोगों को अपनी आजीविका चलाने के लिए खेतों में काम करना पड़ता है, और ऐसे लोगों को ही किसान कहा जाता है। इन्हीं किसानों को देश का अन्नदाता कहा जाता है। किसान ही वह इंसान है, जो सूरज की तेज गर्मी, बारिश या तेज ठण्ड की परवाह किये बिना ही वह अपने खेतों पर फसलों को अपनी मेहनत से उगाने का काम करते हैं।

अपने परिश्रम से वह कई किस्म के अन्न, फल, सब्जियों इत्यादि को खेतों में उगाता हैं, और एक उचित मूल्य पर इसे बाजारों में बेचते हैं। किसानों की कड़ी मेहनत द्वारा उगाये इन खाद्य सामग्रियों और सब्जियों का उपयोग देश का हर व्यक्ति अपने खाने के रूप में करता है।

किसानो ं की जीवनशैली

किसानों का जीवन बहुत ही कठिनाइयों और मेहनत से भरा होता है। तरह-तरह की फसलों की अच्छी पैदावार के लिए किसान अपने खेतों में कड़ी मेहनत करता हैं। ताकि फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सके और फसलों की अच्छी पैदावार हो सके। किसान दिन-रात एक चौकीदार की तरह अपने खेतों की फसलों की देखभाल में लगा रहता हैं।

हर दिन वह सुबह उठकर कड़ी मेहनत से खेतों में काम करता हैं, और देर रात तक अपने खेतों की रखवाली करते हुए सोता हैं। थोड़े आराम और खाना खाने के वक्त ही किसान अपने काम को थोड़ा आराम देते हैं। हमारी तरह वो चैन की नींद भी नहीं ले पाते है, और न ही अपने भाग्य पर निर्भर रहते हैं। किसान अपने कड़े परिश्रम पर भरोसा करता हैं, और किसी अन्य पर नहीं। वह मौसम के किसी भी परिस्थिति की परवाह किये बिना खेतों में कड़ी मेहनत से अपना काम करता हैं।

किसान सारे राष्ट्र को कई किस्मों के भोजन देने के बावजूद भी वह बहुत ही सरल भोजन करते हैं, और एक सादगी भरा जीवन जीते हैं। वो खेतों में उगाये अपनी फसलों को बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं। अपनी अच्छी फसलों को बेचने के बावजूद भी उन्हें उनकी अच्छी कीमत नहीं मिलती है। यही छोटी सी कीमत ही उनके सालभर की मेहनत और उनकी कमाई के रूप में होती है।

किसान अपना पूरा जीवन फसलों को उगाने में लगा देते हैं और उनके मेहनत और परिश्रम का उचित फल भी नहीं मिल पाता। अपनी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए वह साल भर उनकी देखभाल और मेहनत करने में लगा देते हैं, और धैर्यपूर्वक उस फसल के होने का इंतजार करते हैं। इस चक्र को वह बार-बार दोहराते हैं, पर उन्हें अपने मेहनत का सच्चा फल कभी भी नहीं मिल पाता।

भारत में किसानों की वास्तविक स्थिति

कृषि प्रधान देश होने के कारण भारत को दुनिया में अन्नदाता के रूप में जाना जाता है। पूरी दुनिया में भारत की सराहना का श्रेय केवल हमारे किसानों को ही जाता है। किसान देश के ऐसे व्यक्ति के रूप में है जिनके कारण ही भारत को विश्व भर में कृषि प्रधान राष्ट्र के पहचान दिलाते हैं, पर वास्तविक रूप में किसान बहुत ही गरीब और पीड़ित अवस्था में रहने के लिए मजबूर हैं।

मुझे यह बताते हुए बड़ा दुःख हो रहा है कि भारत का किसान आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर हैं। सारा दिन खेतों में मेहनत कर फसल उगाने वाला यही किसान बड़ी मुश्किल से अपने परिवार को दो वक्त की रोटी दे पाता हैं। हम सभी ने पैसे की कमी और कर्ज से दबे होने के कारण कई किसानों की आत्महत्या की खबरों के बारे में अवश्य ही सुना होगा। जो हमारे देश का अन्नदाता है, उसे अपने बच्चों की पढाई, उनकी शादी, खेती के बीज व घर में खाने के लिए साहूकारों और बैकों से सूत पर पैसे लेने पड़ते है।

उनका पूरा जीवन उन्हीं कर्ज को खत्म करने में ही बीत जाता है। हमारे समाज में सम्मानजनक किसानों की ऐसी स्थिति वास्तव में काफी चिंताजनक और दर्दनाक है। हमारी सरकार को उनके लिए यह अवश्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता है जिस सम्मान के वास्तविक रूप से वो हकदार हैं।

किसान हमारे लिए जरूरी क्यों हैं ?

देश के हर व्यक्ति के जीवन में किसान बहुत ही महत्त्व रखता हैं। कोई भी किसान के महत्त्व को नकार नहीं सकता। किसान हमारे जीवन में कितना महत्त्व रखते है मैंने निचे उसे सूचीबद्ध किया है।

  • राष्ट्र के खाद्य प्रदाता

किसान हमारे लिए विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाते हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों की आवश्यकता के अनुसार मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, इत्यादि करते हैं। इसके अलावा वो इन सभी चीजों को बाजारों में बेचने के लिए खुद ही जाते हैं। इस तरह किसान देश के हर व्यक्ति को भोजन प्रदान करते हैं। भोजन हर व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता है।

हमें विभिन्न प्रकार के कार्य करने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है जिससे की हमें ऊर्जा मिलती है। जब भी हमें भूख लगती है हमें भोजन की आवश्यकता होती है, और यह भोजन हमें केवल किसान ही उपलब्ध कराते हैं। लेकिन किसानों द्वारा उपलब्ध कराये गए भोजन के इस महान कार्य को हम कभी सराहना नहीं करते हैं।

  • राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में योगदान

विभिन्न प्रकार के अन्न, फल, फूल, सब्जी, मांस, इत्यादि अनेक प्रकार के भोजन किसानों द्वारा पैदा किये और बाजारों में बेचे जाते हैं। ये सभी चीजें राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान करते है। इन्हीं किसानों द्वारा उगाये फसलों व अन्य भोजनों के कारण ही भारत दुनिया भर में एक कृषि अर्थव्यवस्था के रूप में जानी जाती है।

देश के कृषि उत्पादन मुख्य रूप से हमारे राष्ट्र के अर्थव्यवस्था में अपना मूल योगदान देती है। इसके अलावा कृषि उत्पादों का विदेशों में निर्यात भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। इस तरह से यह कहना गलत नहीं है कि किसान भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

  • लोगों के लिए एक प्रेरणा श्रोत

किसान स्वभाव से बहुत ही मेहनती, अनुशासित, समर्पित और सरल का होता हैं। किसान के जीवन में उसके हर क्षण का महत्त्व होता हैं, इसलिए वह अपने खेती का हर काम समय और सही ढंग से कर पाते हैं। यदि वो अपने जीवन में समय के पाबंद न रहे तो उन्हें खेती में उपज में कमी या फसलों की क्षति का सामना भी करना पड़ सकता हैं। वो हर बार अपने खेतों में कड़ी मेहनत करके फसल बोते हैं, और कई महीनों तक का लम्बा इंतजार करते हैं, जब तक की फसल पूरी तरह से पक न जाये। कृषि उत्पाद उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। एक किसान के ये सभी गुण हमें प्रेरणा देते हैं।

किसान देश के सभी लोगों के लिए अन्न का उत्पादन करता हैं। वे वही खाते हैं जो उनके पास बचा रह जाता है, इसलिए वो बहुत ही आत्मनिर्भर होते हैं। वो किसी और पर निर्भर हुए बिना जो उनके पास होता है उसी से अपने जीवन पालन करते है। वो किसी से मंगाते नहीं है इसलिए वो खुद में बहुत ही आत्मनिर्भर व्यक्ति होते हैं।

क्या किसानों की स्थिति वाकई दयनीय है ?

हम सभी के लिए किसान कितना महत्वपूर्ण है इसके बारे में सभी जानते है। भारत में किसानों की हालात खराब है। यह सुनना वास्तव में बहुत निराशाजनक है। भारत एक कृषि उत्पादक वाला देश है, जो हमारी अर्थव्यवस्था के जी.डी.पी. में 15% का योगदान देता है। इसको देखते हुए किसानों का देश की उन्नति में एक बहुत बड़ा योगदान हैं, और यदि किसानों के हालात खराब है तो यह बहुत दुख और उल्लेखनीय विषय हैं। भारत में किसानों द्वारा आज भी पुरानी कृषि तकनीक अपनाई जाती है।

सरकार को किसानों को खेती के आधुनिक तरीकों के बारे में बताने और उन्हें अपनाने को किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता हैं। जिससे उनकी उपज अधिक हो और उनकी मेहनत भी कम लगे। इससे किसानों के सामने आने वाली वित्तीय संकट से निपटने में उन्हें मदद मिलेगी। सरकार को उनके हित के लिए कई नए कार्यक्रमों और नीतियों का गठन करने की आवश्यकता हैं। जो देश भर के किसानों को लाभान्वित कर सकें। इससे हर किसानों की वर्तमान स्थिति में काफी सुधार आ सकता हैं।

किसानों के कार्य, खेती के गुण, उनके समर्पण की भावना उन्हें समाज का एक सम्माननीय व्यक्ति बनाते हैं। खेतों से जो भी उन्हें प्राप्त होता है उसे ही बेचकर वो साल भर अपना और अपने परिवार का गुजरा करते है और उसी में वो खुश और संतुष्ट रहते हैं। हमारे देश में कई ऐसे महान नेता हुए जिन्होंने किसानों के उत्थान के लिए सराहनीय कदम उठाये है, इस क्रम में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और लाल बहादुर शास्त्री के योगदान को कभी भुलाये नहीं जा सकते हैं। ये किसान परिवार से ही ताल्लुक रखते थे। इसलिए इन्होंने किसानों के वास्तविक मूल्य को समझा और उनके हित में कई सराहनीय कदम भी उठाये जो आज तक उन्हें लाभान्वित करती हैं।

Essay on Why are Farmers Important

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

Leave a comment.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

Essay on indian farmer in hindi भारतीय किसान पर निबंध.

Essay on Indian Farmer in Hindi for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. भारतीय किसान पर निबंध। In this article, we are going to post information about Indian farmer in Hindi, Indian farmer life and problems faced by farmer in Hindi.

hindiinhindi Indian Farmer Essay in Hindi

Essay on Indian Farmer in Hindi 200 Words

विचार – बिंदु – • भारतीय किसान का महत्त्व • सादगी-पसंद • परिश्रमी जीवन • हृष्ट-पुष्ट • गरीबी • दुर्दशा के कारण • सुधार के उपाय।

भारत की संस्कृति कृषक-संस्कृति है। भारतीय किसान सीधा-सादा जीवन-यापन करता है। सादगी का यह गुण उसके तन से ही नहीं, मन से भी झलकता है। सच्ची बात को सीधे-सादे शब्दों में कहना उसका स्वभाव है। भारतीय किसान बड़ा कठोर जीवन जीता है। वह शरीर से हृष्ट-पुष्ट रहता है। माँ धरती और प्रकृति की गोद में खेलने के कारण न उसे बीमारियाँ घेरती हैं, न मानसिक परेशानियाँ। भारत के अधिकतर किसान ग़रीबी में जीते हैं। उनके पास थोड़ी जमीन है। छोटे किसान दिन-भर मेहनत करके भी भरपेट खाना नहीं जुटा पाते। अधिकतर किसान निरक्षर है। अज्ञान के कारण वे अंधविश्वासों में आस्था रखते हैं। इस कारण वे परिवार को सीमित रखने का महत्त्व नहीं समझते।

परिणामसवरुप उनका परिवार बढ़ता जाता है और ज़मीन कम होती जाती है। फिर उनके जीवन में खुशहाली कैसे आए? अज्ञानता के कारण ही व्यापारी लोग उन्हें आसानी से लूट लेते हैं। आवश्यकता है कि किसानों को उन्नत बीज, खाद, कीटनाशक सस्ते दामों पर उपलब्ध कराए जाएँ। उनके बच्चों को सस्ती शिक्षा दी जाए। उनके उत्पादन को ऊँचे दामों पर बेचने का प्रबंध किया जाए।

Indian Farmer in Hindi Essay 600 Words

भारतीय किसान की त्रासद स्थिति

मानव ने अपने पशुतुल्य जीवन को छोड़कर जिस समय एक स्थायी जीवन को ग्रहण किया था उसी समय उसने कृषि को अपने जीवन का अपरिहार्य अंग स्वीकार कर लिया था। कृषि ने ही मानव को पशु-जगत से भिन्न एक मानव-जगत् में स्थापित किया। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि संसार में मानव का आविर्भाव कृषि-व्यवस्था के परिणामस्वरूप ही अविर्भाव हुआ।

भारतीय संस्कृति, सभ्यता और साहित्य का एक बड़ा हिस्सा किसान-जीवन की नाना स्थिति-परिस्थितियों के विविध आयामी चित्रणों से भरा पड़ा है। आदिकाव्य रामायण में भी मानव के इस आदिम-पेशे का यथोचित वर्णन मिलता है। कालिदास ने तो ‘मेघदूत’ नामक अपने श्रृंगार और प्रेमपरक काव्य में, किसान जीवन की विराट मार्मिकता को पूरी तरह से उभार कर ही रख दिया। किन्तु किसान का जीवन मात्र प्राकृतिक-जीवन की मधुरता, स्वच्छंदता, सहजता और सौन्दर्य से भरा हुआ ही नहीं होता अपितु गरीबी, शोषण और विकराल अभावग्रस्तता का भी जीवन होता है। भक्ति-काल के सर्वश्रेष्ठ कवि महात्मा तुलसीदास ने कृषक जीवन की इस विडम्बनापूर्ण स्थिति को पूरी वास्तविकता और सच्चाई के साथ अनुभूत किया था। एक स्थान पर कृषक जीवन की त्रासद-स्थिति का वर्णन करते हुए महात्मा तुलसीदास ने लिखा है:

‘खेती न किसान को, भिखारी को न भीख बलि,

बनिक को बनिज, न चाकर को चाकरी।

जीविका विहीन लोग सीधामान सोच बस,

कहैं एक एकन सों कहा जाई का करी?

जो किसान अपने अथक परिश्रम के द्वारा अन्न उत्पन्न करते हैं और उससे सकल संसार का पेट भरते हैं वही किसान स्वयं अपने पेट के लिए दो जून की रोटी को तरसते हैं। उन्हें भरपेट भोजन भी प्राप्त नहीं होता। उनके बीबी: बच्चे भूख से बिलखते रहते हैं। वस्तुत: इस स्थिति को देखकर तो हृदय यह पुकार उठता है कि कृषक जीवन वस्तुत: गरीबी, भुखमरी और दरिद्रता का जीवन रहा है। कितने आश्चर्य की बात है कि जो दूसरों की भूख शान्त करता है, वह स्वयं सदैव भुखमरी के भवंरजाल में फंसा रहता है। लाख प्रयत्न करने पर भी वह इस भंवरजाल से कभी निकल नहीं पाता। उपन्यास सम्राट प्रेमचंद ने भी अपने प्रसिद्ध उपन्यास ‘गोदान’ में कृषक-जनों की दारूण एवं मार्मिक स्थिति का चित्रण करते हुए लिखा है:

“तीन लडके बचपन में ही मर गए। उसका मन भी कहता था, अगर उनकी दवा-दारू होती तो वे बच जाते, पर वह एक धेले की दवा भी न मंगवा सकी थी। उसकी उम्र भी अभी क्या थी। छत्तीसवां साल तो था, पर सारे बाल पक गये थे, चेहरे पर झुर्रियां पड़ी थीं। सारी देह ढल गयी थी, वह सन्दर गेहँआ रंग साँवला गया था और आँखों से भी कम सूझने लगा था। पेट की चिन्ता ही के कारण कभी तो जीवन का सुख न मिला।’

यह एक महान कथाकार का बेहद सजगता से किया गया समाज-अध्ययन है। यह उस समय के किसान की दारूण स्थिति का लेखा-जोखा है, जब भारत में ब्रिटिश अपने उपनिवेश अपने चरम पर था। ब्रिटिश नीतियां तो निश्चित रूप से भारत की अर्थ-व्यवस्था को पूर्णतः बर्बाद करने वाली और आर्थिक शोषण के द्वारा अपने देश को समृद्ध करने वाली थीं। किन्तु ऐसा नहीं कहा जा सकता कि आज भारतीय कृषक की स्थिति बहुत अच्छी है। महात्मा गांधी ने धनिक वर्ग को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि भारतीय समाज को शान्तिपूर्ण मार्ग पर सच्ची प्रगति करनी है, तो धनिक वर्ग को निश्चित रूप से स्वीकार कर लेना होगा कि किसान के साथ भी वैसी ही आत्मा है जैसी उनके पास है और अपनी दौलत के कारण वे गरीब से श्रेष्ठ नहीं हैं।”

आज भी कृषक समाज बेतहाशा गरीबी और दरिद्रता का त्रासद जीवन जी रहा है। वह निरन्तर आत्म-हत्या और आत्महंता प्रवृत्तियों से ग्रस्त होता जा रहा है। आज आवश्यकता यह है कि सरकार अपनी संवेदनशीलता का परिचय दे और कृषक जीवन को बेहतर बनाने के लिए सच्चे अर्थों में प्रयास करें।

More essay in Hindi

Essay on Apna Haath Jagannath in Hindi

Difference Between City Life Vs Village Life essay in Hindi

My Hobby Essay in Hindi

Essay on Internet in Hindi

Thank you for reading our essay on farmer in Hindi. Don’t forget to write your review.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

essay on farmers in hindi

Hindi In Hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

भारतीय किसान पर निबंध

आज के इस लेख में हम भारतीय किसान निबंध इन हिंदी (Essay on Indian Farmer in Hindi) आप तक पहुंचाने वाले हैं। इस निबंध में भारतीय किसान के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

भारत में किसान को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वर्तमान समय में भारत में लगभग 60% लोग खेती पर निर्भर है और इन लोगों द्वारा की गई खेती से भारत के हर व्यक्ति को खाना मिलता है।

Essay-on-Indian-Farmer-in-Hindi-

भारत में किसान का महत्व काफी अधिक है। किसान के बिना देश भूख से मर जाएगा और भविष्य में भी भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि आज के समय में आज की युवा जनरेसन खेती करने से दूर जा रही है।

आज के समय में जो व्यक्ति किसान की भूमिका निभा रहे हैं, वे देश के लिए सबसे सम्मानजनक व्यक्ति है। हमारा देश भारत जिसे कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है। यहां की अधिकतर जनसंख्या खेती-बाड़ी पर निर्भर है और खेती-बाड़ी करके ही यहां के लोग अपना गुजारा चलाते हैं।

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

भारतीय किसान पर निबंध (Essay on Indian Farmer in Hindi)

आज भले ही विज्ञान कितनी तेजी से विकास क्यों ना कर रहा हो लेकिन भारत के किसान आज भी सादगी पूर्ण जीवन जीते हैं। भारत के किसान के कड़े मेहनत और संघर्ष से हर एक भारतीय युवाओं एवं बच्चों को परिचित होने की जरूरत है।

इसलिए आज के इस लेख में हम 100, 150, 200, 250, 300, 500 और 1000 शब्दों में भारतीय किसान पर निबंध हिंदी में (Bhartiya Kisan Par Nibandh) लेकर आए हैं।

भारतीय किसान पर निबंध 100 शब्दों में

भारत और भारत के किसानों का संबंध काफी गहरा है। क्योंकि भारत की ज्यादातर जनसंख्या किसान ही है, खेतों से उनका संबंध वर्षों से हैं। भारतीय किसान किसान का जीवन सादगी से भरा हुआ है।

वह सादा खाना खाता है, सादे कपड़े पहनता है और सादा जीवन व्यतीत करता है। समय की कमी के कारण उसकी आवश्यकता भी काफी सीमित है। एक किसान को वर्षा के अतिरिक्त कुछ भी नहीं चाहिए होता है।

वह हर साल अच्छे वर्षा की उम्मीद रखता है ताकि उसकी अच्छी फसल हो सके। लेकिन प्रकृति भी कभी कबार उसके साथ खेल खेलती हैं। कभी वर्षा ही नहीं होती तो कभी अत्यधिक वर्षा होती है।

कम वर्षा के कारण कभी उसकी फसल ही नहीं उग पाती वहीं अत्यधिक वर्षा के कारण फसल ही बर्बाद हो जाती है। यूं कहे कि किसान का जीवन उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है।

लेकिन, भारतीय किसान इतने कमजोर नहीं कि वे प्रकृति के सामने घुटने टेक देंगे, हार मान जाएंगे। किसान के संघर्ष के सामने प्रकृति भी झुक जाती हैं। क्योंकि किसान हर एक परिस्थितियों का सामना करना जानता है।

हर दिन खेतों में काम करके उसका शरीर जितना मजबूत हो चुका है, उतना ही मजबूत उसका दिल भी हो चुका है। इसलिए भारत के किसान सभी तरह के संघर्ष को झेलने के लिए तैयार रहते हैं।

भारतीय किसान पर निबंध 150 शब्दों में

धरती के समूचे प्राणियों के जीवन के लिए अन्न उपजाने वाला भारतीय किसान बहुत परोपकारी एवं मेहनती होता है। किसान साल भर अपने खेतों में मेहनत करता है।

लेकिन जब उसके खेत में हरे हरे फसल लहलहा ने लगते हैं तब उसकी सारी मेहनत और थकान गायब हो जाती है। एक किसान के लिए हरे भरे लहराते फसल को देखना ही सबसे बड़ा सुख है।

वह गर्मी के कड़कती धूप में भी काम करता है और सावन के बरसते बारिश में भी काम करता है। यू कंहे किसान जीवन भर मेहनत करता है। किसानों का जीवन संघर्ष से भरा हुआ है, जो किसान पूरे देश को अन्न देता है। किसी दिन उसी किसान के घर भोजन नहीं बन पाता।

एक किसान देशभर को फल, साग, सब्जी आदि चीजें देता है लेकिन उसकी मेहनत के सामने उसका पारिश्रमिक कुछ भी नहीं है। जिस कारण किसानों को कई बार कर्ज में डूब जाना पड़ता है और यही कारण है कि हर साल कितने ही किसान फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेते हैं, जो देश के लिए बहुत ही शर्म की बात है।

जिस किसान के कारण पूरे देश के लोग पेट भर कर खाना खा पाते हैं, जिन्हें भोजन प्राप्त हो पाता है वही किसान जब दुख में हो, वे अपना जीवन गरीबी में व्यतीत करें, संघर्षपूर्ण जीवन जिए तो उससे बड़ी दुख की बात एक देश के लिए क्या हो सकता है।

हालांकि अब भारत सरकार भी किसानों के उन्नति एवं खेती के अतिरिक्त अन्य आय के स्त्रोत के लिए कई प्रकार की योजना चला रही है, जिसमें से एक पीएम किसान योजना किसानों के लिए आशीर्वाद के समान ही हैं।

भारतीय किसान पर निबंध 200 शब्दों में

देश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तम्भ भारत के किसान है। देश के विकास में भारत के किसान के योगदान के सामने पूरा देश नमन करता है। भारत के किसान तो करुणा के सागर हैं। जो किसान देश के लोगों के लिए अन्न उपजाता है, उसी किसान को कितने बार भोजन नहीं नसीब हो पाता।

भारत के किसानों की खेती पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर रहती है। प्रकृति ने साथ दिया तो अच्छी फसल होगी यदि प्रकृति ने धोखा दिया तो उनका फसल बर्बाद हो सकता है। एक किसान का जब फसल बर्बाद हो जाता है या जिस वर्ष वह खेती नहीं कर पाता, उस पूरे साल का हर एक दिन उस किसान के लिए संघर्ष से भरा रहता है।

क्योंकि बहुत से किसान खेती करने के लिए कर्ज लिए रहते हैं और उन्हें यही उम्मीद रहती है कि फसल अच्छी होगी तो वह समय पर कर्ज चुका देंगे। लेकिन प्रकृति जब उनके साथ खेल खेलती हैं तो वे अपने ईमानदारी से चुक जाते हैं। कर्ज न चुका पाने के कारण वे मौत को गले लगा लेते हैं।

भारत में प्राचीन काल से ही भारत के किसानों के साथ काफी शोषण होता रहा है। लेकिन अब किसानों का जीवन भी धीरे-धीरे सुधर रहा है। भारतीय किसानों के जीवन को सुधारने में भारत सरकार भी मदद कर रही हैं।

उनके लिए कई योजनाओं को लागू करके भारतीय किसानों के जीवन को सरल बना रही है। यहां तक कि आधुनिक कृषि तकनीकों के कारण भारतीय किसानों के लिए कृषि सरल हो रहा है।

हालांकि विज्ञान कितना भी विकास कर ले लेकिन भारत के किसानों का जीवन हमेशा सादगी से ही भरा रहेगा, उन्हें सादगी पूर्ण जीवन जीना ही पसंद है।

शहरों में लोग ऐसी में सोते हैं, फ्रिज का ठंडा पानी पीते हैं लेकिन भारत के किसानों के लिए पेड़ की छांव ही उनके लिए ऐसी है और कुएं का ठंडा पानी ही फ्रीज के पानी के समान है।

Essay on Indian Farmer in Hindi

-->

भारतीय किसान पर निबंध 250 शब्दों में (Bhartiya Kisan Nibandh)

भारत में रहने वाले सभी किसान अपने खेतों में काम करते हैं और खेती-बाड़ी करके अपना घर खर्चा चलाते हैं। किसान अनाज और फल सब्जियां उगाते हैं। किसान द्वारा उगाए जाने वाले अनाज और सब्जियों के माध्यम से ही सभी लोगों का पेट भरता है।

किसान जो खेत में रात-दिन मेहनत करता है, फसल कि रखवाली करता है, जिसकी वजह से ही किसान की फसल अच्छी होती है। भारतीय किसानों की स्थिति काफी दयनीय है। कई प्रकार की सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को नए-नए फायदे मिल रहे हैं।

भारत के किसानों को सरकार द्वारा थोड़ी राहत जरूर मिली है। लेकिन दूसरी तरफ फसल पकने पर किसानों को कम दाम में फसल बेचना पड़ता है क्योंकि फसल के भाव गिर जाते हैं।

भारत का किसान जो रोजाना सुबह सूरज उगने से पहले उठकर खेत जाता है। किसान द्वारा जो खेती की जाती है, उसकी मेहनत लगती है। क्योंकि बारिश की वजह से या फिर प्राकृतिक आपदा की वजह से नुकसान होने के चांस ज्यादा होते हैं। ऐसे में किसानों की मेहनत दांव पर लगी रहती है।

हर किसान धरती की पूजा करता है। क्योंकि भारतीय किसान के लिए धरती एक माता समाज है, जो उसे अन्य प्रदान करवाती है और इसी अन्य से देश का पेट भरता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसान अनाज नहीं उगाए तो भारत में भुखमरी का संकट आ जाएगा।

भारत में वर्तमान समय में जो किसान खेती करता है। कई लोग उन्हें गवार समझते हैं और उन्हें नीचा भी समझा जाता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल गलत है क्योंकि देश का सबसे सम्मान को व्यक्ति ही किसान है।

जब किसान को आप गलत समझना शुरू करोगे तो हो सकता है कि भविष्य में आप को भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है। किसान खेती करना छोड़ देगा तो देश में भुखमरी छा जाएगी।

Essay on Indian Farmer in Hindi

भारतीय किसान पर निबंध 300 शब्दों में

भारत के किसान तो भारत की आत्मा है। भारत के किसानों के कारण ही तो देश का विकास है। भारतीय किसान ना होते तो देश भूखे मर जाएगा‌। भारत के किसानों के लिए पूरा जीवन कृषि को समर्पित होता है, उनकी आय का प्रमुख स्त्रोत कृषि ही है।

किसानों के हाथों में इतनी ताकत होती है कि वे एक बंजर सी दिखने वाली जमीन में भी हरियाली ला देते हैं। भारतीय किसानों के लिए कृषि के अतिरिक्त पशुपालन उनकी आय का अतिरिक्त स्त्रोत है।

वे साल भर अपने खेतों में मेहनत करते हैं और देश के लोगों के लिए अन्न उपलब्ध कराते हैं। भारत के किसानों को हर एक परिस्थितियों में रहने की आदत हो चुकी है। उनके लिए गर्मी, वर्षा, ठंड एक समान है।

हर एक मौसम के विषमताओं में अपने आपको मजबूत रखने की क्षमता एक भारतीय किसान में है। यह किसान तो तपस्या, त्याग, इमानदारी, परिश्रम एवं लगन के अद्भुत मिसाल हैं।

भारतीय किसानों का महत्व

निसंदेह भारतीय किसानों के महत्व से नजर नहीं हटा सकते। क्योंकि भारत के किसानों का महत्व सर्वोपरि है। जीवन जीने के लिए भोजन की जरूरत पड़ती है और भोजन के लिए अनाज की आवश्यकता होती है।

यह अनाज भारतीय किसान ही उपजाते हैं। भारतीय किसान कडे धूप में, घनघोर वर्षा में, कड़कड़ाती ठंड में हर एक परिस्थितियों में खेत में काम करते हुए फसल उगाते हैं। तब जाकर हमें भोजन प्राप्त हो पाता है।

भारतीय किसान की स्थिति

भारत के किसानों का जीवन निरंतर गतिशील रहता है। जीवन में उनके लिए आराम शब्द का कोई महत्व नहीं। क्योंकि जीवन पर्यंत उनका संबंध केवल संघर्ष और कडे मेहनत से ही रहता है। वे केवल मेहनत करते हैं। उनका जीवन भी सादगी से ही भरा हुआ है।

सुबह सबसे पहले उठ जाते हैं और पशुओं को चारा देने में व्यस्त हो जाते हैं। उसके बाद अपने हल और कुदाल को लेकर चल जाते हैं, अपने मंजिल की ओर। उनका मंजिल सिर्फ एक ही है “खेत”।

कड़कड़ाती धूप में बिना चप्पल के ही वे काम करते हैं। मेले-फटे कपड़े, कंधे पर गमछा, चेहरे पर थकान और पसीना ही भारतीय किसानों की छवि है। भारतीय किसानों की स्थिति काफी दयनीय है।

कभी वे कर्ज के बोझ तले दबे रहते हैं तो कभी अकाल, सूखे तो कभी बाढ़ के चपेट में आ जाते हैं। लेकिन अब खुशी होती है कि भारतीय किसान भी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना सीख रही है।

भारतीय किसानों के लिए लागू नई-नई योजनाओं के कारण उनके जीवन का भी विकास हो रहा है। भारत की युवा जितना काम करती है, उससे कहीं गुना ज्यादा भारतीय किसान काम करते हैं। इसलिए तो कहा जाता है “जय जवान जय किसान”।

निसंदेह सच है कि देश की अर्थव्यवस्था में किसान की महत्वपूर्ण भूमिका है। एक किसान से ही देश की प्रगति है। भारतीय किसान हर एक परिस्थिति और प्रकृति की विषमताओ से जूक्ष कर फसल उपजाते हैं, जिसके कारण देश में सबके घर पर चूल्हा जल पाता है।

हालांकि प्राकृति आपदाओं के कारण इन्हें कई बार परेशान होना पड़ता है, संघर्ष करने पड़ते हैं लेकिन, अब भारतीय किसान आधुनिक वैज्ञानिक साधनों को अपना रहे हैं, जिसकी मदद से फसल उपजाने की क्षमता बढ़ रही है।

भारतीय किसान पर निबंध 500 शब्दों में (Bhartiya Kisan Essay in Hindi)

भारत का किसान एक सम्मानजनक व्यक्ति है, जो कड़ी धूप में मेहनत करके हर भारतीय के लिए अनाज उगाता है और हर भर्तियों को खाने के लिए भोजन उपलब्ध करवाता है।

भारतीय किसान अपने खेतों में काम करके अनाज फल सब्जियां उगाते हैं और उन सभी से देश के सभी लोगों का पेट भरता है। खेती बाड़ी का काम करने वाला व्यक्ति कड़ाके की ठंड और कड़कती धूप में अनाज उगाकर अन्य लोगों के लिए भोजन उपलब्ध करवाते हैं।

आज के समय में जो गांव में लोग निवास करते हैं। उनका मुख्य व्यवसाय कृषि ही है और गांव में रहने वाले लोग मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर है।

किसान की परिभाषा और प्रकार

उन लोगों को किसान कहा जाता है, जो खेती का काम करते हैं। अनाज उत्पादन का काम करते हैं और उसी अनाज से बाकी सभी लोगों को भोजन मिलता है।

किसान तीन प्रकार के होते हैं:

  • सीमांत किसान

भारतीय किसान का महत्व

भारत में रहने वाले सभी किसानों का महत्व अत्यधिक है और अमूल्य भी है। किसानों के द्वारा तेज कड़क धूप और कड़ाके की ठंड में हर परिस्थिति को सहन करते हुए उगाए गए धन से देश के हर बच्चे का पेट भरता है और इसी वजह से भारत के किसान का महत्व और मूल्य है।

देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में भी भारतीय किसानों की मुख्य भूमिका रही है। देश में रहने वाले किसान अन्य का उत्पादन करते हैं और उनके द्वारा उगाए जाने वाले अनाज से हर देशवासी का जीवन पालन होता है।

भारतीय किसान की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयास

सरकार हर संभव प्रयास करके किसानों की वर्तमान स्थिति को सुधारना चाहते हैं। किसान हर किसी को अनाज दिलाता है। लेकिन किसानों की खुद की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी होती है। क्योंकि किसानों द्वारा उगाए गए अनाज को बिल्कुल कम दाम के साथ किसानों को बेचना पड़ता है।

ऐसे में उनकी गरीबी लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन पिछले कई सालों से सरकार द्वारा कई सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को जोड़ा जा रहा है और किसानों को लाभ प्रदान करवाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के हर किसान को ₹6000 वार्षिक सहायता दी जा रही है। पहले को ऑपरेटिव बैंक से लोन मिलता था। लेकिन यह लोन राशि कम होती थी, इसलिए आज के समय में किसान क्रेडिट कार्ड हर किसान को दिया जा रहा है, जिसके माध्यम से व्यक्ति लोन ले सकता है।

फसल बीमा योजना सुविधा प्रदान करवा कर फसल खराब होने पर किसानों की बीमा से भरपाई हो सके। इसका प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है।

आज के समय में दिन-प्रतिदिन लोग खेती बाड़ी करने की बजाय अन्य काम धंधे पर जाना उचित समझते हैं। आज के समय में जो 60 फ़ीसदी लोग खेती कर रहे हैं। उन लोगों की भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ ही साथ देश के हर बच्चे तक अनाज पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

भारतीय किसान पर निबंध 1000 शब्दों में (Indian Farmer Essay in Hindi)

भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता है। भारत में किसान हर समय खेतीवाड़ी में व्यस्त रहते है और वह साधारण कपड़े पहनना ज्यादा पसंद करते है। किसान अपना जीवन बहुत ही साधरण तरीके से जीता है और कड़ी धूप, तेज तूफान, वर्षा आदि होते हुये भी कड़ी मेहनत करके खेतों से अनाज उगाते है।

देश भर में चाहे लोग गरीब हो या अमीर हो लेकिन सब लोग किसान पर ही निर्भर होते है। क्योंकि अगर किसान खेती करना छोड़ देगा तो लोगों को अनाज नहीं मिलेगा और वह भूख से मरने लगेंगे।

देश भर के हर शहरो में किसानों द्वारा एक शहर दूसरे शहर तक अनाज भेजा जाता है। क्योंकि किसान कड़ी धूप, तेज ठंड मे भी खेतों पर काम करके देश भर के लोगों के बारे मे सोच कर फसल उगाने मे लगे रहते है कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे सबको भोजन मिले। इसलिए हम सभी को किसानो का आदर, सम्मान करना चाहिए क्योंकि हमारे लिये किसान कितना कुछ करते है।

भारतीय किसान का जीवन

अपने जीवन में बहुत सारी समस्याओं का सामना भारतीय किसान को करना पड़ता है। भारतीय किसान को अगर खेती करनी है तो वह धूप, छाव में कठोर मेहनत करने के लिये हमेशा तैयार रहता है।

किसान सुख-दुःख, नुकसान सब कुछ सहन करके खेती करता है। वह जितनी भी मेहनत करता है, उसके फल की प्राप्ति पाने के लिये वह भगवान के ऊपर सब छोड़ देता है, जो भी फल मिलेगा, किसान उसको ख़ुशी-ख़ुशी अपनाने के लिये तैयार रहता है।

भारतीय किसान के साथी हांसिया, खुरपी, बैल, हल आदि का सहारा लेकर किसान खेती करने में पूर्ण रूप से सफल होता है। किसान अपने खेत की जुताई बैलों के द्वारा करता है, किसानों के खेती करने में बैल भी बहुत सहायता करते है और बदलते समय के साथ आज कल लोग खेती करने के लिये ट्रैक्टर का प्रयोग करने लगे है।

आज के समय इतना विकास हो गया है कि किसान फसल को काटने के लिये हार्वेस्टर मशीन का उपयोग करने लगे है, जिससे फसल जल्दी काट जाती है और फसल साफ-सुथरी रहती है।

किसान का जनता के प्रति सेवा

जनता के प्रति निस्वार्थ भावना से किसान सेवा करता है। किसान अपने बारे मे कभी नहीं सोचता है, वह बिना किसी स्वार्थ के जनता को बहुत कुछ देता है।

किसान गांव में गाय, भैस पालते है और गाय, भैस का दूध निकाल कर स्वयं नहीं पीते है। वह दूध शहर में ले जाकर बेच देते है। किसान को किसी भी प्रकार की सुख सुविधा नहीं मिल पाती है, क्योंकि किसान जनता को सुख सुविधा देने मे इतना व्यस्त हो जाते है की अपने जीवन के लिये सोच नहीं पाते है।

भारतीय किसान दिवस

पूरे देश में किसान दिवस हर वर्ष 23 दिसबर को मनाया जाता है। किसान दिवस हर वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री चौधरी चरण को सम्मानित करने के लिये किसान दिवस के रूप मे मनाया जाता है। 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री चौधरी चरण को देश की सेवा करने के लिये छोटे पद पर प्रधानमंत्री बनाया गया।

क्योंकि वह किसान परिवार से थे और किसानो के लिये पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री चौधरी चरण ने बहुत सारी योजनाएं शुरू की थी। उन्होंने किसानों के जीवन को लेकर लगन के साथ कड़ी मेहनत की और किसानो के जीवन मे नई उमंगे लाने के लिए बहुत से नियम बनाये।

पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री चौधरी चरण ने किसानों के लिये बहुत कुछ किया, इसलिए उनके जन्मदिन के पर उनके द्वारा बनायीं गई नीतियों को यादगार बनाने के लिये किसान दिवस मनाया जाता है।

भारतीय किसानों का हम सभी के जीवन बहुत महत्व है। भारतीय किसान हम सभी के लिये खेत में अनाज उगाता है और वह साधारण तरीके के कपड़े पहनकर अपना जीवन व्यतीत करता है। इसलिए किसान को बहुत से लोग गवार समझते है, किसान को बहुत नीचा दिखाते है और उनकी गरीबी का मज़ाक उड़ाते है।

हमें नहीं भूलना चाहिए कि देश का हर एक व्यक्ति किसान पर ही निर्भर रहता है। किसानों की वजह से ही जनता को अन्न का दाना नसीब होता है। हम सब का कर्तव्य कि देश के हर एक व्यक्ति को बराबर सम्मान देना चाहिए।

किसान देश की उन्नति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। किसान देश की जनता के लिये अनाज उगाता है, अगर किसान अनाज उगाना बंद कर दें तो लोगों का जीवित रह पाना मुश्किल हो जायेगा।

सरकार द्वारा किसान के लिये कुछ नई योजनाएं बनाई जाती है, जिन पर बिल्कुल रुकवाट ना डाले, जिससे किसानों को भी कुछ लाभ कमाने का अवसर मिले। किसान जनता के लिये कितना कुछ करता है, जनता का भी फ़र्ज़ हैं कि किसानों के लिये कुछ करें।

भारत देश को किसान प्रधान देश माना जाता है। क्योंकि भारत देश की जनसंख्या का ज्यादातर हिस्सा खेती पर निर्भर है। भारत देश में निवास करने वाले ज्यादातर लोग किसान है।

आज का यह आर्टिकल जिसमें हमने भारतीय किसान पर निबंध (Essay on Indian Farmer in Hindi) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सुझाव है तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।

किसान की आत्मकथा पर निबंध

समय के महत्व पर निबंध

क्लीन इंडिया ग्रीन इंडिया पर निबंध

ईको-फ्रेंडली दिवाली पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

Related Posts

Comments (4).

Very helpfull

Superb aarticle

Very inspiring

Leave a Comment जवाब रद्द करें

HindiEnglishessay

भारतीय किसान पर निबंध। Essay on Indian Farmer in Hindi

भारतीय किसान पर निबंध, यह सत्य है कि किसान राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनका योगदान भोजन की आपूर्ति में होता है, जिससे राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि होती है। इसके बावजूद, वे कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जो उनके जीवन को कठिन बना रहे हैं।

आधुनिक तकनीक की कमी किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिलने का कारण बनती है। सरकारें अब इस समस्या का सामना कर रही हैं और कृषि में तकनीकी सुधार करने के लिए पहल कर रही हैं, ताकि किसानों को अधिक उत्पाद मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।

मिट्टी की खराब गुणवत्ता भी एक महत्वपूर्ण चुनौती है, क्योंकि यह फसलों की पैदावार को प्रभावित कर सकती है। सरकारें अब मिट्टी स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए उपाय कर रही हैं ताकि किसानों को अधिक उत्पाद मिल सके और वे अच्छी मूल्य पर अपनी उत्पादों को बेच सकें।

सरकारी सहायता की कमी भी एक चुनौती है, लेकिन कुछ स्थानों पर सरकारें अब किसानों के लिए योजनाएं चला रही हैं जो उन्हें अधिक सहायता प्रदान कर सकती हैं। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और उन्हें जीवन यापन करने के लिए अधिक संभावनाएं मिल रही हैं।

भारतीय किसान

किसान भारतीय समाज की रीढ़ हैं और उनका योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। हालांकि, वे अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं, फिर भी उन्हें विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी जीवनशैली में संघर्ष होता है।

किसानों को अपने और अपने परिवार के लिए उचित भोजन नहीं मिल पाना एक सामाजिक समस्या है जो दूर करने की जरूरत है। कई किसान गरीबी और आर्थिक कमी के कारण अच्छे आहार की कमी महसूस करते हैं, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। सरकारें और सामाजिक संगठनें इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं और किसानों को उचित मूल्य पर उनके उत्पादों को बेचने में मदद करने के लिए योजनाएं बना रही हैं।

किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए सामाजिक संगठनों और सरकारों के सहयोग से ही यह समस्या हल हो सकती है। किसानों को न्यायपूर्ण मूल्य मिलना चाहिए ताकि वे अधिक उत्पाद करने के लिए प्रेरित हों और उनका जीवनस्तर सुधर सके।

साथ ही, तकनीकी सुधार और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाने से भी किसानों को फायदा हो सकता है। सुधारित खेती तकनीक और कृषि यंत्रणाएं उन्हें अधिक उत्पादक्षमता में मदद कर सकती हैं।

इस समस्या के समाधान के लिए सभी समाज के सदस्यों को सक्रिय रूप से जुटना और साझेदारी करना आवश्यक है ताकि भारत के किसानों को उचित समर्थन और सुरक्षा मिल सके।

Click to Know More Details About Indian Farmer .

किसानों का महत्व

1970 के दशक से पहले, भारत खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं था और हमें इसे दूसरे देशों से आयात करना पड़ता था। इस स्थिति का सामना करते हुए, प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया, जो आज भी याद किया जाता है। इस से ही हरित क्रांति की शुरुआत हुई और भारत ने खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता प्राप्त की।

हरित क्रांति ने खेती में तकनीकी उन्नति, उर्वरकों का प्रचलन, बीजों की सुधार, और नई किस्मों का उत्पादन को प्रोत्साहित किया। इससे खेती में उत्पादक्षमता बढ़ी और खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता मिली। भारत ने दुनिया में अपनी अच्छी खेती के लिए पहचान बनाई और आत्मनिर्भरता में कदम बढ़ाया।

हालांकि, इसके बावजूद, किसानों की स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण है। वे गरीबी में अपना जीवन बिता रहे हैं और स्व-रोजगार में अधिकतर किसान खेती पर ही निर्भर हैं। सरकारों को उनकी समस्याओं का समाधान करने, उन्हें और उनके परिवारों को सहायता प्रदान करने, और उन्हें आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। किसान पर निबंध

किसानों की भूमिका

किसानों की भूमिका समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण है, और उन्हें अर्थव्यवस्था की प्रमुख प्रेरक शक्ति कहा जा सकता है। यहां कुछ कुंजीपुर्ण पहलुओं को समझाया जा सकता है जो दिखाते हैं कि किसानों का योगदान क्यों महत्वपूर्ण है:

  • आधिकारिक योगदान: किसान अर्थव्यवस्था में अधिकारिक रूप से अपना योगदान देते हैं, जो खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
  • आदान-प्रदान का स्रोत: किसान विभिन्न अन्नदाता सामूहिकों के लिए आदान-प्रदान का स्रोत होते हैं, जिससे लोग अपनी आदान-प्रदान की जरूरतें पूर्ण कर सकते हैं।
  • रोजगार सृष्टि: खेती एक बड़े स्तर पर रोजगार सृष्टि करती है, जिससे गाँवों में अधिक लोग रोजगार प्राप्त कर सकते हैं और अपने परिवारों का पालन-पोषण कर सकते हैं।
  • आर्थिक सहारा: किसानों की खेती से आर्थिक सहारा मिलता है और उन्हें व्यापारिक क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बनाता है।
  • विकास का आधार: देशों के विकास में, खेती और कृषि उत्पादन का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
  • पर्यावरण संरक्षण: किसान अपनी भूमि की देखभाल करता है और उसे धान्य, फल, और सब्जियों की उत्पादन में सही रूप से प्रयुक्त करता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलती है।
  • सामाजिक समर्थन: किसानों को समर्थन प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि वे अच्छे तरीके से खेती कर सकें और आर्थिक रूप से सुरक्षित रहें।

किसानों की वर्तमान स्थिति

किसान पूरे देश की जनता का पेट भरते हैं, लेकिन खुद को दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, किसान कर्ज और आपराधिक दबाव के कारण आत्महत्या कर रहे हैं, जिससे उन्हें अपने परिवार का पोषण नहीं कर सकते और न उन्हें समृद्धि से जीने का सामर्थ्य हो सकता है। कई किसान आय के स्थिर स्रोत की खोज के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं ताकि वहां से अपने परिवार को उचित आहार उपलब्ध करा सकें।

हालांकि, यदि किसानों की आत्महत्या और पलायन की स्थिति बनी रही तो भारत को फिर से खाद्य आयातक बनने का खतरा है। बड़े पैमाने पर प्रचार के बजाय, किसानों की आत्महत्या का मुद्दा चर्चा में है। लेकिन क्या ये प्रयास हमारे अन्नदाता की रक्षा करने के लिए पर्याप्त हैं, यह खुद से सवाल पूछने की आवश्यकता है।

किसानों की समस्या और उनकी आत्महत्या एक गंभीर मुद्दा है, और इसे हल करने के लिए समृद्धि पर सही कदम उठाना आवश्यक है। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे कि अधिक कर्ज, मौसम की परेशानी, खेती के लिए सही मूल्य न मिलना, और सामाजिक-आर्थिक दुर्बलता। किसान पर निबंध

इस समस्या का हल निम्नलिखित कदमों के माध्यम से किया जा सकता है:

  • कर्ज की समस्या का समाधान: सरकारें किसानों के लिए कर्जमुक्ति योजनाएं चला सकती हैं जो उन्हें आर्थिक दुबलता से बाहर निकाल सकती हैं। विशेषकर, किसानों के लिए सस्ते ऋणों और उचित कर्जमुक्ति योजनाओं की आवश्यकता है।
  • अधिक उत्पादक्षमता: किसानों को अधिक उत्पादक्षमता में मदद करने के लिए तकनीकी उन्नति और सहायक उपकरणों की प्रदान की जानी चाहिए। इससे उनकी आय बढ़ सकती है और वे अपने कर्ज को चुका सकते हैं।
  • मूल्य निर्धारण में सुधार: किसानों को उचित मूल्य मिलने के लिए समर्थन प्रदान किया जाना चाहिए। इससे वे अधिक सहारा प्राप्त कर सकते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाएं: सरकारें सामाजिक सुरक्षा योजनाएं चला सकती हैं जो किसानों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं।
  • किसान में जागरूकता और मानसिक स्वास्थ्य समर्थन: किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य समर्थन प्रदान करने के लिए सामाजिक और सार्वजनिक संगठनों के साथ काम किया जा सकता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान

आधुनिक समय में, किसानों का बड़ा योगदान है भारतीय अर्थव्यवस्था में। उनका काम राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में महत्वपूर्ण है। किसानों का यह योगदान लगभग 17% है, लेकिन यह दुखद है कि भारत में भी किसानों की स्थिति बहुत बुरी है। वे सुख-सुविधाओं से वंचित रहते हैं, जो हम सभी के लिए दुखद है।

किसानों का योगदान हमारी रोजगार और आहार की जरूरतों को पूरा करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे खेतों में मेहनत करके फसलों को उगाने और उन्हें बाजार में पहुंचाने में अपनी जीवन की पूरी कड़ी मेहनत करते हैं। इसके बावजूद, इस अहम क्षेत्र में किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

आधुनिक तकनीक की कमी, मिट्टी की गुणवत्ता में समस्या, अपर्याप्त सरकारी सहायता आदि कुछ मुख्य चुनौतियां हैं, जिनसे किसानों को निपटना पड़ता है। इन समस्याओं के कारण किसानों के बीच बड़े पैमाने पर संकट और गरीबी का सामना करना पड़ता है।

हालांकि, सरकारें अब इन समस्याओं का समाधान करने के लिए कदम उठा रही हैं और इससे किसानों की स्थिति में सुधार हो रहा है। फसल की पैदावार बेहतर हो रही है और इससे कई किसानों की आजीविका में सुधार हो रहा है।

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान) भारत में भूमिधारक किसानों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका उद्देश्य किसानों की स्थिति में सुधार करना है और उन्हें अच्छे जीवन की सुविधा प्रदान करना है।

इस योजना के तहत, भूमिधारक किसानों के परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की राशि सहायता के रूप में प्रदान की जाती है। इससे सीधे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और वे अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होते हैं।

इस योजना के अंतर्गत, सरकार द्वारा किसानों को 100% वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिससे उन्हें उचित फसल, अच्छा स्वास्थ्य , और उचित उत्पादन सुनिश्चित होता है। इस योजना के लाभ का प्राप्त होने के लिए किसान परिवारों की पहचान राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार की जाती है। एक बार पात्रता प्राप्त होने पर, धनराशि को सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजा जाता है।

निष्कर्ष (किसान पर निबंध)

किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं और उनका योगदान हमारे देश के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे अपने मेहनत और कड़ी मेहनत के बावजूद अपने संजीवनी भूमि पर अनेक सारे कठिनाईयों का सामना करते हैं। लेकिन उन्हें अभी भी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे तकनीकी सुधार, मिट्टी की गुणवत्ता, अदृश्य बाधाएं, और अपर्याप्त सरकारी सहायता। किसानों को समर्थन और सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकारों को उनकी समस्याओं का सजीव समाधान तैयार करना आवश्यक है ताकि हमारे अन्नदाता बिना किसी समस्या और चिंता के अपने कार्य को समर्थन कर सकें। किसान पर निबंध

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के तहत, सरकार हर साल किसान परिवारों को 6000 रुपये की सहायता प्रदान कर रही है।

किसानों के लिए बीजों से लेकर खेती की तकनीकी सुधार के लिए कृषि विभाग ने विभिन्न प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता कार्यक्रम शुरू किए हैं।

सरकार अच्छे बीजों की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए किसानों को तकनीकी जानकारी और बीजों की वितरण में सहायता कर रही है।

सरकार कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को समर्थन प्रदान कर रही है, जैसे कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसान बीमा योजना, और कृषि उपज मंडी योजना।

किसानों को ऋण प्राप्त करने के लिए बैंकों और कृषि विकास बैंकों से संपर्क स्थापित करके विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है।

किसानों को कृषि उत्पादों को सीधे खरीदारों और बाजारों से जोड़ने के लिए सरकार उन्हें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान कर रही है।

कृषि से जुड़े संबंधों को मजबूत करके और उन्हें साइबर यातायात के माध्यम से जागरूक करके, सरकार किसानों को स्व-रोजगार के लिए प्रेरित कर रही है।

भारत सरकार ने कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की नीति अनुसार विभिन्न फसलों के लिए समर्थन मूल्यों की घोषणा की है ताकि किसानों को न्यायपूर्ण मूल्य मिल सके।

सरकार ने किसानों की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और किसान आवास योजना के माध्यम से बीमा सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास किया है।

Related Posts

विज्ञापन की दुनिया l महत्व l उपयोग l vigyapan ki duniya par nibandh, राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध। इतिहास। महत्व।essay on national flag in hindi, समय का महत्व पर निबंध हिंदी में l value of time essay, मेरा विद्यालय पर निबंध l essay on my school in hindi, diwali essay in hindi l दिवाली पर निबंध, मेरा भारत महान पर निबंध । mera bharat desh mahan essay, पेड़ों के महत्व पर निबंध । importance of trees essay in hindi, मुफ्त शिक्षा पर निबंध । essay on free education in hindi, भूकंप पर निबंध । hindi essay on earthquake, कबीरदास पर निबंध । essay on kabir das in hindi, leave a comment cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

logo

Do not assume anything, just seek

Essay On Farmers :किसान पर हिन्दी निबन्ध

Meena Bisht

  • April 1, 2020
  • Hindi Essay

Essay On Farmers : किसान पर हिन्दी निबन्ध

निबंध हिंदी में हो या अंग्रेजी में , निबंध लिखने का एक खास तरीका होता है। हर निबंध को कुछ बिंदुओं (Points ) पर आधारित कर लिखा जाता है। जिससे परीक्षा में और अच्छे मार्क्स आने की संभावना बढ़ जाती है।

हम भी यहां पर किसान पर निबंध को कुछ बिंदुओं पर आधारित कर लिख रहे हैं। आप भी अपनी परीक्षाओं में निबंध कुछ इस तरह से लिख सकते हैं। जिससे आपके परीक्षा में अच्छे मार्क्स आयें।

Essay On Farmers 

किसान पर हिन्दी निबन्ध.

किसी ने ठीक ही कहा है “भूखे पेट भजन , न होय गोपाला” यानी अगर इंसान का पेट ही खाली हो तो उसका मन भगवान के भजन करने में या मोक्ष प्राप्त करने में भी नहीं लगता हैं ।पेट भरा होने पर ही दुनिया की हर वस्तु का आनंद लिया जा सकता हैं। और यही एकमात्र सत्य भी हैं। 

हमारे देश में किसानों को अन्नदाता का सम्मान दिया जाता है। क्योंकि किसान वाकई में अन्नदाता होता है। बिना अनाज के क्या हम जीवन जीने की कल्पना कर सकते हैं। हम कई दिनों तक बिना वाहन , मोबाइल , टेलिविजन या किसी भी आधुनिक उपकरण के बिना रह सकते हैं।

लेकिन बिना अन्न के कितने दिन रह सकते हैं।इसीलिए पाषाण युग के बाद मानव ने सबसे पहले खेती करने की ही शुरूवात की और वह उसके जीने का मुख्य साधन बन गया। 

किसान कौन है

इस धरती पर रहने वाले सभी मानवों की पहली और मूलभूत आवश्यकता भोजन ही है। और  जमीन पर बीज रूप कर अपने खून पसीने से सींच कर अनाज (अनाज , फल , फूल सब्जी आदि ) को उगाने वाले को किसान कहा जाता है। सच्चाई यह है कि किसान ही लोगों का पेट भरते हैं। 

कुछ किसान अनाज , फल , सब्जियों उगाते हैं तो , कुछ फूलों की खेती करते हैं। तो कुछ किसान तिलहनी फसलों , सूखे मेवों आदि की खेती से जुड़े रहते हैं।और इसी तरह कुछ कृषि के अन्य क्षेत्रों से। इसी के साथ किसान पशुओं से भी जुड़े रहते हैं। और पशु आधारित उत्पादों का उत्पादन भी करते हैं। 

यह भी पढ़ें … Essay on Independence Day in hindi

भारतीय किसान की आर्थिक स्थिति (Essay On Farmers)

किसान की आजीविका का मुख्य साधन भी कृषि ही रहता है। किसान की आर्थिक स्थिति बहुत हद तक उसके खेत में उगने वाली फसल पर ही निर्भर करती हैं।अगर किसान की खेती अच्छी हो गई तो उसकी आय भी अच्छी होगी।जो उसके सामाजिक और आर्थिक सम्मान में वृद्धि कर देती है।अगर फसल अच्छी ना हुई तो , यही अन्नदाता अन्न के एक एक दाने के लिए मोहताज हो जाता है। 

भारत की लगभग 66% जनसंख्या कृषि और कृषि से संबन्धित अन्य कार्यों पर ही निर्भर रहती हैं। अधिकतर भारतीय किसानों का रहन-सहन बहुत सीधा सादा होता हैं।।लेकिन कुछ किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी भी हैं। वैसे भी भारतीय किसान जीवट व कर्मठ होते हैं

किसान का जीवन सुबह से शाम तक खाद , मिट्टी , पानी , बीज आदि के बारे में ही सोचते निकल जाता है।चाहे पूस-माघ के महीने की कड़कड़ाती ठंड हो या जेठ-वैशाख की चिलचिलाती धूप या रिमझिम बारिश , कोई भी उन्हें अपने कर्तव्य से नहीं डगमगाती सकता है। किसान हर परिस्थिति में हर दिन अपने खेतों में लहलहाती फसल को देखते हुए ही आनंद महसूस करता है। 

ग्रामीण क्षेत्र में हालांकि शिक्षित किसानों की संख्या बहुत कम है। और वो आज भी खेती के पुराने तरीके ही अपनाकर खेती करते हैं।उन जगहों पर कुछ किसानों की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। कठिन मेहनत करने के बाद भी अपना और अपने परिवार का भरण पोषण में मुश्किल से हो पाता है। 

किसान और शिक्षा (Essay On Farmers)

भारत की आजादी से पहले हमारे देश के किसानों की दशा बहुत खराब थी।तब किसान किसान न होकर मजदूरों की तरह रहते थे। लेकिन आजादी मिलने के बाद धीरे-धीरे किसानों की दशा में सुधार आया। आजादी के बाद हमारे देश में शिक्षा का भी काफी प्रचार-प्रसार हुआ। किसानों ने भी शिक्षा ग्रहण की।आज के अधिकतर किसान शिक्षित हैं। और उन्हें अपनी शिक्षा का भरपूर फायदा खेती करने में मिला है।

कई किसानों ने विषैले रसायनों तथा कीटनाशकों का प्रयोग बंद कर उसकी जगह जैविक खेती करना शुरू कर दिया है। और यह वाकई में कृषि जगत में एक नई पहल है। जिससे हमारा पर्यावरण भी स्वस्थ रहता है।और हवा , पानी , मिट्टी , पर्यावरण दूषित भी नहीं होते हैं । दूसरी ओर किसान की मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी खत्म नहीं होती , बल्कि वह दिनों दिन बढ़ती जाती है , जिसका फायदा किसानों को ही मिलता है। 

कृषि के क्षेत्र में भी नए-नए औजारों , उपकरण का आविष्कार हुआ। जिनसे किसानों को फायदा पहुंचा। आज का किसान आधुनिक जानकारियों व वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर खेती करने लगा है। 

यह भी पढ़ें। … Essay on Republic Day in hindi

 मौसम पर निर्भर भारतीय किसान 

भारत में अधिकतर खेती वर्षा के ऊपर ही निर्भर करती हैं। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में। अच्छी वर्षा होने पर फसल अच्छी होती है। अन्यथा किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ जाता है। हालांकि मैदानी क्षेत्रों में नहरों तथा ट्यूबलों के द्वारा सिंचाई की जाती है। लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में इस तरह की कोई सुविधाएं नहीं होती हैं। वहां पर किसान सिंचाई के लिए मौसम व वर्षा पर ही निर्भर हैं। 

पर्यावरणीय असंतुलन से मौसम चक्र में अनेक बदलाव आ गए हैं।कभी बीज बुवाई के वक्त बारिश नहीं होती , तो कभी इतनी अधिक हो जाती है कि खेतों में खड़ी , कटने को तैयार फसल ही खराब हो जाती हैं।

इसी तरह ओलावृष्टि और असमय बर्फबारी पहाड़ों की फसलों को और नुकसान पहुंचाती है। ऊपर से जंगली जानवरों भी आए दिन किसानों की फसलों को अत्यधिक नुकसान पहुंचाते हैं। इस सबका असर किसान की आय पर भी पड़ता है। 

कभी कभी आर्थिक नुकसान की वजह से उनके पास अगली फसल के लिए अच्छे बीज , खाद , औजार खरीदने के लिए पैसे भी नहीं होते हैं।अगली फसल को बोने के लिए उन्हें मजबूरन किसी साहूकार या बैंक से कर्ज लेना पड़ता है। जिसको चुका पाना कई बार उनके लिए आसान नहीं होता। ऐसे में कर्ज के बोझ से दबे होने के कारण कई बार छोटे किसान आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठा लेते हैं। 

किसान व सरकारी योजनाएं (Essay On Farmers)

हालाँकि सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। केंद्र सरकार का लक्ष्य 2022 तक भारतीय किसान की आय को दुगना करने का है। इसीलिए खाद , बीज तथा कृषि संबंधी उपकरणों के लिए सरकार की तरफ से ऋण दिया जाता है। इसके साथ ही कृषि संबंधी कुछ सामानों पर सरकार की तरफ से अच्छी खासी सब्सिडी भी दी जा रही है। 

आज सरकार ने किसान की जमीन की मिट्टी की जांच , उस में उगने वाली फसल तथा उत्तम नस्ल के बीजों के बारे में जानकारी देने के लिए कई कार्यक्रम चलाये हैं। आज किसान इन सब के बारे में जानकारी हासिल कर वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर खेती करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। ताकि अच्छी फसल उग सके। 

किसान वाकई में हमारे देश की रीड की हड्डी है। उन्हीं की मेहनत से देश आज अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बना है। सचमुच किसान ही देश का भाग्य विधाता होता है। देश की प्रगति किसान की प्रगति पर ही निर्भर करती है। जिस देश में किसान सुखी होता है , वह देश अपने आप ही सुखी व संपन्न होकर होकर विकास के रास्ते में चल पड़ता है।

You are most welcome to share your comments.If you like this post.Then please share it.Thanks for visiting.

यह भी पढ़ें……

Essay on Organic Farming in Hindi

Essay on Diwali in Hindi

  Essay On Dussehra in hindi

Essay On Raksha Bandhan in hindi

Essay On Pollution  in hindi

Essay on Gandhi Jayanti in hindi

Essay on Women Education in hindi

Related Posts

मजदूरों का पलायन एक गंभीर सामाजिक समस्या   .

  • August 19, 2021

भारत में ऊर्जा सुरक्षा : चुनौतियों और अवसर 

  • June 2, 2021

हरित ऊर्जा : जलवायु परिवर्तन का समाधान पर हिन्दी निबंध

  • May 30, 2021
  • Study Material

essay on farmers in hindi

किसान पर निबंध – Essay on Farmer in Hindi

Essay on Farmer in Hindi: दोस्तो आज हमने  किसान पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

  • किसान पर निबंध – Essay on Farmer in Hindi

किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं। वे ही हैं जो हमें वह सब भोजन प्रदान करते हैं जो हम खाते हैं। परिणामस्वरूप, देश की पूरी आबादी किसानों पर निर्भर करती है । यह सबसे छोटा या सबसे बड़ा देश हो। उनकी वजह से ही हम ग्रह पर रह पा रहे हैं। इस प्रकार किसान दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण लोग हैं। हालांकि किसानों का इतना महत्व है कि अभी भी उनके पास समुचित जीवन नहीं है।

किसानों का महत्व

Essay on Farmer in Hindi

हमारे समाज में किसानों का बहुत महत्व है। वे ही हैं जो हमें खाने के लिए भोजन प्रदान करते हैं। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन यापन के लिए उचित भोजन की आवश्यकता होती है, इसलिए वे समाज में एक आवश्यकता है।

किसानों के विभिन्न प्रकार हैं। और इन सभी का समान महत्व है। सबसे पहले वे किसान हैं जो गेहूं, जौ, चावल आदि की फसल उगाते हैं, क्योंकि भारतीय घरों में इसका अधिकतम सेवन गेहूं और चावल का होता है। तो, खेती में गेहूं और चावल की खेती ज्यादा होती है। इसके अलावा, इन फसलों को उगाने वाले किसानों का मुख्य महत्व है। दूसरा, वे हैं जो फलों की खेती करते हैं। इन किसानों को विभिन्न प्रकार के फलों के लिए मिट्टी तैयार करनी होती है। क्योंकि ये फल मौसम के अनुसार बढ़ते हैं। इसलिए किसानों को फलों और फसलों के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। कई अन्य किसान हैं जो विभिन्न प्रकार के विकास करते हैं। इसके अलावा, अधिकतम कटाई प्राप्त करने के लिए उन सभी को बहुत मेहनत करनी होगी।

किसानों के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 17% का योगदान है। वह सब से अधिकतम है। लेकिन फिर भी, एक किसान समाज के हर विलासिता से वंचित है।

भारत में किसानों की स्थितियाँ

भारत में किसानों की हालत गंभीर है। हम हर हफ्ते या महीने किसानों की आत्महत्या की खबरें सुन रहे हैं। इसके अलावा, किसान पिछले वर्षों से एक कठिन जीवन जी रहे हैं। समस्या यह है कि उन्हें पर्याप्त वेतन नहीं मिल रहा है। चूँकि बिचौलियों को ज्यादातर पैसा मिलता है, इसलिए एक किसान के हाथ कुछ नहीं लगता। इसके अलावा, किसानों के पास अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पैसे नहीं हैं। कभी-कभी स्थिति इतनी बदतर हो जाती है कि उन्हें उचित भोजन भी नहीं मिलता है। इस प्रकार किसान अकाल में चले जाते हैं। परिणामस्वरूप, वे आत्महत्या का प्रयास करते हैं।

इसके अलावा, किसानों की सबसे खराब स्थिति का दूसरा कारण ग्लोबल वार्मिंग है। चूंकि ग्लोबल वार्मिंग हमारे ग्रह को हर तरह से बाधित कर रहा है, यह हमारे किसानों को भी प्रभावित करता है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मौसम में देरी होती है। जैसे-जैसे विभिन्न फसलों के पकने का अपना मौसम होता है, उन्हें पोषण नहीं मिल रहा है। फसल को उगने के लिए उचित धूप और बारिश की आवश्यकता होती है। इसलिए अगर फसलें नहीं मिल रही हैं तो वे नष्ट हो जाती हैं। यह मुख्य कारणों में से एक है कि खेत क्यों नष्ट हो रहे हैं। परिणामस्वरूप, किसान आत्महत्या करते हैं।

500+ Essays in Hindi – सभी विषय पर 500 से अधिक हिन्दी निबंध

किसानों को बचाने के लिए, हमारी सरकार उन्हें विभिन्न विशेषाधिकार प्रदान करने का प्रयास कर रही है। हाल ही में सरकार ने उन्हें सभी ऋणों से मुक्त कर दिया है। इसके अलावा, सरकार रुपये की वार्षिक पेंशन का भुगतान करती है। उन्हें 6000 रु। इससे उन्हें कम से कम अपने पेशे से अलग कुछ कमाई करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, सरकार अपने बच्चों को कोटा (आरक्षण) प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करता है कि उनके बच्चों को उचित शिक्षा मिले। सभी बच्चों को आज की दुनिया में एक उचित शिक्षा मिलनी चाहिए। ताकि उन्हें बेहतर जीवन जीने का मौका मिले।

अंत में, खेती एक ऐसा पेशा है जो कठिन परिश्रम और प्रयास करता है । इसके अलावा हमारे देश की बढ़ती आबादी को देखते हुए हमें अपने देश के किसानों की मदद करने के लिए पहल करनी चाहिए।

More Essays

  • मोर पर निबंध – Essay on Peacock in Hindi
  • रोल मॉडल पर निबंध – Essay on Role Model in Hindi
  • जीवन पर निबंध – Essay on Life in Hindi
  • शिष्टाचार पर निबंध – Essay on Good Manner in Hindi
  • एकता में बल है पर निबंध – Essay on Unity is Strength in Hindi
  • स्वास्थ्य पर निबंध – Essay on Health in Hindi
  • होली पर निबंध – Essay on Holi in Hindi
  • मेक इन इंडिया पर निबंध – Essay on Make in India in Hindi
  • कैरियर पर निबंध – Essay on Career in Hindi
  • फुटबॉल पर निबंध – Essay on Football in Hindi
  • कल्पना चावला पर निबंध – Essay on Kalpana Chawla in Hindi
  • नरेंद्र मोदी पर निबंध – Essay on Narendra Modi in Hindi
  • वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन पर निबंध – Essay on Globalization in Hindi
  • भारत की विरासत पर निबंध – Essay On Indian Heritage in Hindi
  • बिजली बचाओ पर निबंध – Save Electricity Essay in Hindi
  • संगीत पर निबंध – Essay on Music in Hindi
  • सूखा या अकाल पर निबंध – Essay on Drought in Hindi
  • इंदिरा गांधी पर हिन्दी निबंध – Indira Gandhi Essay in Hindi
  • खुशी पर निबंध – Essay on Happiness in Hindi
  • जवाहरलाल नेहरू पर निबंध – Jawaharlal Nehru Essay in Hindi
  • विज्ञान पर निबंध – Essay on Science in Hindi
  • जल का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Water in Hindi
  • Essay on Laughter is the Best Medicine in Hindi
  • Essay on Life in Village in Hindi – गांव में जीवन पर निबंध
  • ट्रैफिक जाम पर निबंध – Essay on Traffic Jam in Hindi
  • मेरे गाँव पर निबंध – Essay On My Village in Hindi
  • लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध – Essay on Lal Bahadur Shastri in Hindi
  • पर्यावरण पर निबंध – Environment Essay in Hindi
  • Essay on Sachin Tendulkar in Hindi – सचिन तेंदुलकर पर निबंध
  • झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई पर निबंध – Rani Lakshmi Bai Essay in Hindi
  • क्रिकेट पर निबंध – Essay on Cricket in Hindi
  • मेरा शौक – रूचि पर निबंध | Essay on My Hobby in Hindi
  • डॉक्टर पर निबंध – Essay on Doctor in Hindi
  • खेल कूद का महत्व – Essay on Importance of Sports in Hindi
  • पेड़ों पर निबंध – Essay on Trees in Hindi
  • मानव अधिकार पर निबंध – Essay on Human Rights in Hindi
  • समयनिष्ठता पर निबंध – Essay on Punctuality in Hindi
  • क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi
  • शिक्षक पर निबंध – Essay on Teacher in Hindi
  • प्रकृति पर निबंध – Essay on Nature in Hindi
  • गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi
  • भारत में लोकतंत्र पर निबंध – Essay on Democracy in India
  • शहीद भगत सिंह पर निबंध – Bhagat Singh Essay in Hindi
  • इंटरनेट पर निबंध – Essay On Internet in Hindi
  • स्वामी विवेकानंद पर निबंध – Essay on Swami Vivekanand in Hindi
  • सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध – Subhash Chandra Bose Essay in Hindi
  • मदर टेरेसा पर निबंध – Mother Teresa Essay In Hindi
  • दोस्ती पर निबंध – Essay on Friendship in Hindi
  • कंप्यूटर पर निबंध – Essay on Computer in Hindi
  • देश भक्ति पर निबन्ध – Essay on Patriotism in Hindi
  • Artificial Intelligence Essay in Hindi – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निबंध
  • Sardar Vallabhbhai Patel Essay in Hindi – वल्लभ भाई पटेल निबंध
  • जनसँख्या पर निबंध – Population Essay in Hindi
  • जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food
  • ताजमहल पर निबंध – Essay on Tajmahal in Hindi
  • सड़क दुर्घटना पर निबंध – Essay on Road Accident in Hindi
  • मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – My Favorite Teacher Essay in Hindi
  • पिता पर हिन्दी में निबंध – My Father Essay in Hindi
  • वायु प्रदूषण पर निबंध – Air Pollution Essay in Hindi
  • बरसात के दिनों पर निबंध – Essay on Rainy Days in Hindi
  • पृथ्वी बचाओ पर निबंध – Save Earth Essay in Hindi
  • मेरा सपना पर निबंध – My Dream Essay in Hindi
  • कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध – Female Foeticide Essay in Hindi
  • सुनामी पर निबंध – Tsunami Essay in Hindi
  • समय प्रबंधन पर निबंध – Essay on Time Management in Hindi
  • Save Water Save Life Essay in Hindi – जल बचाओ जीवन बचाओ
  • लोकतंत्र पर निबंध – Essay on Democracy in Hindi
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध – Save Environment Essay in Hindi
  • साइबर क्राइम पर निबंध – Essay on Cyber Crime in Hindi
  • Indian Culture and Tradition Essay in Hindi – भारतीय संस्कृति निबंध
  • My Aim of Life Essay in Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध
  • Gender Equality Essay in Hindi – लिंग समानता पर निबंध
  • Essay on Health and Hygiene in Hindi – स्वास्थ्य और स्वच्छता निबंध
  • Essay on India in Hindi – भारत पर हिन्दी निबंध
  • 10 Lines on Mangalyaan in Hindi – मंगलयान पर 10 पंक्तियाँ
  • बैडमिंटन पर निबंध – Essay on Badminton in Hindi
  • माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi
  • रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay in Hindi
  • बाढ़ पर निबंध – Essay on Flood in Hindi
  • दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi
  • स्वास्थ्य ही धन है निबंध – Health is Wealth Essay in Hindi
  • आर्यभट्ट पर निबंध – Essay On Aryabhatta in Hindi
  • सोशल मीडिया पर निबंध – Essay on Social Media in Hindi
  • Essay on My Ambition in Hindi – मेरे जीवन का उद्देश्य पर निबंध
  • बेहतर पर्यावरण के लिए ईंधन बचाने पर निबंध – Save Fuel Essay
  • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध – Noise Pollution Essay in Hindi
  • गर्मी की छुट्टी पर निबंध – Summer Vacation Essay in Hindi
  • शिक्षा पर निबंध – Education Essay in Hindi
  • टेलीविजन पर निबंध – Television Essay in Hindi
  • जल प्रदूषण पर निबंध – Essay On Water Pollution In Hindi
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबन्ध – Wonders of Science in Hindi
  • टेक्नोलॉजी पर निबंध – Essay on Technology in Hindi
  • ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है पर निबंध – Honesty is the Best Policy Hindi
  • मोबाइल फ़ोन पर निबंध – Essay on Mobile Phone in Hindi
  • Essay On Dowry System In Hindi – दहेज प्रथा पर निबंध
  • Science & Technology Essay Hindi – विज्ञान और तकनीकी निबंध
  • Essay on Rainy Season in Hindi – वर्षा ऋतु पर निबंध
  • Environmental Pollution Essay in Hindi – पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
  • Essay on Children’s Day in Hindi – बाल दिवस पर निबंध
  • Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध
  • Essay on Beti Bachao Beti Padhao – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध
  • Essay on Freedom Fighters in Hindi – स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध
  • Essay on My Favourite Book in Hindi – मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध
  • Essay on My Family in Hindi – मेरा परिवार पर निबंध
  • Essay on Discipline in Hindi – अनुशासन पर निबंध
  • Essay on Surgical Strike in Hindi – सर्जिकल स्ट्राइक पर निबंध
  • Essay on Dog in Hindi – कुत्ता पर निबंध
  • Essay on Gandhi Jayanti in Hindi – गांधी जयंती पर निबंध
  • Corruption Essay in Hindi – भ्रष्टाचार पर हिन्दी में निबंध
  • Essay on Global Warming in Hindi – ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
  • पानी बचाओ पर निबंध – Essay on Save water in Hindi
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
  • आतंकवाद पर निबंध – Essay on Terrorism in Hindi
  • Essay on My Best Friend in Hindi – मेरा प्रिय मित्र निबंध
  • बेटी बचाओ निबंध – Save Girl Child Essay in Hindi
  • शिक्षक दिवस पर निबंध – Essay on Teachers Day in Hindi
  • पेड़ बचाओ पर निबंध – Essay on Save Trees in Hindi
  • गर्मी का मौसम पर निबंध – Essay On Summer Season in Hindi
  • विमुद्रीकरण पर निबंध – Essay on Demonetisation in Hindi
  • बाल मजदूरी पर निबंध – Essay on Child Labour in Hindi
  • Essay on My school in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध
  • Essay on GST in Hindi – गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) निबंध
  • Essay On Mahatma Gandhi In Hindi – महात्मा गांधी पर निबंध
  • 10 Lines on My teacher in Hindi – शिक्षक के बारे में 5 पंक्तियाँ
  • Women empowerment Essay in Hindi – महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • Essay on Diwali in Hindi – हिन्दी निबंध: दीपावली
  • प्रदूषण पर निबंध – Essay on Pollution in Hindi
  • स्वच्छ भारत अभियान निबंध – Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi
  • Essay on Durga Puja in Hindi – दुर्गा पूजा पर शब्द निबंध

RELATED ARTICLES MORE FROM AUTHOR

essay on farmers in hindi

How to Write an AP English Essay

Essay on India Gate in Hindi

इंडिया गेट पर निबंध – Essay on India Gate in Hindi

Essay on Population Growth in Hindi

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध – Essay on Population Growth in Hindi

Leave a reply cancel reply.

Log in to leave a comment

Essays - निबंध

10 lines on diwali in hindi – दिवाली पर 10 लाइनें पंक्तियाँ, essay on my school in english, essay on women empowerment in english, essay on mahatma gandhi in english, essay on pollution in english.

  • Privacy Policy

HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

भारतीय किसान पर निबंध Essay On Indian Farmer In Hindi And English

नमस्कार दोस्तों आज हम भारतीय किसान पर निबंध Essay On Indian Farmer In Hindi And English पढ़ेगे. भारत के किसान के जीवन, उनकी समस्याएं महत्व आदि पर आधारित सरल भाषा में हिंदी और अंग्रेजी में इंडियन फार्मर पर शोर्ट निबंध यहाँ दिया गया हैं.

Essay On Indian Farmer In Hindi & English-भारतीय किसान पर निबंध

भारतीय किसान पर निबंध Essay On Indian Farmer In Hindi And English

Indian farmer essay In English & Hindi Language:-  our country’s economy is agriculture-based. so for the development, India must be a focus on Indian farmers and help them by the government.

Essay On Indian Farmer In Hindi describe short information about our farmer condition in modern India.

whats Indian farmer’s problems? why they suicide in large number every year, in some states.  

Essay On Indian Farmer In Hindi And English helps to students they read in class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9. children and kids improve their knowledge about Indian farmers in Hindi by reading this various length essay 100, 150, 200, 250, 300, 400 and 500 words essay.

Essay On Indian Farmer In English

a farmer is a very useful person in our life. he meets our basic needs of life. he grows corn to eat and cotton for clothes to wear.

he groves many things on his farms and send them to us. he does a valuable service silently. he is the backbone of society.

he is a very simple man. he is simple in the dress. he is good at heart. he wears hand-woven clothes and handmade shoes. he lives in kachchahuts. he is true to the picture of Indian culture.

his life is very hard. he works from morning till evening. he knows no rest. whether it is scorching heat or biting cold, he works in the field.

he plows the fields, sows the seeds and waters in the fields. he removes the weeds. he looks after the crops. he is happy to see his ripe crops.

he reaps the crops and thrashes them. then he sells the corn in the market and thus earns his livelihood. but his labor is dependent upon nature. nature is sometimes cruel to him.

he is illiterate. he is easily duped by money lenders. his condition is miserable. the government is doing a lot to improve the condition of the farmers. the future of India depends upon farmers. so the government must do a lot of them.

Essay On Indian Farmer In Hindi

किसान हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, भारतीय किसान देश के सवा सौ करोड़ लोगों की मुलभुत आवश्यकताओं को पूरा करता है.

यह हमारे लिए पहनने का कपड़ा बनाने के लिए कपास, खाने के लिए चावल, बाजरा, मक्का, गेहू जैसे फसलें उगाता है. तथा इसे हम तक पहुचाता है.

राष्ट्र के विकास के लिहाज से किसान सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. किसान ही हमारे देश व समाज की रीढ़ की हड्डी है, जिनकें बल पर हमारी अर्थव्यवस्था खड़ी है.

भारतीय किसान बेहद साधारण व सरल इंसान के रूप में जीवन जीता है, उनका दिल सभी के लिए अच्छा होता है. यह हस्त निर्मित जूते एवं कपड़े उपयोग में लेता है. किसान का घर कच्चा होता है. भारतीय संस्कृति का असली स्वरूप गाँवों के किसान के जीवन में आज भी जिन्दा है.

इसका जीवन बेहद मुश्किलों से भरा होता है, किसान सुबह से शाम तक अपने खेत में निरंतर काम करता है. सर्दी, गर्मी हो या खराब मौसम सभी हालातों में किसान अपनी लग्न व मेहनत से खेत में लगा रहता है.

बारिश के होते ही, वह अपने खेत को बोता है तथा फसल की देखरेख करने के लिए खरपतवार हटाता है. इनकों सबसें अधिक खुशी लहलहाती फसलों को देखकर ही होती है.

फसल के पकने के साथ ही किसान इसकी कटाई करता है. तत्पश्चात इसकी थ्रेसिंग कर बाजार में बेच देता है. तब जाकर उसे अपनी आजीविका चलाने का कुछ सहारा मिलता है.

भारतीय किसान एवं कृषि मानसून पर आधारित है. कई बार अकाल या प्राकृतिक प्रकोप के कारण उनके मेहनत बेकार भी चली जाती है, तथा सारी फसल सूख जाती है.

भले ही किसान अधिक पढ़ा लिखा न हो, मगर वह अपना हिसाब किताब अच्छी तरह से रखता है. आज के समय में किसानों की स्थति बेहद खराब है. सरकारे इनके हालत में सुधार के लिए प्रयत्न भी कर रही है.

भारत का भविष्य हमारे किसान पर निर्भर करता है, इसलिए हमारी सरकार को किसानों के लिए और कुछ करने की आवश्यकता है. ताकि किसान की स्थति में कुछ सुधार आ सके.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

essay on farmers in hindi

45,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

essay on farmers in hindi

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

essay on farmers in hindi

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

essay on farmers in hindi

  • Essays in Hindi /

10 Lines On Farmer: छात्रों के लिए किसान पर 10 लाइन 

essay on farmers in hindi

  • Updated on  
  • जून 1, 2024

10 Lines On Farmer in Hindi

भारत को एक कृषि प्रधान देश माना जाता है। यानि कृषि भारत के लोगों का प्रमुख व्यवसाय है। भारत की अर्थव्ययवस्था में कृषि एक बड़ी भूमिका निभाती है। कृषि के ऊपर कई सारी फ़िल्में और गाने भी बन चुके हैं। इससे पता चलता है कि कृषि भारत में कितना महत्व रखती है। किसान बहुत ही मेहनती होता है। वह धरती का सीना चीरकर उसमें फसल उगाता है, जिससे सबका पेट भरता है। इसी कारण से किसान को अन्नदाता भी कहा जाता है। यहाँ 10 Lines On Farmer in Hindi दी जा रही हैं। इनकी मदद से छात्र अपने स्कूल का होम असाइनमेंट पूरा कर सकते हैं।  

10 Lines On Farmer in Hindi: किसान पर 10 लाइन

यहाँ किसान के बारे में 10 Lines On Farmer in Hindi दी जा रही हैं:  

  • भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी किसान है। 
  • किसान को अन्नदाता भी कहा जाता है। 
  • किसान देश की रीढ़ होता है। 
  • किसान गांवों में रहता है। 
  • किसान सादगी से अपना जीवन व्यतीत करता है। 
  •  किसान को जीवन का आधार भी कहा जाता है, क्योंकि वह जमीन में  अन्न उगाता है और उससे सभी की भूख शांत होती है। 
  • किसान प्रकृति के साथ मिलकर अद्भुत कार्य करता है। 
  • एक किसान का जीवन बहुत ही संघर्ष भरा होता है। 
  • किसान सुबह बहुत जल्दी उठ जाता है। 
  • भारत के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह एक किसान थे। 

यह भी पढ़ें : मणिपुर के बारे में 10 लाइन और 10 रोचक तथ्य

10 Lines On Farmer in Hindi: किसान के बारे में 10 रोचक तथ्य 

  • विश्व की कुल आबादी में केवल 2% लोग ही किसान हैं। 
  • किसान विश्व की 60% आबादी की खाने के ज़रूरतों को पूरा करते हैं।  
  • जलवायु परिवर्तन किसानों की फसलों को प्रभावित करता है। 
  • कई देशों में युवा खेती करने में रुचिकर नहीं हैं। 
  • भारत के किसान आज भी कृषि की आधुनिक तकनीकों के बारे में नहीं जानते हैं। 
  • खेती दुनिया के सबसे पुराने व्यवसायों में से एक है। 
  • किसान मधुमक्खियों, तितलियों और अन्य कीट पतंगों पर निर्भर करते हैं। 
  • भारत और अन्य कई देशों में सरकार किसानों को सब्सिडी देती है। 
  • केंचुए को किसान का सबसे अच्छा मित्र कहा जाता है। 
  • भारत में छोटे किसानों की संख्या लगभग 68% है। 

यह भी पढ़ें : 









आशा है कि आपको हमारा यह ब्लाॅग 10 Lines On Farmer in Hindi पसंद आया होगा। इसी प्रकार के अन्य निबंध से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

' src=

Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। अंशुल को कंटेंट राइटिंग और अनुवाद के क्षेत्र में 7 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए ट्रांसलेशन ऑफिसर के पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने Testbook और Edubridge जैसे एजुकेशनल संस्थानों के लिए फ्रीलांसर के तौर पर कंटेंट राइटिंग और अनुवाद कार्य भी किया है। उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से हिंदी में एमए और केंद्रीय हिंदी संस्थान, नई दिल्ली से ट्रांसलेशन स्टडीज़ में पीजी डिप्लोमा किया है। Leverage Edu में काम करते हुए अंशुल ने UPSC और NEET जैसे एग्जाम अपडेट्स पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न कोर्सेज से सम्बंधित ब्लॉग्स भी लिखे हैं।

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

45,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

essay on farmers in hindi

Resend OTP in

essay on farmers in hindi

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

September 2024

January 2025

What is your budget to study abroad?

essay on farmers in hindi

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

IMAGES

  1. Indian Farmer Essay in Hindi/Essay on Farmer in Hindi/Kisan Par Nibandh

    essay on farmers in hindi

  2. write 10 lines on farmer in Hindi

    essay on farmers in hindi

  3. किसान पर 10 लाइन का निबंध l 10 Lines Essay On Farmer In Hindi l Essay On National Farmers Day l

    essay on farmers in hindi

  4. Farmer Easy Essay In Hindi

    essay on farmers in hindi

  5. Essay on international farmers in hindi long

    essay on farmers in hindi

  6. किसान पर 10 लाइन का निबंध l 10 Lines Essay On Farmer In Hindi l Essay

    essay on farmers in hindi

VIDEO

  1. भारतीय कृषक ll किसान ll essay on farmer in hindi ll निबंध

  2. Farmer Essay in English/ 10 Lines Essay on Farmer in English/ Essay on Our Farmers/5 Lines on farmer

  3. essay on Indian Farmers on Farmer's day || paragraph writing on Indian Farmers|| Kisan diwas

  4. Essay on National Farmer's Day in English ||

  5. भारतीय किसान पर निबंध

  6. 10 lines on Indian Farmer in English || Short essay on Indian Farmer in English || extension.com

COMMENTS

  1. भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi

    जरूर पढ़े-. 10 Lines on Farmer in Hindi. भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi ( 500 words ) भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ कि 65 प्रतिशत जनसंख्या खेती से जुड़ी हुई ...

  2. किसान पर निबंध 10 lines (Farmer Essay in Hindi) 100, 200, 250, 300, 500

    किसान पर 250 शब्दों का निबंध (250 Words Essay on Farmer in Hindi) किसान वह है जो फसल उगाता और बेचता है। किसान आमतौर पर एक खेत पर काम करते हैं, जो जमीन का एक ...

  3. भारतीय किसान पर निबंध । Essay on Indian Farmer in Hindi

    भारत में किसानों की स्थिति । Essay on the Status of Farmer in India for College Students in Hindi Language. 1. भारतीय किसान । Essay on Indian Farmer in Hindi Language. त्याग और तपस्या का दूसरा नाम है किसान । वह ...

  4. भारतीय किसान पर निबंध 10 lines (Indian Farmer Essay in Hindi) 100, 150

    भारतीय किसान पर निबंध (Indian Farmer Essay in Hindi) - एक किसान हमें जीवित रहने के लिए आवश्यक भोजन प्रदान करने के लिए अथक परिश्रम करता है। कड़ी मेहनत के

  5. किसान पर निबंध

    किसान पर निबंध (Essay On Farmer in Hindi) एक सबसे महत्वपूर्ण लेखन कौशल में से एक माना जाता है जो सभी को मालूम होना चाहिए और जिसे प्रत्येक छात्र में विकसित करने की भी ...

  6. भारतीय किसान पर निबंध

    भारतीय किसान पर निबंध | Essay on Indian Farmers in Hindi! भारत गांवों का देश है । भारत की आत्मा गांवों और किसानों में बसती है । इसलिए भारत एक कृषि प्रधान देश भी कहलता है । यहां ...

  7. किसान पर निबंध Essay on Farmer in Hindi (1000 Words)

    इस लेख में किसान पर निबंध (Essay on the farmer in Hindi) दिया गया है। यह निबंध कक्षा 3 से 10 तक विभिन्न रूपों में परीक्षाओं में पूछा जाता है। यहां पर किसान के ऊपर निबंध सरल ...

  8. भारतीय कृषक पर निबंध

    भारतीय कृषक पर निबंध | Indian Farmer Essay in Hindi. गांधी कहते थे-"भारत का हृदय गांवों में बसता है, गाँवों की उन्नति से ही भारत की उन्नति सम्भव है। गाँवों सेवा और परिश्रम ...

  9. Essay on Farmer in Hindi- किसान पर निबंध

    जरूर पढ़े- 10 Lines on Farmer in Hindi. Essay on Farmer in Hindi - किसान पर निबंध ( 150 words ) किसान खेतों में मेहनत करता है। वह अन्न उगाता है । किसान को 'भूमिपुत्र' कहते हैं ...

  10. Essay on indian farmer in hindi, problems, article, paragraph: भारतीय

    भारतीय किसान पर निबंध, essay on indian farmer in hindi (500 शब्द) प्रस्तावना: भारत में विविध संस्कृति है। भारत में, लगभग 22 प्रमुख भाषाएँ और 720 बोलियाँ बोली ...

  11. कृषि पर निबंध (Agriculture Essay in Hindi)

    कंप्यूटर पर निबंध (Computer Essay in Hindi) वृक्षारोपण पर निबंध (Essay on Tree Plantation in Hindi) हमें सुधार करने में मदद के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव प्रदान करें ...

  12. किसान महत्वपूर्ण क्यों हैं पर निबंध

    किसान हमारे लिए महत्वपूर्ण क्यों हैं पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Why are Farmers Important in Hindi, Kisan hamare liye Mahatvapurna kyon hai par Nibandh Hindi mein) हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है और ...

  13. Essay on Indian Farmer in Hindi भारतीय किसान पर निबंध

    Indian Farmer in Hindi Essay 600 Words. भारतीय किसान की त्रासद स्थिति. मानव ने अपने पशुतुल्य जीवन को छोड़कर जिस समय एक स्थायी जीवन को ग्रहण किया था उसी समय ...

  14. भारतीय किसान पर निबंध

    भारतीय किसान पर निबंध (Essay on Indian Farmer in Hindi) आज भले ही विज्ञान कितनी तेजी से विकास क्यों ना कर रहा हो लेकिन भारत के किसान आज भी सादगी पूर्ण जीवन जीते हैं। भारत के ...

  15. निबंध: कृषि (Essay on Agriculture in India)

    निबंध: कृषि (Essay on Agriculture in India in Hindi) परिचय (Introduction) ... किसानों के लिए लाभकारी मूल्य(Remunerative prices for farmers) विपणन संबंधी मुद्दे .

  16. भारतीय किसान पर निबंध। Essay on Indian Farmer in Hindi

    Leave a Comment / Hindi Essay / Essay on Indian Farmer in Hindi, किसान पर निबंध, भारतीय किसान पर निबंध. भारतीय किसान पर निबंध, यह सत्य है कि किसान राष्ट्र के लिए एक ...

  17. Essay On Farmers :किसान पर हिन्दी निबन्ध

    Essay on Independence Day in hindi. भारतीय किसान की आर्थिक स्थिति (Essay On Farmers) किसान की आजीविका का मुख्य साधन भी कृषि ही रहता है। किसान की आर्थिक स्थिति बहुत हद ...

  18. किसान पर निबंध

    खुशी पर निबंध - Essay on Happiness in Hindi. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध - Jawaharlal Nehru Essay in Hindi. किसान पर निबंध - Essay on Farmer in Hindi. विज्ञान पर निबंध - Essay on Science in Hindi. जल का महत्व ...

  19. भारतीय किसान पर निबंध Essay On Indian Farmer In Hindi And English

    Indian farmer essay In English & Hindi Language:- our country's economy is agriculture-based. so for the development, India must be a focus on Indian farmers and help them by the government. Essay On Indian Farmer In Hindi describe short information about our farmer condition in modern India.. whats Indian farmer's problems? why they suicide in large number every year, in some states.

  20. 10 Lines On Farmer in Hindi: छात्रों के लिए किसान पर 10 लाइन

    यहाँ 10 Lines On Farmer in Hindi दी जा रही हैं। इनकी मदद से छात्र अपने स्कूल का होम असाइनमेंट पूरा कर सकते हैं। ... Basant Panchami Essay in Hindi : बसंत पंचमी पर ऐसे लिखें 100 ...